जीतल किस धातु का होता था - jeetal kis dhaatu ka hota tha

:निम्नांकित कथनों पर विचार करते हुए सही विकल्प चुनिए 1 प्रारंभिक राजपूतों के प्रभावशाली 4वर्ग प्रतिहारो के विघटन से निकले 2 सोलंकियों ने मलवा पर अपना शासन स्थापित किया जिसकी राजधानी इंदौर के निकट धार थी 3 प्रांरभिक चार राजपूत जातियों ने अपनी उत्पत्ति माउंण्ट आबु के निकट अग्निकुंड से बतायी

📌   किसने कहा "हम लोगो की पहचान अंहिसा है जब की दुष्टों की पहचान हिंसा है:

📌   1817 मे किसने हिन्दू कॉलेज की स्थापना की ?

📌   मुगलों की सैन्य-व्यवस्था का नाम थाः

📌   किस वेद में मंत्र-तंत्र जादुई सम्मोहन से जुड़े स्त्रोत सन्निहित हैं ?

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📌   वैदिक काल में अनेक देवताओं की परिकल्पना की गई थी - इन्द्र, वरुण, सविता, पूषण, विष्ण, अश्विन, उषा ( प्रातःकाल की देवी ) आदि किन्तु अग्नि को ?

जीतल – ताँबे का सबसे छोटा सिक्का। यह दाम के 25वें भाग के बराबर होता था। इसे फुलूस या पैसा कहा जाता था। यह 1 तोले से पौने दो तोले तक का होता था।

जीतल अथवा ‘जित्तल’ सल्तनत काल में प्रचलित ताँबे का सिक्का था। इल्तुतमिश पहला तुर्क सुल्तान था, जिसने शुद्ध अरबी सिक्के चलवाये। उसने सल्तनत कालीन दो महत्त्वपूर्ण सिक्के चाँदी का ‘टका’ (लगभग 175 ग्रेन) तथा तांबे का ‘जीतल’ चलवाया। इल्तुतमिश ने सिक्कों पर टकसाल के नाम अंकित करवाने की परम्परा को आरम्भ किया।

Explain:सल्तनत काल के सिक्के चांदी और तांबा धातुओं के बने थे। इल्तुतमिश पहला तुर्क सुल्तान था जिसने शुद्ध अरबी सिक्के चलवाये। इसने सल्तनतकालीन दो महत्वपूर्ण सिक्के चांदी का टंका (लगभग 175 ग्रेन) तथा तांबे का जीतल चलवाया। फिरोजशाह तुगलक ने अद्धा (1/2) और बिख नामक सिक्के तथा शशगनी (6 जीतल) नामक चांदी का सिक्का चलाया। फरवरी 1229 ई. में बगदाद के खलीफा से इल्तुतमिश को सम्मान में खिलअत का प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ। प्रमाण पत्र प्राप्त होने के बाद इल्तुतमिश वैध सुल्तान एवं दिल्ली सल्तनत एक वैध स्वतंत्र राज्य बन गयी। इल्तुतमिश ने इक्ता व्यवस्था का प्रचलन किया। राजधानी को लाहौर से दिल्ली स्थानांतरित किया। स्थापत्य कला के अन्तर्गत इल्तुतमिश ने कुतुबमीनार के निर्माण कार्य को पूरा करवाया। भारत में सम्भवतः पहला मकबरा निर्मित करवाने का श्रेय भी इल्तुतमिश को दिया जाता है। ....और भी जाने

महत्वपूर्ण प्रश्न जरूर पढ़ें

इल्तुतमिश पहला तुर्क सुल्तान था जिसने शुद्ध अरबी सिक्के चलवाये। इसने सल्तनकालीन दो महत्वपूर्ण सिक्के चांदी का टंका (लगभग 175 ग्रेन) तथ तांबे का जीतल चलवाया। फरवरी 1229 ई. में बगदाद के खलीफा से इल्तुतमिश को सम्मान में खिलअत का प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ। प्रमाण पत्र प्राप्त होने के बाद इल्तुतमिश वैध सुल्तान एवं दिल्ली सल्तनत एक वैध स्वतंत्र राज्य बन गयी। इल्तुतमिश ने इक्ता व्यवस्था का प्रचलन किया। राजधानी को लाहौर से दिल्ली स्थानांतरित किया। स्थापत्य कला के अंतर्गत इल्तुतमिश ने कुतुबमीनार के निर्माण कार्य को पूरा करवाया। भारत में संभवत: पहला मकबरा निर्मित करवाने का श्रेय भी इल्तुतमिश को दिया जाता है। ....अगला सवाल पढ़े

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Web Title : Saltanat Kal Ke Sikke Tanka Shashgani Evam Jital Kin Dhatuo Ke Bane The

Q. इल्तुतमिश द्वारा 175 ग्राम का जारी किया सिक्का किस धातु का था?
Answer: [B] चांदी
Notes: इल्तुतमिश ने चांदी का टंका और तांबे का जीतल चलाया जो पूरी तरह से अरबी सिक्के थे। इसमें चाँदी का सिक्का 175 ग्राम का था।

सल्तनत काल के सिक्के, टंका, शशगनी एवं  जीतल, चांदी और तांबा के धातुओं के थे। जीतल अथवा जित्तल सल्तनत काल में प्रचलित चांदी का सिक्का था। इल्तुतमिश पहला तुर्क सुल्तान था, जिसने शुद्ध अरबी सिक्के चलवायें। उसने सल्तनत कालीन दो महत्वपूर्ण सिक्के चांदी का ‘टका’ तांबे का जीतल चलवाया। इल्तुतमिश ने सिक्कों पर टकसाल के नाम अंकित  करवाने की परंपरा को आरंभ किया।

जीतल किस धातु का बना हुआ किसका होता है?

जीतल अथवा 'जित्तल' सल्तनत काल में प्रचलित चाँदी का सिक्का था। इल्तुतमिश पहला तुर्क सुल्तान था, जिसने शुद्ध अरबी सिक्के चलवाये। उसने सल्तनत कालीन दो महत्त्वपूर्ण सिक्के चाँदी का 'टका' (लगभग 175 ग्रेन) तथा तांबे का 'जीतल' चलवाया।

जीतल क्या होता है?

जीतल नाम का मतलब क्या होता है? Jital name meaning in hindi. जीतल नाम का अर्थ बेहद यूनिक है! जीतल नाम का अर्थ "विजेता, " होता है।

सल्तनत काल में कौन से सिक्के प्रयोग में लाए?

सल्तनत काल के सिक्के, टंका, शशगनी एवं जीतल, चांदी और तांबा के धातुओं के थे। जीतल अथवा जित्तल सल्तनत काल में प्रचलित चांदी का सिक्का था। इल्तुतमिश पहला तुर्क सुल्तान था, जिसने शुद्ध अरबी सिक्के चलवायें। उसने सल्तनत कालीन दो महत्वपूर्ण सिक्के चांदी का 'टका' तांबे का जीतल चलवाया।