पहली बोलती फिल्म के नायक और नायिका कौन थे? - pahalee bolatee philm ke naayak aur naayika kaun the?

23 Dec, 2020 03:44 PM | R Kumar 1514

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भारत की पहली बोलती फिल्म 1931 को रिलीज हुई थी। यह फिल्म इतनी लोकप्रिय हुई थी कि पब्लिक को कंट्रोल करने के लिए पुलिस की सहायता लेनी पड़ी थी।

पहली बोलती फिल्म के नायक और नायिका कौन थे? - pahalee bolatee philm ke naayak aur naayika kaun the?

बता दे भारत की पहली बोलती फिल्म का नाम था 'आलम आरा' और यह फिल्म हिन्दी भाषा में बनी थी। इस फिल्म का पहला प्रदर्शन मुम्बई के मैजेस्टिक सिनेमा में 14 मार्च 1931 हुआ था।
भारत की पहली बोलती फिल्म 'आलम आरा' को अर्देशिर ईरानी ने डायरेक्ट किया था। और फिल्म में मास्टर विट्ठल, जुबैदा और पृथ्वीराज कपूर मुख्य कलाकार के तौर पर दिखाई दिये थे। रिपोर्ट के मुताबिक इस फिल्म को बनाने में 39 करोड़ रुपया खर्च किया गया था जो उस समय के हिसाब से बहत ही बड़ा एमाउंट हैं।

इसे सुनेंरोकेंअनिल कपूर याने शिवाजीराव और उसी दौरान फिल्म में पहली बार एंट्री होती है फिल्म की हीरोइन रानी मुखर्जी याने मंजरी की।

नायक फिल्म के डायरेक्टर कौन है?

एस० शंकरनायक: द रियल हीरो / निर्देशकशंकर भारतीय फिल्म निर्माता, निर्देशक और लेखक हैं। यह कई तमिल जैसे रोबोट, 2.0 और हिन्दी फिल्मों का निर्माण कर चुके हैं। हिन्दी फिल्मों में द जेंटलमैन और नायक ही है। विकिपीडिया

भारत की पहली सवाक बोलती वफल्म कौनसी है एवां इसके नायक नावयका कौन िे?

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इसे सुनेंरोकेंभारत की पहली सवाक (बोलती) फ़िल्म सन 1931 में आलमआरा प्रदर्शित हुई थी, जिसमे मास्टर विट्ठल और पृथ्वीराज कपूर नायक की भूमिका निभाई थे।

देश की प ली बोलती फिल्म कौन सी थी?

इसे सुनेंरोकेंAnswer. आलमआरा (1931 फ़िल्म) आलमआरा (विश्व की रौशनी) 1931 में बनी हिन्दी भाषा और भारत की पहली सवाक (बोलती) फिल्म है। इस फिल्म के निर्देशक अर्देशिर ईरानी हैं।

नायक जाति कैसे बनी?

इसे सुनेंरोकेंनायक इतिहास ‘तुलुव वंश :दक्षिण भारत मे तमिलनाडु मे नरसा नायक के पुत्र वीर नरसिँह ने इस वंश कि स्थापना कि। यह राजवंश दक्षिण भारत का सबसे प्रभावशाली राजवंश था।

नमक का दारोगा कहानी में पंडित अलोपीदीन के व्यक्तित्व के कौन से दो पहलू?

इसे सुनेंरोकेंकहानी में पंडित आलोपीदीन के दो पहलू नज़र आते है| एक ईमानदारी का पर व्यापारी का| पंडित आलोपीदीन व्यापार को चलाने के लिए अच्छे और बुरे तरीकों का प्रयोग करते है| वह एक भ्रष्ट, धूर्त, स्वार्थी व्यक्ति दिखाई देते हैं। दूसरा पक्ष एक ऐसे व्यक्ति का है, जो ईमानदारी, आदर्श और दृढ़ चरित्र वाले लोगों का सम्मान करता है।

गिलगमेश शब्द क्या है?

इसे सुनेंरोकेंगिलगमेश, प्राचीन सुमेरी वीरकाव्य और उसके नायक का नाम। गिलगमेश उस काव्य में जलप्रलय की कथा मनु और नूह के अग्रवर्ती अपने पूर्वज जिउसुद्दू के मुख में सुनता है कि किस प्रकार उसने प्रलय के अवसर पर जीवों के जोड़े अपनी नौकाओं में एकत्र कर उनकी रक्षा की थी।

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विजयनगर में नायक कौन थे?

इसे सुनेंरोकेंनायक : (i) विजयनगर साम्राज्य में स्थानीय सेना प्रमुखों को नायक कहा जाता था। इनके पास सैन्य शक्ति होती थी। जिसके द्वारा वे किलों पर नियंत्रण रखते थे। उनके पास सशस्त्र समर्थक होते थे।

गिलगमेश कौन था उसने किस महाकाव्य की रचना की?

इसे सुनेंरोकेंसुमेरी बाबुली परंपरा की वह कहानी गिलगमेश महाकाव्य में सुमेरी कीलनुमा अक्षरों में गीली ईंटों पर लिखी सातवीं सदी ई. पू. के असुर सम्राट् असुर बनिपाल के निनेवे के संग्रहालय से मिली है। जलप्रलय की कथा का नायक गिलगमेश का पूर्वज जिउसुद्दू है पर वीरकाव्य का नायक स्वयं गिलगमेश है।

भारत की पहली सवाक बोलती फिल्म कौनसी है एवं इसके नायक नायिका कौन थे?

पहली बोलती फ़िल्म के नायक व नायिका कौन थे?

आलमआरा (1931 फ़िल्म)

आलमआरालेखकजोसेफ डेविड मुंशी जहीर (उर्दू)अभिनेतामास्टर विट्ठल जुबैदा पृथ्वीराज कपूरसंगीतकारफ़िरोज़शाह मिस्त्री बहराम ईरानीप्रदर्शन तिथि(याँ)मार्च 14, 1931

गिल्गेमिश का महाकाव्य कितनी पट्टिकाओं पर लिखा गया था?

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इसे सुनेंरोकेंगिल्गेमिश महाकाव्य 12 पट्टिकाओं के ऊपर लिखा गया था। उसके जीवन वर्णन के माध्यम से इस महाकाव्य में मेसोपोटामिया के नगरों के वैभव का वर्णन किया है।

गिलगमेश का महाकाव्य कितनी Pattiyon प्रति लिखी गया था?

Gilgamesh के महाकाव्य

The Deluge tablet of the Gilgamesh epic in AkkadianWrittenc. 2100 BCCountryMesopotamiaLanguageSumerianMedia typeclay tablet

विजयनगर साम्राज्य के महाराजाधिराज की उपाधि प्राप्त करने वाला प्रथम शासक कौन था?

इसे सुनेंरोकें319 से 350 ई. के बीच का वह गुप्तशासक जिसने ‘महाराजाधिराज’ की उपाधि धारण की थी-चन्द्रगुप्त प्रथम। वह साम्राज्य जिसका वास्तविक संस्थापक चन्द्रगुप्त प्रथम था-गुप्त साम्राज्य।

नायक कौन सी भाषा बोलते थे?

इसे सुनेंरोकेंनायक (अंग्रेज़ी: Naik) या नाइक भारतीय तथा पाकिस्तानी सेना में एक पद है, जो नाटो मानकों के अनुसार कॉर्पोरल के समकक्ष है। तमिल भाषा में, नाइक शब्द का उपयोग राजा या राज्यपाल को इंगित करने के लिए किया जाता है। लान्स नायक और हवलदार के बीच स्थित यह पद सर्वप्रथम ब्रिटिश भारतीय सेना तथा कैमल कोर में प्रयोग किया गया था।

पहली बोलती फिल्म प्रदर्शित हुई तो उसके पोस्टरों पर कौन से वाक्य छापे गए उस फिल्म में कितने चेहरे थे स्पष्ट कीजिए?
  • 2 आलमआरा फिल्म में कितने पात्र थे 2 points 78 72 76 74?
  • 3 आलम आरा फिल्म मैजेस्टिक सिनेमा में कितने सप्ताह हाउस फुल चली?
  • 4 आलमआरा फ़िल्म की नायिका का क्या नाम था?
  • 5 पहली बोलती फिल्म बनाने वाले फिल्मकार कौन थे फिल्म बनाने की इच्छा उनके मन में किस फिल्म को देखकर जगी?
  • 6 पहली बोलती फिल्म में कुल कितने चेहरे थे?
  • 7 अर्देशिर एम ईरानी की संस्था ने कितनी फिल्मों का निर्माण किया?
  • पहली बोलती फिल्म प्रदर्शित हुई तो उसके पोस्टरों पर कौन से वाक्य छापे गए उस फिल्म में कितने चेहरे थे स्पष्ट कीजिए?

    इसे सुनेंरोकेंजब पहली बार बोलती फिल्म प्रदर्शित हुई तो उसके पोस्टरों पर छापा गया-“वे सभी सजीव हैं, साँस ले रहे हैं, शत-प्रतिशत बोल रहे हैं। अठहत्तर मुर्दा इन्सान जिन्दा हो गए। उनको बोलते, बातें करते देखो।” पोस्टर पढ़कर बताया जा सकता है कि उस फिल्म में अठहत्तर चेहरे थे।

    आलमआरा फिल्म में कितने पात्र थे 2 points 78 72 76 74?

    इसे सुनेंरोकेंमाधुरी , 71 चेहरे C. आलम आरा , 78 चेहरे D.

    आलम आरा फ़िल्म की शूटिंग कब की जाती थी और क्यों?

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    इसे सुनेंरोकेंAnswer: स्टूडियो के पास रेलवे ट्रैक था, लिहाज़ा वातावरण और आस-पास के शोर से बचने के लिए ‘आलम आरा’ का अधिकांश हिस्सा रात में 1 से 4 बजे के बीच शूट किया गया था।

    सवाक् फ़िल्म की शुरुआत करने वाले पहले निर्माता निर्देशक कौन थे?

    इसे सुनेंरोकेंसवाक् सिनेमा के नए दौर की शुरुआत करानेवाले निर्माता-निर्देशक अर्देशिर इतने विनम्र थे कि जब 1956 में ‘आलम आरा’ के प्रदर्शन के पच्चीस वर्ष पूरे होने पर उन्हें सम्मानित किया गया और उन्हें ‘भारतीय सवाक् फिल्मों का पिता’ कहा गया तो उन्होंने उस मौके पर कहा था, “मुझे इतना बड़ा खिताब देने की ज़रूरत नहीं है।

    आलम आरा फिल्म मैजेस्टिक सिनेमा में कितने सप्ताह हाउस फुल चली?

    इसे सुनेंरोकेंयह फिल्म 14 मार्च 1931 को मुंबई के ‘मैजेस्टिक’ सिनेमा में प्रदर्शित हुई। फिल्म 8 सप्ताह तक ‘हाउसफुल’ चली और भीड़ इतनी उमड़ती थी कि पुलिस के लिए नियंत्रण करना मुश्किल हो जाया करता था। समीक्षकों ने इसे ‘भड़कीली फैंटेसी’ फिल्म करार दिया था मगर दर्शकों के लिए यह फिल्म एक अनोखा अनुभव थी।

    आलमआरा फ़िल्म की नायिका का क्या नाम था?

    इसे सुनेंरोकेंकौन थी एक्ट्रेस जुबैदा… – उन्होंने साल 1931 में आई देश की पहली बोलती फिल्म ‘आलम-आरा’ में बतौर एक्ट्रेस काम किया था। – जुबैदा गुजरात के नवाब सिद्दी इब्राहीम की बेटी थीं। उन दिनों फिल्मों में काम करना अच्छा नहीं माना जाता था। इसलिए शुरू में जुबैदा को काफी मुश्किलों का सामना भी करना पड़ा।

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    आलम आरा फिल्म बनाने में कितना समय लगा?

    इसे सुनेंरोकेंयह फिल्म 10 हजार फुट लंबी थी और इसे चार महीनों की कड़ी मेहनत से तैयार किया गया था। ‘आलम आरा’ फिल्म किस सिनेमा हॉल में प्रदर्शित की गई?

    मूक फिल्मों के दौर में कैसे कलाकारों से काम चल जाता था?

    इसे सुनेंरोकेंमूक फिल्मों के दौर में तो पहलवान जैसे शरीर वाले, स्टंट करने वाले और उछल – कूद करनेवाले अभिनेताओं से काम चल जाया करता था। अब उन्हें संवाद बोलना था और गायन की प्रतिभा की कद्र भी होने लगी थी। इसलिए ‘आलम आरा’ के बाद आरंभिक ‘सवाक्’ दौर की फिल्मों में कई ‘गायक-अभिनेता’ बड़े पर्दे पर नजर आने लगे।

    पहली बोलती फिल्म बनाने वाले फिल्मकार कौन थे फिल्म बनाने की इच्छा उनके मन में किस फिल्म को देखकर जगी?

    इसे सुनेंरोकेंउत्तर:- फिल्मकार अर्देशिर एम. ईरानी ने 1929 में हॉलीवुड की एक बोलती फिल्म ‘शो बोट’ देखी और तभी उनके मन में बोलती फिल्म बनाने की इच्छा जगी। इस फ़िल्म का आधार उन्होंने पारसी रंगमंच के एक लोकप्रिय नाटक से लिया।

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    पहली बोलती फिल्म में कुल कितने चेहरे थे?

    इसे सुनेंरोकें”वे सभी सजीव हैं, साँस ले रहे हैं, शत–प्रतिशत बोल रहे हैं, अठहत्तर मुर्दा इनसान जिंदा हो गए, उनको बोलते, बातें करते देखो।” पाठ के आधार पर ‘आलम आरा’ में कुल मिलाकर 78 चेहरे थे।

    सवाक् फिल्मों में कलाकारों को अभिनय के अलावा और कौन सा काम करना पड़ता था?

    इसे सुनेंरोकेंमूक फ़िल्मों के दौर में तो पहलवान जैसे शरीरवाले, स्टंट करनेवाले और उछल-कूद करनेवाले अभिनेताओं से काम चल जाया करता था।

    पहली सवाक् फिल्मों में कितने कलाकारों ने काम किया था?

    इसे सुनेंरोकेंपाठ के आधार पर ‘आलम आरा’ में कुल मिलाकर 78 चेहरे थे। परन्तु इसमें कुछ मुख्य कलाकार नायिका जुबैदा, नायक विट्ठल, सोहराब मोदी, पृथ्वीराज कपूर, याकूब और जगदीश सेठी जैसे लोग भी मौजूद थे।

    अर्देशिर एम ईरानी की संस्था ने कितनी फिल्मों का निर्माण किया?

    इसे सुनेंरोकेंअर्देशिर की कंपनी ने लगभग 150 मूक व 100 सवाक् फिल्में बनाई। विट्ठल का चयन आलम आरा फिल्म के नायक के रूप में हुआ लेकिन उन्हें हटाया क्यों गया?

    पहली बोलती फ़िल्म के नायक व नायिका कौन थे?

    कौन-कौन था पहली बोलती फिल्म में - 'आलम आरा' में मास्टर विट्ठल, जुवैदा, जिल्लो, सुशीला और पृथ्वीराज कपूर ने किरदार अदा किए थेफिल्म की कहानी जोसेफ डेविड ने लिखी थी, जबकि इसके डायरेक्टर अर्देशिर ईरानी थे

    आलम आरा के नायक का नाम क्या था?

    ➲ 'आलम आरा' फिल्म के नायक विट्ठल थे। आलम आरा भारत की पहली बोलती फिल्म थी, जो 14 मार्च 1931 को प्रदर्शित हुई थी। आलम आरा फिल्म के निर्देशक आर्देश्वर एम. ईरानी थे इस फिल्म के मुख्य नायक 'विट्ठल' थे और फिल्म की नायिका जुबेदा थीं। उस समय बिट्ठल एक लोकप्रिय कलाकार थे।

    पहली बोलती फिल्म कौन सी थी उसके निर्माता निर्देशक कौन थे?

    गूंगी फ़िल्मों ने बोलना सीखा. दिन था शनिवार, तारीख़ 14 मार्च और वर्ष 1931. इसी दिन मुंबई के मैजेस्टिक सिनेमा हॉल में आर्देशिर ईरानी निर्देशित 'आलम आरा' रिलीज़ हुई. ये भारत की पहली बोलती फ़िल्म (टॉकी) थी.

    भारत की पहली सवाक फिल्म की पहली नायिका कौन हैं?

    आलमआरा (1931 फ़िल्म).