केरल का सबसे बड़ा त्यौहार कौन सा है? - keral ka sabase bada tyauhaar kaun sa hai?

Festivals Of Kerala In Hindi : केरल भारत का एक खूबसूरत समुद्र तटीय राज्य है। यह राज्य ना केवल अपने खूबसूरत समुद्र तट, वैकवाटर्स, और पर्यटन स्थलों के लिए प्रसिद्ध है बल्कि अपनी संस्कृति, उत्सवो और केरल में मनाये जाने वाले त्यौहार के लिए भी जाना जाता है। केरल की विविध संस्कृति मुख्य रूप से हिंदू धर्म, ईसाई धर्म और इस्लाम से प्रभावित है जो अपने अपने ढंग और रीतिरिवाजो से त्योहारों को मनाते है। केरल के प्रसिद्ध त्यौहार में आपको राज्य की समृद्ध विरासत और संस्कृति देखने को मिलती हैं।

यदि आप भी केरल में मनाये जाने वाले उत्सव और त्योहारों में शामिल होना चाहते है या केरल के प्रमुख त्यौहार के बारे में जानना चाहते है तो आपको इस लेख को पूरा जरूर पढना चाहिए जिसमे हमने आपके लिए फेमस फेस्टिवल को केरला की लिस्ट तैयार की है जिनके बारे में आपको जरूर जानना चाहिए –

  •  केरल के प्रमुख त्यौहार और उत्सवो की लिस्ट – Keral Me Maanye Jaane Wale Prmukh Tyohaar in Hindi 
    • ओणम – Onam in Hindi 
    • विशु – Vishu in Hindi 
    • त्रिशूर पूरम – Thrissur Pooram in Hindi 
    • तिरुवातिरकली – Tiruvatirakali in Hindi 
    • केरला बोट फेस्टिवल – Kerala Boat Festivals in Hindi 
    • थेयम – Theyyam Festival in Hindi 
    • अट्टुकल पोंगाला – Attukal Pongala in Hindi 
    • कोडुंगल्लूर भरणी उत्सवम – Kodungallur Bharani Utsavam in Hindi 
    • क्रिसमस – Christmas in Hindi 
    • मकरविलक्कु उत्सव – Makarvilakku Festival in Hindi 
    • अरट्टू उत्सव – Arattu Festival in Hindi 

 केरल के प्रमुख त्यौहार और उत्सवो की लिस्ट – Keral Me Maanye Jaane Wale Prmukh Tyohaar in Hindi 

केरल सबसे लोकप्रिय रूप से ओणम के त्योहार के लिए जाना जाता है, लेकिन इसके अलावा अन्य प्रमुख त्योहार भी हैं जिन्हें हम नीचे जानने वाले है –

ओणम – Onam in Hindi 

केरल का सबसे बड़ा त्यौहार कौन सा है? - keral ka sabase bada tyauhaar kaun sa hai?

ओणम केरल का सबसे महत्वपूर्ण और राष्ट्रीय त्योहार है जिसे पूरे राज्य में बहुत धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया जाता है। बता दे ओणम एक फसल त्योहार है जिसे थिरुओनाम भी कहा जाता है और यह मलयालम कैलेंडर के चिंगम महीने की शुरुआत में मनाया जाता है जबकि अंग्रेजी कलेंडर के अनुसार अगस्त-सितंबर में पड़ता है। केरल में ओणम दिवाली से बड़ा है, जो पूरे भारत में मनाया जाने वाला सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है। ओणम राज्य में उनके हर  समुदाय, जाति, पंथ और वर्ग के लोगो के द्वारा बड़े हर्सोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दौरान छोटे बड़ो का आश्रीवाद लेते है उपहारों का आदान-प्रदान किया जाता है, रिश्तेदार एक-दूसरे से मिलते हैं और केरल के प्रसिद्ध व्यंजनों की दावत का लुफ्त उठाते है। यदि आप केरल के प्रसिद्ध उत्सव में शामिल होना चाहते है तो आपको ओणम उत्सव के दौरान इस राज्य की यात्रा जरूर करनी चाहिए।

  • ओणम कहा मनाया जाता है : पूरे केरल राज्य में
  • ओणम कब मनाया जाता है : अगस्त से सितंबर के महीनो में

विशु – Vishu in Hindi 

केरल के लोकप्रिय उत्सव में से एक विशु केरल के लोगों के लिए नए साल की शुरुआत का प्रतीक है जिसे ओणम के बाद राज्य का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार माना गया है। यह त्यौहार मलयालम कैलेंडर के मेदाम महीने में जबकि अंग्रेजी कलेंडर में 14, 15, या 16 अप्रैल को पड़ता है। त्योहार का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा विशुकानी है। केरल के अलावा, यह त्योहार पड़ोसी क्षेत्र जैसे मैंगलोर, तुलुनाडु और उडुपी में मनाया जाता है। विशु को आतिशबाजी और रोशनी के त्योहार के रूप में भी कहा जाता है क्योंकि उत्सव में पटाखे फोड़ना शामिल है। कहा जाता है कि आज के दिन ही भगवान् कृष्ण ने राक्षस नरकासुर का वध किया था।

  • विशु उत्सव कहा मनाया जाता है : पूरे केरल में
  • विशु उत्सव कब मनाया जाता है : अप्रैल के महीने में

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त्रिशूर पूरम – Thrissur Pooram in Hindi 

केरल का सबसे बड़ा त्यौहार कौन सा है? - keral ka sabase bada tyauhaar kaun sa hai?

त्रिशूर पूरम केरल में सबसे बड़े मंदिर त्योहारों में से एक है जिसे त्रिशूर में वडक्कुनाथन मंदिर में मनाया जाता है। केरल के प्रसिद्ध त्योहार में शुमार यह एक ऐसा जीवंत त्योहार राज्य की समृद्ध संगीत विरासत को दर्शाता है जिसे लगभग 200 बर्षो से मनाया जाता आ रहा है। त्रिशूर पूरम का मुख्य आकर्षण भगवान् शिव की पूजा है जो लगभग 36 घंटे तक चलती है। इसके अलावा इस त्यौहार के दौरान अद्भुत आतिशबाजी और सुसज्जित हाथियों की परेड भी उत्सव में देखने को मिलती है। माना जाता है इस उत्सव में देश भर से  300,000 भी जाड्या लोग शामिल होते हैं जो अपने आप अद्वितीय है।

  • त्रिशूर पूरम कहा मनाया जाता है : वडक्कुनाथन मंदिर त्रिशुर
  • त्रिशूर पूरम कब मनाया जाता है : अप्रैल

तिरुवातिरकली – Tiruvatirakali in Hindi 

तिरुवातिरकली केरल में मनाये जाने वाले प्रमुख त्यौहार में से एक है जिसे दिसंबर या जनवरी के महीने में मनाया जाता है। यह त्योहार भगवान शिव को समर्पित है इसीलिए यह दिन भगवान शिव की पूजा करने के लिए एकदम सही और बहुत ही शुभ है। भगवान शिव के सभी भक्त इस दिन भगवान के आशीर्वाद के लिए मंदिर में जाते हैं। जबकि इस दिन, महिलाएं स्नान करने के लिए सुबह 4 बजे उठती हैं और गाने गाती हैं जो कि प्रेम के देवता से संबंधित हैं और अपने हाथों से पानी छिड़क कर ताल का निर्माण करती हैं। अंत में, महिलाएं एक मंडली में खड़ी होती हैं और कामदेव की प्रशंसा में गीत गाती हैं।

  • तिरुवातिरकली कहाँ मनाया जाता है : पूरे केरल राज्य में
  • तिरुवातिरकली कब मनाया जाता है : दिसंबर या जनवरी के महीने में

केरला बोट फेस्टिवल – Kerala Boat Festivals in Hindi 

केरल का सबसे बड़ा त्यौहार कौन सा है? - keral ka sabase bada tyauhaar kaun sa hai?

केरल का बैकवाटर न केवल एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण है, बल्कि यह रोमांचकारी नौका दौड़ का स्थल भी है जिसे केरल के प्रमुख उत्सव में से एक माना गया है। बता दे शानदार बोट रेस जुलाई और सितंबर के बीच आयोजित की जाती है जिसमे भारतीय पर्यटकों के साथ साथ विदेशी पर्यटकों भी काफी भीड़ देखी जाती है। इस बोट रेस का महत्वपूर्ण और आकर्षक हिस्सा साँप की नाव है, जिसे चुंदन वल्लम कहा जाता है। दौड़ का एक अन्य महत्वपूर्ण हिस्सा नाव गीत है, जिसे वानचिपट्टू कहा जाता है। यह वेंचिपट्टू मलयालम भाषा में कविता का एक रूप है और इसे नाव दौड़ के दौरान सुनाया जाता है। यदि आप जुलाई और सितंबर के दौरान केरल की यात्रा पर जाने वाले है तो इस उत्सव में शामिल होना ना भूलें।

  • केरला बोट रेस कब आयोजित होती है : नेहरू बोट रेस- अगस्त के दूसरे  शनिवार, जबकि अन्य नाव दौड़- जुलाई और सितंबर के बीच
  • केरला बोट रेस कहाँ आयोजित होती है : अलप्पुझा के पास, पुन्नमदा झील में

और पढ़े : केरल के 30 सबसे प्रसिद्ध मंदिर

थेयम – Theyyam Festival in Hindi 

केरल का सबसे बड़ा त्यौहार कौन सा है? - keral ka sabase bada tyauhaar kaun sa hai?

थेयम के उत्तर मालाबार में लोकप्रिय त्योहारों में से एक है जिसे यहाँ बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। बता दे यह यह त्यौहार लगभग 800 साल पुराना है जिसे आज भी उसी उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस त्यौहार में भारत के विभिन्न हिस्सों से आये कलाकार नृत्य प्रदर्शन करते है जो मुख्य रूप से तिन चरणों में होते है –

पहला चरण : यह तब होता है जब सभी नर्तक अपने आप को रंगों, फूलों और मुखौटा के साथ कवर करते हैं;

दूसरा चरण: इस दौरान लोग अपने आपको यातनायें देते है जिसमें आग पर चलना या कटीले चीजों से अपने आपको मारना शामिल होता है।

तीसरा चरण : यह सबसे महत्वपूर्ण चरण होता है जिसमे सभी नृतक एक ताल पर नृत्य करते है।

  • थेयम उत्सव कहाँ मनाया जाता है : उत्तरी मालाबार
  • थेयम उत्सव कब मनाया जाता है : अप्रैल एंड दिसम्बर

अट्टुकल पोंगाला – Attukal Pongala in Hindi 

केरल का सबसे बड़ा त्यौहार कौन सा है? - keral ka sabase bada tyauhaar kaun sa hai?

अट्टुकल पोंगाला केरल के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह त्योहार अटुकल भगवती मंदिर में मनाया जाता है, जो कि तिरुवनंतपुरम में अटुकल में स्थित है। इस दौरान राज्य भर से महिलाएं मंदिर जाती हैं और अटुकल पोंगाला उत्सव में भाग लेती हैं। यह त्योहार सभी धर्म और जाति की महिलाओं को एक साथ लाता है। यह उत्सव गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी रिकॉर्ड रखता है जब 23 फरवरी, 1997 को एक साथ 1.5 मिलियन महिलाओं ने हिस्सा लिया था

यह त्योहार दस दिनों के लिए मनाया जाता है और सबसे महत्वपूर्ण दिन नौवां दिन होता है, जब राज्य भर से हजारों महिलाएं पीठासीन देवता के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए मंदिर जाती हैं। इस उत्सव की एक अनोखी और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है की केवल महिलाओं को इस उत्सव में भाग लेने की अनुमति होती है।

  • अट्टुकल पोंगाला कहाँ मनाया जाता है : तिरुवनंतपुरम के अटुकल भगवती मंदिर में
  • अट्टुकल पोंगाला कब मनाया जाता है : फरवरी से मार्च के बीच

कोडुंगल्लूर भरणी उत्सवम – Kodungallur Bharani Utsavam in Hindi 

केरल का सबसे बड़ा त्यौहार कौन सा है? - keral ka sabase bada tyauhaar kaun sa hai?
Image Credit : Rahul T S

आमतौर पर मलयालम माह मीनम या मार्च और अप्रैल के महीने के बीच मनाया जाना वाला कोडुंगल्लूर भरणी उत्सवम या कोडुंगल्लूर भरणी केरल के प्रमुख त्यौहार में से एक है। इस उत्सव की मेजबानी कोडुंगल्लूर भगवती में की जाती है, जो त्रिशूर में राज्य के सबसे भव्य मंदिरों में से एक है। तीन दिन तक चलने वाला यह उत्सव भद्रकाली की दारिका नामक एक दानव पर जीत के जश्न के रूप में मनाया जाता है। उत्सव के उत्सव के दौरान, भक्त समूह में गीत गाते हैं और नृत्य करते हैं और विभिन्न समुदायों के लोग मंदिर के पारंपरिक अनुष्ठानों में भाग लेते हैं।

  • कोडुंगल्लूर भरणी कहाँ मनाया जाता है : कोडुंगल्लूर
  • कोडुंगल्लूर भरणी कब मनाया जाता है : मार्च और अप्रैल के बीच

और पढ़े : केरल बैक वाटर घूमने की जानकारी

क्रिसमस – Christmas in Hindi 

केरल का सबसे बड़ा त्यौहार कौन सा है? - keral ka sabase bada tyauhaar kaun sa hai?

क्रिसमस केरल और पूरे भारत के प्रमुख त्यौहार में से एक है, जो ईसा मसीह के जन्म की स्मृति में मनाया जाता है। क्रिसमस मुख्य रूप से 25 दिसंबर को मनाया जाता है जो बड़ों और बच्चों के लिए समान महत्व रखता है और विशेष रूप से सांता उपहार के लिए जाना जाता है। हर कोई अपने धर्म की परवाह किए बिना इस दिन की प्रतीक्षा करता है। इस दिन सभी चर्चो को प्रभु यीशु के जन्म का जश्न मनाने के लिए सजाया जाता है। इस दिन लोग खरीदारी करते हैं, स्वादिष्ट व्यंजन तैयार करते हैं और अपने घरों को सजाते हैं। इनके अलावा चर्चो को भी चमचमाती रोशनियों और फूलों से सजाया जाता है और ईसामसीह के जन्मदिन को धूमधाम से सिलेब्रेट किया जाता है।

  • क्रिसमिस कहाँ मनाया जाता है : पूरे केरल राज्य में
  • क्रिसमिस कब मनाया जाता है : 25 दिसंबर

मकरविलक्कु उत्सव – Makarvilakku Festival in Hindi 

केरल का सबसे बड़ा त्यौहार कौन सा है? - keral ka sabase bada tyauhaar kaun sa hai?
Image Credit : Rajapraveen kumar M

मकरविलक्कु केरल का एक वार्षिक त्योहार है जिसे मकर संक्रांति के दिन मनाया जाता है। यह त्योहार दक्षिण-भारतीय राज्य केरल के प्रमुख मंदिर सबरीमाला मंदिर में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। त्यौहार का मुख्य आकर्षण भव्य तिरुवभरणम जुलूस है। मकरविलक्कु के शुभ दिन पर आशीर्वाद लेने के लिए दुनिया भर से हजारों श्रद्धालु आते हैं। मकरविलक्कु उत्सव के सबसे महत्वपूर्ण अनुष्ठानों में से एक है पोन्नम्बलमेडु में दीप प्रज्ज्वलित करना जो पश्चिमी घाट की पर्वत श्रृंखलाओं में सबरीमाला अयप्पन मंदिर से 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसे स्वर्ण मंदिर की पहाड़ी के रूप में जाना जाता है यहाँ  दीप प्रज्ज्वलित करना सबरीमाला में मकरविलक्कु के धार्मिक त्योहार का स्मरण कराता है।

  • मकरविलक्कु उत्सव कहाँ मनाया जाता है : सबरीमाला मंदिर में
  • मकरविलक्कु उत्सव कब मनाया जाता है : 14 जनवरी मकर सक्रांति के दिन

अरट्टू उत्सव – Arattu Festival in Hindi 

अलापुझा के श्रीकृष्णस्वामी मंदिर में आयोजित अरट्टू उत्सव केरल राज्य में मनाये जाने वाले प्रसिद्ध उत्सव में से एक है। यह एक दस दिवसीय उत्सव है जो अथम के दिन के शुरू होता है और थिरुवोनम के दिन समाप्त होता है। त्योहार पर एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम दूसरे दिन से अंतिम दिन तक की जाने वाली वेलकली है जिसमें राज्य के विभिन्न हिस्सों से पर्यटक और श्रद्धालु शामिल होते है।

  • अरट्टू उत्सव कहाँ मनाया जाता है : श्रीकृष्णस्वामी मंदिर
  • अरट्टू उत्सव कब मनाया जाता है : यह उत्सव बर्ष में दो बार मनाया जाता है मार्च – अप्रैल और अक्टूबर – नवंबर।

और पढ़े : केरल में घूमने की जगह की जानकारी

इस लेख में आपने केरल में मनाये जाने वाले प्रमुख त्यौहार को जाना है आपको हमारा यह लेख केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बताएं।

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केरल का सबसे बड़ा त्यौहार कौन सा है? - keral ka sabase bada tyauhaar kaun sa hai?

केरल राज्य का मुख्य त्यौहार कौन सा है?

ओणम केरल का एक प्रमुख त्योहार है। ओणम का उत्सव चिंगम (सिंघम/सिंहम्) मास में भगवान वामन की जयन्ती और राजा बलि के स्वागत में प्रति वर्ष आयोजित किया जाता है जो दस दिनों तक चलता है। उत्सव त्रिक्काकरा (कोच्ची के पास) केरल के एक मात्र वामन मन्दिर से प्रारम्भ होता है।

केरल का सबसे लोकप्रिय त्यौहार कौन सा है?

राज्य के अधिकांश कला रूपों का जन्म और विकास वर्षों के दौरान त्योहारों के संदर्भ में हुए। वैसे तो ज्यादातर त्योहार पूजा स्थलों से जुड़े हुए हैं, कई त्योहार धर्मनिरपेक्ष भी हैं। ओणम केरल का राजकीय त्योहार है। धार्मिक त्योहारों में विषु, नवरात्रि, दीपावली, शिवरात्रि और तिरुवातिरा मुख्य हिंदू त्योहार हैं।

केरल का फसल महोत्सव का नाम क्या है?

ओणम: यह केरल का एक फसल उत्सव है। इसे राजा महाबली के आगमन के उपलक्ष्य में मनाया गया था। यह त्योहार दस दिनों तक चलता है।

हिंदू धर्म का सबसे बड़ा त्यौहार कौन सा है?

महाशिवरात्रि : फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है। यह हिन्दुओं का सबसे बड़ा त्योहार होता है।