स्पीति के पहाड़ों तथा लाहुल के पहाड़ों में क्या अंतर है? - speeti ke pahaadon tatha laahul ke pahaadon mein kya antar hai?

निर्देशांक: 32°18′N 77°30′E / 32.30°N 77.50°E लाहौल और स्पीति भारतीय राज्य हिमाचल प्रदेश का एक जिला है। जिले का मुख्यालय केलांग है। हिमाचल प्रदेश के दो पूर्व जिलों लाहौल और स्पीति के विलयोपरांत, अब लाहौल और स्पीति एक जिला है। विलय के पूर्व लाहौल का मुख्यालय करदंग और स्पीति का मुख्यालय दनकर था।

क्षेत्रफल - 12210 वर्ग कि॰मी॰

जनसंख्या - 33224 (2001 जनगणना)

साक्षरता - 73.1%

एस.टी.डी (STD) कोड - 91-01900

जिलाधिकारी - (सितम्बर 2006 में)

समुद्र तल से ऊंचाई - 10050 फुट

अक्षांश - उत्तर

देशांतर - पूर्व

औसत वर्षा - कम+9[संपादित करें]

हिमपात - भारी

भूगोल[संपादित करें]

लाहौल और स्पीति अपनी ऊंची पर्वतमाला के कारण शेष दुनिया से कटा हुआ था। रोहतांग दर्रा 3,978 मी की ऊंचाई पर लाहौल और स्पीति को कुल्लू घाटी से पृथक् करता है। साल 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अटल टनल का उद्घाटन करने के बाद लाहौल तक पहुंचना आसान हो गया है। यह रास्ता लगभग पूरे साल खुला रहता है। जिले़ की पूर्वी सीमा तिब्बत से मिलती है, उत्तर में लद्दाख भू-भाग (जम्मू और कश्मीर में स्थित) और किन्नौर एवं कुल्लू दक्षिण सीमा में हैं।

यातायात[संपादित करें]

स्पीति के पहाड़ों तथा लाहुल के पहाड़ों में क्या अंतर है? - speeti ke pahaadon tatha laahul ke pahaadon mein kya antar hai?

लाहौल अवधाव एवं भूस्खलन के लिए प्रसिद्ध है और इस कारण कई यात्री इस रास्ते से गुजरते हुए मारे गए हैं। अपनी स्थानीय महत्वता के कारण यहां बनी नई पक्की सड़क को मई से नवम्बर तक खुला रखा जाता है जो कि लद्दाख तक जाती है। रोहतांग दर्रे के नीचे एक सुरंग बनाई जा रही है जिसकी २०१२ तक पूरी होने की आशा है। हर साल, आलू एवं मटर, जो कि अब यहां की प्रमुख फसल है, बड़ी तादाद में रोहतांग दर्रे के रास्ते मनाली भेजी जाती है।

स्पीति से दक्षिण-पश्चिमी तिब्बत के लिए और भी दर्रे हैं किन्तु वो अब भारत एवं तिब्बत के मध्य बन्द सीमा के कारण बन्द कर दिए गए हैं। यहां से एक सड़क पश्चिम को जम्मू की तरफ़ किश्तवाड़ से गुजरती है।

कुन्जम दर्रा (४५५० मी• ऊंचाई पर स्थित) लाहौल और स्पीति को एक दूसरे से अलग करता है। एक सड़क लाहौल और स्पीति को एक दूसरे से जोड़ती है किन्तु सर्दियों एवं वसंत ऋतु में भारी हिमपात के कारण यह रास्ता बंद हो जाता है।

गर्मियों में मनाली से स्पीति के मुख्यालय, काजा़ तक के बीच बसें व टैक्सियां चलती हैं। कुन्जोम दर्रा जुलाई से अक्टूबर तक यातायात के लिए खुला रहता है। शिमला से स्पीति तक किन्नौर से होते हुए एक सड़क है।

मौसम[संपादित करें]

स्पीति के पहाड़ों तथा लाहुल के पहाड़ों में क्या अंतर है? - speeti ke pahaadon tatha laahul ke pahaadon mein kya antar hai?

अपनी ऊंचाई के कारण लाहौल और स्पीति में सर्दियों में बहुत ठंड होती है। गर्मियों में मौसम बहुत सुहावना होता है। शीतकाल में ठंड के कारण यहां बिजली व यातायात की बेहद कमी हो जाती है जिस कारण यहां पर्यटन में भारी कमी हो जाती है। हालांकि स्पीति पूरे साल शिमला से काज़ा पुराने भारत-तिब्ब्त के रास्ते से अभिगम्य होता है। उधर लाहौल जून तक अभिगम्य नहीं होता परन्तु दिसम्बर से अप्रैल के बीच साप्ताहिक हेलिकॉप्टर सेवाएं उपलब्ध रहती हैं।

स्पीति की अत्याधिक शीत के कारण यहां टुन्ड्रा पेड़-पौधे तक नहीं पनप पाते और सारा इलाका बंजर रहता है। स्पीति की सबसे निचली घाटी में गर्मियों में भी तापमान २० डिग्री के उपर नहीं पहुंचता।

वनस्पति[संपादित करें]

लाहौल की कठिन परिस्थितियों के कारण केवल कुछ कड़ी घास एवं झाड़ियां ही यहाँ उग पाती हैं, वो भी ४००० मीटर के नीचे। ५००० मीटर के उपर हिमनद रेखाएं पाई जाती

लाहुल स्पीती के महत्वपूर्ण स्थान[संपादित करें]

कुंजुम पास[संपादित करें]

कुंजुम पास इस जिले का एक महत्वपूर्ण स्थान है। इस पास के द्वारा स्पीती घाटी में दाखिल हुआ जाता है। कुंजुम पास का नाम यहाँ पर कुंजुम माता के नाम पर पड़ा है। यह मन जाता है की जिसका मन सच्चा होता है माता उसका हाथ से चिपका हुआ सिक्का माता की मुर्ति में चिपक जाता है। अतः इसकी कारण यहाँ पर श्रद्धालु अपनी आस्था को प्रकट करने क लिए माता की मूर्ति पर सिक्के चिपकाने का प्रयास करते हैं। कुंजुम पास के पास चन्द्र ताल है जोकि राष्ट्रीय राजमार्ग 22 पर स्थित है।

काजा टाउन

काजा टाउन स्पीति का एक महत्वपूर्ण और एकमात्र टाउन है। स्पीति घूमने आने वाले लोग यहां रुकते हैं। ग्रीष्म ऋतु में मनाली से काजा के लिए बस उपलब्ध रहती है। यहां पर एक एटीएम है जोकि सिर्फ दिन में खुला रहता है।


चंद्रताल झील

चंद्रताल झील लाहौल में 14100 फीट के एल्टीट्यूड पर स्थित एक बेहद मनोरम और खूबसूरत झील है। यह मनाली-काजा सड़क से 14 किमी की दूरी पर है जिसका रास्ता बाटल से 3 किमी आगे एक स्थान पर शुरु होता है।


इसके अलावा की मॉनेस्ट्री, चीचम पुल, किब्बर, लांगजा, कौमिक और हिक्किम आदि गांव घूमने के दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण और खूबसूरत हैं।

बाहरी कड़ियां[संपादित करें]

  • फसल व उर्वरता का पर्व 'योर'

स्पीति के पहाड़ों पर क्या नहीं होती?

स्पीति की चार स्थानीय इकाइयों में से एक पिन घाटी है जो पिन नदी के दोनों ओर स्थित है। भौगोलिक दृष्टि से, पिन घाटी उच्च पहाड़ों द्वारा स्पीति के बाकी हिस्सों से बंद है।

स्पीति का मतलब क्या है?

"स्पीति" का अर्थ "मध्यभूमि" बताया जाता है, अर्थात् भारत और तिब्बत की सीमावर्ती भूमि।

लाहुल स्पीति के चारों और क्या है?

लाहौल और स्पीति भारतीय राज्य हिमाचल प्रदेश का एक जिला है। जिले का मुख्यालय केलांग है। हिमाचल प्रदेश के दो पूर्व जिलों लाहौल और स्पीति के विलयोपरांत, अब लाहौल और स्पीति एक जिला है। विलय के पूर्व लाहौल का मुख्यालय करदंग और स्पीति का मुख्यालय दनकर था।

स्पीति में बारिश एक क्या है?

स्पीति में बारिश पाठ क्या है? स्पीति में बारिश पाठ एक यात्रा-वृत्तांत है। लेखक ने इस पाठ में स्पीति की जनसंख्या, ऋतु, फ़सल, जलवायु तथा भूगोल का वर्णन किया है जो परस्पर एक-दूसरे से संबंधित हैं। पाठ में दुर्गम क्षेत्र स्पीति में रहने वाले लोगों के कठिनाई भरे जीवन का भी वर्णन किया गया है।