जाट भवन मे आयोजित परिचय सम्मेलन मे लड़का-लड़की के परिचय देखते आए हुएं लोग मेरठ। जनकपुरी स्थित जाट भवन में रविवार को आयोजित युवक-युवती परिचय सम्मेलन में पहुंचे युवक-युवतियों ने अपने भावी जीवन साथी को ढूंढा। इसमें उनके माता पिता ने भी सहयोग किया। पंजीकृत 510 युवक युवतियों में से 75 मौके पर ही विवाह के लिए सहमत हो गए। जाट समाज ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का संकल्प लेते हुए समाज के गरीब परिवार की लड़की की शादी कराने का जिम्मा लिया। इससे पहले पूर्व मंत्री स्वामी ओमवेश ने समाज में फैली कुरीतियों को खत्म कर आगे बढ़ने का आह्वान किया। मुख्य अतिथि चौ. देवी सिंह सिंभालका ने कहा कि परिचय सम्मेलन से समाज को बहुत राहत मिली है। ऐसे कार्यक्रमों की संख्या बढ़नी चाहिए। इस मौके पर चौ. कप्तान सिंह, दिगंबर सिंह, चौ. कल्याण सिंह, डीएस वर्मा, सुरेंद्र राठी, वीरेंद्र आर्य, हरवीर सिंह सुमन, डॉ. नरेंद्र तोमर, वीरसैन तोमर, रणसिंह तोमर, राजपाल मलिक, इंद्रपाल काजला, ब्रजपाल पैसल, सत्यवीर सिवाच, महावीर मलिक, सतेंद्र सिंह, ब्रह्मपाल सिंह आदि मौजूद रहे। रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और
Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| जाट कन्या मैरिज बायोडाटा | Jat Girl Marriage Biodataवर्ण-जाट,आयु-27 वर्ष,कद -5 फीट,योग्यता-m ed तथा b.ed की डिग्री प्राप्त सुंदर एवं गोरी कन्या हेतु सुयोग्य नौकरी वाले वर की तलाश है।संपर्क करें Posted by: Shaadi99 राजेश (काल्पनिक नाम) मैं राजस्थान के सीकर जिले से हूं। 24 मार्च 2013 को मुईनुद्दीन चिस्ती के शहर अजमेर में मेरी जेलपहरी की परीक्षा थी। मैं और मेरा बड़ा भाई जो मुझ से
एक बरस ही बड़ा है । दोनों ने परीक्षा दी और हम ट्रेन से अजमेर से अगले स्टेशन फुलेरा के लिए रवाना हुए । हमने अगले स्टेशन फुलेरा में ट्रेन बदली मेरे शहर सीकर के लिए। परीक्षा थी इस कारण ट्रेन पूरी तरह भरी हुई थी। ज़्यादातर ट्रेन में लड़के ही थे। मेरे ट्रेन के डिब्बे में चार लड़कियाँ आकर बैठ गई। मैं और मेरा भाई ट्रेन कि ऊपर की बर्थ पर बैठे थे। मेरी लड़कियों को घूरने की आदत नहीं इसलिए में अपने कानों में इयर फोन डाल के मेरे फोन लेकिन एक लड़की जो आँखों पे चश्मा लगाये ठीक मेरे सामने नीचे की सीट पर
बैठीं थी लगातार मुझे घूरे जा रही थी । Continue Readingजाटों की क्या पहचान है?जाटों को भारतीय पौराणिक ग्रंथों में वर्णित चारों वर्णों में कोई स्थान नहीं मिला इसलिए ये एक अलग ही पहचान रखते हैं। इनकी चेहरे की बनावट, शारीरिक बनावट और क्षमता, त्वचा के रंग, रीति-रिवाज और शारीरिक हाव-भाव ही इनका इतिहास और इनके मूल स्थान का ब्यौरा देने के लिए काफी हैं।
जाट समाज के लोग कैसे होते हैं?जाट मूल रूप से उत्तर भारत और पाकिस्तान में पाया जाने वाला पारंपरिक रूप से कृषकों का एक जाति समुदाय है. इनका इतिहास स्वर्णिम और प्राचीन है. यह एक आदिकालीन प्राचीनतम क्षत्रिय वर्ग है. यह शारीरिक रूप से मजबूत और आकर्षक तथा स्वभाव से उत्साही, मेहनती, बेवाक, अकखड़, स्पष्टवादी, साहसी और दबंग होते हैं.
जाट का जन्म कैसे हुआ?ज्येष्ठ से जाट की उत्पत्ति - कुछ इतिहासकार जाट जाति की उत्पत्ति ज्येष्ठ शब्द से मानते है. ऐसी धरणा है कि राजसूय-यज्ञ करने के बाद युधिष्ठिर को 'ज्येष्ठ' घोसित किया गया था. आगे चल कर उनकी सन्तान 'ज्येष्ठ' से 'जेठर' तथा 'जेटर' और फ़िर 'जाट' कहलाने लगे.
जाटों के कितने होते हैं?यह प्रायः शुद्ध रूप से जाटों और उसके समकक्षी दो तीन कृषक समुदायों में ही प्रचलित है। चन्द्रवंश चंद्रवंशी ययाति शक्तिशाली और विजेता सम्राट् हुआ तथा अनेक आनुश्रुतिक कथाओं का नायक भी। उसके पाँच पुत्र हुए – यदु, तुर्वसु, द्रुह्यु, अनु और पुरु। इन पाँचों ने अपने अपने वंश चलाए और उनके वंशजों ने दूर दूर तक विजय कीं।
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