Show 1-जीवाश्म ईंधन की परिभाषा-जीवाश्म ईंधन (फॉसिल फ्यूल) ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोत नहीं हैं। ये सीमित मात्रा में ही उपलब्ध है। मरे हुए जानवर और पेड़-पौधों के अवशेष लंबे समय में इस तरह के इंधन में बदल जाते हैं। यह प्रक्रिया पूरी होने में लाखों साल लगते हैं। इसका उपयोग बहुत संयम से करने की जरूरत है, नहीं तो ये पूरी तरह समाप्त हो जाएंगे। पेट्रोलियम उत्पाद, कोयला और प्राकृतिक गैस जीवाश्म ईंधन के उदाहरण हैं। 2-जीवाश्म ईंधन का महत्व-एक बार इसका उपयोग करने के पश्चात इसे दोबारा प्राप्त नहीं किया जा सकता है। इसके निर्माण के लिए बहुत अधिक तापमान और दाब की आवश्यकता होती है। जिसे मानव द्वारा बना पाना वर्तमान में असंभव है। Table of Contents
क्योंकि यह ईंधन प्राकृतिक रूप से ही बनी है। साथ ही इसके निर्माण में लाखों वर्षों का समय भी लग गया था। इस कारण इसका पुनः निर्माण और उतने बड़े क्षेत्र का लाखों वर्षों तक अधिक तापमान और दाब में रखने में अधिक पैसे लगेंगे। इन्हें भी पढ़ें:- भारत के द्वीप समूह- इसके स्थान पर यदि अक्षय ऊर्जा का उपयोग किया जाता है तो उसमें इससे कम लागत में ऊर्जा मिल जाती है। लेकिन यह ऊर्जा वर्तमान में बहुत महत्वपूर्ण कार्यों में किया जाता है। इस कारण इसका संरक्षण करना अधिक आवश्यक है 3-कोयला की कहानी-लगभग 300 मिलियन साल पहले पृथ्वी निचले आर्द्रभूमि क्षेत्रों में घने जंगलों था. प्राकृतिक प्रक्रियाओं के कारण, बाढ़ की तरह, इन जंगलों मिट्टी के नीचे दब गया. अधिक मिट्टी उन पर जमा के रूप में, वे संकुचित थे. इन्हें भी पढ़ें:- उपभोक्ता के अधिकार- वे गहरे और गहरे डूब गया का तापमान भी बढ़ गई. उच्च दबाव और उच्च तापमान के तहत, मृत पौधों धीरे कोयला करने के लिए बदल गया. कोयला मुख्य रूप से कार्बन होता है, जैसा कि कोयले में मृत वनस्पति के रूपांतरण की धीमी प्रक्रिया carbonisation कहा जाता है. यह वनस्पति के अवशेष से गठन किया गया था, कोयला भी एक जीवाश्म ईंधन कहा जाता है. एक कोयले की खान में छवि में दिखाया गया है. इन्हें भी पढ़ें:- प्रदूषण क्या है? | अर्थ | कारक | प्रदूषण की विस्तार जानकारी 4-जीवाश्म ईंधन के फायदे व नुकसान-जीवाश्मों (कोयला, गैस) के उपयोग से जलने वाले ईंधन के नुकसान पर लंबे समय से बहस चल रही है। हालांकि इकोनॉमिक्स इसके फायदे गिना रहे हैं पर पर्यावरण पर इसके विपरीत प्रभाव पड़ रहे हैं। जीवाश्म ईंधन प्रकृति से मिलने वाले संसाधन हैं जैसे कोयला, तेल (गैसोलीन और डीजल ईंधन सहित) जो सदियों से हमारी आधी से ज्यादा पृथ्वी के लोगों के लिए एनर्जी की कमी को पूरा कर रहा है। लेकिन इनसे पर्यावरण पर विपरीत प्रभावों के साथ-साथ ग्लोबल वार्मिंग भी चरम पर पहुंच गई है। इन्हें भी पढ़ें:- usma | usma kya hai | usma ka si matrak | usma kise kahate hain लेकिन फिर भी जीवाश्म ईंधन मानव जीवन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है तो आइए जानते हैं इनके क्या-क्या फायदे और नुकसान है। ये ईंधन सस्ते होते हैं- इन्हें भी पढ़ें:- भारत में घटते जल स्तर के मुख्य कारण- जीवाश्म ईंधन आमतौर पर बड़ी मात्रा में पाए जाते हैं इसलिए आसानी से उपलब्ध होते हैं। इन्हें भी पढ़ें:- महादेवी वर्मा का जीवन परिचय। Recommended
Post navigationजीवाश्म ईंधन क्या है इसे समझाइए?जीवाश्म ईंधन (फॉसिल फ्यूल) ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोत नहीं हैं। ये सीमित मात्रा में ही उपलब्ध है। मरे हुए जानवर और पेड़-पौधों के अवशेष लंबे समय में इस तरह के इंधन में बदल जाते हैं। यह प्रक्रिया पूरी होने में लाखों साल लगते हैं।
जीवाश्म ईंधन क्या हैं कक्षा 4?Solution : कोयला और पेट्रोलियम जीवाश्म ईंधन (Fossil fuels) हैं। पृथ्वी के अन्दर लाखों वर्ष तक मृत पेड़-पौधों और जानवरों का मिट्टी, बालू एवं चट्टानों की परतों के बीच दबे रहने के फलस्वरूप जो पदार्थ बनते हैं उन्हें जीवाश्म ईंधन कहते हैं।
जीवाश्म ईंधन क्या है Class 10?जीवाश्म ईंधन ऊर्जा युक्त कार्बन यौगिकों के वे अणु हैं जिनका निर्माण मूलतः सौर ऊर्जा का उपयोग करते हुए वनस्पतियों ने किया था। जीवाश्म ईंधन के उदाहरण कोयला, पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस हैं।
जीवाश्म ईंधन क्या है कक्षा 8?कोयला, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस जीवाश्म ईंधन हैं। जीवाश्म ईंधन का निर्माण सजीवों के मृत अवशेषों से लाखों वर्ष पूर्व हुआ था । जीवाश्म ईंधन समाप्त होने वाले संसाधन हैं। कोक, कोलतार और कोयला - गैस, कोयले से प्राप्त उत्पाद हैं।
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