जेट धाराएँ क्या हैं और वे भारत की जलवायु को कैसे प्रभावित करती हैं? - jet dhaaraen kya hain aur ve bhaarat kee jalavaayu ko kaise prabhaavit karatee hain?

जेट धाराएँ क्या हैं तथा वे किस प्रकार भारत की जलवायु को प्रभावित करती हैं?


एक संकरी पट्टी में स्थित क्षोभमंडल में अत्यधिक ऊंचाई वाली पश्चिमी हवाएँ में हवाएँ जेट धाराएँ कहलाती है। इनकी गति गर्मी में 110 किमी./ घंटा एवं सर्दी में 184 किमी./ घंटा तक होती है। 

भारत की जलवायु को यह निम्न प्रकार से प्रभावित करती है:

(i) ये भारत के उत्तर एवं उत्तर-पश्चिम भाग में पश्चिमी प्रवाह को लाने में मदद करती हैं।

(ii) ये भारत के उत्तर एवं उत्तर-पश्चिम हिस्से में शीतकालीन वर्षा लाती है रबी फसल के लिए ये महत्वपूर्ण हैं।

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भारत के रेखा मानचित्र पर निम्नलिखित को दर्शाइए-
(1) 400 से.मी. से अधिक वर्षा वाला क्षेत्र।
(2) 20-40 से.मी.वर्षा वाला क्षेत्र।
(3) 60-100 से.मी.वर्षा वाला क्षेत्र।


जेट धाराएँ क्या हैं और वे भारत की जलवायु को कैसे प्रभावित करती हैं? - jet dhaaraen kya hain aur ve bhaarat kee jalavaayu ko kaise prabhaavit karatee hain?

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भारत में होने वाली मानसूनी वर्षा एवं उसकी विशेषताएँ बताएँ।


भारत में होने वाली मानसूनी वर्षा एवं उसकी विशेषता निम्नलिखित है:

(i) भारत में मानसून अनिश्चित होता है।

(ii) भारत के विभिन्न स्थानों में वर्ष-प्रतिवर्ष प्राप्त होने वाली वर्षा की मात्रा में बहुत परिवर्तनशीलता पाई जाती है। ये 15% से 80% तक होती है।

(iii) मानसून में भारत के सभी भागों में एक समान वर्षा नहीं होती अलग-अलग क्षेत्रों में प्राप्त होने वाली वर्षा की मात्रा में अंतर पाया जाता है।

(iv) मानसून और ग्रीष्मकालीन मानसून की अवधि में भी अंतर पाया जाता है।

(v) लगातार भारी वर्षा के अंतराल के बाद बिना वर्षा वाला शुष्क अंतराल होता है।

(vi) भारत में होने वाली मानसूनी वर्षा की एक प्रमुख समस्या बाढ़ और सूखा है। एक और लगातार भारी वर्षा से बाढ़ आ जाती है, वही दूसरी ओर मानसून की विफलताओं के कारण कुछ क्षेत्रों में सूखा पड़ता है।

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मानसून को परिभाषित करें। मानसून में विराम से आप क्या समझते हैं?


मानसून का अर्थ, एक वर्ष के दौरान मानसून पवन की दिशा में ऋतू के अनुसार परिवर्तन है।
मानसून में विराम: मानूसन की एक प्रकृति है 'वर्षा में विराम'। इसमें आर्द्र एवं शुष्क दोनों तरह के अंतराल होते है। मानसूनी वर्षा एक वर्ष में कुछ दिनों तक ही होती है। इसमें वर्ष रहित अंतराल भी होते है।

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शीत ऋतु की अवस्था एवं उसकी विशेषता बताइए।


शीत ऋतु की जलवायु की स्थिति:

(i) दिन गर्म और राते ठंडी होती है।

(ii) शीत ऋतु नवंबर से आरंभ होकर फरवरी तक रहती है।

(iii) सहित ऋतू में तापमान दक्षिण से उत्तर की ओर बढ़ने पर घटता जाता है।

(iv) भारत में उत्तर-पूर्वी व्यापारिक पवनें प्रभावित होती है इनके कारण कुछ मात्रा में वर्षा तमिलनाडु के तट पर होती है।

(v) शीत ऋतु में आसमान साफ, तापमान तथा आर्द्रता कम और पवनें शिथिल तथा परिवर्तित होती है।

(vi) यह कम दाब वाली प्रणाली भू-मध्यसागर के ऊपर उत्पन्न होती है तथा पश्चिम सपनों के साथ भारत में प्रवेश करती है। परिणामस्वरूप शीतकाल में वर्षा होती है तथा पर्वतो पर हिमपात होता है।

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भारत की जलवायु अवस्थाओं की क्षेत्रीय विभिन्नताओं को उदाहरण सहित समझाएँ।


(i) गर्मियों के समय राजस्थान के मरुस्थल में कुछ स्थानों का तापमान लगभग 50o से. तक पहुँच जाता है जबकि जम्मू-कश्मीर में पहलगाम में तापमान लगभग 20o से. तक रहता है।

(ii) सर्दी में रात के समय जम्मू-कश्मीर में द्रास का तापमान 45o हो जाता है जबकि तिरुवंतपुरम यह 20o हो जाता है।

(iii) देश के अधिकतर भागों में जून से सितंबर तक वर्षा होती है, परन्तु कुछ क्षेत्रों जैसे तमिलनाडु तट पर अधिकतर वर्षा अक्टूबर और नवंबर में होती है।

(iv) हिमालय के ऊपरी भाग में वर्षण अधिकतर हिम के रूप में होता है तथा देश के अन्य भागों में यह वर्षा के रुप में प्राप्त होता है।

(v) तटीय क्षेत्रों के तापमान में कम अंतर होता है। देश के आंतरिक भागों में मौसमी अंतर अधिक होता है।

(vi) उत्तरी मैदानों में पूर्व से पश्चिम की ओर यह मात्रा वर्षा की मात्रा सामान्यतः घटती है।

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जेट धाराएं क्या है तथा वे किस प्रकार भारत की जलवायू को प्रभावित करती है?

एक संकरी पट्टी में स्थित क्षोभमंडल में अत्यधिक ऊंचाई वाली पश्चिमी हवाएँ में हवाएँ जेट धाराएँ कहलाती है। इनकी गति गर्मी में 110 किमी./ घंटा एवं सर्दी में 184 किमी./ घंटा तक होती है। (i) ये भारत के उत्तर एवं उत्तर-पश्चिम भाग में पश्चिमी प्रवाह को लाने में मदद करती हैं।

जेट धाराएं भारत की भारत की जलवायु को कैसे प्रभावित करती है?

ग्रीष्म ऋतु में हिमालय के उत्तर-पश्चिमी जेट धाराओं का तथा भारतीय प्रायद्वीप के ऊपर उष्ण कटिबंधीय पूर्वी जेट धाराओं का प्रभाव होता है। हिमालय के दक्षिण में बहती उपोष्ण पश्चिमी जेट धाराएँ पश्चिमी विक्षोभों के लिए जिम्मेदार हैं जो कि देश के उत्तर एवं उत्तर-पश्चिमी भागों में सर्दियों के महीनों में वर्षा का कारण बनती हैं

जेट धाराएं क्या है in Hindi?

जेट स्ट्रीम या जेटधाराएँ ऊपरी वायुमंडल में और विशेषकर समतापमंडल में तेज़ गति से प्रवाहित/बहने वाली हवाएँ हैं. इनके प्रवाह की दिशा जलधाराओं की तरह ही निश्चित होती है, इसलिए इसे जेट स्ट्रीम का नाम दिया गया है. जेट स्ट्रीम धरातल से ऊपर यानी 6 से 14 km की ऊँचाई पर लहरदार रूप में चलने वाली एक वायुधारा है.

भारत में मानसूनी प्रकार की जलवायु क्यों होती है?

(ii) भारत में मानसूनी प्रकार की जलवायु इसलिए है क्योंकि भारत में मानसूनी जलवायु में परिवर्तन के साथ पवनों की दिशा उलट जाती है। अधिकतर वर्षा ग्रीष्म ऋतु में होती है। भारत में इसी प्रकार की जलवायु दशाएं पाई जाती हैं अर्थात भारत की जलवायु पूर्ण रूप से मानसून से जुड़ी हुई है।