पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र कब है 2022 - poorva phaalgunee nakshatr kab hai 2022

Aaj Ka Panchang 5 July 2022: 5 जुलाई 2022 मंगलवार का दिन महत्वपूर्ण है. आज आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष षष्ठी तिथि है. चंद्रमा का गोचर आज सिंह राशि में हो रहा है, आइए जानते हैं आज का पंचांग-

आज की तिथि (Aaj Ki Tithi) : 5 जुलाई 2022 को आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी की तिथि है. सप्तमी की तिथि का आरंभ आज ही होगा.

आज का नक्षत्र (Aaj Ka Nakshatra) : 5 जुलाई 2022 को पंचांग के अनुसार पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र है. इस नक्षत्र के स्वामी शुक्र ग्रह हैं.  पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र आकाश मंडल का 11वां नक्षत्र है. ज्योतिष शास्त्र में शुक्र ग्रह को एक महत्वपूर्ण ग्रह माना गया है. इसका संबंध सुख-समृद्धि और वैभव से बताया गया है.

आज का राहुकाल (Aaj Ka Rahu Kaal)
पंचांग के अनुसार 5 जुलाई 2022 मंगलवार को राहुकाल दोपहर 3 बजकर 54 मिनट से शाम 5 बजकर 38 मिनट तक रहेगा. राहुकाल में शुभ कार्य करना वर्जित माना गया है.

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5 जुलाई 2022 पंचांग (Aaj Ka Panchang 5 July 2022)

  • विक्रमी संवत्: 2079
  • मास पूर्णिमांत: आषाढ़
  • पक्ष: शुक्ल
  • दिन: मंगलवार
  • ऋतु: ग्रीष्म
  • तिथि: षष्ठी - 19:30:11 तक
  • नक्षत्र: पूर्वा फाल्गुनी - 10:31:07 तक
  • करण: कौलव - 07:06:24 तक, तैतिल - 19:30:11 तक
  • योग: व्यतीपात - 12:15:25 तक
  • सूर्योदय: 05:28:04 AM
  • सूर्यास्त: 19:22:53 PM
  • चन्द्रमा: सिंह राशि- 16:52:53 तक
  • राहुकाल: 15:54:10 से 17:38:31 तक (इस काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है)
  • शुभ मुहूर्त का समय, अभिजीत मुहूर्त: 11:57:39 से 12:53:18 तक
  • दिशा शूल: उत्तर

अशुभ मुहूर्त का समय

  • दुष्टमुहूर्त: 08:15:02 से 09:10:41 तक
  • कुलिक: 13:48:57 से 14:44:36 तक
  • कंटक: 06:23:44 से 07:19:23 तक
  • कालवेला / अर्द्धयाम: 08:15:02 से 09:10:41 तक
  • यमघण्ट: 10:06:20 से 11:02:00 तक
  • यमगण्ड: 08:56:46 से 10:41:08 तक
  • गुलिक काल: 12:25:28 से 14:09:49 तक

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पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र/ Poorvafalguni Nakshtra

नक्षत्र देवता: भग

नक्षत्र स्वामी: शुक्र

पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र कब है 2022 - poorva phaalgunee nakshatr kab hai 2022

पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र  के जातकों का  गुण एवं स्वभाव 

यदि आपका जन्म पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में हुआ  है तो आप ऐसे भाग्यशाली व्यक्ति हैं जो समाज में सम्माननीय हैं और जिनका अनुसरण हर कोई करना चाहता है. आपमें आत्मविश्वास कूट कूट कर  भरा है तथा नेतृत्व की क्षमता आपमें बचपन से ही है.  इन्ही सब कारणों से आपके अधीनस्थ कर्मचारी आपसे भय खाते हैं . परिवार में भी आप एक मुखिया की भूमिका में रहते हैं. सभी छोटे बड़े कार्यों के लिए आपका परामर्श आवश्यक समझा जाता है तथा सभी सदस्य आपके द्वारा कहे गये वचनों को आज्ञा समझ कर पालन करते हैं.

आपको अनुशासन में रहना पसंद है तथा आप परिवार या कार्यस्थल पर  दूसरों से भी अनुशासन की अपेक्षा करते हैं. आपकी अनुशासनात्मक प्रवृत्ति पूर्ण रूप से सफल कही जा सकती है. आप प्रशासनिक क्षेत्रों  में बेहद सफल होते हैं .

पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र शुक्र का नक्षत्र है इसका पर्याय भाग्य भी है. इस नक्षत्र में जन्मा जातक स्वभाव से चंचल एवं त्यागी होगा. दृढनिश्चयी होने के साथ साथ आप कामी भी होंगे. शुक्र एक कामुक गृह है इसमें चन्द्रमा आते ही  काम एवं चपलता आप पर हावी हो जाती है.

इस नक्षत्र में जन्मा जातक मनमोहक छवि और मीठा बोलने वाला होता है. आप दूसरों की मदद के लिए सदैव तत्पर रहते हैं और दान देने में भी नहीं हिचकिचाते. शुक्र के कारण आपका व्यवहार सौम्य एवं मीठा होता है. आपककी सरकारी क्षेत्र में कार्य करने की संभावनाएं अधिक होती है तथा अपने गुणों के कारण आप राज्य से घनिष्ठ सम्बन्ध भी बना लेते हैं.

पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में जन्मी स्त्री सौम्य स्वभाव की होगी. दूसरों की मदद और दान करना इनका विशेष गुण है. फाल्गुनी स्त्री क्रोधी और दृढ इच्छा रखने वाली होती हैं .

स्वभाव संकेत: दान पुण्य पूर्वाफाल्गुनी का सहज स्वाभाव है

रोग संभावना : प्रेम में असफलता के कारण मानसिक कष्ट, कमर का दर्द, ह्रदय रोग, वायु एवं रक्त से सम्बंधित रोग.

विशेषताएं 

प्रथम चरण :  इस चरण का स्वामी सूर्य हैं. इस नक्षत्र में जन्मा जातक मीठा बोलने वाला एवं सुन्दर होता है.  इस नक्षत्र के प्रथम चरण में जन्मा व्यक्ति सर्वगुण संपन्न एवं समर्थ होता है. लग्नेश सूर्य की दशा विशेष फल देगी तथा मंगल की दशा में जातक का भाग्योदय होगा.

द्वितीय चरण : इस  चरण का स्वामी बुध  हैं. बुध के प्रभाव के कारण जातक वेद शास्त्रों का ज्ञाता एवं धर्म शास्त्रों का मर्मज्ञ होगा. सूर्य की दशा जातक के लिए स्वास्थ्यवर्धक होगी तथा मंगल की दशा- अन्तर्दशा में जातक का भाग्योदय होगा. बुध की दशा में धन की प्राप्ति के योग बनेगे.

तृतीय चरण : इस चरण का स्वामी शुक्र  हैं.  लग्नेश सूर्य के साथ शुक्र का सम्बन्ध क्रूरता भरा है क्योंकि शुक्र एक दानवी ग्रह है. फलस्वरूप इस नक्षत्र में जन्मा व्यक्ति क्रूर होगा. सूर्य की दशा जातक के लिए स्वास्थ्यवर्धक होगी तथा मंगल की दशा-अन्तर्दशा में जातक का भाग्योदय होगा. बुध की दशा में धन की प्राप्ति के योग बनेगे.

चतुर्थ चरण : इस चरण का स्वामी मंगल हैं.  मंगल नक्षत्र स्वामी शुक्र का शत्रु एवं क्रूर ग्रह है. मंगल , सूर्य, शुक्र भी तेजस्वी ग्रह हैं. अतः जातक की आयु अधिक नहीं होगी. सूर्य की दशा माध्यम फल देगी एवं मंगल की दशा में जातक का भाग्योदय होगा.

अश्विनी भरणी कृतिका मृगशिरा  रोहिणी पुनर्वसु 
आद्रा पुष्य मघा  अश्लेषा उत्तराफाल्गुनी हस्त  चित्रा 
स्वाति विशाखा अनुराधा ज्येष्ठ मूल पूर्वाषाढा उत्तराषाढा
श्रवण धनिष्ठा शतभिषा पूर्वाभाद्रपद उत्तराभाद्रपद रेवती  


पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र कब पड़ेगा २०२२?

आपका बता दें कि 22 अक्टूबर को 1 बजकर 49 मिनट से पहले पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र होगा। वहीं शाम 5 बजकर 10 मिनट तक ब्रह्मा योग रहेगा। फिर उसके बाद इंद्रा योग शुरू हो जाएगा। उदया तिथि 23 अक्टूबर 2022 को है पर धन त्रयोदशी का मान 22 अक्टूबर को ही है।

पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र कब होता है?

Aaj Ki Tithi 14 July 2021: पंचांग के अनुसार 14 जुलाई 2021, बुधवार का दिन विशेष है. मिथुन राशि में सूर्य और बुध मिलकर बुधादित्य योग बना रहे हैं. आज का नक्षत्र- 14 जुलाई, बुधवार को पंचांग के अनुसार पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र है. ज्योतिषशास्त्र के अंतर्गत 27 नक्षत्रों में इसका क्रम 11 वां माना गया है.

पूर्वा नक्षत्र कब से कब तक है?

यह 13 अंश 20 कला से शुरू होकर 26 अंश 20 कला पर समाप्त होता है। सिंह राशि पर नक्षत्र स्वामी का होना उस जातक को सुंदर लावण्यमय बनाएगा। यदि ऐसा जातक कला के क्षेत्र में जाए तो सफलता अवश्य मिलती है।

पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र का स्वामी कौन है?

पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र : इस नक्षत्र का स्वामी शुक्र है और इसके चारों चरण सिंह में आते हैं। पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में जन्म होने पर जन्म राशि सिंह तथा राशि स्वामी सूर्य, वर्ण क्षत्रिय, वश्य चतुष्पद, योनि मूषक, महावैर योनि बिडाल, गण मानव तथा नाड़ी मध्य हैं।