शरद ऋतु में पत्ते खोने से पहले पीला होता भूर्ज का एक वृक्ष पतझड़ी या पर्णपाती (deciduous) ऐसे पौधों और वृक्षों को कहा जाता है जो हर वर्ष किसी मौसम में अपने पत्ते गिरा देते हैं। उत्तर भारत में तथा समशीतोष्ण (टेम्परेट) क्षेत्रों में यह शरद ऋतु में होता है, जिस कारण उस मौसम को 'पतझड़' भी कहा जाता है। अन्य क्षेत्रों में कुछ वृक्ष अपने पत्ते गर्मी के मौसम में खो देते हैं। ये वन उन क्षेत्रों में पाए जाते हैं जहाँ वर्षा ७० सेमी से २०० सेमी तक होती है.[1] अक्सर ये पत्ते गिरने से पहले सूखकर लाल, पीले या भूरे हो जाते हैं जो कई प्रदेशों में यह सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण है और कला व साहित्य में अक्सर दर्शाया जाता है। शहतूत, अनार, आँवला, भूर्ज, शीशम, अंजीर, कुंबी, सेब,बाँस, साल और अमलतास पतझड़ी पेड़ों के कुछ उदहारण हैं।[2] ऐसे अपर्णपाती वृक्ष जिनपर वर्षभर पत्ते लगे रहते हैं, सदाबहार वृक्ष कहलाते हैं।
चित्रदीर्घा[संपादित करें]
इन्हें भी देखें[संपादित करें]
सन्दर्भ[संपादित करें]
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