तांबा पहनने से क्या फायदा है? - taamba pahanane se kya phaayada hai?

  • तांबा पहनने से क्या फायदा है? - taamba pahanane se kya phaayada hai?

    धर्म और सेहत दोनों को लाभ पहुंचाती है तांबे की अंगूठी

    तांबे की अंगूठी पहनने की परंपरा प्राचीन समय चली आ रही है। ज्योतिष और आयुर्वेद में तांबे की अंगूठी धारण करने पर कई लाभ बताए गए हैं। ज्योतिष शास्त्र में तांबे को सबसे पवित्र और शुद्ध बताया गया है। इसको पहनने से सूर्य व मंगल ग्रह शांत रहते हैं क्योंकि तांबे को सूर्य और मंगल ग्रह का धातु माना गया है। साथ ही सूर्य से संबंधित रोगों का निवारण भी होता है। वहीं विज्ञान भी कहता है कि तांबा सबसे शुद्ध होता है और तांबे से बनने वाले बर्तन बनाने में किसी अन्य धातु का इस्तेमाल नहीं किया जाता। तांबे की कीमत कम होने के कारण इसे हर वर्गों के लोग पहन सकते हैं। आइए जानते हैं तांबे की अंगूठी पहनने के क्या फायदे होते हैं…

  • तांबा पहनने से क्या फायदा है? - taamba pahanane se kya phaayada hai?

    पेट से संबंधित बीमारियों रहती हैं दूर

    आयुर्वेद के अनुसार, तांबे की अंगूठी या कड़ा पहनने से जोड़ों और गठिया का दर्द दूर रहता है क्योंकि तांबे में एंटी-ऑक्सीडेंट की मात्रा अधिक होती है, जो रोगों को दूर करती है। साथ ही पेट से संबंधित बीमारियों से मुक्ति मिलती है। बताया जाता है कि आर्थराइटिस के रोगियों को तांबे का कड़ा जरूर पहनना चाहिए।

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    सूर्य व मंगल के दोष होते हैं दूर

    ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, तांबे की अंगूठी को रिंग फिंगर में धारण करना चाहिए क्योंकि यह उंगली सूर्य की उंगली होती है। अगर आपकी कुंडली में सूर्य से संबंधित दोष हैं तो यह सूर्य के दोषों का असर कम करता है। सूर्य के साथ ही मंगल के अशुभ प्रभाव से भी मुक्ति मिलती है। तांबे की अंगूठी या कड़ा लगातार हमारे शरीर के संपर्क में रहता है, जिससे शरीर शुद्ध रहता है क्योंकि इसके पहनने से शरीर से सारा विष बहार निकल जाता है। इससे नाभि और हार्मोन की समस्या में भी सुधार होता है।

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    सही बना रहता है खून का प्रवाह

    तांबे की अंगूठी या कड़ा पहनने से खून साफ रहता है और खून के प्रवाह को भी सही रखता है। साथ ही हार्ट यानी हृदय से संबंधित बीमारियों की आशंका भी कम रहती है और मानसिक व शारीरिक तनाव में भी कमी आती है। जैसे तांबे के बर्तन में रखा पानी स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद बताया जाता है वैसे ही तांबे की अंगूठी पहनने से हमको फायदा मिलता है।

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    खत्म होता है वास्तु दोष

    घर में रखे तांबे के बर्तन से वास्तु दोष भी दूर रहता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में रखे तांबे के बर्तन से सुख-शांति बनी रहती है क्योंकि इसकी शुद्धता से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है। अगर घर का मुख्य द्वार गलत दिशा में बना है तो तांबे के सिक्का लटका देने से इसका वास्तु दोष खत्म हो जाता है।

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    मान-सम्मान और यश की होती है प्राप्ति

    ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, तांबे की अंगूठी पहनने से मन शांत रहता है। इसलिए जिस व्यक्ति को ज्यादा गुस्सा आता है, अगर वह इस अंगूठी को पहने तो गुस्सा भी कंट्रोल में आ जाता है। तांबे की प्रकृति शांत होती है और वह गर्मी को दूर करता है। साथ ही वह नकारात्मक विचार को मन में नहीं आने देता। तांबे का संबंध सूर्य से माना जाता है इसलिए इसको धारण करने से मान-सम्मान और यश की प्राप्ति होती है।

नई दिल्ली: तांबे की अंगूठी पहनने की परंपरा हमारे प्राचीन काल से चलते आ रहा है. इस धातु को पहनने के कई फायदे होते हैं. ज्योतिष शास्त्र में तांबा को सूर्य और मंगल का धातु भी कहा जाता है. इस धातु का इस्तेमाल हम अपने घरों में पूजा-पाठ के लिए भी करते हैं. कई बार ऐसा होता है कि हम अपने आस-पास मौजूद कुछ लोगों के हाथों में तांबे की अंगूठी को पहने देख खुद भी पहनना शुरू कर देते हैं लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए. आयुर्वेद के अनुसार, तांबे की अंगूठी या कड़ा पहनने से जोड़ों और गठिया का दर्द दूर रहता है क्योंकि तांबे में एंटी-ऑक्सीडेंट की मात्रा अधिक होती है, जो रोगों को दूर करती है. 

आइये जानते हैं तांबे के अंगूठी पहनने के फायदे के बारे में-

तांबे की अंगूठी लगातार हमारे शरीर के संपर्क में रहती है. जिससे तांबे के औषधीय गुण शरीर को मिलते हैं. इससे खून साफ होता है. 

जिस प्रकार तांबे के बर्तन में रखा पानी स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाता है, ठीक उसी प्रकार तांबे की अंगूठी से भी फायदा मिलता है. 

तांबे की अंगूठी के असर से पेट से जुड़ी बीमारियों में भी राहत मिल सकती है. 

तांबा लगातार त्वचा के संपर्क में रहता है, जिससे त्वचा की चमक बढ़ती है. 

आयुर्वेद के अनुसार तांबे के बर्तनों का उपयोग करने से हमारी रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है.  यही लाभ तांबे की अंगूठी पहनने से भी मिलता है. 

तांबे की अंगूठी पेट से संबंधित सभी समस्याओं में काफी फायदेमंद है यह पेट दर्द, पाचन में गड़बड़ी और एसिडिटी की समस्याओं में फायदा पहुंचाती है. 

इसके अलावा अगर आप पेचिश की समस्या से परेशान हैं तो तांबे की अंगूठी इस समस्या में आपकी काफी मदद कर सकती है. 

तांबे की अंगूठी ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है.  ये हाई ब्लड प्रेशर या लो ब्लड प्रेशर से पीड़ित लोगों के लिए बहुत फायदेमंद होती है.  
इसके अलावा इस अंगूठी को पहनकर आप शरीर के सूजन को भी कम कर सकते हैं. 

तांबे की अंगूठी शरीर की गर्मी को कम करने में मदद करता है.  इसे पहनने से शारीरिक और मानसिक तनाव कम होता है, ये अंगूठी तन और मन दोनों को शांत रखने में मदद करता है. 

तांबे की अंगूठी सूर्य की उंगली यानी रिंग फिंगर में पहननी चाहिए.  इससे कुंडली में सूर्य के दोषों का असर कम हो सकता है. 

सूर्य के साथ ही तांबे की अंगूठी से मंगल के अशुभ असर भी कम हो सकते हैं. 

तांबे की अंगूठी के प्रभाव से सूर्य का बल बढ़ता है, जिससे हमें सूर्य देव की कृपा से घर-परिवार और समाज में मान-सम्मान मिलता है. 
यदि आपके हाथों के नाखून खराब हो रहे हैं, तो उसमे भी लाभ होगा. 

जिनकी मकर और कुम्भ लग्न या राशि है, कृपा वह ना पहने ! उनको छल्ला सूट करने की संभावना बहुत कम है.  छल्ला रविवार शुक्ल पक्ष (अमावस्या ) के बाद सुबह गंगाजल से धोकर पहने. 

इससे पेट से संबंधित बीमारियों से मुक्ति मिलती है.  बताया जाता है कि आर्थराइटिस के रोगियों को तांबे का कड़ा जरूर पहनना चाहिए

यदि आपको छल्ला पहनने के बाद बेचैनी घबराहट महसूस हो तो छल्ला उतार दें.

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तांबे को पहनने से क्या होता है?

आयुर्वेद के अनुसार, तांबे की अंगूठी या कड़ा पहनने से जोड़ों और गठिया का दर्द दूर रहता है क्योंकि तांबे में एंटी-ऑक्सीडेंट की मात्रा अधिक होती है, जो रोगों को दूर करती है। साथ ही पेट से संबंधित बीमारियों से मुक्ति मिलती है। बताया जाता है कि आर्थराइटिस के रोगियों को तांबे का कड़ा जरूर पहनना चाहिए।

हाथ में तांबा पहनने से क्या होता है?

तांबे की अंगूठी शरीर की गर्मी को कम करने में मदद करता है. इसे पहनने से शारीरिक और मानसिक तनाव कम होता है, ये अंगूठी तन और मन दोनों को शांत रखने में मदद करता है. तांबे की अंगूठी सूर्य की उंगली यानी रिंग फिंगर में पहननी चाहिए. इससे कुंडली में सूर्य के दोषों का असर कम हो सकता है.

तांबे की अंगूठी कौन से दिन धारण करना चाहिए?

तांबा पहनने से व्यक्ति का सूर्य मजबूत होता है. ज्योतिषीयों का मानना है कि तांबे का छल्ला अनामिका उंगली यानी रिंग फिंगर में धारण करना चाहिए. इससे सूर्य और चंद्रमा दोनों मजबूत होते हैं.

तांबा कौन पहन सकता है?

तांबा हमारे जीवन में प्रयोग होने वाली एक मुख्य धातु है. ताम्बे को औषधीय धातु माना जाता है. यह विद्युत् का सुचालक है और अग्नि तत्व से भरपूर है. यह ज्योतिष में मंगल और सूर्य से सम्बन्ध रखता है.