डायरी का पन्ना पाठ क्या संदेश देना चाहता है? - daayaree ka panna paath kya sandesh dena chaahata hai?

Solution :  .डायरी का एक पन्ना. पाठ को पढ़कर हमें यह संदेश मिलता है कि देश के सम्मान को सर्वोपरि समझना चाहिए। इसके लिए कष्ट सहने को भी तैयार रहना चाहिए। विदेशी शासन की क्रूरता से हमें घबराना नहीं चाहिए, हम जिस काम को करने का निश्चय कर लें उसे पूरा करके ही दम लेना चाहिए। यह पाठ हमें देश प्रेम और त्याग भावना का संदेश देता है।

‘डायरी का एक पन्ना’ नामक पाठ के माध्यम से क्या संदेश दिया गया है?

‘डायरी का एक पन्ना’ नामक पाठ स्वतंत्रता का मूल्य समझाने एवं देश प्रेम व राष्ट्रभक्ति को जगाने तथा प्रगाढ़ करने का संदेश छिपाए हुए है। पाठ में सन् 1931 के गुलाम भारत के लोगों की सच्ची तस्वीर प्रस्तुत की गई है कि किस प्रकार निहत्थे किंतु संगठित भारतवासियों के मन में स्वतंत्रता पाने की भावना बलवती हुई और इसे पाने के लिए लोगों ने न लाठियों की चिंता की और न जेल जाने की। वे आत्मोत्सर्ग के लिए तैयार रहते थे। यह पाठ हमें अपनी स्वतंत्रता की रक्षा । करने की जहाँ प्रेरणा देता है, वहीं यह संदेश भी देता है कि संगठित होकर काम करने से कोई काम असाध्य नहीं रह जाता है।

डायरी का एक पन्ना पाठ में क्या संदेश हदया गया है?

'डायरी का एक पन्ना' नामक पाठ के माध्यम से क्या संदेश दिया गया है? 'डायरी का एक पन्ना' नामक पाठ स्वतंत्रता का मूल्य समझाने एवं देश प्रेम व राष्ट्रभक्ति को जगाने तथा प्रगाढ़ करने का संदेश छिपाए हुए है

डायरी का एक पन्ना पाठ में किस उत्सव को मनाने की बात की गई है और क्यों?

26 जनवरी 1930 को गुलाम भारत में पहला स्वतंत्रता दिवस मनाया गया था जिसमे कलकत्ता वासियों की भागीदारी साधरण थी। 26 जनवरी 1931 को उसकी पुनरावृत्ति थी परन्तु इस बार कलकत्ता में इसकी तैयारियाँ जोरो पर थी। इसीलिए कलकत्ता वासियों के लिए यह दिन महत्वपूर्ण था।

प्रस्तुत पाठ का शीर्षक डायरी का पन्ना ही लेखक ने क्यों रखा अपने विचार लिखिए?

डायरी का एक पन्ना पाठ सार प्रस्तुत पाठ के लेखक सीताराम सेकसरिया आज़ादी की इच्छा रखने वाले महान इंसानों में से एक थे। वह दिन -प्रतिदिन जो भी देखते थे ,सुनते थे और महसूस करते थे ,उसे अपनी एक निजी डायरी में लिखते रहते थे। इस पाठ में उनकी डायरी का 26 जनवरी 1931 का लेखाजोखा है जो उन्होंने खुद अपनी डायरी में लिखा था।

डायरी का एक पन्ना में जुलूस और ध्वजारोहण को रोकने के लिए पुलिस ने क्या किया?

'डायरी का पन्ना' में जुलूस और ध्वजारोहण को रोकने के लिए पुलिस ने क्या किया ? उत्तर: पुलिस ने इस कार्यक्रम को रोकने के लिए शहर के प्रत्येक मोड़ पर गोरखे और सारजेंट तैनात कर दिए। प्रश्न 2. पुलिस ने बड़े-बड़े पार्कों तथा मैदानों को क्यों घेर लिया था?