अगर आप अपने जीवन की कई समस्याओं को हल करना चाहती हैं तो गोमेद रत्न आपके लिए कई तरह से फायदेमंद हो सकता है। Show
Gomed Gemstone Benefits: ज्योतिष में नवग्रह की शुभता पाने और उससे जुड़े दोषों के लिए रत्नो के कई उपाय बताए गए हैं। ऐसे ही बेहतरीन रत्न में से एक है गोमेद , गोमेद को राहु का रत्न माना जाता है। इसे पहनने से लाभ और हानि दोनों हो सकते हैं। इसलिए गोमेद पहनने से पहले उसके बारे में अच्छी तरह से जान लेना जरूरी होता है। गोमेद रत्न ले विविध नाम हैं जैसे गोमेद, गोमेदक, तपोमणि, पिग स्फटिक, जटकूनिया, जिरकान आदि। गोमेद एक आकर्षक पारदर्शक पारभासक तथा अपारदर्शक पत्थर होता है। जब गोमेद की पवित्रता की आती है तो ये गोमूत्र अथवा अंगार के समान रंग का हो, वजनी कड़कदार हो, जिसमें परत न हो, जो छूने पर कोमल और चमकदार हो, वह उत्तम जाति का गोमेद माना जाता है। आइए ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु विशेषज्ञ डॉ आरती दहिया से जानें गोमेद पहनने के फायदों और नियमों के बारे में। रुके हुए काम बनाने के लिए गोमेद धारण करेंजब व्यक्ति के बनते हुए कामो में रुकावटें आने लगती हैं, भूत प्रेत का भय हो, किसी ने आपके काम को बांध दिया हो या अचानक व्यवसाय में हानि हो रही हो तो गोमेद धारण करने से अत्यंत लाभ मिल सकता है। यदि किसी के पास धन नहीं रुकता हो तो गोमेद धारण करना चाहिए। पति पत्नी में आपसी तनाव की स्थिति रहती हो और तलाक तक की नौबत आ जाती हो तो गोमेद पहनने से रिश्तो में मधुरता आती है। जिस व्यक्ति का मन परेशान होता रहता है और घर में जिस व्यक्ति का दिल नहीं लगता है वो भी गोमेद मन उखड़ा उखड़ा रहे तो गोमेद अवश्य धारण करना चाहिए। इसे जरूर पढ़ें:एक्सपर्ट से जानें White Topaz Stone के फायदे और इसे पहनने के लाभ काल सर्प दोष से मुक्ति दिलाता है गोमेदराजनीति में सफलता हासिल करने वालो को गोमेद धारण करने से विशेष सफलता प्राप्त होती है। गोमेद रत्न कालसर्प दोष से पीड़ित जातको के लिए बेहद लाभकारी सिद्ध होता है गोमेद में राहु के प्रभाव से शारीरिक मनोविज्ञानिक और भावनात्मक मामलो में लाभ होता है। यह जातक को कालसर्प दोष से होने वाले दुष्प्रभावों से बचाने में उसकी मदद करता है। गोमेद धारण करने से व्यक्ति के मन में संदेह की स्थिति कम होती है और अच्छे विचारों का वास होता है। मन के भय को कम करता है गोमेद रत्नगोमेद धारण करने से जातक के मन में उत्पन होने वाला डर खत्म होता है और किसी भी कार्य को करने के प्रति शक्ति, सीख और आत्मविश्वास बढ़ता है। इस रत्न को धारण करने से एकाग्रता बढ़ती है और मन शांत रहता है। इस रत्न को धारण करने से सुनने की क्षमता बढ़ती है। आपके हर बिगड़े या अटके हुए काम पूरे होंगे। इस रत्न से आंखों और जोड़ों के दर्द संबंधी समस्या से राहत मिलती है। इसे जरूर पढ़ें:कौन पहन सकता है Jade Stone और क्या हैं इसके फायदे, एक्सपर्ट से जानें Recommended Video
गोमेद रत्न धारण करने के नियमअगर आप राहु के प्रभाव को कम करने के लिए गोमेद रत्न पहनना चाहते हैं तो आपके हाथ की मध्यमा उंगली जो सबसे बड़ी उंगली होती हैं, उसमें पहन सकते हैं। गोमेद को आर्द्रा, शतभिषा और स्वाति नक्षत्रों में से किसी एक नक्षत्र में शनि की होरा में पंचधातु या लोहे की अंगूठी में 5-6 रत्ती भार में मध्यमा अंगुली में ऊँ रां राहवे नमः मंत्र से 108 बार अभिमंत्रित करके धारण करना चाहिए। इस प्रकार गोमेद रत्न आपके लिए कई तरह से लाभकारी हो सकता है। लेकिन इसे धारण करने से पहले ज्योतिष एक्सपर्ट की सलाह लेनी जरूरी है। आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें। इसी तरह के अन्य रोचक लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। Image Credit: pixabay.com and freepik क्या आपको ये आर्टिकल पसंद आया ?बेहतर अनुभव करने के लिए HerZindagi मोबाइल ऐप डाउनलोड करें Disclaimer आपकी स्किन और शरीर आपकी ही तरह अलग है। आप तक अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी लाना हमारा प्रयास है, लेकिन फिर भी किसी भी होम रेमेडी, हैक या फिटनेस टिप को ट्राई करने से पहले आप अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें। किसी भी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, पर हमसे संपर्क करें। दुनिया की हर वस्तु की एक विशेष तत्त्व, रंग और तरंग होती है, जो अलग-अलग केन्द्रों से नियंत्रित होती है. उस तत्त्व, रंग और तरंग में असंतुलन पैदा होने पर तमाम तरह की समस्याएं आती हैं. ज्योतिष में इस असंतुलन को दूर करने के लिए तमाम मंत्रो तथा ऋचाओं के जाप की सलाह दी जाती है. इसके अलावा तत्वों तथा रंग और तरंग के आधार पर रत्न पहनने की सलाह दी जाती है. रत्न जीवन पर सीधा प्रभाव डालते हैं. सबसे पहले चक्रों पर, उसके बाद मन पर असर पड़ता है. क्या है रत्नों के पहनने का तरीका? और क्या क्या सावधानियां रखनी चाहिए ? - बिना तत्त्व और इसके संतुलन को देखें, केवल राशी और लग्न से रत्न न पहनें. - एक साथ कई रत्न पहने जा सकते हैं परन्तु वे आपस में विरोधी नहीं होने चाहिए. - आपस में विरोधी रत्न पहनने से मानसिक पीड़ा के साथ-साथ दुर्घटना भी हो सकती है. - शनि प्रधान लोग माणिक्य, मूंगा तथा पुखराज पहनने से बचें. - बृहस्पति प्रधान लोग नीलम, पन्ना और हीरा न पहनें. - रत्नों को सामन्यतः सोने, चांदी या तांबे में ही पहनें, जो लोग मांसाहार करते हैं वे तांबा बाएं हाथ में पहनें. - जिस हाथ से आप काम करते हैं उसी हाथ की अंगुलियों में रत्न धारण करें. - रत्नों को प्राण प्रतिष्ठा की आवश्यकता नहीं होती, ये केवल शुद्ध करके पहने जा सकते हैं. - सुबह सूर्योदय का समय और सायं सूर्यास्त का समय रत्न धारण करने का सबसे उत्तम समय है. गोमेद कौन से दिन पहने?गोमेद को धारण करने की विधि
कहते हैं कि गोमेद को शनिवार के दिन स्वाती, आर्दा व शतभिषा नक्षत्र में धारण करना शुभ रहता है और इसका अच्छा फल मिलता है। इस रत्न को चांदी या अष्टधातु की अंगूठी में जड़वाकर धारण करना चाहिए।
गोमेद का असर कितने दिन में होता है?रत्नों के परिणाम कितने दिन में दिखाई पड़ते हैं इसका विवरण इस प्रकार है। मोती 3 दिन माणिक्य 30 दिन मूंगा 21 दिन पन्ना 7 दिन पुखराज 15 दिन नीलम 2 दिन हीरा 22 दिन गोमेद 30 दिन लहसुनिया 30 दिन ज्योतिष में रत्न को किन उंगलियों में धारण करना चाहिए इस पर भी विवरण मिलता है।
गोमेद कौन सी उंगली में धारण करना चाहिए?इस तरह धारण करें गोमेद की अंगूठी
इस रत्न को चांदी या अष्टधातु की अंगूठी में जड़वाकर धारण करना चाहिए। सबसे पहले गोमेद की अंगूठी को गंगाजल, दूध, शह और मिश्रि के घोल में एक रात के लिए रख दें। इसके बाद ओम रां रावे नम: मंत्र का एक माला जप करें और मध्यमा उंगली में धारण करें।
गोमेद पहनने से क्या लाभ होता है?राजनीति में सफलता हासिल करने वाले लोगों को गोमेद धारण करने से विशेष लाभ होता है। यदि राहु द्वितीय, एकादश भाव में हो तो गोमेद पहनने से लाभ होगा किन्तु यदि राहु छठें, आठवें या बारहवें भाव में हो तो गोमेद सोंच-समझकर पहने अन्यथा हानि हो सकती है।
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