निम्न में से कौन लुप्तप्राय नहीं है? - nimn mein se kaun luptapraay nahin hai?

निम्न में से कौन लुप्तप्राय नहीं है? - nimn mein se kaun luptapraay nahin hai?

प्रश्न-जून‚ 2020 में ओडिशा की महानदी में घड़ियाल की एक गंभीर रूप से लुप्तप्राय प्रजाति का प्राकृतिक निवास स्थान देखा गया है। ओडिशा में घड़ियाल को पहली बार कब लाया गया था?
(a) वर्ष 1954
(b) वर्ष 1975
(c) वर्ष 1959
(d) वर्ष 1964
उत्तर- (b)
संबंधित तथ्य

  • जून‚ 2021 में ओडिशा राज्य में प्रवाहित महानदी में घड़ियाल की एक गंभीर रूप से लुप्तप्राय प्रजाति का प्राकृतिक निवास स्थान देखा गया है।
  • इसी के साथ ओडिशा भारत का एक-मात्र राज्य बन गया है‚ जहां पर मगरमच्छ की तीनों प्रजातियां पाई जाती हैं।
  • इन तीन प्रजातियों में सरीसृप मीठे पानी के घड़ियाल‚ (महानदी कâे सतकोसिया में)‚ मगर क्रोकोडाइल (भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान) और साल्टवाटर क्रोकोडाइल शामिल है।
  • उल्लेखनीय है कि घड़ियाल गंभीर रूप से लुप्तप्राय प्रजातियां हैं और ओडिशा में उन्हें पहली बार वर्ष 1975 में लाया गया था।
  • यह पहला अवसर है जब ओडिशा में इन प्रजातियों को प्राकृतिक रूप से देखा गया है।
  • घड़ियाल के अंडों को लगभग 70 दिनों तक ऊष्मायन की जरूरत पड़ती है और घड़ियाल के बच्चे कई हफ्तों या महीनों तक माताओं के साथ ही रहते हैं।
  • ध्यातव्य है कि घड़ियाल‚ मगर क्रोकोडाइल से अलग होते हैं और वह इंसानों को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं।
  • अतिक्रमण और मछली पकड़ने जैसी गतिविधियों के कारण घड़ियाल के प्राकृतिक आवास खतरे में हैं।
  • ज्ञातव्य है कि घड़ियाल को स्थानीय कानूनों के तहत पूर्ण संरक्षण प्रदान किया गया है और इसे वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम‚ 1972 की अनुसूची-1 के तहत सूचीबद्ध किया गया है।

लेखक-विजय प्रताप सिंह

संबंधित लिंक भी देखें…

https://www.aninews.in/news/national/general-news/odisha-becomes-only-state-to-have-all-three-species-of-crocodiles20210622061846/

दुनिया में कौन-कौन सी प्रजातियां हैं विलुप्त होने के ख़तरे में?

22 मार्च 2018

निम्न में से कौन लुप्तप्राय नहीं है? - nimn mein se kaun luptapraay nahin hai?

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45 साल की उम्र थी आख़िरी सफेद गैंडे सूडान की

इसी सप्ताह कीनिया में दुर्लभ नस्ल के आख़िरी सफ़ेद गैंडे की मौत के बाद गैंडे की इस प्रजाति को विलुप्त घोषित कर दिया गया है.

वैज्ञानिकों को एक आख़िरी उम्मीद आईवीएफ़ (टेस्ट ट्यूब) तकनीक से है जिसकी मदद से आने वाले वक़्त में 'सूडान' नाम के इस गैंडे के बच्चों को जन्म दिया जा सकता है.

वर्ल्ड वाइल्ड फ़ंड फ़ॉर नेचर (WWF) में संरक्षण अभियानों के प्रमुख कॉलिन बटफ़ील्ड के अनुसार ये एक बुरी स्थिति है.

साल 1958 में वैक्विटा नाम की एक बड़ी समुद्री मछली की खोज हुई थी और उसके बाद जावन नस्ल के गैंडों की, जिनके बारे में कहा जा रहा है कि वो भी अब विलुप्त होने की कगार पर हैं.

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बोर्नियाई नस्ल के ऑरंगुटैन

ऐसे ही सुमात्रा में पाए जाने वाले गैंडे, काले गैंडे, अमूर तेंदुए, जंगली हाथी और बोर्नियो के ऑरंगुटैन कुछ ऐसी प्रजातियों में शामिल हैं जिनके बारे में कहा जाता है कि वे विलुप्तप्राय हैं या उनकी संख्या 100 से भी कम रह गई है.

प्रकृति के संरक्षण के लिए बनाए गए अंतरराष्ट्रीय संघ (IUCN) ने ऐसे जानवरों की सूची जारी की है जिन पर विलुप्त होने का ख़तरा मंडरा रहा है.

ख़तरे में शामिल नई प्रजातियां

इस लिस्ट के मुताबिक़, 5,583 ऐसी प्रजातियां हैं जिन्हें बचाए के लिए गंभीर रूप के काम किए जाने की ज़रूरत है.

कम से कम 26 ऐसी नई प्रजातियां हैं जिन्हें साल 2017 में इस लिस्ट में शामिल किया गया. ये प्रजातियां एक साल पहले तक ख़तरे के निशान से ऊपर थीं.

साल 2016 में IUCN ने एक अनुमान के तहत बताया था कि अब सिर्फ़ 30 वैक्विटा मछलियां बची हैं और हो सकता है कि अगले एक दशक में ये प्रजाति विलुप्त हो जाए.

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पूर्वी रूस में पाये जाने वाला अमूर तेंदुआ

ज़मीन पर पाए जाने वाले स्तनधारियों की गिनती करना आसान होता है. इसके लिए संस्थाएं जीपीएस ट्रैकर, कई किस्म के कैमरे, कंकालों की गिनती, पंजों के निशान और पेड़ों पर लगी खरोंचों का इस्तेमाल करती हैं.

फिर भी पशुओं की गिनती को लेकर हमेशा विवाद रहता है. हर साल नई प्रजातियों की भी खोज होती है.

भले ही ये नई प्रजातियां दुनिया भर में जानवरों की गिनत में जुड़ जाती हैं. लेकिन ये सच है कि जानवर बेहद तेज़ी से ख़त्म हो रहे हैं.

साथ ही ये एक बड़ी समस्या है कि विलुप्त होते जानवरों के बारे में एकदम सही आंकड़े जुटा पाना मुश्किल है.

नंबर कितने भरोसेमंद?

पशु सरक्षंण के लिए अभियान चलाने वाले कहते हैं कि ऐसी भी कई प्रजातियां हैं जिनके बारे में कहा गया कि वे विलुप्त हो चुकी हैं, लेकिन बाद में उनकी मौजूदगी दर्ज की गई.

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वैक्विटा नाम की एक बड़ी समुद्री मछली

जैसे ब्राज़ील में होने वाला ख़ास किस्म का नीला तोता जिसके विलुप्त होने की घोषणा कर दी गई थी. लेकिन साल 2016 में उस नस्ल के एक तोते को देखा गया.

इसीलिए कई वैज्ञानिकों का कहना है कि जब किसी जीव के विलुप्त होने के ख़तरे की बात हो तो सिर्फ़ नंबरों को देखना ठीक नहीं.

कैसे तय होता है कि कोई प्रजाति विलुप्त होने के ख़तरे में है?

  • एक नस्ल के सभी जीव जब एक जगह रहने लगें. ऐसे में माना जाता है कि किसी एक बीमारी या आपदा के कारण सभी की मौत हो सकती है.
  • देखा जाता है कि भौगोलिक रूप से कोई प्रजाति कितने बड़े इलाक़े में फैली है.
  • उनका प्रजनन चक्र कितना लंबा है? और क्या वो जोड़े में बच्चों को जन्म देते हैं या एक बार में एक ही बच्चा देने की क्षमता है.
  • वो किस तरह के ख़तरों का सामना कर रहे हैं?
  • क्या उस नस्ल की जनसंख्या में आनुवंशिक रूप से विविधता है?
  • उनका आवास किस तरह के ख़तरे में है और कितने ख़तरे में है?

आप सरल शब्दों में इसे ऐसे समझ सकते हैं कि किसी एक नस्ल के सिर्फ़ पांच सौ जानवर बचे हैं और वहीं दूसरी किसी नस्ल के सिर्फ़ तीन सौ. लेकिन तीन सौ जानवर अगर बड़े भौगोलिक इलाक़े में फैले हैं और पांच सौ किसी एक छोटी जगह तक सीमित हैं, तो पांच सौ जानवरों वाली नस्ल को पहले विलुप्तप्राय घोषित किया जाएगा.

उष्णकटिबंधीय वर्षा वनों में रहने वाली नस्लों और तेज़ गर्मी वाले जंगलों में रहने वाली नस्लों के बीच तुलना की जाती है.

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निम्नलिखित में से कौन सी प्रजाति लुप्त होने के कगार पर है?

ऐसे ही सुमात्रा में पाए जाने वाले गैंडे, काले गैंडे, अमूर तेंदुए, जंगली हाथी और बोर्नियो के ऑरंगुटैन कुछ ऐसी प्रजातियों में शामिल हैं जिनके बारे में कहा जाता है कि वे विलुप्तप्राय हैं या उनकी संख्या 100 से भी कम रह गई है.

लुप्तप्राय क्या है?

लुप्तप्राय प्रजातियां, ऐसे जीवों की आबादी है, जिनके लुप्त होने का जोखिम है, क्योंकि वे या तो संख्या में कम है, या बदलते पर्यावरण या परभक्षण मानकों द्वारा संकट में हैं। साथ ही, यह वनों की कटाई के कारण भोजन और/या पानी की कमी को भी द्योतित कर सकता है।

निम्नलिखित में से कौन एक लुप्तप्राय जंगली जानवर है?

भारतीय हाथी, बंगाल टाइगर, भारतीय शेर, भारतीय गेंडा, गौर, शेर जैसी पूंछ वाला अफ्रीकी लंगूर, तिब्बती हिरन, गंगा नदी डॉल्फिन, नील गिरि तहर, हिम तेंदुए, ढोल, काली बतख, महान भारतीय बस्टर, जंगली उल्लू, सफेद पंख वाली बतख और कई अन्य भारत में सबसे लुप्तप्राय प्रजातियां हैं।

निम्नलिखित में से कौन एक विलुप्त प्रजाति है?

Detailed Solution. सही उत्तर है इंद्रोक।