नीरज चोपड़ा का भाला कितने वजन का था? - neeraj chopada ka bhaala kitane vajan ka tha?

टोक्यो ओलिंपिक में भारत ने 121 साल में पहली बार एथलेटिक्स में स्वर्ण जीता. ओलिंपिक में भाला फेंक (Javelin Throw) खेल में गोल्ड हासिल होने के बाद से लोगों की रुचि इसमें बढ़ने लगी है.

टोक्यो ओलिंपिक में भारत ने 121 साल में पहली बार एथलेटिक्स में स्वर्ण जीता. नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) ने यह कीर्तिमान जैवलिन थ्रो (Javelin Throw) यानी भाला फेंक प्रतियोगिता में हासिल किया है. ओलिंपिक में भाला फेंक खेल में गोल्ड जीतने के साथ ही लोगों की दिलचस्पी इस खेल की ओर काफी बढ़ गई है. ऐसे बहुत कम लोग होंगे जिन्हें इस खेल के सारे नियम पता होंगे.

जैवलिन थ्रो में पहला गोल्ड मेडल (Gold Medal) हासिल होने के बाद पूरे देश में जश्न का माहौल है. ऐसे में लोग रुचि भी ले रहे हैं कि यह खेल आखिर है क्या और इसके नियम (Rules of Javelin Throw) क्या होते हैं. खुद नीरज चोपड़ा भी नियमों के बारे में कई बार बता चुके हैं. आइए टोक्यो ओलिंपिक में भारत को स्वर्ण दिलाने वाले इस खेल के बारे में सब कुछ जानते हैं.

जैवलिन थ्रो क्या है?

जैवलिन थ्रो यानी भाला फेंक एक ओलिंपिक खेल है. यह एक ट्रैक और फील्ड इवेंट है. यह एक आउटडोर खेल है. इसमें पुरुषों के भाले का वजन कम से कम 800 ग्राम और लंबाई 2.6 मीटर और 2.7 मीटर के बीच होती है. वहीं महिलाओं के भाला का वजन कम से कम 600 ग्राम और लंबाई 2.2 मीटर और 2.3 मीटर के बीच होती है. थ्रो को उस बिंदु से मापा जाता है जहां टिप पहले जमीन से टकराती है. एक वीडियो में नीरज ने बताया कि गेम्स के दौरान यह नियम है कि सभी खिलाड़ी अपने पर्सनल जैवलिन को एक साथ रखते हैं. उसको सभी थ्रोअर इस्तेमाल कर सकते हैं.

भाले का आकार

वजन- पुरुष खिलाड़ी के लिए लिए भाले का वजन 800 ग्राम होता है. वहीं महिला खिलाड़ी के लिए 600 ग्राम का भाला होता है.

लंबाई- पुरुष के लिए 2.6 और 2.7 मीटर (8 फीट 6 इंच और 8 फीट 10 इंच), जबकि महिला के लिए 2.2 और 2.3 मीटर.

भाला फेंक खेल के नियम

भाला फेंकते समय उसको कंधे के ऊपर से फेंका जाता है. आप भाला फेंकने से पहले भाला फेंकने वाली दिशा में पीठ नहीं कर सकते. अगर भाला फेंकते समय मैदान के छोर या सिरों पर बनी रेखा (जिसे स्क्रैच लाइन भी कहा जाता है) को खिलाड़ी के शरीर का कोई भी हिस्सा छू लेता है, तो इसे खेल का उल्लंघन माना जाता है. इस खेल में सही थ्रो वो ही माना जाता है, जिसमें भाले का सिरा जमीन में घुस जाए या भाला जमीन पर खड़ा रहे. खेल के दौरान खिलाड़ी को तीन बार भाला फेंकने का मौका दिया जाता है. ज्यादा दूर फेंकने वाला जीत जाता है. साथ ही अगर भाला फेंकते समय भाले का छोर टूट जाए या भाला खंडित हो जाए तो कोशिश विफल मानी जाती है.

भाला फेंकने का तरीका

  • एक थ्रोअर भाले को कंधे के ऊपर (सिर के करीब) उठाकर रन-अप की शुरुआत करता है, जिसमें नुकीले धातु के सिरे को थ्रो की दिशा में फेंकते हैं. साथ ही इस पोल को पकड़ने के लिए एक ग्रिप भी होती है.
  • 30 मीटर से 36.50 मीटर लंबा और 4 मीटर चौड़े रनवे पर एथलीट दौड़ता है. थ्रो के दौरान एथलीट किसी भी समय रनवे से बाहर नहीं जा सकता है.
  • एथलीट अपनी सुविधानुसार भाले को तीन प्रकार से पकड़ सकता है. अमेरिकी पकड़, फिनिश पकड़ और वी पकड़. तीनों ही पकड़ में उंगलियों और भाले की स्थिति अलग होती है.
  • आमतौर पर एथलीट के स्ट्रेट रन-अप में 10 से 15 कदम की दूरी होती है, इसके बाद तीन से चार क्रॉसओवर कदम आगे बढ़ता है, इस दौरान एथलीट दौड़ना जारी रखता है लेकिन एथलीट तिरछा चलते हुए सही दिशा में भाला फेंकता है.
  • खेल के नियम के अनुसार, एथलीट को फाउल लाइन को पार नहीं करना चाहिए. यह वह लाइन है, जिससे दूरी को नापा जाता है. एथलीट रन-अप और थ्रो के दौरान जिस ताकत से भाला फेंकते हैं, उसे भाला फेंकते ही काबू करना मुश्किल होता है.

इस खेल का इतिहास

एक खेल के रूप में भाला फेंक को शिकार और लड़ाई में भाले के उपयोग से लिया गया है. पुरुषों के लिए यह खेल 1908 से और महिलाओं के लिए 1932 से, यह ओलिंपिक खेलों का हिस्सा रहा है. पुरुषों के लिए भाला फेंक का नियम साल 1986 में संशोधित किया गया था. भाला फेंक को जब खेलों में शामिल किया गया तबसे लेकर आज तक इसकी तकनीक में कई परिवर्तन हुए हैं. शुरुआत में स्वीडन तकनीक होती थी जिसमें तीन कदम दौड़कर भाला पत्थर की तरह फेंका जाता था. उस समय भाले पर डोरी नहीं लपेटी जाती थी. 1920 से 1932 तक पोलिश तकनीक प्रयोग की गयी जिसमें दौड़ते समय भाला कंधे पर रहता था और शरीर पूरी तरह कमान की भांति तन जाता था.

वर्ल्ड रिकॉर्ड

भाला फेंक का वर्ल्ड रिकॉर्ड (Javelin Throw World Record) जैन जेलेगनी के नाम है, जिन्होंने जर्मनी में जेस्स मीटिंग इवेंट में 98.48 मीटर की दूरी तक भाला फेंका था. इससे पहले पुराने नियमों के अनुसार, 1984 में उवे हॉन ने 104.8 मीटर दूर भाला फेंक वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था. उवे हॉन ने पुराने भाले से यह रिकॉर्ड कायम किया था. 1986 में नए डिजाइन के भाले से इवेंट होने लगे. नए डिजाइन के भाले के साथ वर्ल्ड रिकॉर्ड अब चेकोस्लोवाकिया के खिलाड़ी जैन जेलेगनी के नाम है, जिन्होंने जर्मनी में जेस्स मीटिंग इवेंट में 98.48 मीटर की दूरी तक भाला फेंका था. यह कारनामा जेन ने 1996 में किया था.

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नीरज चोपड़ा का भाला कितने वजन का था? - neeraj chopada ka bhaala kitane vajan ka tha?

Tokyo Olympics 2020: टोक्‍यो ओलंपिक में गोल्‍ड जीतने के बाद नीरज चोपड़ा (PIC: AFP)

Neeraj Chopra Gold: टोक्‍यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में गोल्‍ड जीतकर इतिहास रचने वाले नीरज चोपड़ा का वजन 12 साल की उम्र ...अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : August 08, 2021, 09:51 IST

    नई दिल्‍ली. नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) ने टोक्‍यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में गोल्‍ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया. एथलेटिक्‍स में भारत का यह पहला ओलंपिक मेडल है. उन्‍होंने 87.58 मीटर भाला फेंककर गोल्‍ड भारत की झोली में डाला. नीरज चोपड़ा ने इसी के साथ साबित कर दिया कि वो कितने ज्‍यादा फिट हैं. एक समय था, जब उनके अधिक वजन के कारण गांव के लड़के सरपंच कहकर उनका मजाक उड़ाते थे. इसके बाद ही उनके पिता ने उन्‍हें जिम भेजना शुरू किया.

    दरअसल जब नीरज 12 साल के थे, तब मलाई बूरा शक्‍कर खाने की वजह से उनका वजन 85 किलो तक हो गया था. ऐसे में जब वह कुर्ता पहनकर बाहर निकलते थे तो गांव के लड़के गांव का सरपंच कहकर उनका मजाक उड़ाया करते थे.

    सपने को पूरा करने के लिए छोड़ दिया था मीठा

    हालांकि जिम में सबसे छोटे होने के कारण उन्‍होंने वहां जाने से मना कर दिया. इसके बाद उन्‍होंने मैदान पर कदम रखा और कोच जयवीर सिंह ने उनके टैलेंट को पहचान लिया. बिना ट्रेनिंग के ही नीरज 40 मीटर तक जेवलिन फेंक रहे थे. इसके बाद नीरज का एक नया सफर शुरू हुआ.

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    नीरज चोपड़ा ने अपने इस सपने को पूरा करने के लिए मीठा तक छोड़ दिया. जो उन्‍हें काफी पसंद है. ओलंपिक में इतिहास रचने के बाद अब नीरज की मां का कहना है कि वो अपने बेटे को जी भरकर बूरा खिलाएंगी. नीरज ने सबसे पहले भाला फेंकने की कला पानीपत के कोच जयवीर सिंह से सीखी थी. इसके बाद पंचकूला में उन्होंने 2011 से 2016 की शुरुआत तक ट्रेनिंग लिया. हालांकि नीरज सिर्फ भाला ही नहीं फेंकते थे, बल्कि लंबी दूरी के धावकों के साथ दौड़ते भी थे.

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    Tags: Neeraj Chopra, Neeraj chopra gold medals, Tokyo 2020, Tokyo Olympics, Tokyo Olympics 2020

    FIRST PUBLISHED : August 08, 2021, 09:25 IST

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    भाला कितने रुपए का है?

    चोपड़ा का भाला ई नीलामी में सबसे महंगा बिका, जबकि भवानी देवी की तलवार 1.25 करोड़ रुपये में बिका. पैरालंपिक चैंपियन सुमित अंतिल का भाला एक करोड़ 20 हजार रुपए में बिका. टोक्यो ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वालीं लवलीना बोरगोहेन के बॉक्सिंग ग्लव्स 91 लाख रुपए में बिके.

    नीरज चोपड़ा ने कितने मीटर वाला भेजा था?

    भारत के इक्का भाला फेंकने वाले नीरज चोपड़ा ने फिनलैंड में पावो नूरमी खेलों में 89.30 मीटर की दूरी पर फेंककर एक नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया। चोपड़ा का इससे पहले राष्ट्रीय रिकॉर्ड 88.07 मीटर था जो उन्होंने पिछले साल मार्च में पटियाला में बनाया था

    जैवलिन थ्रो का वर्ल्ड रिकॉर्ड क्या है?

    यदि किसी को वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ना है, तो उसे कड़ी मेहनत करनी होगी, क्योंकि वर्ल्ड एथलेटिक्स के मुताबिक, यह वर्ल्ड रिकॉर्ड 98.48 मीटर का है, जिसे 25 मई 1996 को चेक रिपब्लिक के जान ज़ेलेज़नी (Jan ŽELEZNÝ) ने बनाया था. आइए आपको बताते हैं दुनिया के टॉप-10 जेवलिन थ्रो रिकॉर्ड....