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We would love to personalise your learning journey. Sign Up to explore more. Sign Up or Login Skip for now Uh-Oh! That’s all you get for now. We would love to personalise your learning journey. Sign Up to explore more. Sign Up or Login Skip for now Question ज्योतिबा फुले और सावित्री बाई के जीवन से प्रेरित होकर आप समाज में क्या परिवर्तन करना चाहेंगे?Solution ज्योतिबा फुले और सावित्री बाई के जीवन से प्रेरित होकर मैं समाज में स्त्रियों की दशा को सुधारने के लिए काम करना चाहूँगी। अब भी भारत के ऐसे इलाके हैं, जहाँ स्त्रियों की दशा शोचनीय है। उन्हें अब भी शिक्षा का अधिकार प्राप्त नहीं है। अतः वहाँ पर जाकर उन्हें शिक्षा दिलवाना चाहूँगी। इस तरह समाज में स्त्रियों की शिक्षा का प्रतिशत बढ़ाऊँगी और उनके जीवन को बेहतर बनाना चाहूँगी। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({});ज्योतिबा फुले सावित्रीबाई के जीवन से प्रेरित होकर आप समाज में क्या परिवर्तन करना चाहेंगे?ज्योतिबा फुले और सावित्री बाई के जीवन से प्रेरित होकर मैं समाज में स्त्रियों की दशा को सुधारने के लिए काम करना चाहूँगी। अब भी भारत के ऐसे इलाके हैं, जहाँ स्त्रियों की दशा शोचनीय है। उन्हें अब भी शिक्षा का अधिकार प्राप्त नहीं है। अतः वहाँ पर जाकर उन्हें शिक्षा दिलवाना चाहूँगी।
ज्योतिबा फुले ने किस प्रकार की मानसिकता पर प्रहार किए और क्यों?उत्तर : ज्योतिबा फुले ने हमारे ब्राह्मण समाज में व्याप्त रूढ़वादी सोच तथा स्वयं को श्रेष्ठ जाति घोषित करने की मानसिकता पर प्रहार किया। वे जानते थे कि ब्राह्मण समाज ने जानबूझकर इस प्रकार की सोच विकसित कर रखी है। इस प्रकार वे समाज में शूद्रों तथा महिलों के अधिकारों का क्षरण कर उन्हें गुलाम बनाकर रखना चाहते हैं।
महात्मा ज्योतिबा फुले की सबसे बड़ी विशेषता क्या थी?समाज के निम्न तबकों, पिछड़ों और दलितों को न्याय दिलाने के लिए ज्योतिबा फुले ने 'सत्यशोधक समाज' की स्थापना की. उनकी समाज सेवा से प्रभावित होकर 1888 में मुंबई की एक सभा में उन्हें 'महात्मा' की उपाधि से नवाजा गया. 6. ज्योतिबा फुले ने ब्राह्मण के बिना ही विवाह आरंभ कराया.
ज्योतिबा फुले का नाम समाज सुधार को किस सूची में शुमार क्यों नहीं किया गया तर्क सहित उत्तर दीजिए?ज्योतिबा फुले का नाम समाज सुधारकों की सूची में शुमार नहीं किया गया क्योंकि इस सूची के निर्धारणकर्ता उस उच्चवर्गीय समाज का प्रतिनिधित्व करते थे, जिसका ज्योतिबा फुले विरोध करते थे। ब्राह्मण होते हुए भी वे हमेशा ब्राह्मण समाज में व्याप्त आडंबरों और रूढ़ियों का विरोध करते थे। वे सभी को समान अधिकार देने के समर्थक थे।
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