मुम्बई का इतिहास और जानकारी – Information about history of Mumbai in hindiमुम्बई का इतिहास (history of Mumbai ) बहुत पुराना है। आज हम Information about history of Mumbai in Hindi शीर्षक के माध्यम से मुम्बई का इतिहास सहित, मुंबई का नामांकरण, पर्यटन स्थल की पूरी जानकारी हासिल करेंगे। Show
मुम्बई अरब सागर के तट पर स्थित भारत का एक खूबसूरत शहर है। भारत का फिल्म उद्योग मुंबई की पहचान है। एक तरफ आसमान को छूती गगन-चुंबी इमारत और दूसरी तरफ अगम गहराई लिए सागर इसकी शोभा को बढ़ाती है।
मायानगरी मुंबई सात द्वीपों से मिलकर बना एक एतिहासिक शहर है। यह महाराष्ट्र राज्य की राजधानी है और भारत की आर्थिक राजधानी के रूप में भी जाना जाता है। मुम्बई का इतिहास बहुत ही गौरवमयी रहा है। यहाँ का फिल्म उद्योग हॉलिवूड हमेशा से बॉलीवूड फिल्म को टक्कर देता रहा है। मुंबई, भारत के चार महानगरों में अग्रणी है। मुंबई के कारण ही महाराष्ट्र को वाणिज्यिक राज्य का दर्जा मिला है। कहते हैं की भारत भ्रमण के लिए आने वाले सैलानियों के लिए यह पहली पसंद है। क्योंकी Mumbai city पहुँचकर वे भारत के किसी कोने में आराम से भ्रमण कर सकते हैं। मुंबई की खोज किसने की थी इसपर कोई सटीक उत्तर नहीं प्राप्त है। लेकिन मुम्बई का इतिहास बताता है की यह स्थान कभी मौर्य साम्राज्य का हिस्सा था। कलांतर में इस पर गुजरात के सुल्तान का शासन रहा। जिसे बाद में पूर्तगलियों ने आक्रमण कर अपने कब्जे में ले लिया। मुंबई का इतिहास इसी तरह बदलता रहा और यह ईस्ट इंडिया कंपनी के अधीन में हो गया। अंग्रेजों ने भारत में पहली रेल गाड़ी मुंबई से ठाणे के बीच ही चलाई थी। मुंबई के लोकेशन से प्रभावित होकर ही ईस्ट इंडिया कंपनी ने अपना मुख्यालय सूरत से मुंबई स्थानतरित किया था। अंग्रेजों द्वारा स्थापित गेटवे ऑफ इंडिया मुंबई की पहचान बन चुकी है। गेटवे ऑफ इंडिया का निर्माण 1913 ईस्वी में हुआ था। By A.Savin (Wikimedia Commons · WikiPhotoSpace) – Own work, FAL, https://commons.wikimedia.org/w/index.php?curid=47966129 मुंबई के बारें में संक्षिप्त जानकारी – information about Mumbai in hindi
मुम्बई का इतिहास – about history of Mumbai in Hindiऐतिहासिक दृष्टि से भी भारत का मुम्बई शहर अति महत्वपूर्ण माना जाता है। साथ टापुओं के शहर मुंबई पर सन 1348 ईस्वी तक हिन्दु सम्राट के अधिकार क्षेत्र में रहा। उसके बाद इस पर सन 1534 ईस्वी तक पुर्तगालियों का शासन चला। तत्पश्चात् मुंबई पर सन 1625 ईस्वी तक डचों ने अपना शासन किया। उसके बाद फिर से पूर्तगालियों ने इस पर कब्जा कर सन 1661 ईस्वी में चार्ल्स द्वितीय को उपहार स्वरूप दे दिया गया। कालांतर में मुंबई को ब्रिटिश शासकों ने 10 पौण्ड सालाना किराए पर ईस्ट इंडिया कंपनी को दे दिया गया। ईस्ट इंडिया कंपनी ने अपने कपड़े की मिल को मुंबई में शिफ्ट कर दिया गया। इस प्रकार यह शहर तेजी से प्रगति करते हुए हमारे देश का प्रमुख वाणिज्यिक केन्द्र बन गया। सन 1857 के प्रथम स्वतंरता के बाद अंग्रेजी सरकार ने इसे अपने अधिकार में ले लिया। धीरे-धीरे मुंबई के सातों द्वीपों को जोड़कर एक कर दिया गया। जैसा की हम लोग जान चुके हैं की पहले यहाँ कोलीस और धीवरों का निवास स्थल था। उनके आराध्य देवी मुंबा के नाम पर इस स्थल का नामांकरण हुआ था। लेकिन अंग्रेजों ने इसे मुंबा की जगह बॉम्बे कहना शुरू किया। क्योंकी उन्हें मुंबा की जगह मुंबई कहने में सहूलियत महसूस होती थी। जब सन 1947 में देश आजाद हुआ तब बॉम्बे राज्य के अंतर्गत महाराष्ट्र और गुजरात दोनो आते थे। लेकिन 60 के दशक में भाषा के आधार पर राज्य की मांग उठी। इस प्रकार बॉम्बे को विभाजित कर दो नए राज्य महाराष्ट्र और गुजरात के गठन को मंजूरी मिली। लेकिन बंबई को लेकर एक विवाद हो गया। मराठी लोगों का कहना था की बंबई में मराठी बोलने वालों की संख्या अधिक है। इसीलिए बंबई महाराष्ट्र के अधीन होना चाहिए। उधर गुजरात के लोगों का तर्क था की बंबई के बनाने में गुजरात के लोगों का बहुत बड़ा हाथ है। इस कारण इसे गुजरात राज्य का अंग बनाया जाना चाहिए। कहते हैं की तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने दिल्ली की तरह मुंबई को भी केंद्र शासित प्रदेश बनाना चाहा। लेकिन मराठी भाषी बहुल क्षेत्र होने के कारण अंत में इसे महाराष्ट्र का हिस्सा बनाया गया। इस प्रकार 01 मई 1960 को बंबई को महाराष्ट्र की राजधानी बनायी गयी। यधपि 26 जनवरी 1986 को इसका नाम परिवर्तित कर बंबई से मुंबई कर दिया गया। इस तरह यह शहर फिर से अपने पुराने मुम्बई नाम से जाना जाने लगा। इन्हें भी पढ़ें – पटलीपुत्र, पटना का इतिहास मुंबई का नाम मुंबई क्यों पड़ाअंग्रेजों के शासन काल से मायानगरी मुम्बई को भारत का प्रवेश द्वार कहा जाता है। लेकिन मुम्बई का इतिहास पुरातन काल से जुड़ा है। मुम्बई सात टापुओं को मिलाकर बनाया गया एक अनुपम शहर है। प्राचीन काल में इस स्थल पर कोली मछुआरों की जनजातियों रहती थी। उनके आराध्य देवी का नाम मुंबा देवी था। इसी मुंबा देवी के नाम पर इस स्थल का नाम मुंबई पड़ा। city of seven islands मुम्बई का इतिहासजैसा की हम जानते हैं की मुंबई की गिनती दुनियाँ के प्रमुख शहर में की जाती है। समुन्द्र तट पर बसा यह शहर दुनियाँ के सुंदर बंदरगाह में से एक है। यह नगर कोलाबा, माहिम, छोटा-कोलाबा, मझ-गाँव, वर्ली, माटुंगा, और परेल जैसे साथ छोटे-छोटे टापुओं पर बसा है। कलांतर में प्राकृतिक परिवर्तन और मानवीय प्रयत्न से सातों टापू आपस में मिल गये। इस प्रकार यह क्षेत्र एक विशाल महानगर के रूप में परिवर्तित हो गया। मुंबई के समुन्द्री तट के बारें पूरी जानकारी – INFORMATION ABOUT HISTORY OF MUMBAI IN HINDIमुंबई में मेरिन ड्राइव के नरीमन पॉइंट से लेकर चौपाटी तक का नजारा देखते ही बनता है। इसके एक ओर गगनचुंबी भवन और दूसरी तरफ समुंदर से आती ठंढ हवा मन को आनंदित कर देती है। यहाँ के चौपाटी समुन्द्र तट पर हमेशा हजारों लोगों की भीड़ रहती है। लोग समुन्द्र की उठती और गिरती लहरों को देखकर बड़े ही आनंदित होते हैं साथ ही भेलपुरी, पावभाजी के साथ ऊंट सबारी का भी आनंद लेते हैं। शाम के बक्त सूर्यास्त के बाद जब मेरिन ड्राइव की लाइट ऑन होती है तब दूर से देखने पर बड़ा ही मनमोहक दृश्य उत्पन्न होती है। जुहू बीच (Mumbai Juhu chaupati ) – मुंबई का जुहू-बीच बहुत ही प्रसिद्ध है जहाँ लोग सैर व स्नान का मजा लेते हैं। नारियल और तार के पेड़ से भरा जुहू-बीच बड़ा ही मनमोहक लगता है। मुम्बई का इतिहास और बॉलीवुड – information about bloodwood history of Mumbai in Hindi
हॉलीवुड की फिल्में भारत के सभी सिनेमा घरों के साथ विदेशी सिनेमा घरों के पर्दे पर भी प्रदर्शित की जाती हैं। मुंबई में स्थित सीने स्टार का घर का दर्शन भी पर्यटक के लिए आकर्षण का केंद्र होता है। मुम्बई का इतिहास और उससे जुड़ी कुछ रोचक बातें – fact about history of Mumbai in Hindi
मुंबई का त्योहार about festival history of Mumbai in hindiमुम्बई का इतिहास जितना रोमांचक है उतनी ही रोमांचकता से मुंबई के लोग अपना त्योहार भी मनाते हैं। वैसे तो करीब-करीब सभी त्योहार मनाए जाते हैं। लेकिन गणेश उत्सव यहाँ विशेष उत्साह और उल्लास से मनाई जाती है। इस पूजन में बड़े-बड़े फिल्मी हस्ती गणपति की मूर्ति स्थापित कर उनका पूजन करते हैं। By ninadism – Flickr: lalbaug cha raja 003, CC BY-SA 2.0, https://commons.wikimedia.org/w/index.php?curid=17998004 गणेश चतुर्थी पर प्रारंभ होने वाला यह त्योहार अनंत चतुर्दशी तक चलता है। हर तरफ गणपती बप्पा मोरया मंगल मूर्ति मोरया जयकारे की गूंज सुनाई पड़ती है। इस दौरान मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर में कभी भक्त की भीड़ जमा होती है। इसके अलाबा यहाँ होली, कृष्णजन्माष्टमी, दिवाली, दशहरा, मकर संक्रांति, मुहरम, रमजान, ईसाई का त्योहार क्रिसमस भी उत्साह के साथ मनाते हैं। यहाँ समुन्द्र के तट पर उत्तर भारतीयों के द्वारा आस्था का महापर्व छठ पूजा भी बहुत ही धूम-धाम से मनाई जाती है। प्रमुख पर्यटक स्थल – Information about tourist places history of Mumbai in hindiप्रिंस ऑफ वेल्स म्यूजियमगेट वे ऑफ इंडिया के थोड़ी दूर पर प्रिंस ऑफ वेल्स म्यूजियम स्थित है। कहते हैं की इसका शिलान्यास सन 1905 ईस्वी में प्रिंस ऑफ वेल्स ने किया था। वही प्रिंस ऑफ वेल्स, जार्ज पंचम के रूप में अपने पत्नी के साथ 1911 ईस्वी में भारत आए थे। उन्होंने वहाँ से दिल्ली दरबार पहुंचे और भारत के राजधानी कलकत्ता से दिल्ली स्थानतरण की घोषणा की। भारत की राजधानी की स्थानतरण का इतिहास जानने के लिए क्लिक करें – कहानी राजधानी की । क्योंकि यह ऐतिहासिक स्थलों की सामग्रियों का म्यूजियम है। इसलिए यहाँ अजंता, एलोरा तथा कई अन्य स्थलों की कलाकृति संग्रहीत है। इसी के बगल में जहांगीर आर्ट गैलरी है। इसमें कई प्रसिद्ध कलाकारों की अनुपम कृतियों को देखा जा सकता है। गेटवे ऑफ इण्डिया-इसका निर्माण ब्रिटेन के राजा जार्ज पंचम तथा महारानी विक्टोरिया यागदार में किया गया था। इसी जगह पर जार्ज पंचम अपनी पत्नी रानी विक्टोरिया के साथ सन 1911 ईस्वी में जहाज से उतार कर भारत पहुंचे थे। अगर आप मुम्बई का इतिहास पूरी तरह जानेंगे तो पाएंगे की जार्ज पंचम मुंबई के रास्ते भारत में प्रवेश किया। इस कारण ही मुंबई को भारत का प्रवेश द्वार कहा जाता है। तथा उन्ही के सम्मान को स्मृति प्रदान करने के लिए गेटवे ऑफ इंडिया बनाया गया। गेटवे ऑफ इण्डिया का शिलान्यास 31 मार्च 1913 ईस्वी में बाम्बे प्रांत के गवर्नर, लार्ड सिडनम ने किया था। लगभग 12 वर्षों के बाद जब यह बनकर तैयार हुआ तब इसका उद्घाटन 12 दिसम्बर 1924 ईस्वी को वायसराय लार्ड रीडिंग ने किया था। गेटवे ऑफ इण्डिया के पास छत्रपति शिवाजी व स्वामी विवेकानन्द की विशाल प्रतिमा स्थापित है। दर्शक के लिए गेटवे ऑफ इण्डिया के साथ-साथ ये प्रतिमा भी आकर्षण का केंद्र है। तारापोरवाला एक्वेरियम-सन 1951 में बना यह संग्रहालय बिभिन्न प्रकार के मछली के लिए प्रसिद्ध है। इस मत्स्य संग्रहालय में खारे व मीठे जल की कई किस्म की मछलियों को संगृहित कर रखा गया है। इसमें आपको कई दुर्लभ किस्म की मछलियाँ भी देखने को मिल सकती हैं। हुतात्मा चौक –जब भाषा के आधार पर महाराष्ट्र राज्य के गठन की मांग को लेकर आंदोलन चल रहा था। इस आंदोलन में गोली लगने से कई लोग की जान चली गयी थी। उन लोगों की स्मृति में इस चौक का नाम हुतात्मा चौक रखा गया। महाराष्ट्र दिवस के अवसर पर इस जगह पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। कमला नेहरू पार्क-इस पार्क में स्थापित जूता घर बच्चों में बहुत ही खास लोकप्रिय है। इस पार्क का नाम famous women freedom fighter कमला नेहरू के नाम पर रखा गया था। सन 1952 में इस पार्क का निर्माण मालाबार पहाड़ियों पर किया गया। इसके अलाबा यहाँ कई तरह के सुगंधित पुष्प और आकृतियाँ बड़ा ही सुंदर लगता है। पटना के दर्शनीय स्थल के बारें में जाननें के लिए क्लिक करें 10 famous places to visit in Patna. हाजी अली दरगाह – Haji Ali dargah Mumbai history in Hindiएक महान मुस्लिम संत की स्मृति में निर्मित हाजी अली का दरगाह एक पवित्र स्थल है। मुंबई के वर्ली के पास एक टापू पर स्थित हाजी अली नामक एक प्रसिद्ध दरगाह है। इस दरगाह का निर्माण सन 1431 ईस्वी में एक महान मुस्लिम संत सैय्यद पीर हाजी अली शाह बुखारी की स्मृति में किया गया था। यहाँ सभी धर्म के लोग प्रतिवर्ष चादर चढ़ाकर अपनी मनौती मांगने जाते हैं। मुंबई में स्थित नेहरु प्लैनेटेरियम(तारामंडल)इस तारामंडल (प्लैनेटेरियम ) का नाम भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के नाम पर रखा गया है। नेहरू प्लैनेटेरियम का उद्घाटन 3 मार्च 1977 ईस्वी में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी के द्वारा किया गया था। इस तारामंडल में मराठी, अंग्रेजी और हिंदी भाषा में खगोलशास्त्र पर आधारित जानकारी दिखाई जाती है। यदि आप अंतरिक्ष और विज्ञान के क्षेत्र में रूचि रखते हैं तो मुंबई भ्रमण के दौरान अपने बच्चे को जरूर नेहरू प्लैनेटेरियम दिखाना चाहिए। इस तारामंडल के वास्तुकार जेएम कादरी को माना जाता है। सोमबार को छोड़कर शेष दिन यह तारामंडल खुला रहता है। इसमें आकाश, तारे और ग्रह की गति को इस प्रकार प्रदर्शित किया जाता है की मानो सब कुछ सही में घटित हो रहा हो। तारे, चाँद, उपग्रह की गति को लगता है की हम नंगी आँखों से नजदीक से देख रहे हैं। इसके अलाबा छत्रपति शिवाजी टर्मिनल, राजाबाई टाबर, हाजी अली, बांद्रा, एलीफेंटा की गुफ़ाएं आदि दर्शनीय स्थल है। मुंबई के प्रसिद्ध मंदिरवैसे तो मुंबई में स्थित कई मंदिर प्रसिद्ध हैं। लेकिन दादर का शिवाजी पार्क में स्थित शिवाजी रंग मंदिर, जुहू के हरे-राम हरे कृष्ण मंदिर, महालक्ष्मी मंदिर, सिद्धि विनायक मंदिर, जैन मंदिर आदि प्रसिद्ध हैं। इन्हें भी पढ़ें – लिंगराज मंदिर ओडिसा का इतिहास प्रसिद्ध महावीर मंदिर पटना दोस्तों मुम्बई का इतिहास (Information about history of Mumbai in Hindi ) आपको जरूर अच्छा लगा होगा। अपने कमेंट्स से जरूर अगवत करायें। मुंबई क्यों फेमस है?रमणीक सुमुन्द्र तट पर बसा मुंबई भारत की आर्थिक राजधानी है। मुंबई फिल्म उद्योग के लिए भी फेमस है। बॉलीवुड के इंडिया के हॉलीवुड में ही सबसे ज्यादा फ़िल्में बनती है। मुंबई को सात टापुओं का शहर क्यों कहते हैं?क्योंकि मुंबई नगर सात छोटे-छोटे टापुओं कोलाबा, माहिम, छोटा-कोलाबा, मझ-गाँव, वर्ली, माटुंगा और परेल पर बसा है। मुंबई नाम क्यों पड़ा?यहाँ की प्राचीन जनजाति के आराध्य मुंबा देवी के नाम पर इस शहर का नाम मुंबई पड़ा। सन 1995 में तत्कालीन सरकार ने बंबई का नाम बदलकर मुंबई कर दिया। बम्बई का नाम मुंबई कब हुआ?सन 1995 में तत्कालीन सरकार ने बंबई का नाम बदलकर मुंबई कर दिया। मुम्बई का पुराना नाम क्या है?सत्रहवीं शताब्दी में, ब्रिटिश लोगों ने यहां अधिकार करने के बाद, इसके पूर्व नाम का आंग्लीकरण किया, जो बॉम्बे बना। किन्तु मराठी लोग इसे मुंबई या मंबई व हिन्दी व भाषी लोग इसे बम्बई ही बुलाते रहे। इसका नाम आधिकारिक रूप से सन 1995 में मुंबई बना।
मुंबई शहर की स्थापना कब हुई?बॉम्बे भारत के राज्य के रूप में 1950 में स्थापित किया गया था। 1996 में, बॉम्बे का नाम बदलकर मुंबई कर दिया गया।
मुंबई में कुल कितने जिले हैं?मुंबई में दो अलग-अलग क्षेत्र शामिल हैं: मुंबई शहर जिला और मुंबई उपनगरीय जिला, जो महाराष्ट्र के दो अलग-अलग राजस्व जिले बनाते हैं।
मुंबई में कौन सा महासागर है?मुंबई अरब सागर के किनारे बसा हुआ है।
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