नीचे लिखे गद्यांश को पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए- Show
B. उसकी हालत इतनी खराब थी कि वह आगे का सफर तय करने के काबिल न थी। 104 Views ‘बस की यात्रा’ कैसा लेख है?
249 Views लेखक ने ऐसा क्यों कहा कि गांधी जी के असहयोग व सविनय अवज्ञा आंदोलन के समय यह जवान रही होगी?
B. बस के पुर्जे धीरे-धीरे एक साथ मिलकर काम करने लगे। 680 Views लेखक व उसके मित्र कहां गए थे?
169 Views बस की दशा किसकी भाँति लग रही थी?
156 Views लेखक के मन में बस के हिस्सेदार साहब के लिए श्रद्धा के भाव क्यों आए?
B. क्योंकि वह केवल अपने लाभ हेतु बस चला रहा था। लोगों की जान की परवाह उसे नहीं थी। 155 Views नीचे लिखे गद्यांश को पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
B. उन्हें ऐसा लग रहा था कि बस एक वृद्धा है और हम उसमें बैठकर उसे सता रहे हैं। 174 Views बस की दशा किसकी भाँति लग रही थी?
156 Views लेखक ने ऐसा क्यों कहा कि गांधी जी के असहयोग व सविनय अवज्ञा आंदोलन के समय यह जवान रही होगी?
B. बस के पुर्जे धीरे-धीरे एक साथ मिलकर काम करने लगे। 680 Views ‘बस की यात्रा’ कैसा लेख है?
249 Views लेखक के मन में बस के हिस्सेदार साहब के लिए श्रद्धा के भाव क्यों आए?
B. क्योंकि वह केवल अपने लाभ हेतु बस चला रहा था। लोगों की जान की परवाह उसे नहीं थी। 155 Views लेखक व उसके मित्र कहां गए थे?
169 Views लेखक को कब और क्यों बस की दशा दयनीय लग रही थी?लेखक को बस लग रही थी दयनीय खराब जर्जर टूटी-फूटी।
लेखक को क्या बड़ी दयनीय लग रही थी?लेखक को बस दयनीय क्यों लगी? उसके मालिक उस पर तरस न खाते थे। उसकी हालत इतनी खराब थी कि वह आगे का सफर तय करने के काबिल न थी। वह थककर चूर हो गई थी।
लेखक को ऐसा क्यों लगा कि सारी बस इंजन है और वह इंजन के भीतर है?लेखक कहता है बस के स्टार्ट होते हुए वो इतना शोर कर रहा था मानो कि उन्हें ऐसा लगा जैसे इंजन आगे नहीं अपितु पूरी बस में लगा हो, क्योंकि उसका इंजन दयनीय स्थिति में था। इससे पूरी बस हिल रही थी, इसलिए उन्हें लगा की सारी बस ही इंजन है और हम इंजन के भीतर बैठे हैं।
लेखक ने बस में यात्रा करने का निर्णय क्यों लिया?लेखक ने बस से यात्रा करने का निर्णय इसलिए लिया क्योकि उन्हे सुबह घर पहुचना था लेखक को सुबह काम पर हाजिर होना था इसलिए वापसी का यही रास्ता अपनाना ज़रूरी था।
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