सबसे जरूरी बातें जान लीजिए ब्रेस्ट कैंसर की वजहें किसी महिला के परिवार में सगे रिश्तेदारों और मां या पिता की बहनों या उनकी मां को भी हुआ हो तो ब्रेस्ट कैंसर जीन टेस्ट (BRCA1 और BRCA2) करा लेना चाहिए। यह ब्लड टेस्ट हैं। अगर यह पॉजिटिव है तो ब्रेस्ट कैंसर का रिस्क 40 फीसदी तक बढ़ जाता है। इतना ही नहीं, ओवरी कैंसर का रिस्क भी बढ़ जाता है। ये टेस्ट जिंदगी में एक ही बार कराने होते हैं। टेस्ट पॉजिटिव आता है तो डॉक्टर की सलाह से
लाइफस्टाइल सुधार कर कैंसर की आशंका को कम किया जा सकता है। खुद जांच करना है सबसे ज्यादा जरूरी मैमोग्रफी का खर्च सिंगल ब्रेस्ट करीब 1300 रुपये, दोनों 2300 रुपये (लगभग) ये जांच भी जरूरी तीन तरह का हो सकता है यह कैंसर 1. हार्मोन डिपेंडेंट : शरीर में जितना एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन ज्यादा बनेगा, उसी हिसाब से ट्यूमर भी बढ़ता है। यह हार्मोन डिपेंडेंट होता है। करीब 60 फीसदी महिलाओं का कैंसर इसी तरह का होता है। 2. Her2 पॉजिटिव : ये ट्यूमर जल्दी बढ़ते हैं। हरटू पॉजिटिव में टारगेटेड थेरपी दी जाती है। लेकिन इसकी दवाएं महंगी होती हैं। सामान्य हरसेप्टिन का इंजेक्शन अब 12-14 हजार रुपये में आ जाता है। पहले यह करीब 1 लाख रुपये का था। करीब 15-20 फीसदी मामले ऐसे ही होते हैं। 3. ट्रिपल नेगेटिव: यह सबसे गंभीर कैंसर होता है। यह 30-40 की उम्र में होता है। बहुत जल्दी बढ़ता है। कीमो और रेडिएशन थेरपी के बाद भी इसके वापस आने की आशंका ज्यादा होती है। 15-20 फीसदी कैंसर इसी तरह के होते हैं। कैंसर की अलग-अलग स्टेज स्टेज 1, माइल्ड : इसमें कैंसर सिर्फ ब्रेस्ट तक ही सीमित रहता है। इलाज
शुरू करने से पहले ऐसे होता है इलाज रेडियोथेरपी: कैंसर के सेल मारने के लिए मशीन की मदद से ट्यूमर पर कंट्रोल्ड रेडिएशन डाला जाता है। एक दिन में करीब 15-20 मिनट और हफ्ते में 5 दिन तक रेडियोथेरपी की जाती है। सर्जरी दो तरह की होती है ब्रेस्ट कंजर्वेशन सर्जरी पर जोर : आजकल ब्रेस्ट कंजरवेशन सर्जरी की जाती है। अगर कैंसर फैल गया है तो कीमो देकर उस हिस्से को छोटा करके सर्जरी करते हैं। इसमें ब्रेस्ट को बचा दिया जाता है। अगर ब्रेस्ट का बड़ा हिस्सा निकाला गया तो शरीर के किसी और हिस्से से मसल या फैट लेकर वहां लगाया जाता है। अगर पूरा ब्रेस्ट निकाला गया हो तो ऑन्कॉप्लास्टी की जाती है। इसके लिए सिलिकॉन इंप्लांट्स आदि भी लगाए जाते हैं। कब मानें कैंसर है खत्म कैंसर खत्म होने के बाद जांच अगर कोई कैंसर सेल नहीं मिलती तो माना जाता है कि वह कैंसर दोबारा नहीं होगा। लेकिन किसी दूसरी तरह के कैंसर के होने की आशंका खत्म करने के लिए रुटीन चेकअप कराते रहना चाहिए। साथ ही अपने डॉक्टर की सलाह माननी चाहिए। ब्रेस्ट कैंसर से जुड़े मिथ
पुरुषों को भी यह कैंसर, लक्षण जान लीजिए -कोई गांठ हो सकती है। -एग्जिमा जैसा जख्म हो सकता है। -निपल से कोई रिसाव हो सकता है। जांच : MRI, बायोप्सी यहां से ले सकते हैं मदद नैशनल ब्रेस्ट कैंसर हेल्पलाइन भविष्य में उम्मीद बढ़ी... स्पेशल ब्लड टेस्ट (नोट: यहां बताई गईं सभी जांचों और इलाज के रेट कम या ज्यादा हो सकते हैं।) एक्सपर्ट पैनल
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कैंसर की गांठ दर्द करती है क्या?ऐसा कहा जाता है कि कारणों के आधार पर ही पेट की गांठ के लक्षण नजर आते हैं। अगर किसी को हर्निया की शिकायत है और उसी की वजह से पेट में गांठ है, तो गांठ के भीतर दर्द महसूस हो सकता है। अगर ऐसा लिपोमा की वजह से है तो दर्द कम महसूस होता है। इसके अलावा बीमारी में कई दूसरे लक्षण भी दिखाई देते हैं।
गांठ की पहचान कैसे करें?चर्बी की गांठ होने के प्रमुख लक्षण
इसके लक्षण अन्य प्रकार की गांठ से अलग हो सकते हैं। यह गांठ गर्दन, कंधे, हाथ, कमर, पेट व जांघ पर नजर आते हैं. इस तरह की गांठ में ज्यादा दर्द नहीं होता है, लेकिन किसी नस पर दबाव पड़ने पर इसमें हल्का दर्द हो सकता है. कुछ लोगों को चर्बी की गांठ होने पर कब्ज की समस्या भी रहती है.
कैंसर की गांठ को कैसे खत्म करे?जिस तरह कैंसर के लिए कीमोथेरेपी दी जाती है वैसे ही सूर्य नमस्कार एक नैचुरल थेरेपी है। इसे करके आसानी से गांठों से निजात पाया जाता सकता है। कपालभाति- इस प्राणायाम को 10 से 15 मिनट से शुरू करके आधा घंटा करें। इससे 1 माह के अंदर गांठ खत्म हो जाती है।
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