मस्तिष्क और व्यवहारऐसी धारणा है कि मानव मस्तिष्क करोड़ों वर्षों में निम्नस्तर के पशुओं के मस्तिष्क से विकसित हुआ है और यह विकासात्मक प्रक्रिया अभी भी जारी है। विकास की इस प्रक्रिया में इसके प्राचीनतम रूप से लेकर आधुनिकतम रूप तक हम इसकी संरचनाओं के स्तरों की जाँच कर सकते हैं। उपवल्कुटीय तंत्र, मस्तिष्क स्तंभ और अनुमस्तिष्क प्राचीनतम संरचनाएँ हैं जबकि विकास के क्रम में प्रमस्तिष्कीय वल्कुट नवीनतम परिवर्धन है। एक वयस्क मस्तिष्क का भार लगभग 1.36 किलोग्राम होता है तथा इसमें लगभग 100 अरब तंत्रिका कोशिकाएँ होती हैं। तथापि मस्तिष्क के बारे में सबसे आश्चर्यजनक बात इसकी मानव व्यवहार और विचार को दिशा प्रदान करने की योग्यता है न कि इसकी तंत्रिका कोशिकाओं की संख्या। मस्तिष्क, क्षेत्रों और संरचनाओं में संगठित है जो विशिष्ट प्रकार्य करते हैं। mastishk Show मस्तिष्कीय क्रमवीक्षण से पता चलता है कि कुछ मानसिक प्रकार्य मस्तिष्क के विभिन्न क्षेत्रों में वितरित हैं, लेकिन बहुत सी गतिविधियाँ केंद्रित भी होती हैं। उदाहरणार्थ, मस्तिष्क का पश्चकपाल पालि (खंड) दृष्टि के लिए विशिष्ट क्षेत्र है। मानव व्यवहार और विचार को दिशा प्रदान करने की योग्यता है न कि इसकी तंत्रिका कोशिकाओंकी संख्या। मस्तिष्क, क्षेत्रों और संरचनाओं में संगठित है जो विशिष्ट प्रकार्य करते हैं। मस्तिष्कीय क्रमवीक्षण से पता चलता है कि कुछ मानसिक प्रकार्य मस्तिष्क के विभिन्न क्षेत्रों में वितरित हैं, लेकिन बहुत सी गतिविधियाँ केंद्रित भी होती हैं। उदाहरणार्थ, मस्तिष्क का पश्चकपाल पालि (खंड) दृष्टि के लिए विशिष्ट क्षेत्र है। manav mastishk मस्तिष्क की संरचनाअध्ययन की सुविधा के लिए मस्तिष्क को तीन हिस्सों में बाँटा जा सकता है:-
मस्तिष्क एक बहुत ही कोमल अंग है जो करोटि के कपाल के भीतर स्थित होता है। मस्तिष्क के ऊपर तीन आवरण, तानिकाएँ (meninges, meninx = झिल्लियाँ) होती हैं जो उसे सुरक्षा प्रदान करती हैं-एक बाहरी कड़ी दृढ़ तानिका (ड्यूरामेटर) (dura = कड़ा; mater = माता), एक पतली नाजुक जाल जैसी बीच की झिल्ली (लूताजा लाभ - arachne = मकड़ी, लूता), और सबसे भीतरी अत्यधिक संवहनी-युक्त पायामेटर (pia = सबसे भीतरी)। इन तानिकाओं के बीच की जगह में एक तरल भरा होता है जिसे प्रमस्तिष्क मेरुतरल (सेरेब्रोस्पाइनल फ्लूड) कहते हैं। मस्तिष्क के भीतर गुहाएँ होती हैं जिनमें भी यही तरल भरा होता है। मस्तिष्क के तीन प्रमुख भाग होते हैं :-
मस्तिष्क के अलग-अलग भागों का वर्णन नीचे दिया गया है :- (क) प्रमस्तिष्क : मस्तिष्क का सबसे बड़ा भाग होता है जो दो (दाएँ और बाएँ) भागों में बँटा होता है जिन्हें प्रमस्तिष्क गोलार्ध कहते हैं। इनकी बाहरी सतह कटकों (ridge) और खाँचों (groove) की मौजूदगी के कारण अत्यधिक संवलित होती है। प्रत्येक गोलार्ध आंतरिक रूप से खोखला होता है और उनकी भित्तियों में दो (एक भीतरी और एक बाहरी) क्षेत्र होते हैं। बाहरी क्षेत्र (प्रमस्तिष्क वल्कुट) में तंत्रिका कोशिकाओं न्यूरॉनों की कोशिका-काय होती है और धूसर रंग का होने के नाते इसे धूसर-द्रव्य (gray matter) कहते हैं। भीतरी क्षेत्र सफेद तंत्रिकाक्ष (ऐक्सॉन) रेशों का बना होता है और उसे श्वेत द्रव्य (white matter) कहते हैं। महासंयोजक पिंड (कॉर्पस कैलोसम), जो आड़े-तिरछे तंत्रिका-रेशों की एक चादर-सी होती है, दोनों प्रमस्तिष्क-गोलार्थों को जोड़े रहता है। प्रमस्तिष्क का बायाँ पार्श्व शरीर के दाएँ भाग का नियंत्रण करता है और इसी प्रकार दायाँ पार्श्व बाएँ भाग का। प्रमस्तिष्क वल्कुट के तीन कार्य होते हैं :-
(ख) अग्र मस्तिष्क पश्च (डायनसेफैलॉन) : अग्र मस्तिष्क का यह भाग प्रमस्तिष्क के नीचे स्थित होता है। इसमें निम्नलिखित दो भाग होते हैं:
(ग) अनु मस्तिष्क : यह मस्तिष्क का अपेक्षाकृत छोटा भाग है जो प्रमस्तिष्क के आधार पर उसके नीचे स्थित होता है। इसमें संवलनों के स्थान पर अनेक खाँचें (groove) होती हैं। इसका वल्कुटी भाग भी धूसर द्रव्य का बना होता है। इसके दो प्रमुख कार्य हैं-
(घ) मेड्यूला ऑब्लाँगेटा : यह मस्तिष्क का अंतिम भाग होता है। जो मेरुरज्जु से जुड़ा होता है। इसके कार्य इस प्रकार हैं-
मेरुरज्जुमेरुरज्जु मस्तिष्क के मेड्यूला ऑब्लॉगेटा से आरंभ होकर कशेरुकों की कशेरूक-नाल में से गुजरती हुई रीढ़ की संपूर्ण लंबाई में स्थित होती है। इसके ऊपर भी वही तीन तानिकाएँ चढ़ी हुई होती हैं जो कि मस्तिष्क में होती हैं और उनके बीच के अवकाश में भी वही प्रमस्तिष्क मेरु (सेरीब्रोस्पाइनल) तरल भरा होता है। श्वेत और घूसर द्रव्यों की व्यवस्था मेरुरज्जु में विपरीत होती है, अर्थात् श्वेत द्रव्य बाहर की तरफ होता है और धूसर द्रव्य भीतर की तरफ। चित्र में मेरुरज्जु की सामान्य संरचना, जैसी कि अनुप्रस्थ काट में दिखाई देती है, दर्शायी गई है। इस चित्र में यह भी दिखाया गया है कि मेरु तंत्रिकाएँ इसमें से कैसे व्युत्पन्न होती हैं। मेरुरज्जु के प्रकार्य
FAQ : 1. मस्तिष्क का भार कितना होता है? मस्तिष्क का भार लगभग 1.36 किलोग्राम होता है. 2. मस्तिष्क के कितने भाग होते हैं? मस्तिष्क के तीन भाग होते हैं. 3. मस्तिष्क का सबसे छोटा भाग कौन सा होता है? अनु मस्तिष्क. 4. मस्तिष्क का अंतिम भाग कौन सा होता है? मेड्यूला ऑब्लाँगेटा. 5. मनुष्य में कितनी जोड़ी कपाल तंत्रिकाएं होती हैं? मस्तिष्क में से 12 जोड़ी कपाल तंत्रिकाएँ होती है. मस्तिष्क कैसे लिखाता है?मस्तिष्क की रचना मस्तिष्क में ऊपर का बड़ा भाग प्रमस्तिष्क (hemispheres) कपाल में स्थित हैं। इनके पीछे के भाग के नचे की ओर अनुमस्तिष्क (cerebellum) के दो छोटे छोटे गोलार्घ जुड़े हुए दिखाई देते हैं। इसके आगे की ओर वह भाग है, जिसको मध्यमस्तिष्क या मध्यमस्तुर्लुग (midbrain or mesencephalon) कहते हैं।
मानव मस्तिष्क को कितने भागों में बांटा गया है?संरचनात्मक रूप से मस्तिष्क के तीन मुख्य भाग होते हैं। अग्र मस्तिष्क (Fore Brain), मध्य मस्तिष्क (Mid Brain) एवं पश्च मस्तिष्क (Hind Brain)।
मानव मस्तिष्क क्या है?मानव मस्तिष्क एक जटिल अंग है जो स्मृति, भावना, विचार, स्पर्श, दृष्टि, श्वास पैटर्न और मानव शरीर को नियंत्रित करने वाली हर प्रक्रिया का प्रबंधन करता है। मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी के साथ, तंत्रिका तंत्र का निर्माण करता है।
मस्तिष्क का कार्य क्या है?Solution : अग्र मस्तिष्क के कार्य-अग्र मस्तिष्क प्रमस्तिष्क, थैलेमस तथा हाइपोथैलेमस से मिलकर बना होता है। <br> (i) प्रमस्तिष्क के कार्य-यह बुद्धिमत्ता, याददास्त, चेतना, अनुभव, विश्लेषण, क्षमता, तर्कशक्ति तथा वाणी आदि उच्च मानसिक कार्यकलापों के केन्द्र का कार्य करता है।
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