मानक भाषा से आप क्या समझते हैं - maanak bhaasha se aap kya samajhate hain

मानक भाषा (standard language) किसी भाषा की वह भाषा प्रयुक्ति या भाषिका होती है जो किसी समुदाय, राज्य या राष्ट्र में सम्पर्क भाषा का दर्जा रखे और लोक-संवाद में प्रयोग हो। इन भाषाओं को अक्सर एक मानकीकरण की प्रक्रिया से गुज़ारकर मानक बना दिया जाता है, जिसमें उनके लिये औपचारिक व्याकरण, शब्दकोशों और अन्य भाषावैज्ञानिक कृतियों का गठन व प्रकाशन किया जाता है।[1] कोई मानक भाषा बहुकेन्द्रीय (pluricentric) या एककेन्द्रीय (monocentric) हो सकती है। अरबी, अंग्रेज़ी, फ़ारसी, जर्मन और फ़्रान्सीसी जैसी भाषाएँ बहुकेन्द्रीय हैं, यानि उनके एक से अधिक मानक रूप हैं। इनके विपरीत रूसी, इतालवी और जापानी जैसी कई भाषाएँ एककेन्द्रीय हैं।[2][3][4][5]

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

  • बहुकेन्द्रीय भाषा
  • भाषा प्रयुक्ति
  • भाषिका
  • उपभाषा

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. Finegan, Edward (2007). Language: Its Structure and Use (5th संस्करण). Boston, MA, USA: Thomson Wadsworth. पृ॰ 14. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-4130-3055-6.
  2. Kordić, Snježana (2014). Lengua y Nacionalismo [Language and Nationalism] (स्पेनी में). Madrid: Euphonía Ediciones. पपृ॰ 79–151. OL 16814702W. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-84-936668-8-0. मूल से 4 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 30 दिसंबर 2016.
  3. Italian language Archived 2016-09-11 at the Wayback Machine. language-capitals.com
  4. Clyne 1992, p. 3.
  5. Daneš, František (1988). "Herausbildung und Reform von Standardsprachen". प्रकाशित Ammon, Ulrich; Dittmar, Norbert; Mattheier, Klaus J (संपा॰). Sociolinguistics: An International Handbook of the Science of Language and Society II. Handbücher zur Sprach- und Kommunikationswissenschaft 3.2. Berlin & New York: Mouton de Gruyter. पृ॰ 1507. OCLC 639109991. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 3-11-011645-6.

मानक भाषा से आप क्या समझते हैं इसके लक्षण को समझाइए?

मानक भाषा के लक्षण और विशेषताएँ मानक भाषा किसी भाषा के उस रूप को कहते हैं, जो उस भाषा के पूरे क्षेत्र में शुद्ध माना जाता है तथा जिसे उस प्रदेश का शिक्षित और शिष्ट समाज अपनी भाषा का आदर्श रूप मानता है और प्रायः सभी औपचारिक स्थितियों में, लेखन में, प्रशासन और शिक्षा के माध्यम के रूप में यथासाध्य उसी का प्रयोग करता है।

मानक हिंदी से आप क्या समझते हैं?

मानक हिंदी से तात्पर्य, खड़ी बोली से विकसित और नागरी लिपि में लिखी जाने वाली उस मानक भाषा से है जिसे उच्च हिंदी या परिनिष्ठित हिंदी भी कहा जाता है। यही हिंदी भारत की राष्ट्रभाषा, राजभाषा तथा संपर्क भाषा है। यही शिक्षा, प्रशासन, वाणिज्य, समाचार-पत्र, कला और संस्कृति की विभिन्न विधाओं के लिये सम्प्रेषण का माध्यम है।

मानक भाषा की आवश्यकता से आप क्या समझते हैं?

किसी भी क्षेत्र प्रदेश में शिक्षा, तकनीकी, कानून, औपचारिक स्थितियों, लेखन, प्रशासन, संबंधी गतिविधियों तथा शिष्ट समाज में प्रयुक्त करने हेतु मानक भाषा का महत्वपूर्ण स्थान हैं। यह न केवल सुसंस्कृत व साधुभाषा है बल्कि हमारी संप्रेषण क्षमता को भी बढ़ाती है।

मानक भाषा कौन सी भाषा है?

मानक हिन्दी हिन्दी का मानक स्वरूप है जिसका शिक्षा, कार्यालयीन कार्यों आदि में प्रयोग किया जाता है। भाषा का क्षेत्र देश, काल और पात्र की दृष्टि से व्यापक है। इसलिये सभी भाषाओं के विविध रूप मिलते हैं। इन विविध रूपों में एकता का प्रयत्न किया जाता है और उसे मानक भाषा कहा जाता है।