नाक की हड्डी बढ़ने पर क्या करना चाहिए - naak kee haddee badhane par kya karana chaahie

नाक की हड्डी बढ़ना क्या होता है?

नाक के अंदर वायुमार्ग की सतह में "टर्बिनेट" (Turbinate) नामक एक लम्बी बनावट होती है, जो नाक में जाने वाली हवा को गर्म और नम बनाती है। अगर यह टर्बिनेट बड़े हो जाते हैं, तो ये नाक में जाने वाली हवा में रुकावट बनने लगते हैं। इस समस्या को आम भाषा में 'नाक की हड्डी बढ़ना' और चिकित्स्कीय भाषा में “टर्बिनेट हाइपरट्रोफी” (Turbinate hypertrophy) कहा जाता है। इस समस्या से सांस लेने में समस्याएं, इन्फेक्शन और नाक से खून आना जैसे लक्षण हो सकते हैं।

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साइनस इन्फेक्शन, एलर्जी और वातावरण में परिवर्तन से निचले टर्बिनेट सूज और सिकुड़ सकते हैं। जब निचले टर्बिनेट की सूजन ठीक नहीं होती, तो उसे नाक की हड्डी बढ़ना कहा जाता है।

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कई लोगों के नाक में 3 और कई के नाक में 4 टर्बिनेट होते हैं। ज़्यादातर लोगों के नाक में ऊपरी, मध्यम और निचले टर्बिनेट होते हैं। आमतौर पर, निचले और मध्यम टर्बिनेट बढ़ने के कारण “टर्बिनेट हाइपरट्रोफी” की समस्या होती है।

नाक की हड्डी बढ़ने के कारण नाक में जाने वाली हवा में अवरोध होता है, जिससे सांस लेने में दिक्कत और खर्राटे लेना जैसे लक्षण होते हैं।

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इसका परीक्षण करने के लिए डॉक्टर आपकी नाक में देखते हैं और एमआरआई व सीटी स्कैन जैसे इमेजिंग टेस्ट करते हैं।

मेडिकल स्टोर पर मिलने वाली दवाओं और सर्जरी से नाक की हड्डी बढ़ने का इलाज किया जाता है।

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नाक की हड्डी, नाक के अंदर श्वसनमार्ग की सतह में टर्बिनेट नामक एक लम्बी बनावट को कहते हैं. इसका काम नाक के अंदर जाने वाली हवा को गर्म और नम बनाने का है. कई बार यह टर्बिनेट बड़ा हो जाता है और ये नाक में जाने वाली हवा में रुकावट पैदा करने लगते हैं. इस समस्या को ही बोलचाल की भाषा में नाक की हड्डी बढ़ना और चिकित्स्कीय भाषा में टर्बिनेट हाइपरट्रोफी कहा जाता है. इस समस्या से सांस लेने में समस्याएं, इन्फेक्शन और नाक से खून आना जैसे लक्षण हो सकते हैं. साइनस इन्फेक्शन, एलर्जी और वातावरण में परिवर्तन से निचले टर्बिनेट सूज और सिकुड़ सकते हैं. जब लोअर टर्बिनेट की सूजन कम नहीं होती है, तो उसे नाक की हड्डी बढ़ना कहा जाता है. आमतौर पर नाक में 3 से 4 टर्बिनेट होते हैं. ज़्यादातर लोगों के नाक में ऊपरी, मध्यम और निचले टर्बिनेट होते हैं. आमतौर पर, निचले और मध्यम टर्बिनेट बढ़ने के कारण टर्बिनेट हाइपरट्रोफी की समस्या होती है.

आइए इस लेख के माध्यम से हम नाक की हड्डी के बढ़ने के विभिन्न पहलुओं पर एक नजर डालें.

नाक की हड्डी बढ़ने के प्रकार - Naak Ki Haddi Badhne Ke Prakar

  1. नेस्ल साइकल: - इस प्रकार में नाक के एक तरफ मौजूद टर्बिनेट चार से छः घंटे तक सूज जाते हैं और इनके ठीक होने पर नाक के दूसरी तरफ के टर्बिनेट में सूजन हो जाती हैं.
  2. क्रॉनिक: - नाक की हड्डी बढ़ने का क्रॉनिक प्रकार टर्बिनेट में लम्बे समय से इन्फेक्शन या सूजन रहने के कारण होता है और टर्बिनेट निरंतर बढ़ता रहता है.

नाक की हड्डी बढ़ने के लक्षण - Naak Ki Haddi Badhne Ke Lakshan

  1. नाक की हड्डी बढ़ने से नाक से सांस लेने में कठिनाई होती है. इसके अन्य लक्षण निम्नलिखित हैं
  2. सूंघने की क्षमता में कमी आना
  3. चेहरे में हल्का दर्द होना
  4. लंबे समय तक नाक बंद रहना
  5. नाक बहना
  6. खर्राटे लेना
  7. मुंह से सांस लेने के कारण सो कर उठने पर मुंह का सूखा हुआ होना
  8. माथे पर दबाव महसूस होना

नाक की हड्डी बढ़ने के कारण - Naak Ki Haddi Badhne Ke Karan

टर्बिनेट के ऊपर मौजूद झिल्ली खून के प्रवाह के आधार पर फूलती और सिकुड़ती है.

इसके सबसे आम कारण निम्नलिखित हैं

  1. शरीर के तापमान में बदलाव.
  2. गर्भावस्था.
  3. उम्र बढ़ना.
  4. जन्मजात समस्याएं.
  5. लंबे समय से होने वाली साइनस की सूजन.
  6. वातावरण में मौजूद कुछ उत्तेजित करने वाले पदार्थ. मौसम में होने वाली एलर्जी.
  7. ड्रग्स लेना.
  8. हार्मोन में परिवर्तन.
  9. सर्दी जुकाम.
  10. ऊपर बताई गई सभी समस्याओं से नाक की हड्डी और टर्बिनेट के टिश्यू बढ़ सकते है या सूज सकते हैं.
  11. नाक की हड्डी बढ़ने की समस्या से परेशान कई लोगों के परिवार के लोगों को एलर्जिक राइनाइटिस की समस्या होती है या कभी हुई होती है.

नाक की हड्डी के बढ़ने का उपचार- Naak Ki Haddi Badhne Ka Ilaj in Hindi

नाक की हड्डी बढ़ने का निदान दवाओं और सर्जरी से किया जाता है.

दवाएं

ऐसी कुछ दवाएं हैं जिन्हें नाक की हड्डी बढ़ने के इलाज के लिए उपयोग किया जा सकता है, जैसे

  1. नाक की सूजन को कम करने के लिए नाक खोलने वाली दवाओं का उपयोग किया जा सकता है. ऐसा भी हो सकता है कि यह कुछ समय बाद प्रभाव दिखाना कम कर देता है.
  2. सिट्राज़िन या लोराटीडीन जैसी दवाओं का उपयोग मौसम में होने वाली एलर्जी को कम करने के लिए किया जाता है.
  3. सुडोइफीड्रीन और फिनाइलइफ्रीन जैसी दवाएं बंद नाक खोलने में असरदार होती हैं. हालाँकि, इन दवाओं से ब्लड प्रेशर पर प्रभाव पड़ता है, इसीलिए ये दवाएं उन लोगों को नहीं लेनी चाहिए जिन्हें पहले से ही ब्लड प्रेशर की समस्याएं हैं.

सर्जरी

अगर आपको अन्य उपायों से राहत महसूस नहीं हो रहा है, तो आपके टर्बिनेट का साइज़ कम करने के लिए डॉक्टर आपकी सर्जरी कर सकते हैं. इसके लिए निम्नलिखित तीन सर्जरी की जाती हैं

  1. सबम्यूकोसल डायाथर्मी: -
    इस सर्जरी में एक विशेष सुई का उपयोग करके गर्मी के द्वारा टर्बिनेट के अंदर के सॉफ्ट टिश्यू को सिकोड़ा जाता है.
  2. इन्फीरियर टर्बिनेट बोन रिसेक्शन: -
    इस सर्जरी में लोअर टर्बिनेट के हड्डी के एक हिस्सा को निकाला जाता है ताकि नाक में पर्याप्त हवा जा सके.
  3. पार्शियल इन्फीरियर टर्बिनेक्टमी: -
    इस प्रक्रिया में निचले टर्बिनेट में मौजूद सॉफ्ट टिश्यू निकाले जाते हैं.

नाक की हड्डी को बढ़ने से रोकने के उपाय - Naak Ki Haddi Badhne Ka Desi Ilaj

नाक की हड्डी को बढ़ने से रोकने के लिए वातावरण में मौजूद एलर्जी करने वाले पदार्थों के संपर्क में आने से बचना चाहिए.

इसके लिए आप निम्नलिखित उपाय कर सकते हैं

  1. घर को साफ़ रखें और मिट्टी इकट्ठी न होने दें. इसके लिए कारपेट, तकिए, परदे और फर्नीचर को अच्छे से साफ़ करें.
  2. कपडे वाले खिलौनों को फ्रिज में रखें और 24 घंटों के लिए छोड़ दें. ऐसा करने से उनमें मौजूद एलर्जी करने वाले सूक्ष्म कीटाणु मर जाते हैं.
  3. फफूंद को हटाने के लिए ख़ास बनाए गए सफाई करने वाले क्लीनर्स का उपयोग करें. खासकर, बेसमेंट, बाथरूम और रसोई में.
  4. अगर आपके पास पालतू जानवर हैं, तो उन्हें अपने बैडरूम से बाहर रखें. ऐसा करने से मिट्टी और अन्य एलर्जी करने वाले पदार्थ कम होंगे.
  5. घर में मौजूद हवा को साफ़ करने के लिए एयर फ़िल्टर का इस्तेमाल करें. इन फ़िल्टरों को इस्तेमाल करने की सबसे सही जगह बेडरूम होती है.
  6. अपने गद्दे पर कवर चढ़ा कर रखें, जिससे एलर्जी करने वाले माइक्रो बैक्टीरिया से बचा जाता है.
  7. स्मोकिंग न करें, विशेष कर घर के अंदर.

नाक की हड्डी बढ़ने से क्या दिक्कत होती है?

नाक की हड्डी बढ़ने से जुकाम का कोई संबंध नहीं है। आप एलर्जी से ग्रस्त हैं। ईएनटी विशेषज्ञ से मिलें।

अगर नाक की हड्डी बढ़ जाए तो क्या करना चाहिए?

इस हड्डी को राइनोप्लास्टी टेक्नीक से ठीक करते हैं। जिन्हें यह समस्या है उन्हें समय रहते इलाज लेना चाहिए वर्ना सांस संबंधी दिक्कत हो सकती है। नाक की हड्डी को ठीक करने के लिए सर्जरी करते हैं जिसमें गले में ट्यूब डालकर कृत्रिम सांस देकर प्रक्रिया पूरी करते हैं। सर्जरी के बाद नाक में विशेष जेल लगाते हैं।

नाक की हड्डी क्यों बढ़ती है?

जो लोग यह समझते हैं कि हड्डी बढ़ गई है तो उसके कई कारण हैं। अगर बचपन में कभी हड्डी पर चोट लग गई हो, दब गई हो या दबाव से अपने स्थान से खिसक जाए तो इन दशाओं में नाक की मध्य हड्डी एक तरफ झुक जाती है। नाक की हड्डी टूटने, दबने या कभी-कभी पूरी तरह अपने स्थान से खिसकने के कारण भी नाक का आकार ही टेढ़ा दिखाई देने लगता है।

हड्डी बढ़ने से क्या होता है?

जब फैटी टिश्यू के ऊपर ज्यादा दबाव पड़ता है या चोट लगती है तो उसकी वजह से एड़ी की हड्डी बढ़ जाती है। होता यूं है कि जब 'प्लैंटर फेशिया' पर दबाव बढ़ता है तो उस प्रभावित जगह को ठीक करने के लिए कैल्शियम जमा होने लगता है। जब कैल्शियम ज्यादा जमा हो जाता है तो एड़ी में हड्डी के आकार का उभार होने लगता है।