आलम आरा के निर्माण में प्रयुक्त कौन सी प्रणाली आगे चलकर फिल्म निर्माण का जरूरी हिस्सा बनी? - aalam aara ke nirmaan mein prayukt kaun see pranaalee aage chalakar philm nirmaan ka jarooree hissa banee?

जब सिनेमा ने बोलना सीखा 

प्रश्न / उत्तर

प्रश्न-17 'आलम आरा' के निर्माण में प्रयुक्त कौन से प्रणाली आगे चलकर फिल्म निर्माण का जरुरी हिस्सा बनी?

उत्तर –'आलम आरा' की शूटिंग रात में होने के कारण इसमें कृत्रिम प्रकाश व्यवस्था करनी पड़ी। यहीं से प्रकाश प्रणाली बनी जो आगे चल कर फिल्म निर्माण का जरुरी हिस्सा बनी।

प्रश्न-18 दर्शकों को 'आलम आरा' फिल्म कैसी लगी?

उत्तर – दर्शकों के लिए यह फिल्म एक अनोखा अनुभव थी। यह फिल्म 10 हज़ार फुट लम्बी थी और इसे चार महीनों की कड़ी मेहनत से तैयार किया गया था। फिल्म 8 सप्ताह तक हाउसफुल चली और भीड़ इतनी उमड़ती थी कि पुलिस के लिए निंयत्रण करना मुश्किल हो जाया करता था।

प्रश्न-19 'आलम आरा' फिल्म को दर्शकों ने बहुत पसंद किया। पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए। 

उत्तर –'आलम आरा' फिल्म 14 मार्च 1931 को मुंबई के 'मजेस्टीक' सिनेमा में प्रदर्शित हुई। फिल्म 8 सप्ताह तक 'हाउसफुल' चली और भीड़ इतनी उमड़ती थी कि पुलिस के लिए नियंत्रण करना मुश्किल हो जाया करता था। दर्शकों के लिए यह फिल्म एक अनोखा अनुभव थी। 



प्रश्न-20 जब पहली बोलती फिल्म प्रदर्शित हुई तो उसके पोस्टरों पर कौन-से वाक्य छापे गए? उस फिल्म में कितने चेहरे थे? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर –देश की पहली बोलती फिल्म के विज्ञापन के लिए छापे गए वाक्य इस प्रकार थे – “वे सभी सजीव हैं, साँस ले रहे हैं, शत-प्रतिशत बोल रहे हैं, अठहत्तर मुर्दा इनसान जिंदा हो गए, उनको बोलते, बातें करते देखो।” पाठ के आधार पर ‘आलम आरा’ में कुल मिलाकर 78 चेहरे थे अर्थात् काम कर रहे थे।

प्रश्न-21 'आलम आरा' की शूटिंग के लिए कृत्रिम प्रकाश की व्यवस्था क्यों करनी पड़ी?

उत्तर –'आलम आरा' का संगीत उस समय डिस्क फॉर्म में रिकॉर्ड नहीं किया जा सका, फिल्म की शूटिंग शुरू हुई तो साउंड के कारण ही इसकी शूटिंग रात में करनी पड़ती थी। मूक युग की अधिकतर फिल्मों को दिन के प्रकाश में शूट कर लिया जाता था, मगर आलम आरा की शूटिंग रात में होने के कारण इसमें कृत्रिम प्रकाश की व्यवस्था करनी पड़ी।

प्रश्न-22 पहला बोलता सिनेमा बनाने के लिए फिल्मकार अर्देशिर एम. ईरानी को प्रेरणा कहाँ से मिली? उन्होंने आलम आरा फिल्म के लिए आधार कहाँ से लिया? विचार व्यक्त कीजिए।

उत्तर –फिल्मकार अर्देशिर एम. ईरानी ने 1929 में हॉलीवुड की एक बोलती फिल्म ‘शो बोट’ देखी और तभी उनके मन में बोलती फिल्म बनाने की इच्छा जगी। पारसी रंगमंच के एक लोकप्रिय नाटक को आधार बनाकर उन्होंने अपनी फिल्म की पटकथा बनाई।


प्रश्न-23 डब फिल्में किसे कहते हैं? कभी-कभी डब फिल्मों में अभिनेता के मुँह खोलने और आवाज़ में अंतर आ जाता है। इसका कारण क्या हो सकता है?

उत्तर –कुछ फिल्में ऐसी होती हैं, जिनमें अभिनय करने वाले और सवांद बोलने वाले दोनों एक व्यक्ति नहीं होते, ऐसी फिल्मों को डब फिल्में कहते हैं। कभी-कभी फिल्मों में आवाज़ तथा अभिनेता के मुँह खोलने में अंतर आ जाता है। ऐसा फिल्मों की भाषा तथा डब की भाषा के अंतर से या किसी तकनीकी दिक्कत के कारण हो जाता है।

प्रश्न-24 विट्ठल का चयन आलम आरा फिल्म के नायक के रूप हुआ लेकिन उन्हें हटाया क्यों गया? विट्ठल ने पुन: नायक होने के लिए क्या किया? विचार प्रकट कीजिए।

उत्तर –विट्ठल को उर्दू बोलने में मुश्किलें आती थीं। पहले उनका बतौर नायक चयन किया गया मगर इसी कमी के कारण उन्हें हटाकर उनकी जगह मेहबूब को नायक बना दिया गया। विट्ठल नाराज हो गए और अपना हक पाने के लिए उन्होंने मुकदमा कर दिया। विट्ठल मुकदमा जीत गए और भारत की पहली बोलती फिल्म के नायक बने।

आलमआरा के निर्माण में प्रयुक्त कौन सी प्रणाली आगे चलकर फिल्म निर्माण का ज़रूरी हिस्सा बनी?

प्रश्न-17 'आलम आरा' के निर्माण में प्रयुक्त कौन से प्रणाली आगे चलकर फिल्म निर्माण का जरुरी हिस्सा बनी? उत्तर – 'आलम आरा' की शूटिंग रात में होने के कारण इसमें कृत्रिम प्रकाश व्यवस्था करनी पड़ी। यहीं से प्रकाश प्रणाली बनी जो आगे चल कर फिल्म निर्माण का जरुरी हिस्सा बनी

फिल्म आलम आरा को संगीत में कौन सा वाद्य यंत्रों का इस्तेमाल किया गया?

फिल्म के संगीत में महज तीन वाद्य - तबला, हारमोनियम और वायलिन का इस्तेमाल किया गया। आलम आरा में संगीतकार या गीतकार में स्वतंत्र रूप से किसी का नाम नहीं डाला गया। इस फिल्म में पहले पार्श्वगायक बने डब्लू. एम.

आलम आरा की शूटिंग के लिए कृत्रिम प्रकाश की व्यवस्था क्यों करनी पड़ी?

Answer: आलम आरा' का संगीत उस समय डिस्क फॉर्म में रिकॉर्ड नहीं किया जा सका, फिल्म की शूटिंग शुरू हुई तो साउंड के कारण ही इसकी शूटिंग रात में करनी पड़ती थी। मूक युग की अधिकतर फिल्मों को दिन के प्रकाश में शूट कर लिया जाता था, मगर आलम आरा की शूटिंग रात में होने के कारण इसमें कृत्रिम प्रकाश की व्यवस्था करनी पड़ी

आलम आरा फिल्म को तैयार करने में कितना समय लगा?

ये वो तारीख़ है, जब भारतीय सिनेमा ने बोलना शुरू किया था। मुंबई के मैजेस्टिक सिनेमा हाल में इसी दिन पहली बोलती फ़िल्म 'आलम आरा' रिलीज़ हुई थी। 124 मिनट लंबी हिंदी फ़िल्म को अर्देशिर ईरानी ने निर्देशित किया था। आज 'आलम आरा' 87 साल की हो गयी है।