हिन्दी आलोचना से आप क्या समझते हैं प्रकारों का उल्लेख कीजिए? - hindee aalochana se aap kya samajhate hain prakaaron ka ullekh keejie?

आलोचना से आप क्या समझते हैं इसके प्रकारों का उल्लेख कीजिए?

आलोचना या समालोचना (Criticism) किसी वस्तु/विषय की, उसके लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए, उसके गुण-दोषों एवं उपयुक्तता का विवेचन करने वाली साहित्यिक विधा है। इसमें पाठ अध्ययन, विश्लेषण, मूल्यांकन एवं अर्थ निगमन की प्रक्रिया शामिल है। हिंदी आलोचना की शुरुआत १९वीं सदी के उत्तरार्ध में भारतेन्दु युग से ही मानी जाती है।

आलोचना का क्या अर्थ है हिंदी के दो आलोचकों के नाम लिखिए?

आलोचना का अर्थ तथा आलोचना किसे कहते हैं?{alochana kise kahte hai} आलोचना का अर्थ है किसी साहित्यिक रचना को पूरी तरह से देखना, परखना। इस प्रकार रचना का प्रत्येक दृष्टि से विश्लेषण और मूल्यांकन कर पाठकों को उस रचना के मूल तक पहुँचाने मे सहायता करना आलोचना का मुख्य उद्देश्य हैं।

आलोचना से क्या तात्पर्य है आलोचना के उद्देश्य एवं विशेषताओं पर प्रकाश डालिए?

आलोचना का उद्देश्य - आलोचना का कार्य कवि और उसकी कृति का यथार्थ मूल्य प्रकट करना है। इसके लिए कृति में व्याप्त गुणों का उदघाटन और दोषों का विवेचन करना तो आलोचक का कार्य है ही, साथ ही समाज में और अन्य कलाकृतियों के बीच उस कृति का क्या स्थान और महत्व है, यह स्पष्ट करना भी आलोचना का उद्देश्य है।

हिंदी साहित्य में आलोचना का क्या तात्पर्य है?

आलोचना या समालोचना (Criticism) किसी वस्तु/विषय की, उसके लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए, उसके गुण दोषों एवं उपयुक्तता का विवेचन करने वाली साहित्यिक विधा है। हिंदी आलोचना की शुरुआत 19 वीं सदी के उत्तरार्ध में भारतेंदु युग से ही मानी जाती है। 'समालोचना' का शाब्दिक अर्थ है- 'अच्छी तरह देखना'।