नमस्ते का मतलब हिंदी में क्या है? - namaste ka matalab hindee mein kya hai?

क्या आप जानते हैं क्या होता है नमस्ते का मतलब!

नमस्ते का मतलब हिंदी में क्या है? - namaste ka matalab hindee mein kya hai?

हम लोगों जब एक दूसरे से मिलते हैं तो नमस्ते बोलकर सिर झुकाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि नमस्ते का क्या मतलब होता है।

हम लोगों जब एक दूसरे से मिलते हैं तो नमस्ते बोलकर सिर झुकाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि नमस्ते का क्या मतलब होता है।

  • News18India.com
  • Last Updated : October 26, 2015, 09:35 IST

    नई दिल्ली। हम लोगों जब एक दूसरे से मिलते हैं तो नमस्ते बोलकर सिर झुकाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि नमस्ते का क्या मतलब होता है। हम लोग नमस्ते तो करते हैं, लेकिन इसका मतलब हमें नहीं पता होता। हम आपको बताते हैं नमस्ते का मतलब
    नमस्ते या नमस्कार को संस्कृत में विच्छेद करें तो हम पाएंगे की नमस्ते दो शब्दों से बना है नमः + अस्ते। नमः का मतलब होता है झुक गया और असते मतलब सर( अहंकार या अभिमान से भरा) यानि मेरा अहंकार से भरा सिर आपके सामने झुक गया।
    नम: का एक और अर्थ हो सकता है जो है न + में यानी की मेरा नहीं सब कुछ आपका। आध्यात्म की दृष्टि से इसमें मनुष्य दूसरे मनुष्य के सामने अपने अंहकार को कम कर रहा है। नमस्ते करते समय में दोनों हाथों को जोड़कर एक कर दिया जाता है जिसका अर्थ है की इस अभिवादन के बाद दोनों व्यक्ति के दिमाग मिल गए या एक दिशा में हो गए।

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    FIRST PUBLISHED : October 26, 2015, 09:35 IST

    नमस्ते का सही अर्थ क्या है?

    अतः नमस्ते का शाब्दिक अर्थ है- तुम्हारे लिए प्रणाम। इसे "तुमको प्रणाम" या "तुम्हें प्रणाम" भी कहा जा सकता है। परन्तु इसका संस्कृत रूप हमेशा "तुम्हारे लिए नमह" ही रहता है, क्योंकि नमह अव्यय के साथ हमेशा चतुर्थी विभक्ति आती है, ऐसा नियम है।

    नमस्ते कब बोला जाता है?

    नमस्ते अपने से बड़ों को किया जाता है जबकि नमस्कार अपने बराबर के लोगों को । जब छोटे बड़े का अभिवादन करते हैं तो "नमस्ते" करतें हैं। जब दो समकक्ष आपस में एक दूसरे का अभिवादन करते हैं तो एक दूसरे को नमस्कार करते हैं। नमस्ते =नमः+ते ।

    नमस्ते और नमस्कार में क्या अंतर होता है?

    नमस्कार बना है नम: कार से और नमस्ते में दो शब्द हैं नम: ते. ते का अर्थ है आपको और नम: मेरा नमस्कार. नमस्कार संज्ञा है जबकि नमस्ते पूरा वाक्य है. लेकिन नमस्कार कहने से भी पूरे वाक्य का ही बोध होता है.

    नमस्ते का जवाब क्या होता है?

    नम: का एक और अर्थ हो सकता है जो है न + में यानी की मेरा नहीं सब कुछ आपका। आध्यात्म की दृष्टि से इसमें मनुष्य दूसरे मनुष्य के सामने अपने अंहकार को कम कर रहा है। नमस्ते करते समय में दोनों हाथों को जोड़कर एक कर दिया जाता है जिसका अर्थ है की इस अभिवादन के बाद दोनों व्यक्ति के दिमाग मिल गए या एक दिशा में हो गए।