प्रिय पाठक! स्वागत है आपका the eNotes के एक नए आर्टिकल में, इसमें हम प्लुत स्वर के बारे में पढेंगे और यह भी जानेंगे की प्लुत स्वर किसे कहते है (Plut Swar Kise Kahate Hain) — Show जैसा की हम सभी जानते हैं कि हिन्दी व्याकरण में 11 स्वर होते हैं, जिनमे 4 ह्रस्व स्वर, शेष बचे 7 वर्ण दीर्घ स्वर होते हैं। इसके अलावां प्लुत स्वर का प्रयोग सदैव किसी को पुकारते समय किया जाता है। इसे (ऽ) से दर्शाते हैं।
प्लुत स्वर के अन्य उदाहरण
विडियो में सीखें – प्लुत स्वर किसे कहते हैं?Conclusion:इस आर्टिकल में आपने पढ़ा कि Plut Swar Kise Kahate Hain, हमें उम्मीद है कि आपको यह जानकारी आवश्य समझ आई होगी। इस लेख के बारे में अपने विचार आवश्य कमेंट करें। इसी तरह के और आर्टिकल पढ़ते रहने के लिए the eNotes के WhatsApp ब्रॉडकास्ट को सब्सक्राइब कीजिये। Disclaimerthe eNotes रिसर्च के बाद जानकारी उपलब्ध कराता है, इस बीच पोस्ट पब्लिश करने में अगर कोई पॉइंट छुट गया हो, स्पेल्लिंग मिस्टेक हो, या फिर आप कोई अन्य प्रश्न का उत्तर ढूढ़ रहें है तो उसे कमेंट बॉक्स में अवश्य बताएँ अथवा हमें [email protected] पर मेल करें। और अन्य लोगो का पढने के लिए the eNotes को टेलीग्राम पर फॉलो करें। प्लुत स्वर संख्या में कितने होते हैं?प्लुत स्वर की संख्या नहीं होती है, अर्थात हिन्दी व्याकरण के स्वर वर्ण में यह नहीं होता है, लेकिन इसमें स्वर के ही गुण होते हैं। इसे लिखते समय (ऽ) से दर्शया जाता है।
प्लुत में कितनी मात्राएँ होती हैं?प्लुत स्वर – जिस स्वर के उच्चारण में तीन या उससे अधिक मात्राओं का समय लगे उसे प्लुत कहते हैं। जब किसी व्यक्ति को दूर से पुकारते हैं तब सम्बोधन पद के अन्तिम वर्ण को तीन मात्रा का समय लगाकर बोलते हैं, उसे ही प्लुत स्वर कहते हैं।
प्लुत स्वर के चिन्ह को क्या कहते है?प्लूत स्वर: वे स्वर जिनके उच्चारण में दीर्घ स्वर से भी अधिक समय यानी तीन मात्राओं का समय लगता है, प्लुत स्वर कहलाते हैं। प्लुत वर्णों का उच्चार अतिदीर्घ होता है, और उनकी मात्रा 3 होती है । इसका चिह्न (ऽ) है। इसका प्रयोग अकसर पुकारते समय किया जाता है।
दीर्घ और प्लुत स्वरों में क्या अंतर है?अ, इ, उ, लृ, और ऋ ये ह्रस्व स्वर हैं। * जिन वर्णों पर अधिक जोर दिया जाता है, वे दीर्घ कहलाते हैं, और उनकी मात्रा २ होती है। आ, ई, ऊ, ॡ, ॠ ये दीर्घ स्वर हैं। * प्लुत वर्णों का उच्चार अतिदीर्घ होता है, और उनकी मात्रा ३ होती है जैसे कि, “नाऽस्ति” इस शब्द में 'नाऽस्' की ३ मात्रा होगी।
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