क्या हम नवजात शिशु के लिए डायपर का उपयोग कर सकते हैं? - kya ham navajaat shishu ke lie daayapar ka upayog kar sakate hain?

हिंदी न्यूज़ लाइफस्टाइलसावधान! कहीं आप भी तो नहीं करते बच्चे के डायपर से जुड़ी ये गलतियां, सेहत को हो सकता है नुकसान

Show

सावधान! कहीं आप भी तो नहीं करते बच्चे के डायपर से जुड़ी ये गलतियां, सेहत को हो सकता है नुकसान

लंबे समय तक डायपर पहनने से बच्चा हो सकता है बीमार, जानें होते हैं क्या साइड इफेक्ट्स..... मां वर्किंग हो या फिर कोई हाउसवाइफ, बच्चों को डायपर पहनाने से दोनों का ही जीवन थोड़ा आसान जरूर हो जाता है। डायपर का उपयोग बेहद सुविधाजनक होने के साथ इन्हें धोने के झंझट से भी बचाता है।

क्या हम नवजात शिशु के लिए डायपर का उपयोग कर सकते हैं? - kya ham navajaat shishu ke lie daayapar ka upayog kar sakate hain?

Manju Mamgainलाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीThu, 07 Apr 2022 02:22 PM

Things to keep in mind while choosing diapers for babies: मां वर्किंग हो या फिर कोई हाउसवाइफ, बच्चों को डायपर पहनाने से दोनों का ही जीवन थोड़ा आसान जरूर हो जाता है। डायपर का उपयोग बेहद सुविधाजनक होने के साथ इन्हें धोने के झंझट से भी बचाता है। खास बात यह है कि ये बाजार में आसानी से उपलब्ध होते हैं और इनसे लीकेज की समस्या भी नहीं होती है। बच्चे को डायपर पहनाने के इतने सारे फायदे बताने के बाद भी अगर आपसे कहा जाए कि डायपर आपके बच्चे को नुकसान पहुंचा सकता है तो? जी हां बच्चे को डायपर पहनाने से उसकी सेहत को कई तरह के नुकसान हो सकते हैं, आइए जानते हैं इन साइड इफेक्ट्स और बच्चों के लिए उपलब्ध डायपर के अन्य विकल्पों के बारे में। 

बच्चे को डायपर पहनाने के साइड इफेक्ट्स-
एलर्जिक रिएक्शन-

डायपर बनाने वाली कुछ कंपनियां इसे बनाते समय सिंथेटिक फाइबर, डाइज और केमिकल प्रोडक्ट का इस्तेमाल करती हैं। ये सभी हार्श केमिकल आपके बच्चे की नाजुक-कोमल त्वचा को नुकसान पहुचाकर उसे एलर्जी की समस्या दे सकते हैं। ऐसे में डायपर का चुनाव करते समय हमेशा सोफ्ट और स्किन फ्रेंडली मटेरियल से बने डायपर को चुनें।  

स्किन रैशेज-
लंबे समय तक गीले गंदे डायपर में रहने से डायपर में बैक्टीरिया पैदा होने लगते हैं जो त्वचा पर रैशेज और छाले पैदा कर सकते हैं। ऐसे में बच्चे को रैशेज से बचाने के लिए समय-समय पर बच्चे का डायपर बदलती रहें और उसकी साफ सफाई का भी ध्यान रखें।  

टॉक्सिसिटी को बढ़ाता है-
डायपर केमिकल और सिंथेटिक मटेरियल से बनता है और इसे लंबे समय तक बच्चे को पहनाए रखने से ये बच्चे को नुकसान पहुंचाता है। ऐसे में इसमें मौजूद हार्श केमिकल बच्चे की नाजुक त्वचा के जरिए शरीर में जाते हैं और टॉक्सिसिटी पैदा करते हैं।

  इन्फेक्शन की संभावना-
डायपर बनाने के लिए जिस मटेरियल का इस्तेमाल किया जाता है वो बच्चे के पेशाब को अब्सॉर्ब करने में मदद करता है। लेकिन यही मटेरियल बच्चे के डायपर के अंदर हवा जाने से भी रोकता है जिसकी वजह से डायपर में बैक्टीरिया और जर्म्स पैदा होने लगते हैं और बच्चे को इन्फेक्शन होने का खतरा बन जाता है। इसलिए बच्चे का डायपर  बार-बार बदलती रहें।

डायपर के अन्य विकल्प-
डायपर के अन्य विकल्प के तौर पर कपड़े के डायपर,डायपर लाइनर्स का इस्तेमाल,पर्यावरण-अनुकूल डिस्पोजेबल डायपर का उपयोग बच्चे की त्वचा और स्वास्थ्य के लिए अच्छा रहता है।

बच्चे के लिए अच्छा डायपर कैसे चुनें-
बच्चे के लिए ऐसा डायपर चुनें जो अच्छी तरह से पानी को अब्सॉर्ब करता हो और बच्चे की त्वचा का मॉइस्चर बनाए रखने में भी मदद करें। इस तरह के डायपर चुनने से लीकेज का खतरा कम हो जाता है और रैशेज और इन्फेक्शन की समस्या भी दूर रहती है।
- डायपर चुनते समय इस बात का ध्यान रखें कि डायपर का मटेरियल सॉफ्ट और केमिकल फ्री होना चाहिए, जो बच्चे की नाजुक त्वचा को किसी भी प्रकार से नुकसान न पहुंचाए। 
-लीकेज और बच्चे को सहज महसूस करवाने के लिए अच्छी फिटिंग का डायपर लेना जरूरी है।

अमूमन जन्म के बाद शिशु को सूती कपड़े में लपेट कर रखने और उन्हें सूती कपड़े के लंगोट पहनाने का ही प्रचलन है । बाजार में नर्म कपड़ों से बनी कई तरह की नैपी मिल जाती है और आजकल डिस्पोज़ेबल डायपर के कई ब्रांड्स भी हर जगह उपलब्ध हैं ।

आप अपने शिशु के लिए किसका चुनाव करती हैं ये पूरी तरह आप पर निर्भर करता है क्योंकि कपड़े के लंगोट के अलावा नवज़ात शिशु को डायपर पहनाने के दौरान भी आपको कुछ सावधानियां बर्तनी होगी जैसे 2-3 घंटे के अंतराल पर डायपर चेक करना चाहिए या उससे पहले अगर आपको लगे की शिशु मलत्याग कर चुका है तो तुरंत ही साफ करना आवश्यक है ।

वहीं नवज़ात शिशु कई बार नैपी गीला करते हैं और उन्हें रात में भी मलत्याग करने की आदत होती है । ऐसे में कपड़े की नैपकीन को हर मूत्र त्याग के बाद ज़ल्दी-ज़ल्दी बदलना होता है दिन के समय तो माएं ऐसा आराम से कर देती हैं लेकिन रात में कठिनाई का सामना करना पड़ता है ।

क्या हम नवजात शिशु के लिए डायपर का उपयोग कर सकते हैं? - kya ham navajaat shishu ke lie daayapar ka upayog kar sakate hain?

हो सकता है कि शिशु नैपी गीली करने के बाद कोई सिग्नल ना दें ऐसे में देर तक गीले कपड़ों में रहने से उसे बुखार या कफ की समस्या हो सकती है साथ ही शिशु सुकून से सो भी नहीं पाता है ।

मेरे परिवार वालों ने शिशु को कभी भी डायपर ना पहनाने की सलाह दी थी  । उन सभी का मानना था कि इससे शिशु के कमर की मजबूती प्रभावित होती है , उनके त्वचा में संक्रमण होने का डर रहता है और शिशु के चलने के तरीके अलग से हो जाते हैं इत्यादि ।

लगातार दो महीने की परेशान कर देने वाली रातों के बाद मैंने अपनी ज़िद से ही उसे डिस्पोज़ेबल डायपर पहनाना शुरु कर दिया । यकींन मानिए उसके बाद मेरी परेशानी आधी हो गई और बेबी के साथ मेरी भी नींद पूरी होने लगी ।

चूंकि मेरे शिशु का जन्म गर्मी के दिनों में हुआ था तो मैं उसे केवल रात में ही सोने के पहले डायपर पहनाया करती थी और अब तक मुझे डायपर पहनाने से संबंधित कोई विशेष समस्या नहीं देखने को मिली है ।

वैसे आपको ये भी मालूम हो कि ताज़ा शोध के मुताबिक जो बच्चे शुरुआत से ही हमेशा डायपर पहनते हैं उनके पैरों के बीच की दूरी बढ़ने के कारण उनकी चाल थोड़ी अलग हो जाती है । आईए हम आपको दोनों ही विकल्पों से होने वाले फायदे और नुकसान के विषय में थोड़ी जानकारी दे दें...।  

कपड़े की नैपी पहनाने के फायदे...

  • ये सस्ता विकल्प है आप चाहें तो घर पर भी सूती कपड़े से इसे बना सकती हैं ।
  • गर्मी के मौसम में शिशु के लिए सबसे आरामदेह होता है ।
  • शिशु को हल्का महसूस होता है और अलग से कोई भार नहीं लगता ।
  • शिशु के गुप्त हिस्सों में हवा लगती है, जिससे रैशेज , पसीने आदि की समस्या नहीं होती ।
  • नुकसान की बात करें तो बार बार लंगोट बदलना शायद आपको झंझट का काम लग सकता है और खास कर बाहर जाने के दौरान तो बिल्कुल भी नहीं ।

डिस्पोज़ेबल पैंट्स पहनाने के फायदे...

  • सर्दियों में शिशु अधिक मूत्र त्याग करते हैं और ऐसे पैंट्स पहनाने से उन्हें गीले पन का ऐहसास कम से कम होता है ।
  • बच्चे सुकून से जहां मर्जी वहां खेल सकते हैं क्योंकि बिस्तर गीला करने का डर नहीं रहता  ।
  • इसके नुकसान कई हो सकते हैं लेकिन तब जब आप एक ही डायपर कई घंटों तक पहनाकर रखें । साफ-सफाई का ध्यान रखना होगा और नैपी बदलने के दौरान ऐंटी रैशेज क्रीम या पाउडर भी लगाना चाहिए ।
  • गर्मी के दिनों में या ऐसे भी कोशिश यही करें कि शिशु कम से कम डायपर पहनें । बाहर जाने के दौरान या रात में सोने के पूर्व डायपर पहनाना ठीक है लेकिन 24X7 डायपर पहनना शिशु को परेशान करने के साथ-साथ त्वचा को भी नुकसान पहुंचा सकता है 

क्या नवजात शिशु के लिए डायपर सुरक्षित है?

रोज डायपर इस्‍तेमाल करना और बेबी को हर समय डायपर पहनाकर रखना सही नहीं होता है। बेबी की स्किन बहुत सेंसिटिव होती है और हर वक्‍त डायपर पहनाकर रखने बच्‍चे को रैशेज और स्किन पर जलन हो सकती है। बेबी की सेंसिटिव स्किन को जरूरी देखभाल की जरूरत होती है। कोशिश करें कि बच्‍चे को हर वक्‍त डायपर पहनाकर न रखें।

नवजात शिशु के लिए डायपर का उपयोग कैसे करें?

एक हाथ से, अपने बच्चे को उसके घुटनों के पास कोमलता से पकड़ें, और बच्चे के नीचे साफ करने के लिए बच्चे के पैरों को ऊपर उठाएं। एक बार फिर, बच्चे के लिंग को ढंकने के लिए उसपर डायपर रखना सुनिश्चित करें

कितने महीने के बच्चे को डायपर पहनना चाहिए?

नवजात शिशु से लेकर एक महीने की उम्र एक महीने से छोटे शिशु को एक दिन में कम से कम 6 से 10 डायपर की जरूरत होती है। इस उम्र में बच्‍चे लगभग तीन से चार बार पॉटी और लगभग हर घंटे में पेशाब करते हैं, इसलिए शुरुआती महीने में आपको डायपर की बहुत जरूरत पड़ती है।

बेबी के लिए सबसे अच्छा डायपर कौन सा है?

मैमी पोको पैन्ट्स (MamyPoko Pants) यह डायपर शिशु के लिए सबसे आरामदायक माना जाता है। इससे शिशु को स्ट्रेचेबल सपोर्ट मिलती है।