मुक्त व्यापार के सिद्धांत ने उपनिवेशवासियो को क्रांति के लिए प्रेरित किया कैसे? - mukt vyaapaar ke siddhaant ne upaniveshavaasiyo ko kraanti ke lie prerit kiya kaise?

Solution : उपनिवेशवाद का बुनियादी सिद्धान्त उपनिवेशियों के आर्थिक शोषण एवं उनके संसाधनों का दोहन करना था। इसी के विरोध में मुक्त व्यापार की धारणा विकसित हो रही थी जिसमें राज्य द्वारा व्यापार को नियंत्रित करने का विरोध किया गया था। इस सिद्धान्त के अनुसार उपनिवेशवासी अपने व्यापार एवं अन्य क्रिया-कलापों में इंग्लैण्ड के हस्तक्षेप को नापसंद करते थे। इसी ने उपनिवेशवासियों को क्रान्ति के लिए प्रेरित किया।

Solution : उपनिवेशवासियों का कहना था कि उपनिवेशों के आर्थिक शोषण और उनके संसाधड़ों के दोहन का अधिकार मातृदेशको। उसी वक्त वहाँ उन्मुक्त व्यापार की धारणा का भी विकारा हो रहा था, जिसमें राज्य द्वारा व्यापार को नियंत्रित करने का विरोध किया गया था। उपनिवेशवासी अपने व्यापारअथवा अन्य कार्यों में इंग्लैंड का हस्तक्षेप पसंद नहीं करते थे। इसलिए उपनिवेशवासी के मध्यम वर्ग के लोग इंग्लैंड के कुलीन वर्गीय शासन का अंत चाहते थे और इस प्रकार मुक्त व्यापार के सिद्धान्त ने उपनिवेशवासियों को क्रांति के लिए प्रेरित किया

मुक्त व्यापार के सिद्धांत ने उपनिवेशवासियो को क्रांति के लिए प्रेरित किया कैसे?

मुक्त व्यापार के सिद्धांत ने उपनिवेशवासियों को क्रांति के लिए प्रेरित किया कैसे? Solution : उपनिवेशवाद का बुनियादी सिद्धान्त उपनिवेशियों के आर्थिक शोषण एवं उनके संसाधनों का दोहन करना था। इसी के विरोध में मुक्त व्यापार की धारणा विकसित हो रही थी जिसमें राज्य द्वारा व्यापार को नियंत्रित करने का विरोध किया गया था।

मुक्त व्यापार से आप क्या समझते हैं?

ऐसी व्यापारिक नीति जिसमें किसी भी देशों के बीच वस्तुओं के आयात और निर्यात पर कोई कर नहीं लगता है उसे मुक्त व्यापार या व्यापारिक उदारीकरण कहते हैं। मुक्त व्यापार, इस अर्थ में, संरक्षणवाद के विपरीत है जो एक रक्षात्मक व्यापार नीति है जो विदेशी प्रतिस्पर्धा को समाप्त करती है।

मुक्त व्यापार क्या है लघु उत्तरीय प्रश्न?

क्या है मुक्त व्यापार संधि (free trade agreement-FTA) एफटीए के तहत दो देशों के बीच आयात-निर्यात के तहत उत्पादों पर सीमा शुल्क, नियामक कानून, सब्सिडी और कोटा आदि को सरल बनाया जाता है। इसका एक बड़ा लाभ यह होता है कि जिन दो देशों के बीच में यह संधि की जाती है, उनकी उत्पादन लागत बाकी देशों के मुकाबले सस्ती हो जाती है।