प्रकृति के कारण विस्थापन औद्योगीकरण के कारण विस्थापन में क्या अंतर है? - prakrti ke kaaran visthaapan audyogeekaran ke kaaran visthaapan mein kya antar hai?

प्रकृति के कारण विस्थापन और औद्योगीकरण के कारण विस्थापन में क्या अंतर है?

प्रकृति के कारण जो विस्थापन मिलता है, उसकी क्षतिपूर्ति कुछ समय बाद पूर्ण की जा सकती है। लोग प्रकृति आपदा के बाद पुनः अपने स्थानों पर जा बसते हैं। सबकुछ नष्ट होने का दुख होता है लेकिन अपनी जमीन से वे जुड़े रहते हैं। औद्योगीकरण के कारण जो विस्थापन मिलता है, वह थोपा गया होता है। इसमें मनुष्य अपनी पैतृक संपत्ति, धरोहर, खेत-खलिहान अपनी यादों तक को खो देता है। उसे पुनः मिलने की आशा होती ही नहीं है। बेघर होकर उसे एक स्थान से दूसरे स्थान में भटकने के लिए विवश होना पड़ता है।

Concept: गद्य भाग

  Is there an error in this question or solution?

प्रकृति के कारण विस्थापन और औद्योगीकरण के कारण विस्थापन में क्या अंतर है?

उत्तर: प्रकृति के कारण विस्थापन, तब होता है जब कोई प्राकृतिक आपदा आती है जैसे बाढ़, भूकंप इत्यादि जिससे घर , खेत खलियान सब तहस नहस हो जाता है । प्राकृतिक आपदा के कारण विस्थापित हुए लोग पुनः अपने गाँव तथा घर वापस आ जाते है। परन्तु औद्योगीकरण विस्थापित हुए लोग अपने गाँव तथा घर कभी वापस नहीं आ पाते है।

औद्योगीकरण ने पर्यावरण को कैसे प्रभावित किया?

औद्योगिक क्रांति ने पर्यावरण को प्रभावित किया। दुनिया ने जनसंख्या में एक बड़ी वृद्धि देखी, जिसने जीवन स्तर में वृद्धि के साथ-साथ प्राकृतिक संसाधनों की कमी को जन्म दिया। कारखानों में रसायनों और ईंधन के उपयोग से वायु और जल प्रदूषण में वृद्धि हुई और जीवाश्म ईंधन के उपयोग में वृद्धि हुई।

स्वतंत्र भारत की सबसे बड़ी ट्रेजेडी क्या है?

हमने इस भेड़चाल में जो प्रकृति और संस्कृति से प्रेमभरा संबंध था, उसे नष्ट कर डाला। हम चाहते तो यह प्रयास कर सकते थे कि यह संबंध भी नष्ट नहीं होता और हम विकास और प्रगति को प्राप्त कर जाते। हमने अपनी क्षमताओं पर विश्वास ही नहीं किया और पश्चिमी देशों की नकल करने पर उतारू हो गए। यही स्वातंत्र्योत्तर भारत की ट्रेजडी है।

अमझर से आप क्या समझते हैं अमझर गांव में सूनापन क्यों है?

अमझर गाँव नवागाँव के क्षेत्रफल में आता है, तो उसे भी उजाड़ा जाएगा। यह सूचना मानो प्रकृति को भी पता चल गई है। अतः इस वजह से अमझर गाँव में सूनापन है।