मेरे देश के प्रति मेरा कर्तव्य क्या है? - mere desh ke prati mera kartavy kya hai?

‘देश की रक्षा-मेरा कर्तव्य’, इसपर अपना मत स्पष्ट कीजिए ।

जिस देश में हमारा जन्म होता है, जिस देश का अन्नकी जल खा-पीकर हम बड़े होते हैं, उस देश से प्यार करना और उसकी स्वतंत्रता रक्षा करना हमारा परम कर्तव्य है। इसी भावना के कारण हमारे देश थी। के अनेक वीरों और क्रांतिकारियों ने अपने देश के हित और उसकी बावजूद रक्षा के लिए अपने प्राण निछावर कर दिए। समय जो देश हमें सम्मान के साथ जीने और सुख-सुविधा के साथ कवि रहने का अधिकार देता है, उसकी हर तरह से हमें रक्षा करनी चाहिए। हमारे देश में तरह-तरह की समस्याएं हैं। समाज-विरोधी तत्त्व देश में अव्यवस्था फैलाने का काम कर रहे हैं। धर्म के नाम पर जगह-जगह 'दंगा-फसाद' होते हैं। आतंकवाद से सारा देश त्रस्त है। मोर्चा-आंदोलनों में राष्ट्र की संपत्ति बरबाद की जाती है।
भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। इन सबके प्रति हमारा भी कुछ कर्तव्य हैं। जहाँ तक हो सके हमें अपने स्तर पर इन बुराइयों से निपटने की कोशिश करनी चाहिए। लोगों में देश-प्रेम की भावना जगानी चाहिए और लोगों से देशहित के कार्यों में सहयोग देने की अपील करनी चाहिए। प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा, स्वच्छता अभियान आदि में सहयोग देने तथा वृक्षारोपण अभियान के द्वारा पर्यावरण की सुरक्षा का काम करने आदि से भी देश की रक्षा होती है। इन कार्यों में सहयोग देना हर देशवासी का कर्तव्य है।

देश के प्रति निभाएं अपनी जिम्मेदारी

हमें गर्व होना चाहिए कि हम भारतीय हैं। किसी भी व्यक्ति के कर्तव्यों का आशय उसकी सभी आयु वर्ग के ल

हमें गर्व होना चाहिए कि हम भारतीय हैं। किसी भी व्यक्ति के कर्तव्यों का आशय उसकी सभी आयु वर्ग के लिए उन जिम्मेदारियों से हैं जो वह अपने देश के प्रति रखते हैं। देश के लिए अपनी जिम्मेदारियों को निभाने व याद दिलाने के लिए कोई विशेष समय नहीं होता, हालांकि ये प्रत्येक भारतीय नागरिक का जन्मसिद्ध अधिकार हैं कि वह देश के प्रति अपने कर्तव्यों को समझे। आवश्यकतानुसार उनका निर्वाह या निष्पादन अपनी दैनिक दिनचर्या में शामिल करें। हम छात्रों की मदद करने के लिए अपने देश के प्रति मेरे कर्तव्य पर निबंधों की विभिन्न श्रृंखला उपलब्ध करा रहे हैं। 'अपने देश के प्रति मेरे सभी कर्तव्य निबंध', निबंध सरल हिन्दी वाक्यों का प्रयोग करके विद्यार्थियों के लिए लिखे गए हैं। वो इनमें से अपनी आवश्यकता और जरूरत के अनुसार कोई भी निबंध चुन सकते हैं। इससे छात्रों के अंदर अपने देश का नागरिक होने का न सिर्फ गर्व होगा बल्कि अपने देश के बारे में जानने का भी अवसर प्राप्त होगा।

-संतोष कुमार

प्रधानाचार्य, सेंट जोसफ स्कूल, बरहज

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पूरा विश्व करता है भारत का सम्मान

हम क्यों नहीं देख पाते की हमारे देश जैसा देश पूरे जहां में नहीं है। जो नैतिक या सांस्कृतिक मूल्य हमारे देश में है उसका सम्मान पूरा विश्व करता है। यह वह देश है जहां आज भी एक बेटा अपनी पूरी ¨जदगी अपने मां-बाप के साथ खुशी-खुशी व्यतीत करता है। यह वह देश है जहां आज भी उम्र में छोटे अपने बड़ों का पैर छूकर उनका आशीर्वाद लेते हैं। रिश्तों में इतनी मिठास और अपनापन हमें कहीं और नहीं मिलेगा। कम से कम हमारे देश में अपने बच्चों से मां-बाप मकान का किराया तो नहीं लेते। जैसा की कुछ विकसित देशों में होता है।

-जय गो¨वद कुशवाहा

शिक्षक, सेंट मैरी स्कूल, बरहज

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विविधता में एकता भारत की पहचान

भारतीयता एक आवरण है मेरे लिए और इसकी विविधता युक्त संस्कृति मेरी आत्मा है। उत्तर में कराकोरम की श्रेणियां और दूर तक फैला हिमालय और भारत को तीन तरफ से घेरे हुए समुद्री आवरण, सांस्कृतिक भंडार। इतनी विविधता जो हमारे देश में है यह कहीं दूसरे देश में नहीं दिखाई पड़ती और यह विविधता हमें पुरजोर तरीके से जोड़े हुए है। यही इसकी पहचान भी है। इस अलौकिक वास्तविकता से मेरा रोज का नाता है, क्योंकि मैं इस देश का नागरिक हूं और मैं इस बात का मुझे गर्व है। हमारे देश का वीरता से भरा इतिहास सदा हमें रोमांच से परिपूर्ण कर देता है और हर पल एक नवीन ऊर्जा का संचरण करता है। निश्चय ही यह भारतीय नागरिकता है, जो मुझे हर पल इस स्वर्णिम अनुभव का भान कराती है।

-विवेक कुमार तिवारी

शिक्षक, तेजस्वी अर्ली एजुकेशन सेंटर, देवरिया

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हमें भारतीय होने का गर्व

हमें तो गर्व होना चाहिए हमारे देश में सभी धर्म/मजहब के लोग रहते हैं और सारे त्योहार हर्ष-उल्लास के साथ मनाते हैं। हमारे देश में आज भी महिलाओं को पूरी इज्जत दी जाती हैं और उसे समाज में बराबर का ओहदा दिया जाता हैं। यह वो देश है जहां सबसे विख्यात राष्ट्रपति एक मुस्लिम हुए और प्रधानमंत्री सिख। मुझे गर्व होता हैं यह सोचकर कि हमारे देश के पास दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा सैनिक दल हैं। हम उस देश में पैदा हुए हैं, जिसने अपनी स्वतंत्रता को पाने के लिए अ¨हसा का रास्ता चुना और सफलता का मुकाम भी पाया।

-शुभम मिश्रा

कक्षा-7, लिटिल फ्लावर स्कूल, सलेमपुर

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नागरिकता का पालन जरूरी

एक समाज, समुदाय या देश के नागरिक होने के नाते कुछ कर्तव्यों का पालन व्यक्तिगत रूप से भी किए जाने की आवश्यकता हैं। देश में उज्ज्वल भविष्य प्रदान करने के लिए सभी को नागरिकता के कर्तव्यों का पालन करना चाहिए। एक देश पिछड़ा, गरीब या विकासशील है तो सब-कुछ उसके नागरिकों पर निर्भर करता है।

-संगम गोंड

कक्षा-8, बाब विश्वनाथ जू.हाईस्कूल, भड़सरा

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देश के प्रति वफादार ही अच्छा नागरिक

प्रत्येक को देश का अच्छा नागरिक होने के साथ ही देश के प्रति वफादार भी होना चाहिए। लोगों को सभी नियमों, अधिनियमों और सरकार द्वारा सुरक्षा और बेहतर जीवन के लिए बनाए गए कानूनों पालन करना चाहिए। यह हमारी जिम्मेदारी ही नहीं बल्कि कर्तव्य भी है। ऐसे में हमें ईमानदारी से अपने दायित्वों व कर्तव्यों का पालन करना चाहिए।

-अर्पित जायसवाल

कक्षा-9, दीन दयाल इंटर कालेज, देवरिया

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देश के प्रति आपके क्या कर्तव्य हैं?

राष्ट्र के प्रति व्यक्ति के विभिन्न कर्तव्य हैं जैसे कि आर्थिक विकास, विकास, स्वच्छता, सुशासन, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, गरीबी को दूर करना, सभी सामाजिक मुद्दों को दूर करना, लैंगिक समानता लाना, सभी का सम्मान करना, मतदान करना, बाल श्रम को हटाना।

हमारा क्या कर्तव्य है?

सभी युगों में समस्त संप्रदायों और देशों के मनुष्यों द्वारा मान्य कर्तव्य का सार्वभौमिक भाव यही है- 'परोपकारः पुण्याय, पापाय, परपीड़नम्‌ अर्थात परोपकार ही पुण्य है और दूसरों को दुख पहुंचाना पाप है। अतः अपनी सामाजिक अवस्था के अनुरूप एवं हृदय तथा मन को उन्नत बनाने वाला कार्य ही हमारा कर्तव्य है।

समाज के प्रति हमारा क्या कर्तव्य है?

हमारा ये परम कर्तव्य है कि समाज के प्रति अपने दायित्व को पूरी तरह से निभाएं। हमें जो कुछ समाज से मिला है वह समाज को लौटाएं। हम जो कुछ भी बनते हैं उसमें जितना योगदान हमारे परिश्रम का होता है उतना ही हमारे सामाजिक ढांचे का होता है। इसलिए समाज से हमें जो कुछ मिला है, उसे लौटाना हम सबका दायित्व है।

देश के प्रति नागरिक के कर्तव्य और अधिकार क्या होते हैं?

प्रत्येक नागरिक का सबसे पहला कर्तव्य है कि वह संविधान का पालन करे और उसके आदर्शों, संस्थाओं, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र गान का आदर करें। स्वतंत्रता संग्राम के आदर्शों के प्रति सम्मान रखे। भारत की एकता, अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करे। देश की रक्षा करे।