Show मंत्र की ऊर्जा शरीर को दिव्य शक्तियों से सींचती है, नींद से रहें सावधानविश्व के लगभग सभी धर्मों में जप ईश्वर के स्मरण करने की परम सामान्य आध्यात्मिक प्रक्रिया है। शब्द या किसी वाक्यांश का अनुशासन जब विश्व के लगभग सभी धर्मों में जप ईश्वर के स्मरण करने की परम सामान्य आध्यात्मिक प्रक्रिया है। शब्द या किसी वाक्यांश का अनुशासन जब किसी आवृत्ति के रूप में उतरता है तब अक्सर उसका संबंध किसी दिव्य शक्ति से हो जाता है। शायद यही वजह है कि प्रार्थनाओं की हजारों रीतियों में जप सर्वाधिक सम्मान प्राप्त रीति है।
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BTC$ 16844.16 Sat, Dec 24, 2022 04.35 PM UTC ETH$ 1219.46 Sat, Dec 24, 2022 04.35 PM UTC USDT$ 1 Sat, Dec 24, 2022 04.34 PM UTC
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एकाग्रता मानसिक मानसिक शक्ति के बल पर ही व्यक्ति सफल, स्वस्थ और शक्तिशाली महसूस कर सकता है। मंत्र के द्वारा हम खुद के मन या मस्तिष्क को बुरे विचारों से दूर रखकर उसे नए और अच्छे विचारों में बदल सकते हैं। लगातार अच्छी भावना और विचारों में रत रहने से जीवन में हो रही बुरी घटनाएं रुक जाती है और अच्छी घटनाएं होने लगती है। 2. प्राप्त होती सिद्धि : किसी भी मंत्र को प्रातिदिन निरंतर जपते रहने से सिद्धियों का द्वार खुल जाता है। जागृत, स्वप्न और सुषुप्ति तीनों ही अवस्था में व्यक्ति जागा हुआ हो जाता है। जपयोग व्यक्ति के अवचेतन को जाग्रत कर उसे दिव्य दृष्टि प्रदान करता है। ऐसा व्यक्ति स्वयं को किसी भी रूप में स्थापित करने में सक्षम हो जाता है। इससे व्यक्ति टेलीपैथिक और परा
मनोविज्ञान में पारंगत हो सकता है। 3. देवताओं से जुड़ता संबंध : अपने ईष्ट या किसी शक्तिशाली मंत्र का निरंतर जप करने से व्यक्ति ईधर माध्यम की सकारात्मक ऊर्जा और शक्तियों से जुड़ जाता है। मंत्र से किसी देवी या देवता को साधा जाता है, मंत्र से किसी भूत या पिशाच को भी साधा जाता है और मंत्र से किसी यक्षिणी और यक्ष को भी साधा जाता है। 'मंत्र साधना' भौतिक बाधाओं का आध्यात्मिक उपचार है। यदि आपके जीवन में किसी भी प्रकार की समस्या या बाधा है तो उस समस्या को
मंत्र जप के माध्यम से हल कर सकते हैं। 4. सूक्ष्म शरीर को सक्रिय करते हैं मंत्र : निरंतर मंत्र जप करने से ध्वनि तरंग उत्पन्न होती है, उससे शरीर के स्थूल व सूक्ष्म अंग तक कंपित होते हैं। इसके कारण व्यक्ति का सूक्ष्म शरीर सक्रिय होकर शक्तिशाली परिणाम देना प्रारंभ कर देता है। 5.मिटते हैं शोक : जब व्यक्ति बहुत व्यग्र या चिंतित रहता है तो तरह-तरह के नकारात्मक विचारों से घिर जाता है और पहले की अपेक्षा परिस्थितियों को और संकटपूर्ण बना लेता है।
ढेर सारे विचारों से बचने के लिए किसी भी मंत्र का जप करते रहने से मन में विश्वास और सकारात्मक ऊर्जा का विकास होता है। इससे शोक और संताप मिट जाता है। यह व्यक्ति को मानसिक रूप से शांत कर देता है। यदि आप सात्विक रूप से निश्चित समय और निश्चित स्थान पर बैठक मंत्र प्रतिदिन मंत्र का जप करते हैं तो आपके मन में आत्मविश्वास बढ़ता है साथ ही आपमें आशावादी दृष्टिकोण भी विकसित होता है जो कि जीवन के लिए जरूरी है। मंत्र जाप के समय शरीर क्यों हिलता है?शास्त्रों में जितने भी देवी देवता है उन सभी के अपने अलग-अलग मंत्र है. ऐसे में आपको बता दें कि मंत्रों का जाप करना धार्मिक के साथ ही स्वास्थ्य के लिए भी काफी फायदेमंद होता है. मंत्रों का जाप करते समय शरीर से एक कंपन की आवाज आती है जो हमारे शरीर में ऊर्जा का प्रवाह करते हैं.
किसी भी मंत्र को सिद्ध कैसे करें?जिस मंत्र की साधना करनी हो पहले विधिपूर्वक जितना हर रोज जप सकें उतना प्रतिदिन जप कर सवा लाख बार जप पूरा कर मंत्र साधना करें। फिर जिस कार्य को करना चाहते हैं 108 बार या 21 बार जैसा मंत्र में लिखा हो- उतनी बार जप करने से कार्य सिद्ध होता है। मंत्र शुद्ध अवस्था में जपना चाहिए।
मंत्र जाप कब नहीं करना चाहिए?इसलिए बहुत जरूरी है कि जाप के दौरान इन बातों का विशेष ध्यान रखा जाए.. कभी भी बिना स्नान किए मंत्र जाप न करें.. हमेशा साफ कपड़े पहनकर मंत्र जाप करें.. जाप हमेशा सुबह के समय करें. ... . जिस जगह पर बैठकर मंत्र जाप करना है उस जगह को हमेशा स्वच्छ रखें. ... . मंत्र जाप कभी भी जमीन पर बैठकर न करें.. मंत्र कैसे काम करता है?मंत्र शब्दों का एक खास क्रम है जो उच्चारित होने पर एक खास किस्म का स्पंदन पैदा करते हैं, जो हमें हमारे द्वारा उन स्पंदनों को ग्रहण करने की विशिष्ट क्षमता के अनुरूप ही प्रभावित करते हैं। हमारे कान शब्दों के कुछ खास किस्म की तरंगों को ही सुन पाते हैं। उससे अधिक कम आवृत्ति वाली तरंगों को हम सुन नहीं पाते।
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