बच्चों के पैर दर्द हो तो क्या करें? - bachchon ke pair dard ho to kya karen?

मेरी 2 साल की भतीजी अक्सर रात को रोने लगती है क्योंकि उसके पैरों में काफी दर्द होता है। फिर काफी देर से सहलाने के बाद ही आराम पहुंचता है। लेकिन ऐसा अक्सर होने की वजह से मेरे भैया भाभी ने डॉक्टर से सलाह लेना ठीक समझा। डॉक्टर ने चेकअप करने के बाद बताया ये ग्रोइंग पेन (growing pains) है। इस ग्रोइंग पेन की वजह से अक्सर बच्चे परेशान रहते हैं।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ 

कोलंबिया एशिया अस्पताल पीडियाट्रिशियन डॉक्टर सुमित गुप्ता का कहना है कि अधिकतर माता पिता सोचते हैं कि ग्रोइंग पेन एक बहुत आम बात है। जब बच्चा बड़ा होता है तो उसके साथ ग्रोइंग पेन समस्या हो सकती है। जो कि सही नहीं। देखा जाए तो बच्चे की ग्रोथ का इन ग्रोइंग पेन (Growing pain) से कोई कनेक्शन नहीं। 

एन एच एस (NHS) के एक शोध में कहा गया है कि विटामिन डी की कमी से बच्चों में ग्रोइंग पेन की समस्या किसी ना किसी रूप में होने लगती है जो कम गंभीर से लेकर ज्यादा गंभीर तक हो सकती है। हालांकि कुछ रिसर्च इस बात से सहमत नहीं हैं।

तो क्या है ग्रोइंग पेन का कारण 

बच्चों को इस प्रकार का ग्रोइंग पेन अक्सर शाम या रात के समय महसूस होता है। किसी को कम तो किसी को ज्यादा महसूस हो सकता है। बच्चों की किशोरावस्था तक यह दर्द धीरे-धीरे खत्म हो जाता है। लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है जो कभी कभी किसी गंभीरता की ओर इशारा करते हैं।

खेलने-कूदने के बाद अकसर बच्चे इस तरह के दर्द की शिकायत करते हैं। चित्र: शटरस्टॉक

यहां हैं ग्रोइंग पेन के लक्षण

  1. जब सिर्फ एक पैर में दर्द हो
  2. रोजाना रात के समय दर्द होना
  3. पीठ में और कंधों में दर्द होना
  4. किसी पुरानी चोट पर दर्द होना
  5. अचानक से जॉइंट पेन होना
  6. वजन कम होना
  7. भूख में कमी
  8.  बुखार आ जाना

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बच्चे को ग्रोइंग पेन से राहत दिलाने के लिए अपनाएं ये उपाय 

अगर आपके बच्चे को ग्रोइंग पेन की समस्या है तो आप निम्न तरीकों को अपना कर उनका दर्द कम कर सकती हैं : 

  1. उनकी टांगों की मसाज करें।
  2. लेग मसल्स की स्ट्रेच करें और यह अधिक छोटे बच्चो के लिए मुश्किल हो सकता है।
  3. जो पैर दुख रहा है वहां एक गर्म कपड़े को स्किन पर रख दें और अधिक गर्म न करें क्योंकि बच्चे का पैर जल भी सकता है और इसे सोते समय न करें।

जब आपके बच्चे का पैर किसी चोट आदि के कारण दुखता है या उसे ग्रोइंग पेन के साथ साथ बुखार और जोड़ों में सूजन आ जाती है तो उसे तुरंत डॉक्टर के पास ले कर जाएं।

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डॉक्टर से कब कंसल्ट करने की जरूरत है

कभी बच्चों को किन्हीं और कारणों से भी दर्द हो रहा होता है और पेरेंट्स उसे ग्रोइंग पेन समझ कर हल्के में ले रहे होते हैं। यहां कुछ स्थितियां दी गईं हैं जिनके कारण बच्चों को गंभीर दर्द का सामना करना पड़ सकता है।

बच्चों के पैर दर्द हो तो क्या करें? - bachchon ke pair dard ho to kya karen?

बच्चे अक्सर रात में सोते समय पैर दर्द की शिकायत करते हैं। 30 से 40 प्रति‍शत बच्चों में यह एक सामान्य तकलीफ है। ऐसा अक्सर बच्चे 3-8 साल की आयु में करते हैं। इसे ग्रोइंग पेन भी कहते हैं, क्योंकि बच्चा ऐसा अक्सर बढ़ती हुई उम्र में शिकायत करता है। इस तरह का दर्द अक्सर तब होता है, जब बच्चा किसी दिन शारीरिक तौर पर अधिक सक्रिय होता है जैसे दौड़ना, कूदना या फिर ऊँचाई पर चढ़ना।

कहाँ होता है दर्द?
यह दर्द मांसपेशियों में होता है विशेषकर जॉंघों पर अथवा पैर के पीछे के हिस्से में, कभी-कभार तलवों पर। यह दर्द जोड़ों में नहीं होता है। वे बिलकुल सामान्य रहते हैं। दर्द वाली जगह पर किसी तरह की सूजन, लालपन नहीं होता है। यह दर्द सुबह अपने आप ठीक हो जाता है।
क्या करें आप?
हालाँकि यह सही है कि इस दर्द के पीछे कोई गंभीर कारण नहीं होता है, लेकिन फिर भी आप इसे टालें नहीं। आपके बच्चे को वाकई में दर्द है। आप उसकी सहायता नीचे बताए गए तरीके से कर सकते हैं-

1. दर्द वाले हिस्से पर मालिश करें।
2. हिटिंग पेड की सहायता भी ले सकते हैं।

3. बच्चे को सहलाएँ व उसका ध्यान बाटें।

4. अधि‍क दर्द होने पर डॉक्‍टर के बताए अनुसार दर्द नि‍वारक (पेरासि‍टामॉल) दे सकते हैं।


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बच्चे खेलकूद में इतना मशगूल हो जाते हैं कि उन्हें कहां रुकना है यह भी याद नहीं रहता। अपनी शारीरिक क्षमताओं से परे तक जाकर वे खेलते रहते हैं। घर पहुंचने तक वे थककर चूर हो चुके होते हैं। फुटबॉल अथवा ऐसे ही किसी दौड़ भाग के खेल के कारण पैरों में दर्द होने लगता है।

चोट लगने के कारण पैरों में दर्द का यह भी एक प्रमुख कारण है। कई बार ऐसा होता है कि चोट ऊपर से दिखाई नहीं देती लेकिन रह-रहकर दर्द होता है। अक्सर इस तरह के दर्द की तीव्रता आराम करने के साथ ही कम होती जाती है।

विकसित होने का दर्द
शिशुरोग विशेषज्ञ इसे इसी नाम से पहचानते हैं। दरअसल, अभी इस तरह के दर्द का कारण स्थापित नहीं हो सका है लेकिन स्कूली बच्चों में यह बहुत आम समस्या है। बच्चा अक्सर रात को सोते समय या शाम को पैरों में दर्द की शिकायत करता है। दोनों पैरों के निचले हिस्से और पिंडलियों से एड़ी तक यह दर्द होता है। कई बार तो यह दर्द इतना तीव्र होता है कि बच्चा नींद से जाग जाता है। मालिश और दर्द निवारक गोलियों से आराम मिलता है। बच्चा जैसे-जैसे बड़ा होता जाता है उसका दर्द भी गायब हो जाता है।

बच्चों के पैर दर्द हो तो क्या करें? - bachchon ke pair dard ho to kya karen?
कब मिलें चिकित्सक से :
- हाथ-पैरों के जोड़ों में दर्द के साथ बुखार भी बना रहे। दर्द 12 घंटों से अधिक समय तक बना रहे।

- जोड़ों में सूजन के साथ चलना-फिरना मुश्किल हो रहा हो।
- कसरत करने के बाद अथवा पैदल चलने के बाद दर्द बढ़ता हो।

- पैरों की त्वचा लाल दिखाई देने लगे

- दर्द का समय सुबह और शाम बदलता हो या सुबह बिस्तर से उठने में दिक्कत आने लगे तब चिकित्सक को दिखाना चाहिए।

इसलिए अब जब भी कभी आपका बच्चा यह कहे कि 'मम्मी मेरे पैरों में दर्द हो रहा है' तो घबराइए नहीं, क्योंकि इसका इलाज उपलब्ध है। बच्चों को दर्द से मुक्त करने के कई उपाय आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के पास मौजूद हैं।

बच्चों के पैरों में दर्द हो तो क्या करें?

ऐसे करें इन समस्याओं से बच्चों का बचाव- पैर के दर्द से राहत पाने के लिए आप गरम पानी से सेंक सकते हैं. बच्चों के पैरों को रोज धोएं क्लीन रखें और क्रीम लगाएं. जूते हमेशा फिटिंग के ही बनाएं बच्चों को. पैर में ज्यादा समस्या होने पर डॉक्टर को तुरंत दिखाएं.

बच्चों के पैरों में दर्द क्यों होता है?

Reason Of Ankle Sprain: पैरों में दर्द, चलने में परेशानी या सूजन जैसे लक्षण एंकल स्प्रेन के हो सकते हैं. ज्यादातर एंकल स्प्रेन पैर के मुड़ने और उल्टा हो जाने की वजह से होता है. एंकल स्प्रेन की समस्या अधिकतर बच्चों में देखी जा सकती है. हालांकि बड़ों को भी कभी-कभी इस समस्या का सामना करना पड़ता है.

पैर का दर्द कैसे ठीक करें घरेलू उपाय?

पैरों के दर्द (leg pain) से राहत पाने में हीट और कोल्ड कंप्रेस दोनों ही फायदेमंद हो सकते हैं. लेकिन आप जो ट्रीटमेंट चुनते हैं वो दर्द के कारण पर डिपेंड करता है. अगर ब्लड सर्कुलेशन में कमी का कारण है, तो आप हॉट कंप्रेस या फिर आइस पैक लगा सकते हैं. गर्म या फिर ठंडे कम्प्रेस को अफेक्टेड एरिया पर कुछ मिनट के लिए रखें.

पैरों में दर्द किसकी कमी से होता है?

तो बता दें कि शरीर में विटामिन डी की कमी से पैरों में दर्द की समस्या अक्सर होती है। दरअसल विटामिन डी की कमी से हड्डियों के विकास में बाधा पैदा होने लगती है, जिस वजह से रात को सोते समय हमारे पैर बहुत ज्यादा दर्द करते हैं।