अति लघु उत्तरीय प्रश्न प्रश्न. 1. ‘पर्वत प्रदेश में पावस’ के आधार पर इंद्र के इंद्रजाल का भाव लिखिए। उत्तर: इंद्र के इंद्रजाल का भाव यह है कि इंद्र मानो जादू के खेल दिखा रहा है। Show
प्रश्न. 2. पर्वत प्रदेश में पावस के दृश्य को कवि ने इन्द्रजाल क्यों कहा है ? प्रश्न. 3. शाल के वृक्ष भयभीत होकर धरती में क्यों धँस गए ? प्रश्न. 4. झरने कविता में किसके गौरव का गान कर रहे हैं ? बहते हुए झरने की तुलना किससे की गई है ? प्रश्न. 5. कवि ने तालाब की समानता किसके साथ
दिखाई है और क्यों ? प्रश्न. 6. पर्वत के हृदय से उठकर ऊँचे-ऊँचे वृक्ष आकाश की ओर क्यों देख रहे थे और वे किस बात को प्रतिबिंबित करते हैं ? प्रश्न. 7. प्रतिबिंबित पहाड़ के दृश्य का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए। प्रश्न. 8. कवि ने उच्चाकांक्षा पर क्या व्यंग्य किया है ? प्रश्न. 9. इंद्र को जलद-यान में विचरता हुआ क्यों दिखाया गया है ? प्रश्न. 10. इस पद्यांश में ‘मेखलाकार’ शब्द का प्रयोग किसके लिए किया गया है ? प्रश्न. 11. पर्वत किसमें अपना प्रतिबिम्ब देख रहा है ? प्रश्न. 12. पल-पल क्या परिवर्तित हो रहा है ? प्रश्न. 13. किसे ‘गिरि का गौरव गाने वाले’ कहा गया है ? प्रश्न. 14. झरने क्या कर रहे हैं ? प्रश्न. 15. झरने किसके समान लग रहे हैं ? प्रश्न. 16. ‘मद में नस-नस उत्तेजित कर’ पंक्ति का क्या आशय है
? प्रश्न. 17. वृक्ष आकाश की ओर कैसे देख रहे हैं ? प्रश्न. 18. ‘उड़ गया अचानक लो भूधर’ पंक्ति का क्या आशय है ? प्रश्न. 19. ‘रव-शेष रह गए हैं निर्झर’ पंक्ति
का क्या तात्पर्य है ? प्रश्न. 20. प्रकृति में कौन-कौन से परिवर्तन दिखायी दे रहे हैं ? प्रश्न. 21. कौन-से वृक्ष धरती में धँस गए ? प्रश्न.
22. इन्द्र देवता किसमें सवार होकर घूम रहे हैं ? लघु उत्तरीय प्रश्न प्रश्न. 2. कवि पंत ने पर्वत की विशालता को किस प्रकार चित्रित किया है? प्रश्न. 3. ‘मेखलाकार’ शब्द का क्या अर्थ है ? कवि ने इस शब्द का प्रयोग यहाँ क्यों किया है ? प्रश्न. 4. ”सहस्र दृग-सुमन“ से क्या तात्पर्य है ? कवि ने इस
पद का प्रयोग किसके लिए किया होगा ? प्रश्न. 5. निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए- प्रश्न. 6. पावस ऋतु में प्रकृति में कौन-कौन से परिवर्तन आते हैं ? कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए। प्रश्न. 7. बादलों के उठने तथा वर्षा होने का चित्रण ‘पर्वत प्रदेश में पावस’ के आधार पर अपने शब्दों में कीजिए। प्रश्न. 8. वृक्ष आसमान की ओर चिंतित होकर क्यों देख रहे हैं? ‘पर्वत प्रदेश में पावस’ के आधार पर लिखिए। पर्वत प्रदेश में पावस कविता में कवि ने उच्चाकांक्षा पर क्या व्यंग्य किया है?8. कवि ने उच्चाकांक्षा पर क्या व्यंग्य किया है ? उत्तर: कवि ने मानव मन की उच्चाकांक्षा पर यह व्यंग्य किया है कि उच्चाकांक्षा वाले व्यक्ति पहाड़ी पेड़ों की तरह हमेशा कुछ चिंतित, मौन, खोए से प्रतीत होते हैं तथा वे हमेशा ऊँचा उठने की कामना से व्यग्र रहते हैं। प्रश्न.
पर्वत प्रदेश में पावस कविता में कवि ने तालाब में पर्वतों का प्रतिबिंब देखकर क्या कल्पना की है?कविता में पर्वत के प्रति कवि की कल्पना अत्यंत मनोरम है-स्पष्ट कीजिए। 'पर्वत प्रदेश में पावस' कविता में कवि ने पर्वत के प्रति अत्यंत सुंदर कल्पना की है। विशालकाय पहाड़ पर खिले फूलों को उसके हज़ारों नेत्र माना है, जिनके सहारे पहाड़ विशाल दर्पण जैसे तालाब में अपना विशाल आकार देखकर मुग्ध हो रहा है।
पर्वत प्रदेश में पावस कविता में कवि ने पावस के दृश्य को इंद्रजाल क्यों कहा है?पर्वत प्रदेश में पावस के दृश्य को कवि ने इन्द्रजाल क्यों कहा है ? Solution : पावस के दृश्य को कवि ने इन्द्रजाल इसलिए माना है, क्योंकि इस ऋतु में प्रकृति पल-पल अपना रूप बदलती है तो ऐसा लगता है, मानो वास्तविकता न होकर कोई माया जाल हो अर्थात् मानो इंद्र ने ही यह जाल फैलाया हो।
पर्वत प्रदेश में पावस कविता कवि सुमित्रानंदन पंत के प्रकृति प्रेम को दर्शा रही है कैसे?इसके कवि 'सुमित्रानंदन पंत जी 'हैं। इसमें कवि ने झरनों की सुंदरता का वर्णन किया है। व्याख्या -: इस पद्यांश में कवि कहता है कि मोतियों की लड़ियों के समान सुंदर झरने झर झर की आवाज करते हुए बह रहे हैं ,ऐसा लग रहा है की वे पहाड़ों का गुणगान कर रहे हों। उनकी करतल ध्वनि नस नस में उत्साह अथवा प्रसन्नता भर देती है।
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