तिल तीन प्रकार का पैदा किया जाता है, काला तिल, सफ़ेद तिल और लाल तिल। इन तिलों की आवश्यकता और मांग, इनके उपयोग के अनुसार अलग अलग होती है। हालांकि लाल तिल अपेक्षाकृत रूप से कम पैदा किया जाता है। बारिश के मौसम में इस फसल को अधिक बोया जाता है, हालाँकि कुछ क्षेत्रों में चैत्र मास के बाद भी इसकी बुवाई की जाती है। Show 2) तिल के पोषक तत्व तिल में कई प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो भोजन में पोषण को पूरा करते हैं। इसमें कॉपर, मैग्नीशियम, कैल्सियम आदि पाए जाते हैं। आर्थराइटिस, श्वसन संबधी रोग, सिरदर्द, कोलोन कैंसर जैसे रोगों में इसके उपयोग हो सकते हैं। 3) तिल का सेवन करने के क्या फायदे होते हैं? तिल के कई औषधि गुण होते हैं जिसके सेवन से कई फायदे हैं। आइये जानते हैं क्या हैं तिल खाने के फायदे -
4) तिल का रस कैसा होता है, और इसके फायदे क्या होते हैं? आयुर्वेद के अनुसार तिल का तेल गरम प्रकृति का, चिकना और भारी होता है। इसके साथ साथ इसके गुण कफ़-पित्त कारक, बल बढ़ाने वाले होते हैं। इसके सेवन से बालों की सुन्दरता और स्वास्थ्य में बढ़ोतरी होती है। इसके सेवन से कुछ लाभ जैसे दुग्धवर्धक और गैस व दस्त जैसी समस्याओं में लाभ देता है। अधिक सेवन से कब्ज की समस्या में लाभ दे सकता है। 5) त्वचा और बालो की समस्या में तिल के फायदे क्या हैं? स्किन और बालों से जुड़ी समस्याओं में तिल के कई प्रकार के फायदे हैं, आइये जानते हैं उनके बारे में -
6) तिल से बनने वाले व्यंजन विशेषकर सर्दी के मौसम में पूरे देशभर में तिल के व्यंजन बनाये जाते हैं। तिल की तासीर गर्म होने से सर्दी में यह गर्माहट प्रदान करता है और कई प्रकार के रोगों से बचाता है। गुड़ के साथ इसका प्रयोग बहुतायत के साथ किया जाता है। आइये जानते हैं तिल से बनने वाले व्यंजन कौनसे हैं - · तिलकुट्टी · गज़क · तिल की पपड़ी · मावा गज़क · तिल के लड्डुओं के सेवन से कई प्रकार के आयुर्वेदिक लाभ भी बताये जाते हैं। · मक्के की खीच के साथ तिल का तेल डालकर भी बड़े चाव से खाया जाता है। 7) तिल का आयुर्वेदिक दवाओं में उपयोग कई सारी आयुर्वेदिक दवाओं में तिल के तेल का उपयोग किया जाता है। आइये जानते हैं तिल के औषधीय गुण और आयुर्वेदिक उपयोग
8) तिल के सेवन से नुकसान खाने के तेल के उद्योगों और औषधि के रूप में तेल की अच्छी मांग बनी रहती है। इन स्वास्थ्य लाभों के बावजूद भी कुछ मामलों में नुकसान भी हो सकते हैं -
तिल का औषधीय प्रयोग कई सारी औषधियों में घटक के रूप में किया जाता रहा है। अगर तिल के तेल का उपयोग भोजन के रूप में नियमित रूप से इस्तेमाल किये जाने वाले तेल की जगह किया जाए तो यह कई सारे स्वास्थ्य लाभ भी दे सकता है। इससे जुड़े नुस्खों को प्रयोग करने से पूर्व आपको योग्य आयुर्वेद विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए, अगर आप किसी अन्य बीमारी से ग्रसित हों तो। 1 दिन में कितने तिल खाने चाहिए?मुझे एक दिन में कितने तिल खाने चाहिए? स्वस्थ शरीर वाले लोग नियमित रूप से 50 से 70 ग्राम तिल का सेवन कर सकते हैं.
सुबह खाली पेट तिल खाने से क्या होता है?सुबह खाली पेट तिल खाना हमारे पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद होता है। तिल में फाइबर काफी मात्रा में मौजूद होता है, जो पाचन के लिए लाभकारी माना जाता है। सुबह खाली पेट तिल चबाकर खाने से पाचन संबंधी समस्याएं दूर होती हैं। रोजाना सुबह खाली पेट तिल का सेवन करने से कब्ज और अपच की समस्या दूर होती है।
तिल को भिगोकर खाने से क्या होता है?तिल के बीज स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है। इनमें न्यूट्रिएंट्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इनमें मौजूद कैल्शियम हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है। अगर आप दिल के बीज को देखकर भिगोकर या अंकुरित करके खाते हैं तो इसमें हड्डियों के लिए जरूरी कैल्शियम का अब्जॉर्प्शन बढ़ जाता है।
तिल खाने से शरीर में क्या होता है?पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं तिल
तिल पोषक तत्वों का भंडार हैं। इसमें मौजूद कॉपर आपके आर्थराइटिस की समस्या को दूर करता है, वहीं मैग्नीशियम आपके हृदय और रेस्पिरेटरी स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है। जबकि कैल्शियम माइग्रेन, पीएमएस, ऑस्टियोपोरोसिस तथा कोलोन कैंसर जैसी समस्याओं से आपको निजात दिलाने में मदद करता है।
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