पारिजात का पत्ता पीने से क्या होता है? - paarijaat ka patta peene se kya hota hai?

Health Benefits of Parijaat परिजात के पत्ते सर्दी-खांसी में बेहद फायदेमंद होते हैं। इसके पत्तों का सेवन सर्दी-जुकाम का इलाज करने के साथ ही पेट के कीड़ों को मारने में भी किया जा सकता है। ऑर्थराइटिस के मरीजों के लिए यह बेहद कारगर है।

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नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। औषधीय गुणों से भरपूर परिजात का पौधा कई बीमारियों का कारगर उपचार कर सकता है। परिजात जिसे हरसिंगार के नाम से भी जाना जाता है। बेहद खुशबूदार, छोटी पंखुड़ियों वाले और सफेद रंग के हरसिंगार के फूल रात में ही खिलते है, इसलिए इन्हें नाइट ब्लूमिंग जैस्मीन या फिर रात की रानी भी कहा जाता है। इस पौधे के पत्ते से लेकर फूल और छाल तक में औषधीय गुण मौजूद होते हैं। ऑर्थराइटिस के मरीजों के लिए यह बेहद कारगर है।

इसके पत्तों का सेवन सर्दी-जुकाम का इलाज करने के साथ ही पेट के कीड़ों को मारने में भी किया जा सकता है। एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटी-इंफ्लामेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर परिजात कई बीमारियों से लड़ने में मददगार होता हैं। आइए जानते हैं कि पारिजात से कौन-कौन सी बीमारियों का उपचार किया जा सकता है।

ऑर्थराइटिस के दर्द से निजात मिलेगी:

पारिजात के पत्ते, छाल और फूल तीनों को 5 ग्राम तक लें और इसमें 200 ग्राम पानी मिलाएं। इसे गैस पर तब तक पकाएं जब तक कि पानी का एक चौथाई भाग नहीं बचे। इसे गैस से उतारे और गुनगुने पानी का सेवन करें।

सर्दी-खांसी का बेहतरीन उपचार है:

पारिजात के पत्तों को पीसकर उसमें शहद मिलाकर दिन में दो बार उसका सेवन करें आपको सर्दी-खांसी से निजात मिलेगी। परिजात के पत्तों का इस्तेमाल आप उसकी चाय बनाकर भी कर सकते हैं। पारिजात के पत्ते को पानी के साथ उबालें, साथ ही कुछ तुलसी के पत्ते भी इसमें डाल दें। इसका रोजाना सेवन करें आपको सर्दी-खांसी से मुक्ति मिलेगी।

पारिजात के पत्तों से करें दर्द और सूजन का इलाज:

पारिजात के पत्ते को पानी में उबाल कर उसका काढ़ा बनाकर पीने से बॉडी के किसी भी हिस्से में दर्द या सूजन है तो उससे निजात मिलेगी।

पेट के कीड़ों को मारते हैं परिजात के पत्ते:

पेट में किसी भी तरह के कीड़े को मारने में पारिजात के पत्ते बेहद असरदार हैं। इसके पत्तों को पीसकर उससे रस निकाल लें और इसमें चीनी मिलाकर उसका सेवन कीजिए आपको पेट और आंतों में रहने वाले हानिकारक कीड़ों से निजात मिलेगी।

घाव को भरता है पारिजात का पौधा:

एंटी-इंफ्लामेटरी गुणों से भरपूर पारिजात किसी भी तरह के घावों को भरने में मददगार है। पारिजात के बीज का पेस्ट बनाएं, इसे फोड़े-फुन्सी या अन्य सामान्य घाव पर लगाएं घाव जल्दी ठीक होगा।

डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें। 

Edited By: Shahina Noor

पारिजात को हरसिंगार भी कहते हैं। आपने पारिजात (parijat) के फूल का प्रयोग जरूर किया होगा, लेकिन शायद परिजात के गुण के बारे में नहीं जानते होंगे। पारिजात का पेड़ बाग-बगीचों में पाया जाता है। इसके फूल बहुत ही मनमोहक और आकर्षक होते हैं। आमतौर पर लोग हरसिंगार के फूल को केवल पूजा-पाठ के लिए इस्तेमाल करते हैं। लोगों को यह जानकारी ही नहीं है कि पारिजात या हरसिंगार के फायदे एक-दो नहीं बल्कि बहुत सारे हैं। 

पारिजात का पत्ता पीने से क्या होता है? - paarijaat ka patta peene se kya hota hai?

क्या आप जानते हैं कि हरसिंगार का वृक्ष कई रोगों का इलाज भी कर सकता है। आयुर्वेद में इसके बारे में बताया गया है कि हरसिंगार का पौधा एक बहुत ही उत्तम औषधि है। हरसिंगार (पारिजात) के इस्तेमाल से आप पाचनतंत्र, पेट के कीड़े की बीमारी, मूत्र रोग, बुखार, लीवर विकार सहित अन्य कई रोगों में लाभ पा सकते हैं।

Contents

  • 1 पारिजात क्या है? (What is Parijat in Hindi?)
  • 2 अन्य भाषाओं में पारिजात के नाम (Name of Parijat in Different Languages)
  • 3 पारिजात के फायदे (Parijat Benefits and Uses in Hindi)
    • 3.1 रूसी (डैंड्रफ हटाने) की समस्या में पारिजात के फायदे (Benefits of Parijat Vriksha in Dandruff in Hindi)
    • 3.2 गले के रोग में पारिजात के फायदे (Benefits of Parijat in Oral Disease Treatment in Hindi)
    • 3.3 हरसिंगार का पेड़ करता है खांसी का इलाज (Use of Parijat to Treat Cough in Hindi)
    • 3.4 रक्तस्राव (नाक-कान से खून बहना) में हरसिंगार के फायदे (Parijat Vriksha Uses to Stop Bleeding in Hindi)
    • 3.5 पेट के कीड़े की समस्या में हरसिंगार के फायदे (Parijat Benefits to Get Relief from Worm in Hindi)
    • 3.6 बार-बार पेशाब करने की समस्या में पारिजात से लाभ (Parijat Uses in Urinary Problems in Hindi)
    • 3.7 पारिजात का पेड़ सुखाता है घाव (Parijat Vriksha Uses in Healing Chronic Wounds in Hindi)
    • 3.8 हरसिंगार का पेड़ डायबिटीज में फायदेमंद ( Parijat Beneficial to Control Diabetes in Hindi)
    • 3.9 पारिजात का पेड़ देता है तिल्ली रोग में लाभ (Parijat Benefits in Spleen Disorder in Hindi)
    • 3.10 हरसिंगार का पेड़ पहुंचाता है गठिया में लाभ (Parijat Benefits to Get Relief from Arthritis in Hindi)
    • 3.11 दाद की समस्या में हरसिंगार से लाभ (Benefits of Parijat in Ringworm in Hindi)
    • 3.12 त्वचा रोग में हरसिंगार से लाभ (Uses of Parijat in Skin Problems in Hindi)
    • 3.13 गंजेपन की समस्या में हरसिंगार से लाभ (Uses of Parijat in Baldness Problem in Hindi)
    • 3.14 तंत्रिका-तंत्र विकार में हरसिंगार का पेड़ फायदेमंद (Benefits of Parijat for Nervous System Disorder in Hindi)
    • 3.15 आंखों के रोग में पारिजात के वृक्ष से लाभ (Parijat Beneficial in Eye Disease in Hindi)
    • 3.16 बुखार उतारने के लिए पारिजात के पेड़ का प्रयोग (Uses of Parijat to Treat Fever in Hindi)
    • 3.17 बवासीर से राहत दिलाये पारिजात (Parijat Beneficial for Piles in Hindi)
    • 3.18 हरसिंगार अस्थि-भंग में लाभप्रद (Parijat Beneficial to Treat Fracture in Hindi)
    • 3.19 लंबे व मज़बूत बालों के लिए हरसिंगार का उपयोग (Use of Parijat for Long and Strong Hair in Hindi)
    • 3.20 पाचन शक्ति बढ़ाने का उपाय है हरसिंगार (Parijat Beneficial for Healthy Digestive System in Hindi)
    • 3.21 महिलाओं के लिए स्वास्थ्यवर्द्धक हरसिंगार (Parijat Beneficial for Women’s Health in Hindi)
    • 3.22 तनाव दूर करने में हरसिंगार फायदेमंद (Benefit of Parijat to Get Relief from Stress in Hindi)
  • 4 पारिजात के उपयोगी भाग (Useful Parts of Parijat)
  • 5 पारिजात का इस्तेमाल कैसे करें? (How to Use Parijat?)
  • 6 पारिजात कहां पाया या जाता है? (Where is Parijat Found or Grown?)

पारिजात क्या है? (What is Parijat in Hindi?)

पारिजात का दूसरा नाम हरसिंगार है। हरसिंगार का जिक्र कई प्राचीन ग्रन्थों में मिलता है। इसके फूल अत्यधिक सुगन्धित, छोटे पखुड़ियों वाले और सफेद रंग के होते हैं। फूल के बीच में चमकीला नारंगी रंग होता है। हरसिंगार का पौधा झाड़ीदार होता है।

अन्य भाषाओं में पारिजात के नाम (Name of Parijat in Different Languages)

पारिजात का वानस्पतिक नाम निक्टैन्थिस् आर्बोर-ट्रिस्टिस् (Nyctanthes arbor-tristis Linn., Syn-Nyctanthes dentata Blume) है और यह ओलिएसी (Oleaceae) कुल से है। पारिजात का पेड़ इन नामों से भी जाना जाता हैः-

Parijat in-

  • Hindi – हरसिंगार, पारिजात, कूरी, सिहारु, सेओली
  • English – ट्री ऑफ सैडनेस (Tree of sadness), मस्क फ्लॉवर (Musk flower), कोरल जैसमिन (Coral jasmine), नाईट जैसमिन (Night jasmine)
  • Sanskrit – पारिजात, पुष्पक, प्राजक्त, रागपुष्पी, खरपत्रक
  • Uttrakhand – कुरी (Kuri), हरसिंगार (Harsingar)
  • Oriya – गोडोकोडीको (Godokodiko), गंगा सेयोली (Ganga seyoli)
  • Urdu – गुलेजाफारी (Gulejafari), हरसिंगार (Harsingar)
  • Assemia – सेवाली (Sewali)
  • Konkani – पारिजातक (Parizatak), पारडिक (Pardic)
  • Kannada – गोली (Goli), पारिजात (Parijata)
  • Gujarati  -हारशणगार (Harshangar), जयापार्वती (Jayaparvati)
  • Tamil – मंझाटपू (Manjatpu), पवलमल्लिकै (Pavalmallikae)
  • Telugu – सेपाली (Sepali), पगडमल्ले (Pagadamallae), कपिलानागदुस्तु (Kapilanagadustu)
  • Bengali – हरसिंघार (Harsinghar), सेफालिका (Sephalika), शेउली (Seuli)
  • Nepali – पारिजात (Parijat)
  • Punjabi – हरसिंघार (Harsinghar), कूरी (Kuri), पकुरा (Pakura)
  • Marathi – पारिजातक (Parijatak), खुरस्ली (Khursali)
  • Malayalam – पविलामल्लि (Pavilamalli), परिजातकम (Parijatakam)

पारिजात के फायदे (Parijat Benefits and Uses in Hindi)

अब तक आपने जाना कि हरसिंगार क्या है, और हरसिंगार का पेड़ कितने नामों से देश या विदेशों में जाना जाता है। हरसिंगार के पत्तों के साथ इसके फूल में भी चिकित्सीय गुण होते है। हरसिंगार के फूल आँखों की समस्या में फायदेमंद होते है साथ ही पारिजात  भूख को बढ़ाने और अन्य पाचन संबंधी विकारों को दूर करने में प्रयोग किया जाता है। आइए जानते हैं कि हरसिंगार का पौधा औषधीय रूप से किस-किस रोग के लिए काम में लाया जा सकता है, औषधीय प्रयोग की मात्रा क्या होनी चाहिए, और इसकी विधियां क्या हैंः-

रूसी (डैंड्रफ हटाने) की समस्या में पारिजात के फायदे (Benefits of Parijat Vriksha in Dandruff in Hindi)

अनेकों लोग बालों में रूसी की समस्या से परेशान रहते हैं। डैंड्रफ को हटाने के लिए अनेक उपाय भी करते हैं, लेकिन कई बार उचित उपाय नहीं कर पाने के कारण रूसी से निजात नहीं मिलता है। आप हरसिंगार के फायदे से रूसी को ठीक कर सकते हैं। आप पारिजात का बीज लें। इसका पेस्ट बनाएं। इसे सिर पर लगाएं। इससे डैंड्रफ की परेशानी खत्म होती है।

और पढें – रूसी कम करने में हरीतकी के फायदे

गले के रोग में पारिजात के फायदे (Benefits of Parijat in Oral Disease Treatment in Hindi)

जीभ के पास एक घंटी जैसा छोटा-सा मांस का टुकड़ा होता है, उसे गलशुण्डी बोलते हैं। इससे जुड़ी बीमारी हो तो हरसिंगार का पौधा लें। इसकी जड़ को चबाएं। इससे गलशुण्डी से जुड़े विकार ठीक होते हैं।

और पढ़े: गले के रोग में वच के फायदे

हरसिंगार का पेड़ करता है खांसी का इलाज (Use of Parijat to Treat Cough in Hindi)

खांसी के लिए आयुर्वेदिक दवा के रूप में आप पारिजात का पेड़ इस्तेमाल में लाएंगे तो बहुत लाभ मिलेगा। 500 मिग्रा पारिजात की छाल का चूर्ण बनाएं। इसका सेवन करने से खांसी ठीक होती है।

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रक्तस्राव (नाक-कान से खून बहना) में हरसिंगार के फायदे (Parijat Vriksha Uses to Stop Bleeding in Hindi)

कुछ लोगों को बराबर नाक-कान आदि से खून बहता रहता है। ऐसे लोग पारिजात का पेड़ उपयोग में ला सकते हैं। हरसिंगार का पौधा लें। इसकी जड़ को मुंह में रखकर चबाएं। इससे नाक, कान, कंठ आदि से निकलने वाला खून बंद हो जाता है।

पेट के कीड़े की समस्या में हरसिंगार के फायदे (Parijat Benefits to Get Relief from Worm in Hindi)

बच्चे हों या वयस्क, सभी को कई बार पेट में कीड़े की समस्या हो जाती है। हरसिंगार के फायदे इस रोग में मिलते हैं। हरसिंगार के पेड़ से ताजे पत्ते तोड़ लें। चीनी के साथ पारिजात के ताजे पत्ते का रस (5 मिली) सेवन करें। इससे पेट और आंतों में रहने वाले हानिकारक कीड़े खत्म हो जाते हैं।

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बार-बार पेशाब करने की समस्या में पारिजात से लाभ (Parijat Uses in Urinary Problems in Hindi)

अगर आप बार-बार पेशाब करने की परेशानी से ग्रस्त हैं तो पारिजात का पेड़ लाभ दिलाएगा। पारिजात के पेड़ के तने के पत्ते, जड़, और फूल का काढ़ा बनाएं। इसे 10-30 मिली मात्रा में सेवन करें। इससे बार-बार पेशाब करने की परेशानी खत्म होती है।

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पारिजात का पेड़ सुखाता है घाव (Parijat Vriksha Uses in Healing Chronic Wounds in Hindi)

हरसिंगार के फायदे से घाव ठीक हो सकता है। पारिजात के बीज का पेस्ट बनाएं। इसे सिर की त्वचा पर होने वाली फोड़े-फुन्सी या अन्य सामान्य घाव पर लगाएँ। इससे घाव ठीक हो जाता है।

और पढें – हरीतकी के फायदे घाव ठीक करने में

हरसिंगार का पेड़ डायबिटीज में फायदेमंद ( Parijat Beneficial to Control Diabetes in Hindi)

पारिजात का पेड़ डायबिटीज में बहुत लाभदायक होता है। 10-30 मिली पारिजात (parijatha) के पत्ते का काढ़ा बना लें। इसका सेवन करें। इससे डायबिटीज रोग में लाभ होता है।

और पढ़े – डायबिटीज को नियंत्रण करने में लाभकारी सिंघाड़ा

पारिजात का पेड़ देता है तिल्ली रोग में लाभ (Parijat Benefits in Spleen Disorder in Hindi)

पारिजात (parijatha), अपामार्ग तथा तालमखाना के क्षार (125-250 मिग्रा) को तेल में मिलाएं। इसका सेवन करने से तिल्ली रोग में लाभ होता है।

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हरसिंगार का पेड़ पहुंचाता है गठिया में लाभ (Parijat Benefits to Get Relief from Arthritis in Hindi)

  • पारिजात के गुण से गठिया की बीमारी में भी लाभ ले सकते हैं। पारिजात की जड़ का काढ़ा बनाएं। इसकी 10-30 मिली की मात्रा सेवन करें। इससे गठिया में फायदा होता है।
  • हरसिंगार के पत्ते को पीसकर, गुनगुना करके लेप बना लें। इससे जोड़ों के दर्द पर लेप करने से बहुत फायदा होता है।
  • पारिजात (parijatha) के पत्तों का काढ़ा बनाएं। इससे सेकने से भी जोड़ों का दर्द और गठिया आदि में लाभ होता है।

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पारिजात का पत्ता पीने से क्या होता है? - paarijaat ka patta peene se kya hota hai?

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दाद की समस्या में हरसिंगार से लाभ (Benefits of Parijat in Ringworm in Hindi)

दाद में भी पारिजात के गुण से लाभ लिया जा सकता है। पारिजात के पत्तों को घिसकर रस निकाल लें। इसको दाद वाले अंग पर लगाएं। इससे दाद ठीक होता है।

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त्वचा रोग में हरसिंगार से लाभ (Uses of Parijat in Skin Problems in Hindi)

पारिजात के पत्ते का काढ़ा एवं पेस्ट बना लें। इसका प्रयोग करने से दाद, खुजली, घाव, तथा कुष्ठ रोग आदि त्वचा विकारों में लाभ होता है।

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गंजेपन की समस्या में हरसिंगार से लाभ (Uses of Parijat in Baldness Problem in Hindi)

आज गंजापन एक आम समस्या बन चुकी है। पुरुष और महिलाएं, दोनों गंजेपन की समस्या से परेशान हैं। हरसिंगार (parijatham) के बीजों का पेस्ट बनाएं। इसे सिर पर लगाएं। इससे गंजेपन की परेशानी में लाभ मिलता है।

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पारिजात का पत्ता पीने से क्या होता है? - paarijaat ka patta peene se kya hota hai?

तंत्रिका-तंत्र विकार में हरसिंगार का पेड़ फायदेमंद (Benefits of Parijat for Nervous System Disorder in Hindi)

तंत्रिका-तंत्र विकार में भी पारिजात के गुण से फायदा मिलता है। पारिजात और निर्गुण्डी के पत्ते लें। पत्तों की मात्रा बराबर होनी चाहिए। इससे काढ़ा बना लें। इस काढ़ा को 15-30 मिली मात्रा में पीने से तंत्रिका-तंत्र से संबंधित दर्द ठीक होता है।

आंखों के रोग में पारिजात के वृक्ष से लाभ (Parijat Beneficial in Eye Disease in Hindi)

पारिजात का पेड़ आंखों की बीमारी में भी लाभ देता है। पारिजात के वृक्ष की छाल को कांजी से पीसकर तेल बना लें। इसे आंखों पर लगाने से आंखों के दर्द में लाभ होता है। बेहतर उपाय के लिए किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर परामर्श लें।

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बुखार उतारने के लिए पारिजात के पेड़ का प्रयोग (Uses of Parijat to Treat Fever in Hindi)

  • पारिजात का पेड़ बुखार ठीक करने के लिए प्रयोग में लाया जाता है। पारिजात के पेड़ के पत्ते का काढ़ा बना लें। 10-30 मिली काढ़ा में अदरक का चूर्ण तथा मधु मिलाकर सेवन करें। इससे साधारण बुखार सहित बुखार की गंभीर स्थिति में भी लाभ होता है।
  • 5-10 मिली हरसिंगार (parijatham) के पत्ते के रस में 1-2 ग्राम त्रिकटु चूर्ण मिलाकर सेवन करें। इससे भी गंभीर बुखार उतर जाता है।

पारिजात का पत्ता पीने से क्या होता है? - paarijaat ka patta peene se kya hota hai?

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बवासीर से राहत दिलाये पारिजात (Parijat Beneficial for Piles in Hindi)

हरसिंगार के बीज का प्रयोग बवासीर की समस्या को दूर करने में सहायक होते है, लेकिन खास बात यह है की बीजों को पीसकर बवासीर में वाह्य रूप से प्रयोग किया जाता है और इनको अभयान्तर रूप से भी करते है। 

हरसिंगार अस्थि-भंग में लाभप्रद (Parijat Beneficial to Treat Fracture in Hindi)

हरसिंगार के तने  की छाल को अर्जुन छाल के साथ वाह्य रूप से प्रयोग करने से अस्थि -भंग में फायदेमंद होता है। 

लंबे व मज़बूत बालों के लिए हरसिंगार का उपयोग (Use of Parijat for Long and Strong Hair in Hindi)

हरसिंगार से बीज का काढ़ा बालों की समस्या को दूर करने में सहायक होता है। हरसिंगार का काढ़ा बनाकर बालों को धोये इससे डैंड्रफ दूर करने तथा बालों को झड़ने से रोकने में मदद मिलती है।

पाचन शक्ति बढ़ाने का उपाय है हरसिंगार (Parijat Beneficial for Healthy Digestive System in Hindi)

अगर आपकी पाचन शक्ति कमजोर है तो हरसिंगार का सेवन आपके लिए फायदेमंद हो सकता है क्योंकि हरसिंगार का वीर्य उष्ण होने से पाचन शक्ति बेहतर करता  है। 

महिलाओं के लिए स्वास्थ्यवर्द्धक हरसिंगार (Parijat Beneficial for Women’s Health in Hindi)

हरसिंगार महिलाओं के लिए एक स्वास्थ्यवर्धक औषधि है क्योंकि हरसिंगार फीमेल -टॉनिक के रूप में कार्य करता है इसलिए इसका सेवन महिलाओं संबंधी विकारों को दूर करने में सहायक होता है। 

तनाव दूर करने में हरसिंगार फायदेमंद (Benefit of Parijat to Get Relief from Stress in Hindi)

तनाव को दूर करने में हरसिंगार का सहायक हो सकता है क्योंकि आयुर्वेद के अनुसार तनाव का मुख्य कारण वात का प्रकोप होना बताया गया है और हरसिंगार में वात को शांत करने का गुण होता है। 

पारिजात के उपयोगी भाग (Useful Parts of Parijat)

पारिजात (parijat) का इस्तेमाल निम्न तरह से किया जा सकता हैः-

  • पारिजात वृक्ष के पत्ते
  • पारिजात वृक्ष की जड़
  • पारिजात वृक्ष के तने की छाल
  • पारिजात वृक्ष के फूल
  • पारिजात वृक्ष की बीज

पारिजात का इस्तेमाल कैसे करें? (How to Use Parijat?)

पारिजात (parijatham) के इस्तेमाल की मात्रा ये होनी चाहिएः-

  • पारिजात का काढ़ा- 15-30 मिली
  • पारिजात का रस- 5 मिली

एक औषधि के रूप में पारिजात (हरसिंगार) से अधिक लाभ लेने के लिए चिकित्सक के परामर्शानुसार उपयोग करें।

पारिजात कहां पाया या जाता है? (Where is Parijat Found or Grown?)

पारिजात का पौधा (parijat)  असम, बंगाल, मध्य प्रदेश, राजस्थान एवं गुजरात आदि राज्यों में पाया जाता है। यह 1500 मीटर की ऊंचाई तक की जाता है। भारत के उपहिमालयी क्षेत्रों में 300-1000 मीटर की ऊंचाई पर पारिजात का पौधा मिलता है।

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हरसिंगार के पत्तों को उबालकर पीने से क्या होता है?

मलेरिया बुखार हो या फिर सूखी खांसी हरसिंगार के पत्ते का काढ़ा बनाकर पीने से बुखार दूर हो जाता है। तनाव में रहते है तो इसके फूल की सुगंध एक माह तक लेते रहने से तनाव दूर हो जाता है। पाचन शक्ति बढ़ाने में भी इसके पत्ते और फूल का इस्तेमाल किया जाता है। गठिया रोग में इसके फूल का इस्तेमाल होता है।

पारिजात के पत्ते पीने से क्या होता है?

Health Benefits of Parijaat परिजात के पत्ते सर्दी-खांसी में बेहद फायदेमंद होते हैं। इसके पत्तों का सेवन सर्दी-जुकाम का इलाज करने के साथ ही पेट के कीड़ों को मारने में भी किया जा सकता है। ऑर्थराइटिस के मरीजों के लिए यह बेहद कारगर है।

हरसिंगार के पत्ते कितने दिन तक पीना चाहिए?

4) गठिया (Arthritis) घुटने और जोड़ों का दर्द | Harsingar Benefits in hindi. बहुत से लोगों ने हरसिंगार के पत्ते का उपयोग हड्डी के इन रोगों में प्रयोग करके लाभ उठाया है। 1-2 महीने नियमित रूप से हरसिंगार के 3-4 पत्तों को पानी में उबालकर सुबह-शाम चाय जैसे 1 कप पी लिया करें।

हरसिंगार कौन कौन सी बीमारी में काम आता है?

इसका उपयोग विभिन्न विकारों और बीमारियों, जैसे — गठिया, साइटिका, हड्डी में फ्रैक्चर, त्वचा रोग, बवासीर, बुखार, डेंगू, मलेरिया, सूखी खांसी, डायबिटीज आदि का इलाज करने के लिए किया जाता है। हरसिंगार महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है। यह तनाव को खत्म करता है और एक स्वस्थ व सुखी जीवन जीने में मदद करता है।