पित्त पथरी के लिए सबसे आम उपचारों में से एक पित्ताशय की थैली की सफाई है। यह पित्त पथरी को तोड़ता है और उन्हें शरीर से निकाल देता है। साल 2009 के एक अध्ययन के अनुसार यह उपाय कुछ लोगों के लिए मददगार हो सकता है। इसमें मरीज को 2 से 5 दिनों के लिए सेब का रस, जड़ी-बूटियों और जैतून के तेल के मिश्रण का सेवन करना पड़ता है। Show
पित्त की पथरी का इलाज- सेब का सिरकाकुछ लोगों का मानना है कि सेब का रस पित्त पथरी को नरम करता है, जिससे वे आसानी से शरीर से बाहर निकल जाते हैं। बताया जाता है कि सेब के रस में सेब का सिरका मिलाकर पीने से लाभ होता है। हालांकि इसके लिए अभी सीमित प्रमाण हैं। पित्त की पथरी में क्या खाना चाहिए- सिंहपर्णीNational Center for Complementary and Integrative Health के अनुसार, सिंहपर्णी का उपयोग सालों से पित्ताशय की थैली, लीवर और पित्त नली की समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इसकी कड़वी जड़ें पित्ताशय की थैली में पित्त उत्पादन को उत्तेजित कर सकती हैं। आमतौर पर लोग अपने पित्त पथरी को दूर करने के लिए सिंहपर्णी की चाय या कॉफी पीते हैं। पित्त की पथरी में क्या खाएं- मिल्क थिस्लसदियों से लीवर को डिटॉक्सीफाई करने के लिए मिल्क थीस्ल का इस्तेमाल औषधीय रूप से किया जाता रहा है। मरीज मिल्क थिस्ल को टॉनिक के रूप में या कैप्सूल या टैबलेट के रूप में ले सकता है। पित्त की थैली में पथरी कैसे बनती है, जानें कैसे बचेंपित्त की पथरी निकालने का उपाय- लिसिमैचिया हर्बलिसिमैचिया हर्ब (Lysimachiae Herba) का पित्त पथरी के लिए एक लोकप्रिय पारंपरिक चीनी उपाय है। शोध से पता चलता है कि यह कोलेस्ट्रॉल पित्त पथरी के इलाज या रोकथाम के लिए फायदेमंद हो सकता है। यह सप्लीमेंट या लिक्विड रूप में मिल सकता है। वैसे तो यह किसी भी उम्र के इंसान को अपना शिकार बना सकती है, लेकिन इस बीमारी से महिलाएं और बुजुर्ग सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। पित्ताशय की पथरी की गंभीरता को इस बात से समझ सकते हैं कि इसके कारण दर्द, सूजन, संक्रमण तो होते ही हैं साथ ही, कैंसर जैसी घातक बीमारी होने का खतरा भी बना रहता है।पित्त की थैली में स्टोन का पता तब चलता है जब यह दर्दनाक बन जाता है। उचित समय पर इसका उपचार करवाना बहुत जरूरी है, वरना यह अधिक घातक हो सकता है। प्रारंभिक चरण में इलाज करवा लेने से राहत मिल जाती है। Table of Contents
पित्ताशय की पथरी (पित्ताश्मरता) क्या है? – What is Gallstone in Hindi?पित्ताशय की पथरी को अंग्रेजी में Gallbladder Stone (Cholelithiasis) कहते हैं और शुद्ध हिंदी में इसे पित्ताश्मरता कहा जाता है। यह हमारे शरीर का एक छोटा सा अंग है जो लीवर के ठीक पीछे होता है। पित्त हरे रंग का एक तरल पदार्थ है जो लीवर में बनकर लीवर से लगी हुई पित्त की थैली में इकट्ठा होता रहता है। पित्ताशय हमारे पाचन तंत्र का महत्वपूर्ण हिस्सा है जो लीवर और छोटी आंत के बीच एक पुल की तरह काम करता है। जब पित्त में उपस्थित कोलेस्ट्रॉल, बिलरुबिन जैसे पदार्थ पित्ताशय में एकत्रित होने लगते हैं तो मिलकर एक कठोर पदार्थ का निर्माण करते हैं, यह पत्थर के सामान होता है जिसे हम पित्ताशय की पथरी कहते हैं। पित्ताशय की पथरी के प्रकार (Types of gall bladder stone in Hindi)पित्ताशय की पथरी के दो मुख्य प्रकार हैं-
पित्ताशय में पथरी होने के कारणपित्ताशय में पथरी के कारणों की बात करें तो कई कारण हैं जिनकी वजह से पित्ताशय में पथरी होती है। इन कारणों में शामिल है:
गॉल ब्लैडर स्टोन का पता चलते ही उपचार कराना बेहतर होता है क्योंकि यह कैंसर में भी बदल सकता है। अच्छी बात यह है की गॉल ब्लैडर स्टोन लाइलाज नहीं है। पित्त की थैली में पथरी का इलाज उपलब्ध है। ध्यान रखने वाली बात यह है की पित्त की थैली में पथरी का इलाज समय पर नहीं कराया गया तो फिर एक मात्र इलाज “Pathri Ka Operation” ही बचता है। पित्ताशय में पथरी का उपचार सही तरीके से करने के लिए आइए समझते हैं की पित्त की थैली में पथरी का इलाज किन किन तरीकों से किया जा सकता है। पित्ताशय में पथरी के लक्षणपित्त की थैली में पथरी होने के लक्षण कभी-कभी 1-2 साल तक दिखाई नही पड़ते हैं। कुछ समय के बाद जब अचानक से पेट में असहनीय दर्द होना शुरु हो जाता है। तब लोग डॉक्टर से जांच कराते है तो पता चलता है की उन्हें पित्ताशय में पथरी है। इसके अतिरिक्त भी कई ऐसे लक्षण हैं जिनसे पित्ताशय में पथरी को पहचाना जा सकता है। जैसे कि:-
ध्यान देने वाली बात यह है कि पित्ताशय में पथरी कि स्थिति में यहां बताए गए सभी कारणों के साथ ही बुखार भी आता है। जब भी ऊपर बताए गए किसी भी लक्षण के साथ बुखार महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। डॉक्टर से अभी सलाह लेने के लिए क्लिक करें। पित्ताशय की पथरी के जोखिम कारक (Gall bladder stone risk factors in hindi)नीची दी गई शारीरिक स्थिति या बीमारी होने पर पित्त की थैली में पथरी होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
पित्ताशय में पथरी का निदानपित्ताशय की पथरी का निदान करने के लिए रोगी को निम्न जाँच प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है।
पित्ताशय की पथरी का इलाजपित्ताशय में पथरी का उपचार कई विधियों से हो सकता है। इन विधियों में शामिल है:
पित्ताशय में पथरी के 10 घरेलू उपचार – Home Remedies for Gallstone in Hindiअभी तक कोई रिसर्च ने यह प्रमाणित नहीं किया है कि पित्ताशय की पथरी को घरेलू नुस्खे से घोला जा सकता है, प्राकृतिक या घरेलू उपचार की मदद से पित्ताशय की पथरी का इलाज करने से पहले डॉक्टर से परामर्श करना बहुत जरूरी है। नीचे दिए गए गरेलू नुस्खे काफी प्रचलित हैं जो बहुतायत में उपयोग किए जाते हैं। नाशपातीनाशपाती में भरपूर मात्रा में पेक्टिन (Pectin) पाया जाता है। पित्ताशय में पथरी होने पर नाशपाती का रस बहुत फ़ायदेमंद होता है। नाशपाती में मौजूद पेक्टिन हानिकारक कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) और पित्त की थैली में पथरी के खतरे को कम कर सकता है। नाशपाती के उपयोग की बात करें तो नाशपाती के रस को गर्म पानी में शहद के साथ अच्छी तरह से मिलाएं और फिर इस ज्यूस को दिन में कम से कम 3 बार सेवन करें। पिपरमिंटअधिकतर लोग यही समझते हैं कि पिपरमिंट का उपयोग सिर्फ पान में होता है। लेकिन ऐसा नहीं है, यह पित्ताशय की पथरी के बेहतरीन उपचारों में से एक है। पिपरमिंट में टेरीपेन नामक प्राकृतिक औषधि पाई जाती हैजिसकी मदद से पित्ताशय में पथरी नर्म हो जाती है और इससे राहत मिलती है। एक बर्तन में एक गिलास पानी उबलने के लिए आंच पर रखे और फिर उसमें पिपरमिंट की कुछ पत्तियां डाल दें। गैस को बंद करने के बाद उस बर्तन को ढक दें। 5 मिनट के बाद चाय की छननी से छान कर दिन में कम से कम दो बार उस पीना का सेवन कीजिए। अगर स्वाद में कड़वी लगे तो अपने स्वादानुसार आप उसमें शहद मिला सकते हैं। नींबूनींबू के रस में विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो पित्त की थैली में पथरी की समस्या को दूर करता है। पित्ताशय में पथरी होने के दौरान हर रोज कम से कम 4 बार नींबू पानी पीना चाहिए। सेबसेब बहुत ही पौष्टिक फल है। अगर किसी को पथरी की समस्या है तो उसे रोजाना कम से कम 3 सेब का सेवन करना चाहिए। इससे पथरी नर्म हो जाती है और मल के रास्ते आसानी से बाहर निकल जाती है। पथरी का रोगी चाहे तो चुकंदर के साथ भी सेब के जूस का सेवन कर सकते हैं। हल्दीहल्दी एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से परिपूर्ण है। हल्दी एक बेहतरीन आयुर्वेदिक औषधि है। इसके नियमित सेवन से पित्ताशय में पथरी का खतरा काफी हद तक कम हो सकता है। क्योंकि हल्दी पित्त की घुलनशीलता को बढ़ाने में मदद और पित्ताशय में पथरी होने के खतरों को कम कर सकता है। रोज कम से कम एक बार शहद में हल्दी मिलाकर खाने से पित्ताशय में पथरी से राहत मिलती है। क्रैनबेरी जूसक्रैनबेरी जूस में भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है जो शरीर में कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम और कोलेस्ट्रॉल की वजह से होने वाली पथरी से राहत दिलाने में मदद करता है। इसके अलावा, इसके रस में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट पित्ताशय, लीवर और स्वास्थ्य को निखारने में मदद करता है। पित्ताशय की पथरी का इलाज के लिए आप क्रैनबेरी के सादे ज्यूस का नियमित मात्रा में सेवन कर सकते हैं। नारियल का तेल3 चम्मच नारियल के तेल को हल्का गरम करें और उसमें एक चौथाई भाग सेब का रस और आधा चम्मच नींबू का रस मिलाकर इसका सेवन करें। इससे आपके लीवर और गॉलब्लेडर में कोलेस्ट्रॉल और फैट्स जैसे कारक के संचय को रोका जा सकता है जिससे आपके पित्ताशय की पथरी धीरे धीरे घुल जाती है। भरपूर मात्रा में पानी पीएंपानी हमारे शरीर से कई तरह के विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। यह पथरी को आसानी से घोल सकता है। कई लोगों को पथरी की समस्या कम पानी पीने की वजह से होती है। इसलिए एक बेहतर स्वास्थ्य के लिए और पथरी को घोलने के लिए आप दिन में कम से कम 5-6 लीटर पानी जरूर पीएं। हर्बल चाय का सेवनपानी में दो चम्मच ग्रीन टी और एक नीबू निचोड़ कर डालें और उसे उबालें। जब चाय तैयार हो जाए तब आप इसे गुनगुना होने के बाद पी सकते हैं। इसके अलावा, आप चुस्की लेकर भी इसका सेवन कर सकते हैं। इसमें एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए हैं जो पथरी की वजह से उत्पन्न दर्द और सूजन को कम करता है और पथरी भी धीरे धीरे घुल भी जाती है। ब्लैक कॉफीकई रिसर्च में यह बात सामने आई है कि ब्लैक कॉफी पीने से किसी भी तरह की पथरी का इलाज किया जा सकता है। कॉफी में भरपूर मात्रा में पाया जाने वाला कैफीन ब्लैडर के संकुचन को बढ़ाता है जिससे पथरी धीरे धीरे बाहर निकल जाती है। इसलिए पथरी ठीक करने के लिए आप ब्लैक कॉफी का भरपूर सेवन कर सकते हैं। विटामिन सीविटामिन सी पित्ताशय में पथरी को रोकने के लिए काफी प्रभावशाली उपाय है। विटामिन सी की कमी से भी पित्ताशय में पथरी की समस्या हो सकती है। इस स्थिति में सही मात्रा में विटामिन सी के सेवन से ब्लैडरस्टोन होने का खतरा अपने आप ही कम हो जाता है। विटामिन-सी की कमी दूर करने के लिए दवा ली जा सकती है। दवा के अलावा, विटामिन सी युक्त फल जैसे – अमरूद, कीवी, पपीता व आम का सेवन करके भी विटामिन सी की भरपाई कि जा सकती है।हरी सब्जियों का सेवन से भी विटामिन सी का खुराक पूरा हो सकता है। इन सबसे न सिर्फ विटामिन सी आपके शरीर तक पहुंचता है बल्कि कई अन्य पोषक तत्व भी मिलते हैं। पित्ताशय की पथरी का आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक और एलोपैथी उपचारपित्ताशय की पथरी को ठीक करने के लिए कई तरह की जड़ी बूटियों के मिश्रण का भी प्रयोग किया जाता है। इसलिए आयुर्वेदिक ढंग से इलाज करने के लिए मरीज को आयुर्वेदिक डॉक्टर से अवश्य सलाह लेनी चाहिए। आयुर्वेद में इसका इलाज पित्त कफ हारा चिकित्सा (Pitta Kapha Hara Chikitsa) और गुलमा चिकित्सा (Gulma Chikitsa) या फिर आप किसी पंसारी के यहां जाकर इसकी दवाएं प्राप्त कर सकते हैं। आयुर्वेदिक दवा जड़ी बूटियों के मिश्रण से बनती हैं। ठीक इसी तरह पित्ताशय की पथरी का होम्योपैथिक और एलोपैथिक इलाज के दौरान डॉक्टर कई किस्म की दवाएं देते हैं। अगर मरीज बिना डॉक्टर की सलाह के होम्योपैथिक या एलोपैथिक दवा का सेवन करते हैं तो यह उनके शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए उचित होगा कि अगर वे किसी भी तरह से अपने पित्ताशय की पथरी का इलाज कराने से पहले एक बार डॉक्टर से जरूर बात करें। पित्ताशय की पथरी का आपरेशन/सर्जरी — Surgery for Gall bladder Stone in Hindiऊपर बताए गए इलाज के तरीकों को आजमाने के बाद भी अगर रोगी के शरीर से पथरी बाहर नहीं निकलती है तो फिर डॉक्टर ऑपरेशन करने की सलाह देते हैं। यह पथरी का स्थाई इलाज है। पित्ताशय की पथरी का ऑपरेशन को कोलेसिस्टेक्टॉमी कहते हैं, इसे दो तरीकों से किया जा सकता है-
यदि आपका शरीर सर्जरी के लिए तैयार नहीं होगा तो डॉक्टर सर्जरी को बाद के लिए टाल सकते हैं। पित्ताशय की पथरी की जटिलताएंपित्ताशय की पथरी से निम्न जटिलताएं हो सकती हैं-
पित्ताशय की पथरी से बचाव कैसे करे?जीवनशैली में कुछ बदलाव करके पित्त की थैली में पथरी होने के लक्षण और खतरा को कम किया जा सकता है-
Pristyn Care पित्ताशय की पथरी का उपचार करने के लिए लेप्रोस्कोपिक कोलेसिस्टेक्टॉमी करता है, क्योंकि-
यदि आप भी पित्ताशय की पथरी से हमेशा के लिए राहत पाना चाहते हैं तो आज ही Pristyn Care में एक अपॉइंटमेंट बुक करें या हमें कॉल करें। हम 20 से अधिक शहरों में फैले हुए हैं। Pristyn Care से लेप्रोस्कोपिक उपचार करवाने पर रोगी को निम्न सुविधाएँ और विशेषताएं मिलती हैं जो किसी अन्य क्लीनिक में नहीं मिलती हैं- पित्त पथरी के लिए सबसे अच्छी आयुर्वेदिक दवा कौन सी है?अगर आपको पित्त की पथरी की समस्या है तो गाजर और ककड़ी का रस प्रत्येक 100 मिलिलीटर की मात्रा में मिलाकर दिन में दो बार पीएं. इस समस्या में ये अत्यन्त लाभदायक घरेलू नुस्खा माना जाता है. ये कॉलेस्ट्रॉल के सख्त रूप को नर्म कर बाहर निकालने में मदद करती है. पथरी के लिए यह एक उत्तम घरेलू उपचार है.
पित्त की पथरी कैसे खत्म होती है?पित्त की पथरी का उपचार आमतौर पर शल्यचिकित्सा द्वारा किया जाता है जिसमें पित्ताशय को शरीर से निकाल दिया जाता है (कोलेसीस्टेक्टॉमी)। यह एक लेप्रोस्कोपिक या कीहोल सर्जरी है जिसमें पेट में छोटे छेद के माध्यम से पूरी प्रक्रिया की जाती है। पित्त की पथरी को खत्म करने के लिए आमतौर पर अन्य कोई उपचार प्रभावी नहीं होता है।
पित्त की थैली की पथरी बिना ऑपरेशन के कैसे निकाले?ऐसे फलों का जूस पी सकते हैं जिनमें विटामिन सी प्रचुर मात्रा में हो जैसे संतरा, टमाटर आदि का रस पिएं. इनें मौजूद विटामिन सी शरीर के कोलेस्ट्राल को पित्त अम्ल में परिवर्तित करती है जो पथरी को तोड़कर बाहर निकालता है. आप विटामिन सी संपूरक ले सकते हैं या पथरी के दर्द के लिए यह एक उत्तम घरेलू उपचार है.
क्या गॉल ब्लैडर स्टोन को दवा से हटाया जा सकता है?गॉल-ब्लैडर स्टोन का इलाज
डॉक्टर सर्जरी के माध्यम से पित्ताशय की थैली को हटाने की सलाह देते हैं, क्योंकि इस तरह की पथरी के दोबारा से होने का खतरा भी अधिक रहता है।
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