हमसे पूछा था कि किसी वस्तु का विस्थापन समय की वर्ग के अनुक्रमानुपाती होता है तब वस्तु की गति किस प्रकार की होती है क्या वस्तु की गति एक समान त्वरण की गति होगी क्या उसकी गति आमंत्रण होगी एक समान वेग की गति होगी या समान त्वरण परंतु एक समान चाल से यह हमें पूछा था ना पचने की वस्तु की गति किस तरह की होगी तो इसके लिए अगर हम देखें तो विस्थापन का समय के साथ किस तरह से अनुक्रमानुपाती होगा माली जी हमने कोई वस्तु हमारे पास है वह वस्तु किसी की नियत दिशा में आगे की ओर बढ़ रही है निशु एक विशेष तरह से उसमें जो विस्थापन उत्पन्न होगा अगर हमें वस्तु की उसके प्राण की स्थिति कोटि बराबर 0 सैंपल की बराबर 0 समय पर उसकी स्थिति को एक्शन के रूप में प्रदर्शित कर रखा तब सब समय की नियति मान के लिए टीके लिया करो उसका विस्थापन का मन वहां पर या उसकी स्त्री का मन X2 है तो इससे हम उसके विस्थापन की बात करें तो उसे क्या लिखा जाएगा तो विस्थापन होता है अंतिम तिथि से व्यक्तिगत एहम Show एक टूर इन एक्सेल के रूप में यह तो हुआ विस्थापन का मान विस्थापन जो है समय के वर्ग के अनुक्रमानुपाती होता है यह बोला जा रहा है ठीक है तो उसके लिए हम क्या करें उपयोग हमले तेज गति का यहां पर दूसरा समीकरण तो गति का दूसरा चरण क्या बताता है क्या बराबर होता है चली गई दूरी तो हो सकता है यह किसके बराबर होता बन के बराबर हो इसका सूत्र क्या होता है यू टर्न ऑफ ए स्क्वायर ग्रुप में हमारे पास का यदि ग्रुप में अगर हम विस्थापन को प्रदर्शित करें तब ठीक है तो ऊपर दिए गए पदों में क्या-क्या समझा रहे हैं जो बता रहे हैं कि हमें समय के कारण को बताता है फिलहाल स्थापन है विस्थापन को ग्रहण ऐसे प्रदर्शित करें यहां पर और वह समय केवल के अनुक्रमानुपाती बताएं अनुक्रमानुपाती का चिन्ह लगा दिया हमने समय कोठी से करा तो टिकट कराने कर दिया होता है हमसे बोला था उसकी गति यहां पर क्या होती है तो अगर हमें से लिखें तो कैसे हल करते हैं तो इस बराबर बराबर लगाएंगे कि यहां पर एक नेता राशि होगी अब क्या करेंगे हम भी जानते हैं किसी वस्तु का वेग होता है तो वह क्या होता है होता है स्थिति में परिवर्तन की दर ग्रुप में हमन हमने भी निकाल रखा है तो डीटी डीटी अगर हम करें और यहां पर मान होता है कि स्क्वायर ग्रुप में तो 2 की टिकट आती है ठीक है तो टीचर अनुक्रमानुपाती है मतलब हम कह सकते हैं कि जो होता है समय से समय के अनुक्रमानुपाती होता है यह तो है पता चला अब यहां पर बात की गई है तेरे को कैसे व्यक्त किया जाएगा तुरंत को हम ई सिलेक्ट करते हैं का मान क्या होता है dvb-tt ग्रुप में जमा हमें निकाल रखा है अब हम देखे तो कटी कटी बटी हम क्या करेंगे ड्यूटी करेंगे और यह हमारे पास होगा दो की कृपया करें मन होता है एक तो दो क्या आएगा 512 ई बराबर यहां पर आता है धोखे की कमान एक नियत राशि है और नियत राशि में हमें दो का गुणा कर दिया तब भी एक नियत राशि होगी ठीक है तो ठीक नहीं होगा ना तो नियत राशि होगी तो हमें कह सकते हैं कि इस स्थिति पर तुरंत का माल एक समान होगा एक समान त्वरण हम कह देते हैं उसे परीक्षा मंथन हुआ और यात्रा सी होगी तो हमें यह पूछा गया है किसी वस्तु का विस्थापन समय के वर्ग के अनुक्रमानुपाती होता है तो वस्तु की गति क्या होती है तो वहां पर हमें देख ले तुरंत तुरंत नहीं आती यहां पर कहां दिख रहा है हमें एक समान त्वरण यही होता है एक समान त्वरण से इस तरह से वस्तु की गति होती है एक समान त्वरण की ठीक है तो हमारे लिए भी कल यहां पर सही होगा धन्यवाद यदि किसी वस्तु का विस्थापन समय के वर्ग के लिए अनुक्रमानुपाती है तो वास्तु के साथ क्या चलती है?नीचे दिए गए आंकड़ों की सहायता से किसी गतिमान पिंड के लिए विस्थापन-समय ग्राफ खींचिए। -1 22. 5×10± m s ' वेग से गतिमान कोई इलेक्ट्रॉन किसी एकसमान विद्युत क्षेत्र में प्रवेश करके अपनी आरंभिक गति की दिशा में 10±ms 2 का एकसमान त्वरण अर्जित करता है।
किसी वस्तु के विस्थापन की दर को क्या कहते हैं?का विस्थापन कहते हैं । तथा दिए गए समय में वस्तु की प्रारंभिक स्थिति के सापेक्ष अंतिम स्थिति ज्ञात करने में किया जाता है। एक मीटर स्केल और एक लंबी रस्सी लीजिए।
क्या विस्थापन का परिमाण किसी वस्तु द्वारा तय की गई दूरी के बराबर हो सकता है?विस्थापन (अंग्रेज़ी: Displacement) एक सदिश राशि है। जब कोई वस्तु एक बिन्दु P से दूसरे बिन्दु Q तक किसी भी पथ से होते हुए गति करती है तो इस विस्थापन का परिमाण उन दो बिन्दुओं के मध्य की निम्नतम दूरी होगी तथा विस्थापन की दिशा, रेखा PQ की दिशा में (P से Q की तरफ) होगी।
इकाई समय में वस्तु के द्वारा तय की गई दूरी क्या है?अथार्त चाल = दूरी / समय यह एक अदिश राशि है। इसका S.I. मात्रक मीटर/सेकंड है। वेग (velocity ): किसी वस्तु के विस्थापन की दर को या एक निश्चित दिशा में प्रति सेकंड वस्तु द्वारा तय की विस्थापन को वेग कहते हैं।
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