माणिक पहनने से क्या होता है? - maanik pahanane se kya hota hai?

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रत्न विज्ञान में माणिक्य रत्न का संबंध सूर्य ग्रह से बताया गया है। माणिक्य रत्न धारण करने से सरकारी क्षेत्र से संबंधित कार्यों में सफलता और तरक्की पाने में सूर्यदेव की कृपा मिलती है।

Manik Stone: ज्योतिष शास्त्र अनुसार मनुष्य को रत्नों और उपरत्नों का चुनाव बहुत ही सावधानीपूर्वक से करना चाहिए। रत्न केवल शोभा बढ़ाने का साधन नहीं है बल्कि उनमें अलौलिक शक्ति का समावेश होता है। आपको बता दें कि वहीं कभी भी मारक, बाधक, नीच या अशुभ ग्रह का रत्न धारण नहीं करना चाहिए। रत्न हमेशा शुभ ग्रह यदि अस्त है या निर्बल है तो उसका धारण करना चाहिए। ताकि उस ग्रह के प्रभाव को बढ़ाकर शुभ फलों में बढ़ोतरी की जा सके।  रत्न शास्त्र में 84 उपरत्न और 9 रत्नों का वर्णन मिलता है। आज हम बात करने जा रहे हैं माणिक्य रत्न के बारे में, जिसका संबंध सूर्य देव से है। ज्योतिष में सूर्य ग्रह को मान- सम्मान और प्रतिष्ठा का कारक माना जाता है। आइए जानते हैं माणिक्य धारण करने के लाभ और पहनने की सही विधि…

माणिक्य धारण करने के लाभ:
ज्योतिष शास्त्र अनुसार माणिक्य धारण करके सूर्य उपासना करने से सूर्य की पूजा का फल दोगुना हो जाता है। साथ ही माणिक्य धारण करने से सूर्य प्रभावित रोग( ह्रदय रोग, आंख के रोग, पित्त विकार) रोगों से मुक्ति मिलती है। साथ ही सरकारी क्षेत्र से संबंधित कार्यों में आपको सफलता और तरक्की पाने में सूर्यदेव की कृपा मिलती है।आपके अंदर ऊर्जा और आत्मबल का विकास होता है। सरकरी नौकरी पाने के लिए भी माणिक्य धारण करना शुभ माना जाता है।

किन लोगों को माणिक्य धारण करना चाहिए ?

  • ज्योतिष शास्त्र अनुसार मेष, सिंह और धनु लग्न के जातक माणिक्य धारण कर सकते हैं।
  • कर्क, वृश्चिक और मीन लग्न में माणिक्य साधारण परिणाम देता है। मतलब ज्योतिषाचार्य के कुंडली का विश्लेषण कराकर धारण कर सकते हैं।
  • अगर जातक को ह्रदय और नेत्र रोग है तो भी वह माणिक्य धारण कर सकता है। क्योंकि इन रोगों का संबंध सूर्य देव से है।
  • अगर धन भाव, दशम भाव, नवम भाव, पंचम भाव, एकादश भाव में सूर्य उच्च के स्थित हैं तो भी माणिक्य पहन सकते हैं।
  • साथ ही कुंडली में अगर सूर्य देव कमजोर स्थित हों तो भी माणिक्य धारण कर सकते हैं। साथ ही अगर सूर्य देव उच्च के या स्वराशि स्थित हैं तो भी आप माणिक्य धारण कर सकते हैं। वहीं अगर सूर्य देव नीच के स्थित हों तो माणिक्य धारण नहीं करें।

इस विधि के करें माणिक्य धारण:

-माणिक्य गुलाबी या लाल रंग का सबसे अच्छी क्लालिटी का माना जाता है।

-माणिक्य का वजन कम से कम 6 से सवा 7 रत्ती का होना चाहिए या फिर व्यक्ति को अपने वजन के अनुसार माणिक्य को धारण करना चाहिए।

-तांबा या सोने के धातु में माणिक्य को धारण करना सबसे शुभ माना जाता है।

-सूर्योदय होने के एक घंटे बाद माणिक्य रत्न को धारण करें, क्योंकि सूर्य देव के उगने के बाद उसकी शक्तियां दोगुनी हो जाती है।

-माणिक्य धारण करने से पहिले अंगूठी को गाय के दूध और गंगाजल से शुद्ध कर लें। उसके बाद मंदिर के सामने बैठकर एक माला सूर्य देव के मंत्र ऊं सूर्याय नम: का जाप करें। साथ ही सूर्य ग्रह से संबंधित कुछ दान निकालकर मंदिर में किसी पुजारी को चरण स्पर्श करके देकर आएं और फिर अंगूठी को धारण करें। 

माणिक पहनने से क्या होता है? - maanik pahanane se kya hota hai?

  • किसे होता है माणिक पहनने से लाभ, माणिक का स्वास्थ्य और ज्‍योतिषीय महत्‍व,किस दिन और कैसे करें धारण
    • स्‍वास्‍थ्‍य मे माणिक पहनने से लाभ
    • ग्रह जनित पीड़ा मे माणिक पहनने से लाभ / माणिक का ज्‍योतिषीय महत्‍व
    • माणिक किसे पहनना चाहिए
    • माणिक रत्न किस धातु में पहनना चाहिए
    • माणिक रत्न किस दिन पहनना चाहिए
    • माणिक रत्न किस दिन और कैसे पहनना चाहिए / कैसे करें धारण
    • किसे नहीं पहनना चाहिए माणिक

किसे होता है माणिक पहनने से लाभ, माणिक का स्वास्थ्य और ज्‍योतिषीय महत्‍व,किस दिन और कैसे करें धारण

जब सभी ओर अंधकार दिखे तो सूर्य की शरण मे जाएँ और माणिक्‍य धरण करे,माणिक पहनने से लाभ ही लाभ है जैसे माणिक्‍य आपको जीवन मे , अपने काम या करियर में सफलता देता है। समाज मे सम्मान की प्राप्ति होती है और रोग , निराशा , अवसाद से मुक्ति मिलती है

सूर्य के रत्‍न  माणिक्‍य को ही अंग्रेजी में रूबी कहा जाता है।  माणिक्‍य सूर्य गृह से जुड़े सभी कार्यों और संबंधित क्षेत्रों में शुभ फल प्रदान करता है। माणिक्‍य का सबसे महत्‍वपूर्ण लाभ ये है कि इसे धारण करने से जीवन में प्रसन्नता , आशा , positivity आने लगती है।

माणिक पहनने से क्या होता है? - maanik pahanane se kya hota hai?

स्‍वास्‍थ्‍य मे माणिक पहनने से लाभ

–> माणिक रत्‍न हड्डियों की निर्बलता को दूर करता है।

–>माणिक रत्‍न जीवन मे अवसाद को दूर करता है

–>माणिक रत्‍न हृदय से जुड़ी समस्याओ को दूर करता है

–>शनि राहु द्वारा उत्पन्न लंबे समय से चली आ रहे रोगों को दूर करता है

–>माणिक रत्‍न से त्वचा और नेत्र रोग भी दूर होते है

ग्रह जनित पीड़ा मे माणिक पहनने से लाभ / माणिक का ज्‍योतिषीय महत्‍व

–>माणिक्‍य पहनने से व्यक्ति मे आत्मविश्वास आता है , वो negativity से निकाल positive होता है ।

–>उसके बोलने मे आत्मविश्वास दिखाई देने लता है जिससे समाज मे मान-सम्‍मान और प्रतिष्‍ठा में बढ़ोत्तरी होती है।

–>माणिक से राजकीय और प्रशासनिक कार्यों में सफलता मिलती है।

–>जीवन से आलस्य दूर होने लगता है ।

–>व्यक्ति कर्मठ होने लगता है।

–>माणिक्‍य पहनने से व्यक्ति बुरी संगति से दूर होने लगता है ।

–>माणिक्‍य पहनने से व्यक्ति नशे आदि से भी दूर होने लगता है ।

माणिक पहनने से क्या होता है? - maanik pahanane se kya hota hai?

माणिक किसे पहनना चाहिए

–>जब सभी ओर निराशा मिल रही हो और ये समझ नहीं आ रहा हो कि क्या करें

–>जिन्‍हें अपने करियर, नौकरी या व्‍यवसाय में उन्नति करनी है या जिन्‍हें बहुत प्रयास करने के बाद भी सफलता नहीं मिल पा रही है वो लोगमाणिक्‍य रत्‍न अवश्य धारण करें।

–>जिनको नेत्रो, हृदय, हड्डियों और त्वचा के रोग लग रहे हों

–>जिनका समाज मे बिलकुल भी सम्मान न बचा हो , ऐसे लोग माणिक पहन सकते हैं

माणिक रत्न किस धातु में पहनना चाहिए

स्वर्ण यानि सोने मे

माणिक रत्न किस दिन पहनना चाहिए

रविवार यानि sunday या बृहस्पतिवार यानि thursday

माणिक रत्न किस दिन और कैसे पहनना चाहिए / कैसे करें धारण

माणिक्‍य रत्‍न सवा पाँच रत्ती या उससे ऊपर का धारण करें , इसको शुभ समय मे ही खरीदे और पहने और विधि विधान से इसका पूजन कर धरण करें

माणिक पहनने से क्या होता है? - maanik pahanane se kya hota hai?

किसे नहीं पहनना चाहिए माणिक

माणिक को नीलम, हीरा और गोमेद के साथ पहनना हानिकारक हो सकता है। माणिक को मोती, पन्ना, मूंगा और पुखराज के साथ पहन सकते हैं। जिनकी कुंडली मे शनि या राहु प्रभावी ग्रह हैं उन्हे नहीं पहनना चाहिए माणिक्‍य

निष्कर्ष : साथियों हम आशा करते है कि इस पोस्ट “किसे होता है माणिक पहनने से लाभ, माणिक का स्वास्थ्य और ज्‍योतिषीय महत्‍व,किस दिन और कैसे करें धारण” को पढ़ा ,

हम आशा करते है कि पोस्ट आपको अच्छी लगी होगी , यदि आप भी अपनी कुंडली से ये जानना चाहते है कि माणिक आपको पहनना चाहिए या नहीं तो कुंडली विश्लेषण के लिए हमारे whatsApp number 8533087800 पर संपर्क कर सकते हैं

अब यदि कोई ग्रह ख़राब फल दे रहा हो , कुपित हो या निर्बल हो तो उस ग्रह के मंत्रों का जाप , रत्न आदि धारण करने चाहिए ,

इसके साथ ही आप ग्रह शांति जाप ,पूजा , रत्न  परामर्श और रत्न खरीदने के लिए अथवा कुंडली के विभिन्न दोषों जैसे मंगली दोष , पित्रदोष , कालसर्प दोष आदि की पूजा और निवारण उपाय जानने के लिए भी संपर्क कर सकते हैं

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माणिक पहनने से क्या लाभ है?

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नौकरी में तरक्की दिलाएगा माणिक्य रत्न ... .
नेतृत्व करने की क्षमता को बढ़ाने में मददगार ... .
आत्मविश्वास को बढ़ाने में मददगार ... .
स्वास्थ्य की समस्या होगी दूर.

माणिक रत्न कितने दिन में असर करता है?

रत्नों के परिणाम कितने दिन में दिखाई पड़ते हैं इसका विवरण इस प्रकार है। मोती 3 दिन माणिक्य 30 दिन मूंगा 21 दिन पन्ना 7 दिन पुखराज 15 दिन नीलम 2 दिन हीरा 22 दिन गोमेद 30 दिन लहसुनिया 30 दिन ज्योतिष में रत्न को किन उंगलियों में धारण करना चाहिए इस पर भी विवरण मिलता है।

माणिक कौन पहन सकता है?

– मेष, सिंह और धनु लग्न के जातक माणिक धारण कर सकते हैं। – कर्क, वृश्चिक और मीन लग्न में माणिक साधारण परिणाम देता है। – अगर जातक को हृदय और नेत्र रोग है तो भी वह माणिक धारण कर सकता है। – अगर धन भाव ग्याहरवां भाव, दशम भाव, नवम भाव, पंचम भाव, एकादश भाव में सूर्य उच्च के स्थित हैं तो भी माणिक धारण कर सकते हैं।

माणिक कौन से हाथ में पहनना चाहिए?

माणिक रत्न सूर्य ग्रह से संबंधित है। इसे दाहिने हाथ की अनामिका उंगली मे पहनना चाहिए