मध्य प्रदेश के सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान कौन सा है? - madhy pradesh ke sabase bada raashtreey udyaan kaun sa hai?

मध्यप्रदेश में देश के सर्वाधिक 11 राष्ट्रीय उद्यान है तथा 12 वा पालपुर कूनो राष्ट्रीय उद्यान प्रस्तावित है 

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मध्य प्रदेश के सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान कौन सा है? - madhy pradesh ke sabase bada raashtreey udyaan kaun sa hai?

1. कान्हा किसली राष्ट्रीय उद्यान

  • क्षेत्रफल 940 वर्ग किलोमीटर
  • कहां स्थित है मंडला मध्य प्रदेश
  • 1933 में अभयवन (सफारी) बना
  • 1952 में राष्ट्रीय अभ्यारण बना
  • 1955 में राष्ट्रीय उद्यान बनाया गया जो कि मध्य प्रदेश का पहला राष्ट्रीय उद्यान है
  • 1973 में मध्य प्रदेश का पहला टाइगर रिजर्व बना 
  • 1973 में जब प्रोजेक्ट टाइगर प्रारंभ हुआ तो भारत में जो सबसे पहले 9 टाइगर रिजर्व बनाए गए थे उनमें मध्य प्रदेश का कान्हा किसली टाइगर रिजर्व भी शामिल था
  • कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में बंजर घाटी (बालाघाट) तथा हालो घाटी (मंडला) स्थित है अर्थात कान्हा राष्ट्रीय उद्यान का विस्तार मंडला और बालाघाट में है
  • 1960 में के. फारसान ने ”हाइलैंड ऑफ सेंटर इंडिया” में हालो घाटी (मंडला) का वर्णन किया है तथा ब्रांडेर ने ”वाइल्ड एनिमल इन सेंट्रल इंडिया” में बंजार घाटी (बालाघाट) का वर्णन किया है
  • कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में सर्वाधिक मात्रा में 

       बाघ 

      चीतल

      बारहसिंघा पाए जाते हैं

  • बारहसिंघा को कान्हा का गहना कहां गया है 1981 में बारहसिंघा को मध्यप्रदेश का राजकीय पशु घोषित किया गया है कान्हा राष्ट्रीय उद्यान देश का पहला राष्ट्रीय उद्यान है जिसने 2018  में अपना शुभंकर ”भूरसिंह दा बारहसिंघा” को घोषित किया
  • वन्य प्राणी संरक्षण के लिए कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में प्रशिक्षण की सुविधा है
  • कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में 1965 में प्रसिद्धि वन्यजीव विशेषज्ञ जॉर्ज स्कॉलर ने वन्य जीव संरक्षण के लिए कार्य किया है
  • इस उद्यान में गोड़ बैगा दोनों जन जातियां पाई जाती है यहां बैगा महिलाओं को गाइड के रूप में प्रशिक्षित किया जा रहा है
  • टाइगर प्रोजेक्ट के अंतर्गत अमेरिका द्वारा इस राष्ट्रीय उद्यान में इंटरप्रिटेशन योजना चलाई गई
  • बम्हनी दरार कान्हा राष्ट्रीय उद्यान का सबसे ऊंचा स्थान है इसे सनशाइन-सनसेट पॉइंट कहते हैं
  • यहां के टूट वृक्षों को राजा रानी की संज्ञा दी गई है
  • कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में कुल्लू वृक्ष पाया जाता है जिसे भुतहा पेड़ (घोस्ट ट्री) कहते हैं इसमें गोंद पाई जाती है  जिसमें जानवर चिपक जाते हैं मानो वृक्ष ने पकड़ लिया हो
  • कान्हा राष्ट्रीय उद्यान सर्वप्रथम हवाई पट्टी का निर्माण किया गया था इसके बाद 2018 में बांधवगढ़ दूसरा राष्ट्रीय उद्यान था जहां हवाई पट्टी का निर्माण किया गया
  •  इस राष्ट्रीय उद्यान में साल और सागौन के वृक्षों का घनत्व अधिक है यहां पक्षियों की लगभग 300 प्रजाति पाई जाती हैं

2. बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान

  • क्षेत्रफल 437 वर्ग किलोमीटर
  • कहां स्थित है उमरिया मध्य प्रदेश
  • स्थापना 1968
  • 1993 में टाइगर रिजर्व बनाया गया
  • यह देश का सर्वाधिक बाघ घनत्व वाला राष्ट्रीय उद्यान है इसे मध्य प्रदेश का रणथंबोर भी कहा जाता है
  • यह राष्ट्रीय उद्यान 32 पहाड़ियों से घिरा राष्ट्रीय उद्यान है इसमें चरण गंगा नदी प्रवाहित होती है
  • बांधवगढ़ किले का निर्माण 2000 वर्ष पूर्व यहां किया गया था यहां शेषशाही नामक तलाब स्थित है जिसमें विष्णु भगवान की मूर्ति लेटी हुई अवस्था में है
  • बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान में गौर पुनर्वास योजना तथा हाथी पुनर्वास योजना कार्यान्वित है सितंबर 2019 में बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान में हाथी महोत्सव मनाया गया बांधवगढ़ का सबसे बुजुर्ग हाथी का नाम गौतम व मादा का नाम अनारकली है
  • रीवा की महाराज मार्तंड सिंह ने 1951 में बांधवगढ़ क्षेत्र में सबसे पहले सफेद बाघ पकड़ा था बांधवगढ़ का प्रसिद्ध बाग चार्जर और बाघनी सीता है जिन्हें नेशनल ज्योग्राफिक मैगजीन के फ्रंट पेज पर स्थान दिया गया था चार्जर बाघ की जिस स्थान पर मृत्यु हुई थी वह स्थान  चार्जर पॉइंट के रूप में विकसित किया गया है
  • बांधवगढ़ में लखवारिया की गुफा स्थित है
  • 2018 में बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान में हवाई पट्टी की स्थापना की गई यह मध्य प्रदेश का दूसरा राष्ट्रीय उद्यान है जहां कान्हा राष्ट्रीय उद्यान के बाद हवाई पट्टी स्थापित की गई है

3. माधव राष्ट्रीय उद्यान

  • क्षेत्रफल 337 वर्ग किलोमीटर
  • कहां स्थित है  शिवपुरी मध्य प्रदेश
  • स्थापना 1958 मध्य प्रदेश का दूसरा सबसे पुराना राष्ट्रीय उद्यान है
  • इसे सड़कों वाला राष्ट्रीय उद्यान भी कहते हैं क्योंकि इस राष्ट्रीय उद्यान से NH 46 ( Old NH 3) और NH 27 (Old NH 76) गुजरते हैं
  • इस राष्ट्रीय उद्यान में मनिहार नदी प्रवाहित होती है यहाँ संख्या राजे सागर झील स्थित है इसी झील पर संख्या राजे सिंधिया की समाधि सफेद संगमरमर से निर्मित है इस झील में मगरमच्छ संरक्षित हैं
  • इस राष्ट्रीय उद्यान में वृक्ष घनत्व सर्वाधिक है यहां जॉर्ज कैसल का किला भी स्थित है (जो जॉर्ज पंचम के यहां आगमन की संभावना के चलते बनाया गया था पर उनका यहां आना हो नहीं पाया) 
  • माधव राष्ट्रीय उद्यान मुगलों और सिंधिया वंश का शिकार क्षेत्र रहा है ।

4. सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान

  • क्षेत्रफल 524 वर्ग किलोमीटर
  • पचमढ़ी अभ्यारण और बोरी अभ्यारण का विस्तार सतपुड़ा टाइगर सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान से लगा हुआ है जिस आधार पर इसका क्षेत्रफल 1427 वर्ग किलोमीटर हो जाता है
  • स्थापना 1981 
  • कहां स्थित है मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले के अंतर्गत
  • इसका प्राचीन नाम मड़ई राष्ट्रीय उद्यान है मड़ई उत्सव का संबंध गोंड जनजाति से है
  • इस राष्ट्रीय उद्यान का विस्तार तवा देनवा नदी के क्षेत्रफल में है यहां साल सागौन वृक्ष का विस्तार सर्वाधिक है
  • होशंगाबाद के बोरी अभ्यारण में सर्वाधिक साल वृक्षों का घनत्व है
  • इस क्षेत्र में डेंड्रोकैलेमस स्ट्रीक प्रकार के बाँस पाए जाते हैं
  • सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान में कृष्ण मृग सर्वाधिक संख्या में पाए जाते हैं
  • यहाँ पनार पानी क्षेत्र में जड़ी-बूटी बैंक स्थापित किया गया है
  • यहां उड़ने वाली गिलहरी की दुर्लभ प्रजाति पाई जाती है
  • 2000 मे सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान को टाइगर रिजर्व घोषित किया गया  यह राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश का सर्वाधिक जैव विविधता वाला राष्ट्रीय उद्यान है

पचमढ़ी बायोस्फीयर रिजर्व (जीवमंडल आरक्षित क्षेत्र )

  • पचमढ़ी बायोस्फीयर रिजर्व का विस्तार होशंगाबाद बैतूल और छिंदवाड़ा जिले में है
  • इसके अंतर्गत बोरी अभ्यारण 518 वर्ग किलोमीटर पचमढ़ी अभ्यारण 461 वर्ग किलोमीटर तथा सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान 524 वर्ग किलोमीटर का विस्तार क्षेत्र है
  • पचमढ़ी बायोस्फीयर रिजर्व का क्षेत्रफल 4926 वर्ग किलोमीटर है
  • 1999 में भारत के बायोस्फीयर सूची में पचमढ़ी शामिल किया गया तथा 2011 में यूनेस्को की बायोस्फीयर में श्रेणी में शामिल किया गया
  • मध्यप्रदेश में पचमढ़ी बायोस्फीयर रिजर्व के अतिरिक्त अमरकंटक अचानकमार बायोस्फीयर रिजर्व तथा पन्ना बायोस्फीयर रिजर्व स्थित है

5. पेंच राष्ट्रीय उद्यान( इंदिरा प्रियदर्शनी राष्ट्रीय उद्यान)

  • क्षेत्रफल257 वर्ग किलोमीटर
  • स्थापना 1975
  •  कहां स्थित है मध्य प्रदेश के सिवनी छिंदवाड़ा
  • आईने अकबरी में पेंच राष्ट्रीय उद्यान का वर्णन है
  • विश्व बैंक के सहयोग से वन्य जीव संरक्षण प्रोजेक्ट चलाया गया है
  • पेंच  जल विद्युत परियोजना में बने बांध के कारण मानसून के समय इस उद्यान का लगभग 54 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र डूब में आ जाता है
  • शीत ऋतु में बर्फीले प्रदेश (हिमालय) से लगभग 210 प्रजाति के पक्षी शीत प्रवास पर आते हैं
  • रूडयार्ड किपलिंग द्वारा लिखित ‘ द जंगल बुक ‘ पुस्तक पेंच राष्ट्रीय उद्यान से प्रेरित है इसी आधार पर सिवनी जिले के जंगल में मोगली लैंड का विकास किया जा रहा है
  • बाघों की अकाल मृत्यु के कारण राष्ट्रीय उद्यान चर्चा में रहा है
  • NH 44 का 29 किलोमीटर हिस्सा जो पेंच राष्ट्रीय उद्यान से गुजरता है इस मार्ग को साउंड एवं लाइट रूफ बनाया जा रहा है
  • 1992 में पेंच राष्ट्रीय उद्यान टाइगर रिजर्व घोषित किया गया
  • यह मध्य प्रदेश का सबसे छोटा टाइगर रिजर्व है तथा देश का दूसरा सबसे छोटा टाइगर रिजर्व है देश का सबसे छोटा टाइगर रिजर्व बोरी टाइगर रिजर्व महाराष्ट्र में स्थित है 

6. घुघवा जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान

  • क्षेत्रफल.27 वर्ग किलोमीटर 
  • स्थापना 1983 
  • स्थान – मध्य प्रदेश के डिंडोरी जिले में 
  • मध्य प्रदेश का एकमात्र जीवाश्म आधारित राष्ट्रीय उद्यान है यहां के जीवाश्म 7 लाख वर्ष प्राचीन है
  • यहां हायफनेट जीवाश्म मिलता है जो मात्र अफ्रीका में पाए गए हैं
  • यहां जीवाश्म वैज्ञानिक डॉ धर्मेंद्र प्रसाद ने जीवाश्म अध्ययन किया है
  • खुले मंच पर प्रदर्शित जीवाश्म है जिनके साथ जीवाश्म संबंधी नोट्स संलग्न है जिससे कि पर्यटक जीवाश्म के बारे में सरलता से जानकारी प्राप्त कर सकें
  • यह जो जीवाश्म मिले हैं वे पौधे, पत्तियों, बीज, फूल, पर्वतारोही के हैं अब तक पहचाने गए 18 पौधों के परिवार में से 31 पीढ़ियों से संबंधित जीवाश्म है

7. ओंकारेश्वर राष्ट्रीय उद्यान

  • क्षेत्रफल 651 वर्ग किलोमीटर 
  • स्थापना 2004 
  • स्थान – मध्य प्रदेश के खंडवा
  • यह मालवा निमाड़ क्षेत्र का पहला राष्ट्रीय उद्यान है इसका विस्तार इंदिरा सागर जलाशय तथा ओम्कारेश्वर जलाशय के आसपास है

8. पन्ना राष्ट्रीय उद्यान

  • क्षेत्रफल 542 वर्ग किलोमीटर
  • स्थापना 1981 
  • स्थान – मध्यप्रदेश के पन्ना छतरपुर जिले में
  • 1994 में मध्य प्रदेश के पांचवी टाइगर रिजर्व के रूप में मान्यता मिली
  • 2009 में सरकार ने घोषित किया कि पन्ना में कोई भी बाघ नहीं है
  • 2011-12 में पन्ना राष्ट्रीय उद्यान को भारत के 18 वें बायोस्फीयर रिजर्व (जैव विविधता आरक्षित क्षेत्र) में शामिल किया गया तथा 2018 में यूनेस्को के भारत में 12वीं बायोस्फीयर रिजर्व क्षेत्र के रूप में शामिल किया गया
  • पन्ना राष्ट्रीय उद्यान में रेप्टाइल पार्क भी स्थित है
  • यह राष्ट्रीय उद्यान केन बेतवा लिंक परियोजना के अंतर्गत आता है
  • इस परियोजना में डोढन बांध केन नदी पर स्थित है इस उद्यान का 400 हेक्टेयर भाग डूब क्षेत्र में आता है
  • इस उद्यान से केन नदी प्रवाहित होती है तथा यहां केन घड़ियाल अभ्यारण और पन्ना गंगऊ अभ्यारण स्थित है

9. संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान डूबरी राष्ट्रीय उद्यान

  • क्षेत्रफल 838वर्ग किलोमीटर
  • कहां स्थित है मध्य प्रदेश के सीधी सिंगरौली में
  • स्थापना 1983
  • संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान का पुराना नाम दुबरी राष्ट्रीय उद्यान है अविभाजित मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान था इसका कुछ भाग छत्तीसगढ़ के कोरबा  जिले में स्थित है जिसे गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान के नाम से जाना जाता है
  • इस राष्ट्रीय उद्यान से सोने नदी प्रवाहित होती है जिसमें सोन घड़ियाल अभ्यारण स्थित है इस अभयारण्य से सोन नदी के अतिरिक्त गोपद और कोरमार नदी प्रवाहित होती है
  • इस राष्ट्रीय उद्यान में भुईमाड की गुफा,  राजगढ़ी गिद्ध पहाड़ी , कन्हैयादाह (कुंड) जलप्रपात स्थित है
  • ”Biodiversity concept and its threats assessment in Vindhyan Region” नामक पुस्तक में इस राष्ट्रीय उद्यान की जैव विविधता संबंधी जानकारी मिलती है  राष्ट्रीय उद्यान में 80% सालवन तथा 20% मिश्रित वन हैं
  • 1951 में रीवा महाराजा मार्तंड देव सिंह ने इस राष्ट्रीय उद्यान की भड़वास क्षेत्र से (भरतरी वन क्षेत्र) सफेद शेर मोहन को पकड़ा था

मुकुंदपुर व्हाइट टाइगर सफारी

  • विश्व की पहली व्हाइट टाइगर सफारी है जो सतना से 55 किलोमीटर तथा रीवा से 14 किलोमीटर दूरी पर स्थित है यह सतना वन मंडल के अंतर्गत आती है

10. वन विहार राष्ट्रीय उद्यान भोपाल

  • क्षेत्रफल 4.45 वर्ग किलोमीटर 
  • स्थान – मध्यप्रदेश के भोपाल में मध्य प्रदेश का एकमात्र शहरी क्षेत्र में स्थित राष्ट्रीय उद्यान है 
  • स्थापना – 1983 में राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया गया 
  • वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में सर्प उद्यान भी स्थित है
  • इस उद्यान में आईएसओ प्रमाणित आधुनिक चिड़ियाघर स्थापित किया गया है
  • यहां विहार वीथिका एवं प्राकृतिक व्याख्या केंद्र स्थित है
  • वन विहार राष्ट्रीय उद्यान मे मध्य प्रदेश का एकमात्र सर्व सुविधा युक्त रेस्क्यू सेंटर स्थापित है (जंगली जीवो के लिए )
  • इस उद्यान में चीकू द्वार पर बड़ी झील के किनारे लकड़ी निर्मित कैफेटेरिया स्थित है

वन विहार एक्स सीटू कंजर्वेशन ( Ex Situ Conservation ) 

  • जहां अनेक वन्यजीव बाहर से लाए गए हैं का उदाहरण है
  • इस उद्यान में वन्यजीवों को गोद लेने की नीति 2008 में लागू की गई अर्थात वन विहार राष्ट्रीय उद्यान मे जन सहभागिता से वन्यजीव का पालन – पोषण व संरक्षण हो रहा है

11. डायनासोर राष्ट्रीय उद्यान

  • क्षेत्रफल 89.7 वर्ग किलोमीटर 
  • स्थान – मध्य प्रदेश के धार जिले में 
  • स्थापना – 2011 में जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान के रूप में अधिसूचित किया गया 
  • यह प्रदेश का दूसरा जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान है इसका विस्तार धार जिले में जोबट नदी व बाघ नदी के आसपास हैं
  • 2015 में धार स्थित बाघ नदी के किनारे 6.5 करोड़ वर्ष पुराने डायनासोर के जीवाश्म प्राप्त हुए हैं
  • धार की बाघ गुफाएं यही स्थिति हैं

12. पालपुर कूनो राष्ट्रीय उद्यान(प्रस्तावित)

  • पालपुर कूनो अभ्यारण 1981 में 344 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ श्योपुर मे  स्थापित किया गया था
  • 2018 में 910 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल  विस्तार श्योपुर के अतिरिक्त शिवपुरी मुरैना ग्वालियर के क्षेत्रों में किया गया
  • गुजरात सरकार ने इसका क्षेत्रफल कम होने के कारण एशियाई शेर देने से मना कर दिया था जिसके कारण इसके क्षेत्रफल में बढ़ोतरी की गई और अब गुजरात सरकार एशियाई शेर देने को तैयार हो गई है

पालपुर कूनो राष्ट्रीय उद्यान एशियाई शेरों का दूसरा घर

  • यह गिर राष्ट्रीय उद्यान के बाद दूसरा ऐसा राष्ट्रीय उद्यान है जहां एशियाई शेर निवास करेंगे तथा यह एकमात्र ऐसा राष्ट्रीय उद्यान है जहां Tiger(बाघ) Lion (एशियाई शेर) तथा तेंदुए एक साथ रहेंगे
  • यह राष्ट्रीय उद्यान एशियाई शेरों का दूसरा घर बनने जा रहा है
  • इस राष्ट्रीय उद्यान के विस्तार के लिए लगभग 24 गांव को विस्थापित किया गया है जिनमें सहरिया जनजाति निवास करती थी
  • पालपुर कूनो राष्ट्रीय उद्यान राजस्थान के रणथंबोर राष्ट्रीय उद्यान से लगा हुआ है शिवपुरी का सोनचिरैया अभ्यारण इसी क्षेत्र में विस्तृत है

राष्ट्रीय उद्यान का  नाम

क्षेत्रफल ( वर्ग किलोमीटर)

कहां स्थित है 

स्थापना 

कान्हा किसली राष्ट्रीय उद्यान 940 सबसे बड़ा क्षेत्रफल में मंडला 1955 सबसे पुराना
बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान  437   उमरिया  1968
माधव राष्ट्रीय उद्यान  337 शिवपुरी  1958 मध्य प्रदेश का दूसरा सबसे पुराना राष्ट्रीय उद्यान है
सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान 524 होशंगाबाद  1981
पेंच राष्ट्रीय उद्यान( इंदिरा प्रियदर्शनी राष्ट्रीय उद्यान) 257 सिवनी छिंदवाड़ा 1975
संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान डूबरी राष्ट्रीय उद्यान 838 सीधी सिंगरौली  1983
वन विहार राष्ट्रीय उद्यान भोपाल  4.45 भोपाल  1983 
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान 542 पन्ना छतरपुर  1981 
घुघवा जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान 0.27 सबसे छोटा क्षेत्रफल में डिंडोरी  1983
ओंकारेश्वर राष्ट्रीय उद्यान 651 खंडवा 2004
डायनासोर राष्ट्रीय उद्यान 89.7  धार 2011 
पालपुर कूनो राष्ट्रीय उद्यान(प्रस्तावित) 910 श्योपुर,शिवपुरी,मुरैना, ग्वालियर 2018 

मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान कौन सा है?

कान्हा टाइगर रिजर्व, जिसे कान्हा राष्ट्रीय उद्यान भी कहा जाता है, भारत के बाघों के भंडार में से एक है और भारत के मध्य में स्थित मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान है। वर्तमान में कान्हा क्षेत्र को दो अभयारण्यों में विभाजित किया गया है, हॉलन और बंजार, क्रमशः 250 और 300 किमी 2।

मध्य प्रदेश का सबसे छोटा राष्ट्रीय उद्यान कौन सा है?

सही उत्तर है रालामंडल अभयारण्य। रालामंडल वन्यजीव अभयारण्य वर्ष 1989 में स्थापित किया गया है। अभयारण्य मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में 5 वर्ग किलोमीटर के कुल क्षेत्र में फैला हुआ है। रालामंडल वन्यजीव अभयारण्य मध्य प्रदेश का सबसे छोटा वन्यजीव अभयारण्य है।

मध्य प्रदेश में स्थित महत्वपूर्ण राष्ट्रीय उद्यान कौन से हैं?

कान्हा टाईगर रिजर्व - मंडला / बालाघाट - आनलाइन बुकिंग हेतु क्लिक करें । बांधवगढ टाईगर रिजर्व - उमरिया - आनलाइन बुकिंग हेतु क्लिक करें । पन्ना टाईगर रिजर्व - पन्ना - आनलाइन बुकिंग हेतु क्लिक करें । पेंच टाईगर रिजर्व - सिवनी - आनलाइन बुकिंग हेतु क्लिक करें ।

मध्य प्रदेश में कुल कितने राष्ट्रीय उद्यान है?

मध्य प्रदेश में वन्यजीव अभयारण्यों की कुल संख्या 29 है। मध्य प्रदेश राजपत्र में 14 दिसंबर 2018 की अधिसूचना के बाद राष्ट्रीय उद्यानों की संख्या बढ़ाकर 12 कर दी गई। अधिसूचना के अनुसार, श्योपुर जिले के कुनो-पालपुर को वन्यजीव अभयारण्य से राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया गया है।