कान के पीछे गांठ होने का क्या मतलब है? - kaan ke peechhe gaanth hone ka kya matalab hai?

कान के पीछे गाँठ होना एक गंभीर समस्या हो सकती है, लेकिन समय रहते यदि इसका इलाज करा लिया जाए, तो इससे छुटकारा पाया जा सकता है।

गाँठ से आपको दर्द महसूस हो भी सकता है या हो सकता है आपको पता भी ना चले या फिर ऐसा भी हो सकता है कि यह किसी प्रकार का संकेत हो जिसके बारे में आपको जानकारी न हो।

इस लेख में उन तथ्यों के बारे में जानकारी दी गई है जिससे आपको ये गांठ होने का कारण पता चल सकें और साथ ही इसको ठीक करने के घरेलू उपचार के बारे में भी जानकारी दी गई है।

विषय-सूचि

  • कान के पीछे गांठ होने के लक्षण:
  • कान के पीछे गांठ होने के कारण :
  • कान के पीछे गांठ ठीक करने के लिए घरेलू उपचार:
    • 1. अलसी के बीज
    • 2. सूखा आलूबुखारा
    • 3. इसबगोल की छाल
    • 4. एलोवेरा
    • 5. कैस्टर का तेल
    • 6. पपीता
    • 7. अंजीर
    • 8. सेब
    • 9. रहिला
  • गाँठ के दौरान क्या-क्या खाएं?

कान के पीछे गांठ होने के लक्षण:

सबसे सामान्य लक्षण कान के पीछे या कान के पास धब्बा दिखना है जिसमें दर्द हो भी सकता है या नहीं भी, यह हर इंसान के लिए अलग हो सकता है।

कान के पीछे गाँठ होने के लक्षण निम्न:

  1. छींक : जब आपको सर्दी या ज़ुकाम होता है तो आपके कान के पीछे गांठ पैदा हो सकती है।
  2. दर्द : शरीर में दर्द और जोड़ों में दर्द होने की वजह से भी कान के पीछे भी गांठ बन सकती है।
  3. थकान : अधिक थकान और परेशानी की वजह से भी गांठ हो सकती है।
  4. बुखार : यदि आपको बुखार के साथ – साथ खांसी और ज़ुकाम भी है तो कान के पीछे गांठ होने की आशंका होती है।
  5. भूख न लगना : भूख न लगने की वजह से भी गांठ हो सकती है। इसलिए जब भी आपको ऐसा लगे कि आपको भूख नहीं लग रही तो कान के पीछे एक बार जांच लें।
  6. वज़न कम होना : वज़न कम होने की वजह से भी आपको गांठे हो सकती है।
  7. दर्द होना या आराम न मिलना : यदि आप कई दिनों से चेहरे या उसके आस पास आराम महसूस ना के रहे हों, तो हो सकता है कि आपके कान। के पीछे गांठ हों।
  8. रात में पसीने आना : यदि आपको रात में ज्यादा पसीने आते है तो यह गांठ होने की निशानी है।
  9. छोटी कोमल गांठ नज़र आना : यदि आपको कान के पीछे या आस – पास गांठ नज़र आती है तो वह एक बड़ी गांठ भी बन सकती है।
  10. मुहांसे जैसे धब्बे : एक मुहांसे जैसा दिखने वाला धब्बा भी बड़ी गांठ बन सकता है, इसलिए आपको हमेशा ध्यान रखना चाहिए।

कान के पीछे गांठ होने के कारण :

ऊपर दिए गए लक्षणों के अलावा और भी कई कारण हो सकते है जिनकी वजह से गांठ होती है :

1. मुहांसे : कई बार आपके छिद्र बन्द होने की वजह से आपको मुहांसे की शिकायत हो सकती है, जो बाद में गांठ का रूप धारण कर लेती है। लेकिन यह दर्दनायक हो भी सकती है और नहीं भी। लेकिन इसे नजरअंदाज न करें और समय पर इसका इलाज़ करें।

2. लंपहदेनोपथी : यह ऐसी अवस्था है जिसमें लिंफ नोड्स में सूजन आ जाती है। संक्रमण की वजह से नोड्स में सूजन आ जाती है या कई बार कान के पीछे जो नॉड होती है वो गांठ जैसी लगने लग जाती है जो अपने आप ही ठीक हो जाती है।

लेकिन यदि वह लंबे समय तक ठीक ना हो तो डॉक्टर के पास ज़रूर जाएं।

3. संक्रमण : यदि आपको गले में सूजन या संक्रमण होता है तो आशंका है कि वो कान पीछे गांठ बन जाए।

4. लीपोमा : लिपोमा चर्बी का एकत्रित होना है और त्वचा की परतों के बीच दिखाई देता है। यह खुद से ठीक हो जाता है और बिल्कुल भी नुकसानदायक नहीं है।

5. अल्सर : यदि आपके शरीर में कोई नष्ट कूप या फिर कोई चर्बीदार ग्रंथि है तो फिर आपकी तव्चा मृत हो चुकी त्वचा को आसानी से बाहर नहीं निकलेगी। इसके बजाय यह खुद ही पुनर्निर्माण करती रहेगी जिससे अल्सर बनने की शिकायत होती है।

6. फोड़ा : अल्सर की तरह फोड़ा भी तरल पदार्थ। से भरा होता है। हालांकि फोड़े में अंदर मवाद भरी होती है। मवाद संक्रमण के कारण होती है और आपको इसे बाहर निकालना होगा ताकि पीड़ा न हो।

7. मस्टॉयडितिस : मस्टॉयड कान के पीछे की एक हड्डी है। कई बार जब आप संक्रमण का शिकार होते है वह मस्टॉइड हड्डी तक पहुंच जाता है और वहां फिर गांठ पैदा करता है।

8. फोड़ा : जब कोशिकाएं बहुत तेजी से विकास करके फैलती है तो फोड़ा बनता है। यह सौम्य या फिर घातक भी हो सकता है, लेकिन यह सबसे जरूरी है कि आप डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।

9. त्वचा की ऊपरी परत में सूजन : यदि आपकी त्वचा की डरमल परत में सूजन आती है तो वह गांठ का रूप धारण सकती है।

10. कैंसर : कान के पीछे होने वाली गांठ से बाद में कैंसर भी हो सकता है।

कान के पीछे गांठ ठीक करने के लिए घरेलू उपचार:

यहां पर कान के पीछे होने वाली गांठ को ठीक करने के कुछ घरेलू उपाय है लेकिन आप इसे किसी डॉक्टर के पास अवश्य दिखाएं।

1. अलसी के बीज

अलसी के बीज कान के पीछे होने वाली गांठ को ठीक करता है, लेकिन आपको उसे बार – बार प्रयोग करना होगा।

प्रयोग करने की विधि :

  • अलसी के बीज को गरम करके सूती कपड़े में बांध लें।
  • इस सूती कपड़े को गांठ पर लगाकर उनको गरमहास दे।
  • आपको कुछ ही दिनों में परिणाम देखने को मिलेगा।

2. सूखा आलूबुखारा

सूखा आलूबुखारा सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है और शरीर को संक्रमण से बचा लेता है।

प्रयोग करने की विधि :

सूखा आलूबुखारा लेकर उसका जूस बनाकर उसे रोजाना लें और एक सप्ताह के बाद आपको असर देखने को मिलेगा।

3. इसबगोल की छाल

यह फाइबर से युक्त होता है जो सूजे हुए नोड्स को नरम बनाता है और गांठ के आकार को कम करता है।

प्रयोग करने की विधि :

इस छाल का पाउडर आपको फार्मेसी से आसानी से मिल जाता है। आप इसे पानी में मिलाकर सुबह खाली पर ले सकते है। यह आपकी गांठ के आकार को कम करता है।

4. एलोवेरा

एलोवेरा का जेल आपकी त्वचा की देखभाल के लिए बहुत ज़रूरी है। त्वचा से संबंधित सभी बीमारी का इलाज़ आप इससे कर सकते है।

प्रयोग करने की विधि :

  • आप एलोवेरा जेल को आराम से गांठ लगाएं।
  • आप पाएंगे की आपकी गांठ का आकार कम हुआ है।

5. कैस्टर का तेल

कैस्टर तेल गांठ के आकार को कम करता है और आस – पास वाले हिस्से को नमी प्रदान करता है ताकि और अधिक गांठे बने। यह प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत बनाता है।

प्रयोग करने की विधि :

  • ठंडा कैस्टर का तेल सूजन वाले हिस्से पर 5 मिनट तक लगा लें।
  • उसके बाद उसको थोड़ा गरम करके 15 मिनट तक रखें।

6. पपीता

पपीता सूजे हुए गांठ को ठीक करने में मदद करता है और इसका बार – बार प्रयोग करने पर यह गांठ कभी नहीं होने देती।

प्रयोग करने की विधि :

  • पपीता में कारपैन होता है जो कीटाणुओं को मारता है।
  • इसलिए कान के पीछे होने वाली गांठ को ठीक करने के लिए पपीता का इस्तेमाल करें।

7. अंजीर

अंजीर गांठ को गरमाहस देती है जिससे कि उनका आकार कम हो जाता है।

प्रयोग करने की विधि :

  • एक अंजीर लेकर उसको दो हिस्सो में तोड़ लें।
  • अब इसे कान के पीछे हो रही गांठ पर रगड़े।
  • इस प्रक्रिया को कई बार दोहराएं।

8. सेब

सबसे बेहतरीन उपाय में से एक है सेब का उपयोग करना।

प्रयोग करने की विधि :

  • सेब का सिरका हर सुबह खाली पेट लें।
  • यदि आपको इसके स्वाद से दिक्कत है तो इसे एक कप गरम पानी में मिला लें।

9. रहिला

रहिला सूजे हुए नोड्स पर लगाने से उसके आकार को कम करता है। ये आपके कान के पीछे हो रही गांठ के आकार को भी कम करता है।

प्रयोग करने के विधि :

  • रहिला का छिलका लेकर उसको गांठ पर लगाएं।
  • इसे दिन में दो बार अवश्य दोहराएं।

गाँठ के दौरान क्या-क्या खाएं?

आपके खाने की आदतें आपके स्वास्थ्य पर पूरा प्रभाव डालती है। इसलिए पोषक – तत्व से युक्त और संतुलित आहार लेना चाहिए। आप अपने आहार में ये भोजन ज़रूर लें।

अदरक, लहसून, मिर्च जो गांठ बनने से रोकते है।

आपको पूरे दिन में 3 – 4 गिलास पानी पीना चाहिए। ताकि आपकी किडनी पानी के साथ जहरीले पदार्थ को बाहर निकाल सके और गांठ होने के कम अवसर होते है।

हर्बल चाय जैसे अदरक, मनुका और शहद से बनी हुई चाय आपके तंत्र को अच्छा बनाकर रखने में मदद करता है। यह सुबह अधिक फायदेमंद होती है।

गेंहू से बना हुआ खाना और शुगर राल की मात्रा बढ़ाता है जिससे गांठ बनने के अधिक अवसर होते है। ऐसे खाने को न खाएं।

डॉक्टर को कब दिखाएं ?

यदि आपकी गांठ एक सप्ताह से ज्यादा तक रहती है और आपको उसमें दर्द महसूस होता है तो यह संकेत है कि आप इसे जल्दी से डॉक्टर को दिखाएं।

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कान के पीछे गांठ क्यों हो जाती है?

हम कान के पीछे के ह‍िस्से में सफाई पर ध्‍यान नहीं देते। उस जगह गंदगी से भी गांठ पड़ सकती है। ये सबसे कॉमन कारण है ज‍िसे लेकर मरीज़ क्‍लीन‍िक में आते हैं। इसके अलावा कई बार रोम छिद्र बंद होने के कारण भी मुहांसे गांठ का रूप ले लेते हैं।

कान के नीचे गांठ होने से क्या होता है?

अगर आपके कान में एक गांठ या स्किन सी बन जाती है, तो समझ लें कि यह समस्या सिंपल नहीं है। यह कैंसर होने की शुरुआत है। इस तरह की स्किन समस्याओं को बेसल सेल कार्सीनोमा व घातक मेलेनोमा के नाम से जाना जाता है। जब कैंसर के कान के हिस्सों में पहुंचने लगता है तेज दर्द होता है।

कैंसर की गांठ की पहचान कैसे होती है?

कभी ये गांठ दर्द के साथ होते हैं तो कभी ये गांठ बिना दर्द के भी होते हैं. यदि गांठ के साथ खून आ रहा हो तो यह कैंसर का लक्षण हो सकता है. अधिकतर कैंसर की शुरुआत गांठ से ही होती है. शुरुआती में गांठ छोटा होता है और उसमें दर्द नहीं रहता है तो लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं.

कान में कैंसर होने के क्या लक्षण है?

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