भारत में विविधता से आप क्या समझते हैं? - bhaarat mein vividhata se aap kya samajhate hain?

विविधता- विविधता का अर्थ है अलग-अलग प्रकार के धर्म , बोली, भाषा और समाज। जैसे:- भारत एक विविधता वादी राष्ट्र है अर्थात यहां विभिन्न प्रकार की बोलियाँ, भाषाएँ और सभ्यतायें एवं अनेक धर्म और जातियां मिलती हैं। धर्म-लिंग-योन अभिवृत्ति, सामाजिक आर्थिक स्थिति, शारीरिक क्षमता और धार्मिक मान्यताओं आदि को व्यक्तिगत मतभेदों के द्वारा पहचाना जा सकता है। गरशेल

के अनुसार-विविधता का अर्थ योग्यता, लिंग, जाति, प्रजाति, भाषा, चिंतन स्तर, विकलांगता, व्यवहार और धर्म से संबंधित होता है।"

इनके अलावा मनुष्य की सामाजिक, सांस्कृतिक एवं भूगौलिक स्थिति भी विविधता की मुख्य कारक हैं।

भारत में विविधता का क्या अर्थ है?

खान–पान, भाषा, त्योहार आदि भी भिन्न होते हैं। ये भिन्नताएँ हमारे जीवन को कई तरह से रोचक बनाती हैं ।

विविधता से आप क्या समझते हैं स्पष्ट कीजिए?

विविधता से तात्पर्य ऐसी स्थिति से है जिसमें समस्त भाषायी, क्षेत्रीय, भौगोलिक एवं सांस्कृतिक रुप से अलग-अलग रहने वाले मानव एक समुह/ समाज या एक स्थान विशेष में साथ-साथ निवास करते हैं। ऐसा माना जाता है कि सभी व्यक्ति शारीरिक रचना की दृष्टि से समान होती है।

भारत में विविधता में एकता क्या है?

विविधता में एकताभारत की एक अलग विशेषता है जो इसे पूरे विश्व भर में प्रसिद्ध करती है। आमतौर पर, अपनाने और उदार होने के महान प्राचीन भारतीय संस्कृति का अनुसरण भारत के लोग करते हैं जो स्वाभाव में उन्हें समाविष्टक बनाता है। “विविधता में एकता” समाज के लगभग सभी पहलुओं में पूरे देश में मजबूती और संपन्नता का साधन बनता है।

भारत में कितने प्रकार की विविधता है?

भारत में न केवल भौगोलिक, प्रजातीय एवं जनजातीय विविधता देखने को मिलती है, वरन् भाषागत विविधता भी देखने को मिलती है। देश में कुल मिलाकर लगभग 1,652 बोलियाँ बोली जाती हैं।