क्या निराश हुआ जाए extra Question Answer Class 8? - kya niraash hua jae aixtr quaistion answair chlass 8?

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लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1: लेखक का मन क्यों बैठ जाता है? इस पाठ के आधार पर उत्तर लिखिए।
उत्तर: लेखक जब समाचार-पत्रों को लूटमार, चोरी, ठगी, भ्रष्टाचार की खबरों से भरा देखता है। समाज में सिर्फ निराशा का वातावरण है। समाचार-पत्र में लोगों के गुणों को उजागर करने वाली एक भी खबर नहीं होती। यह सब देखकर लेखक का मन बैठ जाता है।

प्रश्न 2: किन तथ्यों के माध्यम से आप कह सकते है कि मानवीय मूल्य अभी भी शेष हैं?
उत्तर:
मनुष्य के अंदर सेवा, ईमानदारी, सचाई, आध्यात्मिकता आदि मूल्य अभी भी शेष हैं। वे दबे भले हैं, पर नष्ट नहीं हुए है, क्योंकि आज भी मनुष्य से प्रेम करना, स्त्रियों का सम्मान करना सही माना जाता है और चोरी को गलत माना जाता है तथा परपीड़न को पाप समझा जाता है।

प्रश्न 3: भ्रष्टाचार के विरूद्ध  लोगों का आक्रोश क्या प्रकट करता है?
उत्तर:
भ्रष्टाचार के विरूद्ध लोगों में व्याप्त आक्रोश यह प्रकट करता है कि लोग इसे समाज से दूर करना चाहते हैं और इसे गलत समझते हैं। वे गलत तरीके से कमाए गए धन और मान की प्रतिष्ठा को कम करना चाहते हैं।

प्रश्न 4: इस पाठ से आपको क्या शिक्षा मिलती है?
उत्तर:
इस पाठ से हमें यह शिक्षा मिलती है कि मानवीय मूल्य भले ही न रहे हों, पर हमें आशावादी बने रहना चाहिए, हमें निराश नहीं होना चाहिए।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1: टिकट बाबू की किस ईमानदारी से लेखक चकित हो गया?

उत्तर: एक बार टिकट लेते समय लेखक को दस रुपए देने थे। गलती से उसने सौ का नोट दे दिया। थोड़ी देर में टिकट बाबू नब्बे रुपए लेकर आया और उसने लेखक को दिए। ऐसा करते समय उसके चेहरे पर संतोष के भाव थे। मानो उसके ऊपर से बहुत बड़ा बोझ उतर गया हो। उसकी ईमानदारी देखकर लेखक चकित रह गए।

प्रश्न 2: उस घटना को बताइए जिससे यह पता चलता है कि दूसरों के बारे में गलत राय नहीं बना लेनी चाहिए?
उत्तर: लेखक जिस बस में सफर कर रहा था। वह बस अचानक खराब हो गई। वह गन्तव्य से आठ किलोमीटर पहले ही सुनसान जगह पर खड़ी हो गई। बस कंडक्टर ने एक साइकिल उठाई और चलता बना। लोगों ने समझा कि वह जरूर डाकुओं को बुलाने गया है। कुछ नौजवानों ने ड्राइवर को पीटने का मन बनाया। लेखक ने ड्राइवर को पिटने से बचा लिया, पर वह घबराया हुआ था। तभी सब ने देखा कि कंडक्टर बस अड्डे से खाली बस लिए आ रहा है। उसने अपने साथ लोटे में लाए पानी और थोड़े दूध को लेखक के बच्चों को दिया। बाद में सभी ने अपनी भूल के लिए ड्राइवर से क्षमा माँगी।

प्रश्न 3: जीवन के महान मूल्यों के प्रति आस्था क्यों हिलने लगी है?
उत्तर:
वास्तव में आज का वह समय है, जबकि समाज में ईमानदार और मेहनत करने वाले लोग मूर्ख माने जाते हैं। दूसरी तरफ धोखेबाज, झूठ व फरेब से काम करने वाले लोग फल-फूल रहे हैं। सच बोलने वाले, ईमानदारों को अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इसलिए जीवन के महान मूल्यों के प्रति हमारी आस्था कम हो गई है।

प्रश्न 4: दोषों का पर्दाफाश करते समय किन बातों का ध्यान रखना आवश्यक है?
उत्तर:
दोषों का पर्दाफाश करना समाज की आवश्यकता है, परन्तु जब किसी के आचरण के गलत पक्ष का उद्घाटन करके उसमें रस लिया जाए, तो यह अनुचित है। बुराई में रस लेना तो बुरा है ही, अच्छाई में उतना ही रस लेकर उजागर न करना और बुरी बात है। दोषों के पर्दाफाश में ध्यान इस बात का रखना चाहिए कि हमारी मानसिकता संतुलित हो। उद्देश्य स्पष्टतः अच्छा होगा तो दोषों का पर्दाफाश भी तटस्थ और संतुलित होगा।

मूल्यपरक प्रश्न
प्रश्न 1: ‘निराश होने की जरूरत नहीं है’ लेखक के इस कथन से क्या संदेश मिलता है? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: मानव जीवन में भिन्न-भिन्न अवसरों पर कई कारणों से निराशा आ ही जाती है। यदि भारतीय समाज पर नजर डालें तो समाज में आई नैतिक मूल्यों की गिरावटों से निराशा का भाव पैदा होता है, परन्तु लेखक की बात भी सही है कि निराश होने की जरूरत नहीं है। हमारे पुराने और चिरंतन आदर्श खोखले नहीं हैं। आज भी ईमानदारी, सत्य, सरलता आदि गुणों की कद्र होती है। धर्म के प्रति लोगों में आस्था है। व्यक्ति कानून को धोखा दे सकता है, धर्म को नहीं दे सकता। मनुष्यता अभी भी समाप्त नहीं हुई है। सच्चाई और ईमानदारी जिंदा है। लोगों में भ्रष्टाचार और दुराचरण के खिलाफ जबरदस्त गुस्सा अभी भी प्रत्यक्षतः दिखाई देता है। अब भी सेवा, ईमादारी, धर्म, सत्य आदि मूल्य बने हुए हैं, नष्ट नहीं हुए हैं। लेखक ने अपने कथन से आशावाद का संदेश दिया है।

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Kya Nirash Hua Jaye Extra Questions and Answers Class 8 Hindi Vasant Chapter 7 Prepared by Hindi Expert Teacher.

Class

8
Book Title

Vasant

Chapter

7
Chapter Name

Kya Nirash Hua Jaye

Topic

Extra Questions and Answers

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क्या निराश हुआ जाए के प्रश्न उत्तर?

Question 1: लेखक ने स्वीकार किया है कि लोगों ने उन्हें भी धोखा दिया है फिर भी वह निराश नहीं हैं।.
”सच्चाईकेवल भीरु और बेबस लोगों के हिस्से पड़ी है। – तानाशाही बढ़ेगी.
”झूठ और फरेब का रोज़गार करनेवाले फल-फूल रहे हैं।” – भ्रष्टाचार बढ़ेगा.
”हर आदमी दोषी अधिक दिख रहा है, गुणी कम।” – अविश्वास बढ़ेगा.

क्या निराश हुआ जाए class 8 Summary?

हजारी प्रसाद द्विवेदी द्वारा लिखित 'क्या निराश हुआ जाए' एक श्रेष्ठ निबंध है। इस पाठ के द्वारा लेखक देश में उपजी सामाजिक बुराइयों के साथ-साथ अच्छाइयों को भी उजागर करने के लिए कहते है। वे कहते है समाचार पत्रों को पढ़कर लगता है सच्चाई और ईमानदारी ख़त्म हो गई है। आज आदमी गुणी कम और दोषी अधिक दिख रहा है।

क्या निराश हुआ जाए पाठ का संदेश?

प्रस्तुत पाठ से हमें यह संदेश मिलता है कि भले दुनिया में कितने ही bad लोग क्यों न हो पर इसका मतलब यह नहीं है कि अच्छे लोग नहीं हैं इस दुनिया में। कई प्रकार से हम अच्छे लोगों से मिलते हैं अौर वह कई प्रकार से हमारी सहायता करते हैं।

क्या निराश हुआ जाए पाठ के माध्यम से लेखक ने किसे बुरी बात कहा है?

Answer: लेखक के अनुसार, दोषों का पर्दाफ़ाश करना बुरी बात नहीं होती है। परन्तु, इसमें बुराई तब सम्मिलित हो जाती है जब हम किसी के आचरण के गलत पक्ष को उद्घाटित करके उसमें रस लेते है। लेखक के अनुसार यह ग़लत बात है।