Solution : ईश्वर से प्रार्थना कर रहा है कि उसे विपत्तियों से उबारने का काम न करे, केवल उसकी आन्तरिक चेतना में ऐसी क्षमता भरने का प्रयास करें, जिसके कारण वह विपदाओं में घबराए नहीं और बड़ी-बड़ी विपदाओं पर भी विजय प्राप्त कर सके। कवि ईश्वर से किसी प्रकार की भी सहायता नहीं चाहता। वह चाहता है कि ईश्वर उसे पौरुष दें, जिससे वह अपनी सहायता करने में सक्षम हो सके। और उसे भयरहित बनाएँ, जिससे वह उसकी सत्ता पर, उसके प्रति अपनी आस्था पर सन्देह न कर सके। Show These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 10 Hindi. Here we have given NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 9 आत्मत्राण. प्रश्न-अभ्यास (पाठ्यपुस्तक से) (क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6.
प्रश्न 7. (ख) निम्नलिखित अंशों का भाव स्पष्ट कीजिए प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. Hope given NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 9 are helpful to complete your homework. If you have any doubts, please comment below. NCERT-Solutions.com try to provide online tutoring for you. कवि ने ईश्वर से क्या प्रार्थना की है?कवि ईश्वर से प्रार्थना कर रहा है कि वे विपत्ति का सामना करने के लिए शक्ति प्रदान करें। निर्भयता का वरदान दें ताकि वह संघर्षों से विचलित न हो। वह अपने लिए सहायक नहीं आत्मबल और पुरुषार्थ चाहता है।
प्रार्थना कविता में कवि ने किससे क्या प्रार्थना की है?Answer. उत्तर: कवि ईश्वर से प्रार्थना कर रहा है। वह यह चाहता है कि वह हर मुसीबत का सामना खुद करे। भगवान उसे केवल इतनी शक्ति दें कि मुसीबत में वह घबड़ा न जाए।
आत्मत्राण कविता में कवि किससे और क्या प्रार्थना कर रहा है?आत्मत्राण कविता में कवि मनुष्य को भगवान के प्रति विश्वास बनाए रखने का संदेश देता है। वह प्रभु से प्रार्थना करता है कि चाहे कितना कठिन समय हो या कितनी विपदाएँ जीवन में हों। परन्तु हमारी आस्था भगवान पर बनी रहनी चाहिए। उनके अनुसार जीवन में थोड़ा-सा दुख आते ही, मनुष्य का भगवान पर से विश्वास हट जाता है।
कवि ईश्वर से क्या चाहते हैं?कवि खुदा से क्या कहना चाहते हैं? उत्तर : कवि खुदा से कहना चाहते हैं कि सबसे सर्वशक्तिमान,आप है और सबसे ज्यादा ताकतवार भी आप है। इस पूरे संसार में ईश्वर की मर्जी के बिना पता तक नहीं हिलता। और उसी की मर्जी से हमें यह जीवन मिला है।
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