लाख की चूड़ियाँ पाठ से हमें क्या प्रेरणा मिलती है? - laakh kee choodiyaan paath se hamen kya prerana milatee hai?

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लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1: शादी-विवाह के अवसर पर बदलू क्या जिद्द पकड़ लेता था?

उत्तर: शादी-विवाह के अवसर पर बदलू ‘सुहाग की चूड़ियों’ का मुँह-माँगा दाम लेता था। यहाँ तक कि उसके लिए उसकी घरवाली को सारे वस्त्र, ढेरों अनाज, उसकी पगड़ी व रुपए-पैसे भी मिला करते थे।

प्रश्न 2: बदलू का स्वभाव कैसा था?
उत्तर:
बदलू स्वभाव से बहुत सीधा था। किसी से झगड़ा नहीं करता था।

लाख की चूड़ियाँ पाठ से हमें क्या प्रेरणा मिलती है? - laakh kee choodiyaan paath se hamen kya prerana milatee hai?

प्रश्न 3: बदलू से मिलकर, लौटते समय लेखक की प्रसन्नता का क्या कारण था?
उत्तर:
बदलू से मिलकर लौटते समय लेखक की प्रसन्नता का यह कारण था कि इतनी मुसीबत के बाद भी बदलू के मन की व्यथा उसके चेहरे पर नहीं झलक रही थी। बदलू का व्यक्तित्व काँच की चूड़ियों-सा कमजोर नहीं है। वह आसानी से टूटने वाला नहीं है। बदलू को देखकर लेखक को लग रहा था कि हमें विपत्ति के समय हार नहीं माननी चाहिए, क्योंकि सुख-दुःख तो सिक्के के दो पहलू हैं।

प्रश्न 4: लाख की चूड़ियाँ किससे व किस प्रकार बनती हैं?
उत्तर: लाख की चूड़ियाँ लाख नामक पदार्थ से बनती हैं। पहले लाख को गर्म करके पिघलाया जाता है फिर लकड़ी की चौखट पर उसे सलाख के समान पतला करके चूड़ी का आकार दिया जाता है। उसके बाद गोल बेलन जैसे गुटके में डालकर उन्हें सही आकार देकर उस पर रंग किया जाता था।

प्रश्न 5: इस कहानी से हमें क्या प्रेरणा मिलती है?
उत्तर:
इस कहानी से यह प्रेरणा मिलती है कि मशीनी युग में भी हमें हाथ से बनी चीजों को अपनाना चाहिए, ‘हथकला  उद्योगों’ को बढ़ावा देना चाहिए। उन्हें आगे बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए।


दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1: मशीनी युग ने छोटे कारीगरों को किस प्रकार प्रभावित किया है? इस पाठ "लाख की चूड़ियां" के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
मशीनी युग में उद्योगों में परिवर्तन आ गया है। मशीनों से बनने वाली वस्तुएँ सुन्दर सस्ती तथा एक बार में ही एक से अधिक बन जाती हैं, परन्तु इससे हस्तकला कारीगर बेरोजगार होते जा रहे हैं। ये रोजगार छिन जाने से असहाय तथा भुखमरी के कगार पर पहुँच गए हैं। हस्तशिल्प जैसी कलाएँ नष्ट होती जा रही हैं।

प्रश्न 2: यह हम कैसे कह सकते हैं कि बदलू चूड़ियाँ बनाने वाला कुशल कारीगर था?
उत्तर:
बदलू लाख की सुन्दर चूड़ियाँ बनाता था। उसके गाँव व आसपास की सभी महिलाएँ उसकी बनाई चूड़ियाँ पहनती थीं। चूड़ियाँ बनाना उसका पैतृक पेशा था और वास्तव में वह बहुत ही सुन्दर चूड़ियाँ बनाता था। शादी-विवाह के अवसर पर उसकी बनाई चूड़ियाँ बहुत पसंद की जाती थीं और इसके लिए उसे मुँहमांगी कीमत मिलती थी।

प्रश्न 3: बदलू चूड़ियाँ बनाने का कार्य कहाँ करता था?
उत्तर:
बदलू के मकान के सामने नीम का पुराना पेड़ था। उसी के नीचे लाख पिघलाने की भट्ठी थी। उसके बगल में बैठकर बदलू चूड़ियाँ बनाया करता था।

प्रश्न 4: किस घटना ने लेखक को अचानक बदलू की याद दिला दी?
उत्तर:
एक दिन बरसात में लेखक के मामा की छोटी लड़की आँगन में फिसलकर गिर गई। काँच की चूड़ी टूटकर उसकी कलाई में घुस गई। लेखक ने ही उसकी मरहम-पट्टी की। इस घटना ने उसे अचानक बदलू की याद दिला दी।

प्रश्न 5: प्रतिकूल परिस्थितियाँ होने के बाद भी बदलू ने हारकर भी हार नहीं मानी। कैसे?
उत्तर:
बदलू लाख की चूड़ियाँ बनाने का कुशल कारीगर था। उसकी बनाई चूड़ियों की बहुत मांग थी। लेकिन मशीनीकरण के कारण उसकी लाख की चूड़ियों के स्थान पर काँच की चूड़ियाँ पसंद की जाने लगीं। जमींदार साहब भी अपनी बेटी के लिए बनाई गई चूड़ियों की कीमत केवल दस आने दे रहे थे। लेकिन बदलू ने इतने कम पैसे लेने से मना कर दिया। विषम परिस्थितियों में भी बदलू ने अपने पेशे में प्रतिबद्धता कायम रखी और हारकर भी हार नहीं मानी।


मूल्यपत्रक प्रश्न
प्रश्न 1: पारंपरिक कलाओं को हम कैसे सहेजकर रख सकते हैं? कारीगरों की दशा कैसे सुधर सकती है? इस पर भी विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तर: 
पारंपरिक कलाएँ-जैसे बर्तन बनाना, मिट्टी की मूर्तियाँ बनाना, लाख की कलात्मक वस्तुओं का निर्माण, काष्ठकला, दस्तकारी तथा हस्तकलाएँ आज मुश्किल में हैं। इनके कारीगर शुरू से ही ये पेशा करते आ रहे हैं, लेकिन अब मशीनों का युग है। मशीनीकरण के कारण इनकी बनाई वस्तुओं की माँग घटती जा रही है। इस तरह इन कारीगरों की जीविका के साधन समाप्त होते जा रहे हैं। हमें इनकी दशा सुधारनी होगी। कस्बों, शहरों, नगरों तथा महानगरों में इन कलाकारों की कृतियों के विक्रय पर ध्यान देना होगा। इनकी बनी कृतियों की प्रदर्शनी भी लगाई जानी चाहिए। पारंपरिक कलाएँ, जो लुप्त होती जा रही हैं, सरकार से सम्बन्धित सभी मंत्रालयों को इसके सुधार हेतु कदम उठाने होंगे। हमारी सार्थक पहल ही इन कारीगरों के जीवन को सुधार सकती है।

लाख की चूड़ियां पाठ को इस वीडियो की मदद से समझें।

इस पाठ के NCERT Solutions यहाँ देखें

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लाख की चूड़ियाँ कहानी से आपको क्या प्रेरणा मिलती है?

प्रश्न 5: इस कहानी से हमें क्या प्रेरणा मिलती है? उत्तर: इस कहानी से यह प्रेरणा मिलती है कि मशीनी युग में भी हमें हाथ से बनी चीजों को अपनाना चाहिए, 'हथकला उद्योगों' को बढ़ावा देना चाहिए। उन्हें आगे बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए।

लाख की चूड़ियाँ कहानी हमें क्या संदेश देती है?

लाख चूड़ियाँ पाठ का यह संदेश है कि जिस तरह बदलू कांच के चूड़ियों की बिक्री समाप्त हो जाने के बाद भी जिंदगी में उदासीनता को नहीं आने देता है ठीक वैसे ही हमें भी जीवन के कठिन से कठिन समय का ख़ुशी के साथ डटकर सामना करना चाहिए।

लाख की चूड़ियाँ में हमने क्या सीखा?

Answer: उत्तर- लाख चूड़ियाँ पाठ का यह संदेश है कि जिस तरह बदलू कांच के चूड़ियों की बिक्री बंद हो जाने के बाद भी जीवन में उदासी नहीं आने देता है ठीक उसी तरह हमें भी जीवन के कठिन से कठिन परिस्थितियों का उत्साह के साथ डटकर सामना करना चाहिए।

लाख की चूड़ियाँ पाठ से आपको क्या शिक्षा मिलती है अपने शब्दों में लिखिए?

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