शनि शिंगणापुर (Shani Shingnapur) धाम महाराष्ट्र राज्य के अहमदनगर जिले में स्थित है। इस धाम में शनि देव एक शिला के रूप में विराजमान हैं। इस मंदिर को शनि देव का सबसे अनोखा मंदिर कहा जाता है। वह इसलिए की यहां शनि शिला किसी भव्य मंदिर में नहीं है बल्कि खुले आकाश के नीचे एक संगमरमर के पत्थर से बने चबूतरे पर स्थापित है। शनि शिंगणापुर में पहुंचते ही भक्तों को शनि देव की उपस्थिति का अनुभव होता है। आगे हम शनि शिंगणापुर की कथा, महिमा व महत्व के बारे में जानेंगे। Show
शनि शिंगणापुर की पौराणिक कथाएक समय की बात है शिंगणापुर गांव में मुसलाधार बारिश हुई। जिसके कारण गांव डूबने लगा। सभी गांव वाले एक ऊंचे स्थान पर चले गए। तभी एक व्यक्ति ने देखा की एक दैवीय शिला पानी में बह रही है। जब बाढ़ का पानी कुछ कम हुआ तो व्यक्ति ने एक पेड़ के पास दोबारा यह पत्थर देखा। पत्थर देख उसके मन में लालच आया कि इसे बचकर वो अच्छी कमाई कर सकता है। जिसके चलते वह इस दैवीय पत्थर को तोड़ने के लिए प्रहार करता है, जैसे ही व्यक्ति इस पत्थर पर प्रहार करता है शिला से खून निकलने लगता है। जिसे देख व्यक्ति भयभीत हो जाता है और अपने गांव पहुंच कर इस घटना के बारे में सबको बताता है। इसके बाद सभी ग्रामवासी उस जगह पर पहुंचते हैं जहां वह पत्थर था। सभी गांव वाले व्यक्ति की बात पर विश्वास करने के लिए एक बार फिर से व्यक्ति को पत्थर पर प्रहार करने के लिए कहते हैं, जैसे ही व्यक्ति ने प्रहार किया शिला ले रक्त निकलने लगा, यह देखकर सभी आश्चर्यचकित हो जाते हैं। अब किसी को समझ नहीं आ रहा था कि इस पत्थर का क्या किया जाए, सभी सोच में पड़ गए। तब सब ने निश्चय किया कि अभी यहां से गांव चलाते हैं। कल आकर देखेगें कि इस पत्थर का क्या करना है। सभी लोग गांव लौट गए। उसी रात व्यक्ति के सपने में घोड़े पर सवार होकर शनि देव आएं और बोले कि मैं शनि देव हूं। जो पत्थर आज तुम्हें मिला उसे अपने गांव लाकर स्थापित करो। जिससे तुम्हारें गांव में हमेशा खुशहाली रहेगी। दूसरे दिन वह इस सपने के बारे में सभी गांव वालों को बताता है। गांव वाले उस पत्थर के पास दोबारा गए और उसे उठाने की कोशिश करने लगे, लेकिन वह शिला तस से मस न हुई। दिनभर लगे रहने के बाद सभी थक हार कर घर वापस आ जाते हैं। रात में उसी व्यक्ति के सपने में फिर से शनि देव आएं और शिला को गांव कैसे लेकर आना है इस बारे में बाताकर चले गए। अगले दिन व्यक्ति ने शनि देव के बताये योजना के तहत सभी गांव वालों के साथ मिलकर उस शिला को अपने गांव लाकर स्थापित करता है। जिसके बाद सभी गांव वाले मिलकर उस शिला की पूजा करने लगते हैं। कहा जाता है कि तब से फिर कभी गांव पर कोई विपत्ति नहीं आई। शनि शिंगणापुर में दर्शनीय स्थानशनि शिंगणापुर (Shani Shingnapur) को शनि मंदिर के वजह से जाना जाता है आगे हम शनि मंदिर के बारे में जानेंगे। शनि मंदिर शिंगणापुर के शनिदेव अपने आप में एक अद्भुद मंदिर है। यह ऐसा इकलौता मंदिर है जहां प्रतिमा नहीं एक शिला खुले आसमान के नीचे स्थापित है। मंदिर में कोई भी छत नहीं है। शनि देव की शिला लगभग 5 फीट 9 इंच लंबी व 1 फीट 6 इंच चौड़ी है। इस मंदिर में जाने के लिए भक्तों को नियमों का पालन करना पड़ता है। इस मंदिर में शनि देव को तेल चढ़ाने के लिए पुरुषों को केसरिया रंग का वस्त्र धारण करना पड़ता है साथ ही इन्हीं कपड़ों में स्नान करने के बाद तेल चढ़ाने की परंपरा है। मान्यता है कि ऐसा करने से व्यक्ति का केवल शरीर ही नहीं बल्कि मन भी शुद्ध हो जाता है। जिससे व्यक्ति के मन में चल रही कोई भी गलत बात समाप्त हो जाती है। शिंगणापुर की खासियत आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि शिंगणापुर के अधिकांश घरों में खिड़की, दरवाजे और तिजौरी नहीं है। दरवाजों की जगह यदि लगे हैं तो केवल पर्दे। ऐसा इसलिए क्योंकि यहां चोरी नहीं होती। कहा जाता है कि जो भी चोरी करता है शनि महाराज उसकी सजा उसे स्वयं देते हैं। गांव वालों पर शनिदेव की कृपा है। शनि देव की महिमा आमतौर पर शनिदेव को लेकर हमारे मन में कई धारणाएं हैं। जैसे कि शनिदेव बहुत अधिक कष्ट देने वाले देवता हैं। लेकिन ऐसा नहीं है। यदि शनिदेव की आराधना विधिवत की जाए तो शनिदेव से उत्तम देव कोई नहीं। शनि की जिस पर कृपा होती है उस व्यक्ति के लिए सफलता के सारे द्वार खुल जाते हैं। जब शनि की शुभ दृष्टि किसी पर पड़ती है, तो उसके सारे दुख दूर हो जाते हैं। जैसे कुंभार मिट्टी के घड़े को तपाकर उसे उपयोग हेतु बना देता है, वैसे ही शनि भी विभिन्न परिस्थितियों के ताप में तपाकर मनुष्य को उन्नति के पथ पर बढ़ने के लिए सामर्थ्य एवं लक्ष्य प्राप्त करने के साधन उपलब्ध कराते हैं। कैसे पहुंचे शनि शिंगणापुर शनि धाम आप वायु, रेल और सड़क मार्ग से पहुंच सकते हैं। वायु मार्ग वैसे तो शनि शिंगणापुर (Shani Shingnapur) में कोई एयपोर्ट नहीं है लेकिन यात्री हेलीकॉप्टर से अहमदनगर पहुंच सकते हैं। यहां तीन हेलीपैड बने हैं। रेल मार्ग शनि धाम जाने के लिए आपको नासिक रेलवे स्टेशन उतरना होगा। यहां से 150 किमी की सड़क यात्रा कर शनि शिंगणापुर पहुंचा जा सकता है। इसके अलावा रेल मार्ग से शिरडी पहुंच कर 77 किमी का रास्ता तय कर शनि धाम पहुंच सकते हैं। सड़क मार्ग शनि शिंगणापुर राजमार्ग 60 से जुड़ा हुआ है। जिसे पूना-अहमदनगर-औरंगाबाद राजमार्ग कहा जाता है। यहां आप कहीं से भी पहुंच सकते हैं। Shani Shingnapur Temple In Hindi : शनि शिंगनापुर मंदिर महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर भगवान शनि के लिए प्रसिद्ध है, जिनके बारे में माना जाता है कि वे आज भी यहां एक काले पत्थर में निवास करते हैं। यह मंदिर हर साल बड़ी मात्र में भक्तों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। शनि शिगनापुर मंदिर के प्रति लोगों का विश्वास इतना मजबूत है कि यहां गाँव के किसी भी घर में दरवाजे और ताले का इस्तेमाल नहीं करता। यहां के लोगों का मानना है कि भगवान शनि चोरों से उनके सामान की रक्षा करते हैं। शनिवार, अमावस्या और श्री शनैश्चर जयंती जैसे पवित्र मौकों पर यहां पर लोगों के उत्साह का स्तर काफी ज्यादा होता है। कुछ यहां कुछ हिंदू भक्त रोजाना भगवान शनि को प्रसन्न करने के लिए उनकी पूजा करते हैं क्योंकि ऐसा मानना है कि किसी के जीवन पर शनि ग्रह का प्रभाव दुर्भाग्य के रूप में माना जाता है। शनि शिगनापुर मंदिर की यात्रा निश्चित रूप से भक्तों को यह आशा देती यहां आने के बाद आपका जीवन निश्चित रूप से सुधार जायेगा। भक्तों का मानना है कि शनि देव उनके जीवन को खुशियों से भर देंगे। यहां पर लंबी लाइन में लगने और काफी इंतज़ार करने के बाद ही भक्त शनि देव के दर्शन कर सकते हैं। अगर आप शनि शिंगनापुर के बारे में अन्य जानकरी चाहते हैं तो इस लेख को अवश्य पढ़ें, जिसमे हम आपको शनि शिगनापुर मंदिर के दर्शन की पूरी जानकारी देने जा रहें हैं – + Tabel Content शनि शिंगणापुर का इतिहास और कहानी – Shani Shingnapur Story In Hindi शनि शिंगणापुर मंदिर का प्रवेश शुल्क – Shani Shingnapur Temple Entry Fee In Hindi शनि शिंगणापुर मंदिर खुलने और बंद होने का समय – Shani Shingnapur Mandir Timings In Hindi शनि शिंगणापुर का रहस्य – Shani Shingnapur Rahasya In Hindi शनि शिंगणापुर में महिलाओं के लिए प्रवेश नियम – Shani Shingnapur Temple Rules For Womens In Hindi श्री शनेश्वर देवस्थान प्रसादालय – Shri Shaneshwar Devasthan Prasadalaya In Hindi शनि शिंगणापुर मंदिर में मनाये जाने वाले उत्सव – Festivals Celebrated At Shani Shingnapur Temple In Hindi शनि शिंगणापुर घूमने जाने का सबसे अच्छा समय – Best Time To Visit Shani Shingnapur In Hindi शनि शिंगनापुर कैसे जाये – How To Reach Shani Shingnapur Temple In Hindi
भारत के प्रमुख शहरों से शनि शिंगनापुर की दूरी – Shani Shingnapur Distance In Hindi शनि शिंगणापुर का नक्शा – Shani Shingnapur Map शनि शिंगणापुर की फोटो गैलरी – Shani Shingnapur Images 1. शनि शिंगणापुर का इतिहास और कहानी – Shani Shingnapur Story In HindiImage Credit: Rai Padशनि शिंगणापुर के इतिहास की बात करें तो ऐसा माना जाता है कि कई साल पहले एक चरवाहे ने एक नुकीली चीज से काले पत्थर को छुआ था जिसके बाद उस पत्थर से खून बहने लगा था। इस घटना के बाद पूरा गाँव हैरान रह गया था। बता दें कि उसी रात चरवाहे ने अपने सपने में भगवान शनीश्वर जिन्होंने उसे काले पत्थर को अपना स्वायंभु रूप बताया। इसके बाद चरवाहे ने भगवान को नमस्कार किया और उसने भगवान से पुछा क्या उस जगह पर भगवान का मंदिर बनाना चाहिए। हालांकि भगवान ने इसके लिए उसे इनकार कर दिया। इसके बजाय उसने चरवाहे को उन्हें प्रतिदिन पूजा करने और हर शनिवार को ‘तिलभिषेक’ करने को कहा। इसके आलवा उन्होंने यह भी कहा कि उनके गाँव को चोरी और लूट से कोई नुकसान नहीं होगा। इसलिए, भगवान शनीश्वर को आज भी एक खुले यार्ड में रखा जाता है। यहां पर सबसे हैरानी की बात यह है कि यहां गाँव में किसी भी घर में ताले और दरवाजे नहीं हैं। यहां पर आजतक घरों में ताले और दरवाजे नहीं होने के बावजूद चोरी की कोई घटना अब तक सामने नहीं आई है। साल 2010 और 2011 में, कुछ लोगों ने चोरी करने की कोशिश की, लेकिन यह कहा जाता है कि वे लोग यह काम करने के बाद ही कुछ मिनटों के भीतर मर गए। 2. शनि शिंगणापुर मंदिर का प्रवेश शुल्क – Shani Shingnapur Temple Entry Fee In Hindiशनि शिंगणापुर मंदिर में प्रवेश मुफ्त है, विभिन्न अनुष्ठानों के लिए अलग-अलग शुल्क लिया जाता है। और पढ़े: सिद्दिविनायक मंदिर दर्शन की जानकारी 3. शनि शिंगणापुर मंदिर खुलने और बंद होने का समय – Shani Shingnapur Mandir Timings In Hindiशनि शिंगणापुर मंदिर २४ घंटे खुला रेहता है, सप्ताह के सातो दिन खुला रहता है। आप कभी भी शनि शिंगणापुर मंदिर के दर्शन कर सकते हैं। 4. शनि शिंगणापुर का रहस्य – Shani Shingnapur Rahasya In HindiImage Credit: Abhishek Gosaviशनि शिगनापुर मंदिर की सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि यहां मंदिर में चारों ओर छत, दरवाजे या दीवारें नहीं हैं। इसमें केवल साढ़े पांच फीट ऊंचा काला पत्थर है, जिसे भगवान शनि का प्रतीक माना जाता है। इस पत्थर को एक मंच के ऊपर खुले आसमान के नीचे रखा गया है। यह मंदिर भारत के दूसरे मंदिरों से बिलकुल अलग है। भगवान शनि की मूर्ति पर सरसों का तेल तांबे के पात्र लगातार टपकता है जो कि मूर्ति के ठीक ऊपर लटकता है। यहां मंदिर में भगवान शनि के अलावा नंदी, हनुमान और शिव की भी मूर्तियां हैं। 5. शनि शिंगणापुर में महिलाओं के लिए प्रवेश नियम – Shani Shingnapur Temple Rules For Womens In Hindiयह बात आपको हैरान कर देने वाली है कि महिलाओं को 400 से अधिक वर्षों के लिए मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं थी। लेकिन 8 अप्रैल 2016 में इस परंपरा के खिलाफ विरोध किये जाने के बाद इस मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को अनुमति मिली है। 6. श्री शनेश्वर देवस्थान प्रसादालय – Shri Shaneshwar Devasthan Prasadalaya In HindiImage Credit: Murali Krishnaश्री शनेश्वर देवस्थान ट्रस्ट यहां मंदिर के पास स्थित है जो यहां आने भक्तों के लिए हाइजेनिक भोजन प्रदान करता है। इस कैंटीन में कूपन उचित मूल्य पर उपलब्ध हैं। यहां एक हजार से अधिक लोग एक साथ भोजन कर सकते हैं। और पढ़े: नासिक में घूमने की 10 सबसे खास जगह 7. शनि शिंगणापुर मंदिर में मनाये जाने वाले उत्सव – Festivals Celebrated At Shani Shingnapur Temple In Hindiशनि शिंगणापुर मंदिर आने वाले भक्त किसी भी दिन पूजा और अभिषेक कर सकते हैं। लेकिन यहां कुछ ऐसे खास दिन भी होते हैं जिन्हें बहुत शुभ माना जाता है। 7.1 शनि अमावस्या – Shani AmavasyaImage Credit: Manoj Bankarशनि अमावस्या यहां मनाया जाने वाला एक खास दिन है जिसे भगवान शनिश्वर के पसंदीदा दिन के रूप में मनाया जाता है। इस खास मौके पर हजारों भक्त भगवान की पूजा करने के लिए मंदिर की परिक्रमा करते हैं। इस दिन शनि देव को पानी, तेल और फूलों से नहलाया जाता है। शनि अमावस्या के खास अवसर पर शनीश्वर का जुलूस भी निकाला जाता है। 7.2 श्री शनैश्चर जयंती – Shri Shaneshchar JayantiImage Credit: Manish Chhabraश्री शनैश्चर जयंती के दिन को इस मंदिर में बहुत ही धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। आपको बता दें कि शनि जयंती हर साल मई के महीने में आती है। इस खास दिन शनि देव को तेल और फूल चढाते हैं। 8. शनि शिंगणापुर घूमने जाने का सबसे अच्छा समय – Best Time To Visit Shani Shingnapur In HindiImage Credit: Piyush Sharmaअगर आप शनि शिंगणापुर जाने का सबसे अच्छे समय के बारे में जानना चाहते हैं तो बता दें कि इस मंदिर की यात्रा करने का सबसे अच्छा समय सितंबर से नवंबर का समय होता है। इन महीनों में यहां का मौसम बहुत अच्छा होता है। क्योंकि सर्दियों की वजह से मौसम काफी अच्छा ठंडा हो जाता है। गर्मियों के मौसम में आपको यहां की यात्रा करने से बचना चाहिए क्योंकि इस दौरान यहां का तापमान 40 डिग्री सेल्यिस के आसपास होता है। मानसून के समय भी यहां की यात्रा करना सुविधाजनक नहीं है क्योंकि इस दौरान बाहरी गतिविधियों में आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। और पढ़े: घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर के दर्शन और यात्रा की जानकरी 9. शनि शिंगनापुर कैसे जाये – How To Reach Shani Shingnapur Temple In Hindiशनि शिंगनापुर भारत के प्रमुख तीर्थस्थल में से एक है जो भारत के महाराष्ट्र राज्य में स्थित है। यह पर्यटन स्थल सड़क मार्ग और रेल मार्ग अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। शनि शिंगनापुर महाराष्ट्र के अन्य तीर्थ स्थल शिरडी से काफी करीब स्थित है। यहां जाने के लिए आप शिरडी से भी जा सकते हैं। शनि शिंगनापुर विभिन्न साधनों से जाने की जानकारी हमने नीचे दी है। 9.1 शिरडी से शनि शिंगनापुर कैसे पहुँचे – How To Reach Shani Shingnapur From Shirdi In Hindiशिरडी से शनि शिंगनापुर तक पहुंचना आसान है क्योंकि नियमित अंतराल पर साझा टैक्सियाँ उपलब्ध हैं। शनि शिंगनापुर में शनिदेव का मंदिर औरंगाबाद-अहमदनगर राजमार्ग पर घोडगाँव से लगभग 6 किमी दूर है। यह मंदिर औरंगाबाद से लगभग 84 किमी और अहमदनगर से 35 किमी दूर है। आपको बता दें कि इस मार्ग पर नियमित बसें नहीं मिलती लेकिन यह मार्ग निजी टैक्सी द्वारा अच्छी तरह से संचालित है। शनि शिंगनापुर के लिए नियमित अंतराल पर शिरडी से साझा टैक्सियाँ उपलब्ध हैं। अगर आप अपने परिवार के साथ यात्रा कर रहें हैं तो आप यहां जाने के लिए पूरी टैक्सी बुक कर सकते हैं। आपको बता दें कि जब तक यहां पर वाहन नहीं भरते तो तब तक वाहन नहीं चलते हैं। शिरडी से शनि शिंगनापुर पहुंचने में करीब दो घंटे का ये लगता है। शनि शिंगणापुर दर्शन पूरा करने और शिरडी लौटने के लिए 5-6 घंटे का समय लग जाता है। शिरडी से शनि शिंगनापुर के लिए सुबह के समय यात्रा करना एक दम सही है। सुबह के समय मार्ग पर ट्रैफिक ज्यादा नहीं होगा, जिससे आप मंदिर तक बड़ी आसानी से पहुंच सकते हैं। शनि शिंगनापुर मंदिर में बाद पूरे दिन काफी भीड़ रहती है। और पढ़े: शिरडी पर्यटन और 10 सबसे खास दर्शनीय स्थल 9.2 ट्रेन से शनि शिंगणापुर कैसे पहुंचें – How To Reach Shani Shingnapur By Train In Hindiशनि शिंगनापुर के निकटतम रेलवे स्टेशन राहुरी (32 किमी), अहमदनगर (35 किमी), और श्रीरामपुर (54 किमी), शिरडी रेलवे स्टेशन (75 किमी) हैं। कोई भी पर्यटक भारत के किसी भी शहरों से इन स्टेशनों के लिए चलने वाली ट्रेनों का लाभ उठा सकता है। देश के प्रमुख शहरों मुंबई, पुणे, दिल्ली, मनमाड, गोवा, अहमदाबाद, चेन्नई, बेंगलुरु और शिरडी के भारत के कई शहरों से यहां के लिए ट्रेन उपलब्ध हैं. शनि शिंगणापुर के निकटतम स्टेशन पहुँचने के बाद आप मंदिर तक पहुँचने के लिए एक ऑटो-रिक्शा, टैक्सी, अन्य निजी वाहनों या स्थानीय बसों की मदद ले सकते हैं। 9.3 फ़्लाइट से शनि शिंगणापुर कैसे पहुंचें – How To Reach Shani Shingnapur By Air In Hindiशनि शिंगनापुर का निकटतम हवाई अड्डा औरंगाबाद हवाई अड्डा है जो 90 किमी की दूरी पर स्थित है। इसके अलावा एक अन्य हवाई अड्डा नासिक में हवाई अड्डा 144 किमी दूर स्थित है। यहां पर्यटक कोई भी घरेलू उड़ान पकड़कर भारत के किसी भी शहर की यात्रा कर सकता है। दोनों हवाई अड्डों के लिए अंतर्राष्ट्रीय यात्री मुंबई से उड़ान पकड़ सकते हैं. हवाई अड्डा पहुंचने के बाद फिर शनि शिंगनापुर तक पहुँचने के लिए सड़क के माध्यम से 293 किमी की यात्रा करनी होगी। पुणे हवाई अड्डा इस तीर्थ स्थल से 161 किमी की दूरी पर स्थित है। 10. भारत के प्रमुख शहरों से शनि शिंगनापुर की दूरी – Shani Shingnapur Distance In Hindiभारत के प्रमुख शहरों से शनि शिंगनापुर की दूरीराहुरी से शनि शिंगनापुर दूरी24 किमीअहमदनगर से शनि शिंगनापुर दूरी40 किमीऔरंगाबाद से शनि शिंगनापुर दूरी82 किमीशिरडी से शनि शिंगनापुर की दूरी72 किमीनासिक से शनि शिंगनापुर की दूरी 143 किमीमुंबई से शनि शिंगनापुर की दूरी295 किमीपुणे से शनि शिंगनापुर की दूरी161 किमीऔर पढ़े: त्र्यंबकेश्वर मंदिर महाराष्ट्र के बारे में जानकारी इस लेख में आपने शनि शिंगनापुर की यात्रा और इस प्रसिद्ध मंदिर से जुडी अन्य महत्वपूर्ण जानकारी को जाना है आपको हमारा ये लेख केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बताये। इसी तरह की अन्य जानकारी हिन्दी में पढ़ने के लिए हमारे एंड्रॉएड ऐप को डाउनलोड करने के लिए आप यहां क्लिक करें। और आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं। शनि शिंगणापुर से शिरडी की दूरी कितनी है?भारत के प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक शनि शिंगनापुर महाराष्ट्र के तीर्थ स्थल शिरडी से 70 किमी दूरी पर स्थित है। शिरडी से शनि शिंगनापुर जाना सबसे आसान हैं। साईं आश्रम के सामने शनि शिंगणापुर जाने के लिए सुबह 4 बजे से ट्रेवल और टैक्सी वालों की लाइन लग जाती है।
शनि शिंगणापुर की क्या मान्यता है?शनि शिंगणापुर (महाराष्ट्र), शनिश्चरा मन्दिर (ग्वालियर मध्यप्रदेश), सिद्ध शनिदेव (कशीवन, उत्तर प्रदेश)। इनमें से शनि शिंगणापुर को भगवान शनिदेव का जन्म स्थान माना जाता है। जनश्रुति है कि उक्त स्थान पर जाकर ही लोग शनि के दंड से बच सकते हैं, किसी अन्य स्थान पर नहीं। जनश्रुति और मान्यता अनुसार यह शनि देव का जन्म स्थान है।
शनि शिंगणापुर में क्या खासियत है?महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में स्थित है शिंगणापुर गांव, जिसे शनि शिंगणापुर के नाम से जाना जाता है। यह गांव हिन्दू धर्म के विख्यात शनि देव की वजह से प्रसिद्ध है, क्योंकि इस गांव में शनि देव का चमत्कारी मंदिर स्थित है। आपको शायद यकीन न हो लेकिन इस गांव के किसी भी घर या दुकान में दरवाजा नहीं है।
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