30 वर्षीय गृहिणी शारदा यूं तो पूरी तरह स्वस्थ्य हैं, लेकिन उन्हें अक्सर थकान महसूस होती है। 65 वर्षीय रणजीत रिटायरमेंट की लाइफ जी रहे हैं, बहुत ज्यादा शारीरिक श्रम नहीं करते, लेकिन अक्सर थकान की शिकायत रहती है। इस तरह की थकान किसी को भी हो सकती है। शारीरिक और मानसिक थकान अलग-अलग है। कई बार ये दोनों स्थितियां एक साथ हो सकती हैं। लंबे समय तक शारीरिक थकान रहे, तो वह मानसिक थकान का कारण बन सकती है। इसे नजरअंदाज करना सेहत के लिए नुकसानदायक होता है। थकान का सबसे बड़ा कारण होता है नींद पूरी नहीं होना। सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के अनुसार, हर तीन में से एक अमेरिकी पर्याप्त नींद नहीं लेता है। द नेशनल हार्ट, लंग एंड ब्लड इंस्टिट्यूट (एनएचएलबीआई) के अनुसार, 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को कम से कम 7-8 घंटे नींद लेना चाहिए। Show
myupchar.com से जुड़े एम्स के डॉ. केएम नाधीर बताते हैं कि थकान को डॉक्टरी भाषा में क्रोनिक फैटीग सिंड्रोम कहा जाता है। यह ऐसी स्थिति है जो छह महीने या इससे अधिक समय तक बिना किसी साफ संकेत के रह सकती है। इसका असर याददाश्त पर पड़ सकता है। थकान का कोई इलाज नहीं होता, इसलिए इसके लक्षणों का इलाज किया जाता है। जानिए थकान की दो स्थितियों के बारे में : शारीरिक थकान: इस स्थिति में एक व्यक्ति उन कामों को करने में कठिनाई महसूस करता है, जो वह अमूमन आसानी से कर लेता था जैसे सीढ़ियां चढ़ना। स्ट्रैंथ टेस्ट से इसका कारण पता लगाने की कोशिश की जा सकती है। वैसे मांसपेशियों की कमजोरी के कारण ऐसा होता है। मानसिक थकान: इस स्थिति में इन्सान ध्यान केंद्रीत नहीं कर पाता है। फोकस वाले कामों को करने में परेशानी आती है। ऐसे लोग हमेशा उनींदा महसूस करते हैं या काम करते समय जागने में कठिनाई हो सकती है। थकान के बारे में जरूरी बातें थकान के पीछे कई प्रकार की मेडिकल कंडिशन्स और हेल्थ प्रॉब्लेम्स हो सकती हैं। कुछ कारणों में एनीमिया, थायरॉयड, डायबिटीज, फेफड़े और हृदय रोग शामिल हो सकते हैं। मां बनने के बाद महिलाओं को भी ऐसा हो सकता है। डायबिटीज जैसी बीमारी का सही समय पर पता लगा लिया जाए और इलाज किया जाए तो तो थकान दूर हो सकती है। कुछ मामलों में स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम से थकान को कम किया जा सकता है। थकान के कारण मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्या: तनाव, दुख, शराब या नशीली दवाओं का सेवन, चिंता, बोरियत और तलाक के कारण ऐसा हो सकता है। कई लोग नींद नहीं आने की बीमारी के कारण मानसिक रोगी हो जाते हैं। दिल और फेफड़ों की स्थिति: निमोनिया, अस्थमा, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी), वाल्वुलर हार्ट डिजीज, कोरोनरी हार्ट डिजीज, कंजेस्टिव हार्ट फेल्योर, एसिड रिफ्लक्स और इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज जैसे हार्ट, फेफड़े और पाचन संबंधी बीमारियों के कारण भी थकान महसूस होती है। नींद की कमी: देर रात तक काम करना, शिफ्ट में काम करना, जेट लैग, स्लीप एपनिया, नार्कोलेप्सी और रिफ्लक्स एसोफैगिटिस के कारण नींद नहीं आती है और थकान महसूस हो सकती है। पुराना दर्द: पुराने दर्द वाले रोगी रात में अक्सर जागते हैं। वे आमतौर पर थके हुए लगते हैं। दर्द और नींद की कमी के डबल अटैक के कारण थकान बनी रहती है। कुछ बीमारियों का मुख्य लक्षण दर्द होता है, जैसे फाइब्रोमायल्जिया और इसका संबंध स्लीप एपनिया से होता है। इससे थकान के लक्षण और भी बिगड़ जाते हैं। अधिक वजन या कम वजन होना: अधिक वजन के कारण विभिन्न कारणों से थकान का खतरा बढ़ जाता है। इनमें शामिल है - शरीर के अधिक वजन को यहां से वहां ले जाने में जोड़ों और मांसपेशियों पर अधिक दबाव पड़ता है। वहीं कम वजन वाले व्यक्ति भी अपनी स्थिति के कारण आसानी से थक सकते हैं। भोजन संबंधी विकार, कैंसर, पुरानी बीमारी, और ओवरएक्टिव थायराइड के कारण अत्यधिक थकान हो सकती है। थकान के इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज मांसपेशियों में दर्द उदासीनता और मोटिवेशन की कमी दिन में उनींदापन नए काम पर ध्यान केंद्रित करने या सीखने में कठिनाई गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं जैसे सूजन, पेट में दर्द, कब्ज और दस्त सिरदर्द चिड़चिड़ापन प्रतिक्रिया समय धीमा यानी सामान्य काम करने की धीमी गति आंखों सबंधी समस्याएं जैसे धुंधलापन थकान का इलाज डॉ. नाधीर केएम के अनुसार, थकान का इलाज दवाओं के साथ ही थेरेपी से भी किया जाता है। मरीजों को एंटीडिप्रेसन्ट और नींद की गोलियां देते हैं। थेरेपी में शामिल है कि स्वस्थ भोजन करें, नियमित व्यायाम करें और अच्छी नींद लेने की कोशिश करें। जिन लोगों को लगातार थकान महसूस होती है, उन्हें डॉक्टर्स से परामर्श लेनी चाहिए। अधिक जानकारी के लिए देखें: https://www.myupchar.com/disease/fatigue स्वास्थ्य आलेख www.myUpchar.com द्वारा लिखा गया है। थकान - Fatigue in Hindiथकान (क्रोनिक फैटीग सिंड्रोम; Chronic Fatigue Syndrome) एक ऐसा विकार है जिसका कारण अभी तक अज्ञात नहीं है। हालांकि, यह पहले के किसी संक्रमण से संबंधित हो सकता है। थकान ऐसी स्थिति है जो छह महीने या इससे अधिक समय के लिए बिना किसी स्पष्टीकरण के मौजूद रहती है और याददाश्त सम्बन्धी या एकाग्रता सम्बन्धी समस्याओं के साथ होती है। 2015 में, चिकित्सा संस्थान ने क्रोनिक फैटीग सिंड्रोम के लिए एक नया नाम प्रस्तावित किया - सिस्टमिक श्रम असहिष्णुता रोग (एसईआईडी; Systemic Exertion Intolerance Disease - SEID)।
भारत में थकान की समस्या का प्रचलन भरत में क्रोनिक फैटीग सिंड्रोम हजारों लोगों को प्रभावित करता है, यह पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक प्रचलित है। एक भारतीय अध्ययन के मुताभिक, 12% भारतीय महिलाओं को क्रोनिक फैटीग सिंड्रोम होने का अनुमान लगाया गया है। क्रोनिक फैटीग सिंड्रोम शुरू होने की औसत उम्र 30-40 वर्ष है। यह कम आय वर्ग के लोगों में अधिक आम है।
थकान के लक्षण - Fatigue Symptoms in Hindiथकान या क्रोनिक फैटीग सिंड्रोम (सीएफएस) के लक्षण आमतौर पर अचानक शुरू होते हैं लेकिन कुछ लोगों में यह धीरे-धीरे हफ्तों या महीनों में विकसित भी हो सकते हैं। इसके लक्षण प्रतिदिन बदल सकते हैं और उनका आना-जाना हो सकता है। थकान के बहुत लक्षण होते हैं लेकिन हर किसी को प्रभावित करने वाले कुछ लक्षण निम्नलिखित हैं -
थकान से ग्रस्त व्यक्ति को निम्नलिखित लक्षण भी हो सकते हैं -
थकान के अलग-अलग लोगों में विभिन्न लक्षणों के संयोजन होते हैं जैसे -
थकान के साथ अवसाद होना आम है और इससे थकान के लक्षण बद्द्तर हो सकते हैं। थकान से ऐसे लक्षण होते हैं जो कई अन्य बीमारियों के समान हैं विशेष रूप से शुरुआती दिनों में। थकान के कारण और जोखिम कारक - Fatigue Causes & Risks in Hindiथकान के कारण सालों के अध्यन के बाद भी थकान का कोई ज्ञात कारण आज तक शोधकर्ताओं को नहीं मिल पाया है। हालांकि, लोगों में थकान के साथ कई बीमारियां देखी गयी हैं लेकिन इसके विकास के कारण का अभी तक पता नहीं चल पाया है।
थकान के जोखिम कारकथकान के जोखिम को बढ़ाने के कारक निम्नलिखित हैं -
थकान से बचाव - Prevention of Fatigue in Hindiवर्तमान में, थकान के स्पष्ट कारण ज्ञात न होने के कारण इसकी रोकथाम के तरीके भी नहीं मिल पाए हैं हालाँकि, चिकित्सक इससे बचने के लिए कुछ जीवनशैली के बदलाव करने का सुझाव देते हैं। जैसे -
थकान का परीक्षण - Diagnosis of Fatigue in Hindiथकान का निदान करने के लिए कोई परीक्षण नहीं है, इसका निदान करने से पहले आपके डॉक्टर कई अन्य बीमारियों का परीक्षण करेंगे। जैसे -
आपके डॉक्टर निम्नलिखित परीक्षण कर सकते हैं -
थकान का इलाज - Fatigue Treatment in Hindiथकान का उपचार निम्नलिखित तरीकों से किया जाता है - दवाएं
थकान की जटिलताएं - Fatigue Complications in Hindiथकान की संभावित जटिलताएं हैं -
थकान में परहेज़ - What to avoid during Fatigue in Hindi?थकान में निम्नलिखित चीज़ों का ध्यान रखना चाहिए -
संदर्भ
थकान के डॉक्टरथकान की दवा - Medicines for Fatigue in Hindiथकान के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है। Showing 1 to 10 of 346 entries थकान की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Fatigue in Hindiथकान के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है। Showing 1 to 10 of 566 entries
सम्बंधित लेखडॉक्टर से अपना सवाल पूछें और 10 मिनट में जवाब पाएँ मांसपेशियों में थकान होने का मुख्य कारण क्या है?अधिक वजन या कम वजन होना: अधिक वजन के कारण विभिन्न कारणों से थकान का खतरा बढ़ जाता है। इनमें शामिल है - शरीर के अधिक वजन को यहां से वहां ले जाने में जोड़ों और मांसपेशियों पर अधिक दबाव पड़ता है। वहीं कम वजन वाले व्यक्ति भी अपनी स्थिति के कारण आसानी से थक सकते हैं।
थकान के दो प्रमुख लक्षण क्या है?१. कार्य करने की शक्ति का ह्रास. २. कार्य करने में आनन्द की अनुभूति. ३. कार्य रहित घंटों में प्रसन्नता का अभाव. शरीर में थकान और कमजोरी के कारण क्या है?लेकिन अगर आपको बिना किसी वजह के लगातार कमजोरी और थकान हो रही है तो आपको सावधान हो जाने की जरूरत है. क्योंकि ये स्थिति खून की कमी, दिल की बीमारी, अवसाद, कैंसर, संक्रमण समेत किसी बीमारी का लक्षण हो सकती है और इससे बचने के लिए आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाने की जरूरत है.
शरीर में कमजोरी के लक्षण क्या होते हैं?body weakness symptoms in hindi
जैसा कि हमने पहले भी बताया सांस फूलने की समस्या, काम करने में परेशानी होना, शारीरिक काम ना कर पाना, थकान महसूस करना, आदि शारीरिक कमजोरी के लक्षण हैं. इससे अलग उबासी, चक्कर आना, उलझन महसूस करना, मांसपेशियों में ताकत महसूस ना करना, अनियमित दिल की धड़कन भी इन लक्षणों में से एक हैं.
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