जूता हमेशा टोपी से कीमती रहा है प्रस्तुत पंक्तियों में लेखक का कौन सा भाव व्यक्त हुआ है? - joota hamesha topee se keematee raha hai prastut panktiyon mein lekhak ka kaun sa bhaav vyakt hua hai?

3

नीचे दी गई पंक्तियों में निहित व्यंग्य को स्पष्ट कीजिए?

(क) जूता हमेशा टोपी से कीमती रहा है। अब तो जूते की कीमत और बढ़ गई है और एक जूते पर

पचीसों टोपियाँ न्यौछावर होती हैं|

(ख) तुम परदे का महत्व ही नहीं जानते, हम परदे पर कुर्बान हो रहे हैं।
(
ग) जिसे तुम घृणित समझते हो, उसकी तरफ़ हाथ की नहीं, पाँव की अँगुली से इशारा करते हो?

(क) यहाँ लेखक की नजर में जूता तौहीन पहुँचाने या दूसरों को अपमानित करने का प्रतीक है। वहीं टोपी आत्मसम्मान का प्रतीक बताया गया है। जूते की कीमत को टोपी का पच्चीस गुणा बताकर वास्तव में लेखक द्वारा लोगों के बीच दूसरों को अपमानित करने के बढते चलन के बारे में बताया गया है। साथ ही लेखक द्वारा लोगों में आत्मसम्मान की घटती भावना को टोपी की काफी कम कीमत रहने के रूप में बताया गया है।

(ख) यहां लेखक प्रेमचंद के द्वारा बाहर-भीतर एक समान रहने की उनकी सोच को लेकर उन्हें

प्रेमपूर्वक उलाहना देता है। वह अपने आप को प्रेमचंद की इस सोच पर न्यौछावर कर देता है। वह

अपने आप एवं अन्य लोगों को प्रेमचंद की ऐसी सोच का ना होने पर अफसोस प्रकट करता है।

(ग) प्रेमचंद एक स्पष्टवादी इन्सान थे उनकी कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं था| अगर उन्हें किसी की आलोचना करनी होती थी तो वे उसकी आलोचना उसके मुँह पर ही करते थे अर्थात उसकी तरफ हाथ की ऊँगली नहीं बल्कि पैर की ऊँगली दिखाते थे|


Question 2: सही कथन के सामने सही का निशान लगाइए:

  1. बाएँ पाँव का जूता ठीक है मगर दाहिने जूते में बड़ा छेद हो गया है जिसमें से अँगुली बाहर निकल आई है।
  2. लोग तो इत्र चुपड़कर फोटो खिंचाते हैं जिससे फोटो में खुशबू आ जाए।
  3. तुम्हारी यह व्यंग्य मुसकान मेरे हौसले बढ़ाती है।
  4. जिसे तुम घृणित समझते हो, उसकी तरफ अँगूठे से इशारा करते हो?

    उत्तर: (b) लोग तो इत्र चुपड़कर फोटो खिंचाते हैं जिससे फोटो में खुशबू आ जाए।

Question 3: नीचे दी गई पंक्तियों में निहित व्यंग्य को स्पष्ट कीजिए:

  1. जूता हमेशा टोपी से कीमती रहा है। अब तो जूते की कीमत और बढ़ गई है और एक जूते पर पचीसों टोपियाँ न्योछावर होती हैं।

    उत्तर: जूते को पैर में पहना जाता है और टोपी सिर की शान बढ़ाता है। फिर भी आज के जमाने में टोपी के मुकाबले जूते की कीमत इतनी बढ़ गई है कि अच्छे अच्छे लोग किसी शक्तिशाली व्यक्ति के तलवे चाटने लगते हैं। अब किसी की विद्वता की कोई कीमत नहीं रह गई है। अब तो धन और सत्ता की पूजा होती है।

  2. तुम पर्दे का महत्व ही नहीं जानते, हम पर्दे पर कुर्बान हो रहे हैं।

    उत्तर: ज्यादातर लोग अपनी कमजोरियों को ढ़कने के लिए हजारों उपाय करते हैं। लेकिन कुछ ऐसे लोग भी होते हैं जो अपनी कमजोरियों को ढ़कते नहीं बल्कि उन्हें दूर करते हैं और फिर डटकर जमाने का मुकाबला करते हैं।

  3. जिसे तुम घृणित समझते हो, उसकी तरफ हाथ की नहीं, पाँव की अँगुली से इशारा करते हो?

    उत्तर: अक्सर जब हम किसी को नीचा दिखाना चाहते हैं तो उसे ठेंगा दिखाते हैं, यानि हाथ का अँगूठा दिखाते हैं। लेखक को लगता है कि प्रेमचंद इस सबसे ऊपर उठ चुके हैं, इसलिए वे पाँव की अँगुली से लोगों की कमजोरियों की ओर इशारा करते हैं।

Question 4: पाठ में एक जगह पर लेखक सोचता है कि ‘फोटो खिंचाने की अगर यह पोशाक है तो पहनने की कैसी होगी?’ लेकिन अगले ही पल वह विचार बदलता है कि ‘नहीं, इस आदमी की अलग-अलग पोशाकें नहीं होंगी।‘ आपके अनुसार इस संदर्भ में प्रेमचंद के बारे में लेखक को विचार बदलने की क्या वजहें हो सकती हैं?

उत्तर: पहले तो लेखक सोचता है कि जिस आदमी के पास फोटो तक खिंचाने के लिए ढ़ंग के कपड़े नहीं हों, उसकी अन्य पोशाकें कैसी होंगी। फिर लेखक को ध्यान आता है कि जो आदमी इस बात से ऊपर उठ चुका है कि लोग उसके पहनावे को देखकर क्या कहेंगे, वह आदमी बिला वजह नये कपड़ों पर अपने पैसे खर्च नहीं करेगा।

Question 5: आपने यह व्यंग्य पढ़ा। इसे पढ़कर आपको लेखक की कौन सी बातें आकर्षित करती हैं?

उत्तर: लेखक अपने व्यंग्य में बड़ी ही शिष्ट भाषा का इस्तेमाल करता है। वह बड़ी ही सरल भाषा में गहरे कटाक्ष करता है। वह मुहावरों और उपमाओं का प्रयोग करने में दक्ष है।

Question 6: पाठ में ‘टीले’ शब्द का प्रयोग किन संदर्भों को इंगित करने के लिए किया गया होगा?

उत्तर: यहाँ पर ‘टीले शब्द का प्रयोग ऐसे व्यक्तियों के लिए किया गया है जो अपने आप को बहुत बड़ा समझने की भूल करते हैं।


जूता हमेशा टोपी से कीमती रहा है प्रस्तुत पंक्तियों में लेखक का कौन सा भाव व्यक्त हुआ है? - joota hamesha topee se keematee raha hai prastut panktiyon mein lekhak ka kaun sa bhaav vyakt hua hai?

myCBSEguide App

CBSE, NCERT, JEE Main, NEET-UG, NDA, Exam Papers, Question Bank, NCERT Solutions, Exemplars, Revision Notes, Free Videos, MCQ Tests & more.

Install Now

NCERT Solutions for Class 9 Hindi Course A Kshitij Harishankar Parsai Class 9 Hindi Course A book solutions are available in PDF format for free download. These ncert book chapter wise questions and answers are very helpful for CBSE exam. CBSE recommends NCERT books and most of the questions in CBSE exam are asked from NCERT text books. Class 9 Hindi Course A chapter wise NCERT solution for Hindi Course A part 1 and Hindi Course B part 2 for all the chapters can be downloaded from our website and myCBSEguide mobile app for free.

NCERT solutions for Class 9 Hindi Course A Kshitij Harishankar Parsai Download as PDF

जूता हमेशा टोपी से कीमती रहा है प्रस्तुत पंक्तियों में लेखक का कौन सा भाव व्यक्त हुआ है? - joota hamesha topee se keematee raha hai prastut panktiyon mein lekhak ka kaun sa bhaav vyakt hua hai?

Kshitij

  • 1 प्रेमचंद
  • 2 राहुल सांकृत्यायन
  • 3 श्यामाचरण दुबे
  • 4 जाबिर हुसैन
  • 5 चपला देवी
  • 6 हरिशंकर परसाई
  • 7 महादेवी वर्मा
  • 8 हज़ारीप्रसाद द्रिवेदी
  • 9 कबीर
  • 10 ललद्धद
  • 11 रसखान
  • 12 माखनलाल चतुर्वेदी
  • 13 सुमित्रानंदन पन्त
  • 14 केदारनाथ अग्रवाल
  • 15 सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
  • 16 चंद्रकांत देवताल
  • 17 राजेश जोशी

Kritika

  • 01 इस जल प्रलय में
  • 02 मेरे संग की औरतें
  • 03 रीढ़ की हड्डी
  • 04 माटीवाली
  • 05 किस तरह आखिरकार मैं हिन्दी में आया

NCERT Solutions for Class 9 Hindi Course A Kshitij Harishankar Parsai

1. हरिशंकर परसाई ने प्रेमचंद का जो शब्द चित्र हमारे सामने प्रस्तुत किया है उससे प्रेमचंद के व्यक्तित्व की कौन-कौन सी विशेषताएँ उभरकर आती हैं ?

उत्तर:- प्रेमचंद के व्यक्तित्व की निम्नलिखित विशेषताएँ –
1. प्रेमचंद बहुत ही सीधा-सादा जीवन जीते थे वे गांधी जी की तरह सादा जीवन जीते थे।
2. प्रेमचंद के विचार बहुत ही उच्च थे वे सामाजिक बुराइयों से दूर रहे।
3. प्रेमचंद एक स्वाभिमानी व्यक्ति थे।
4. प्रेमचंद को समझौता करना मंजूर न था।
5. वे हर परिस्थिति का डटकर मुकाबला करते थे।


NCERT Solutions for Class 9 Hindi Course A Kshitij Harishankar Parsai

2. सही कथन के सामने (✔) का निशान लगाइए –
क) बाएँ पाँव का जूता ठीक है मगर दाहिने जूते में बड़ा छेद हो गया है जिसमें से अँगुली बाहर निकल आई है।
ख) लोग तो इत्र चुपड़कर फोटो खिंचाते हैं जिससे फोटो में खुशबू आ जाए।
ग) तुम्हारी यह व्यंग्य मुसकान मेरे हौसले बढ़ाती है।
घ) जिसे तुम घृणित समझते हो, उसकी तरफ अँगूठे से इशारा करते हो ?

उत्तर:- ख) लोग तो इत्र चुपड़कर फोटो खिंचाते हैं जिससे फोटो में खुशबू आ जाए। (✔)


NCERT Solutions for Class 9 Hindi Course A Kshitij Harishankar Parsai

3 नीचे दी गई पंक्तियों में निहित व्यंग्य को स्पष्ट कीजिए –
1. जूता हमेशा टोपी से कीमती रहा है। अब तो जूते की कीमत और बढ़ गई है और एक जूते पर पचीसों टोपियाँ न्योछावर होती हैं।

उत्तर:- व्यंग्य-यहाँ पर जूते का आशय समृद्धि से है तथा टोपी मान, मर्यादा तथा इज्जत का प्रतीक है। वैसे तो इज्जत का महत्त्व सम्पत्ति से अधिक हैं। परन्तु आज लोग अपने सामर्थ्य के बल अनेक टोपियाँ (सम्मानित एवं गुणी व्यक्तियों) को अपने जूते पर झुकने को विवश कर देते हैं।
2. तुम परदे का महत्व नहीं जानते, हम पर्दे पर कुर्बान हो रहे हैं।
उत्तर:-
प्रेमचंद ने कभी पर्दे को अर्थात लुकाव-छिपाव को महत्व नहीं दिया। उन्होंने वास्तविकता को कभी ढँकने का प्रयत्न नहीं किया है।लोग अपनी बुराइयों को कभी छिपाने का प्रयास नहीं किया। वे भीतर-बाहर एक समान थे।
3. जिसे तुम घृणित समझते हो, उसकी तरफ हाथ की नहीं, पाँव की अँगुली से इशारा करते हो ?
उत्तर:-
प्रेमचंद ने सामाजिक बुराइयों को अपनाना तो दूर उनकी तरफ देखा भी नहीं। प्रेमचंद गलत वस्तु या व्यक्ति को हाथ से नहीं पैर से ही सम्बोधित करना उचित समझते है।


4. पाठ में एक जगह लेखक सोचता है कि ‘फोटो खिंचाने कि अगर यह पोशाक है तो पहनने की कैसी होगी ?’ लेकिन अगले ही पल वह विचार बदलता है कि’नहीं, इस आदमी की अलग-अलग पोशाकें नहीं होंगी,।’ आपके अनुसार इस संदर्भ में प्रेमचंद के बारे में लेखक के विचार बदलने की क्या वजहें हो सकती हैं?

उत्तर:- लोग प्रायः ऐसा करते हैं कि दैनिक जीवन में साधारण कपड़ों का प्रयोग करते हैं और विशेष अवसरों पर अच्छे कपड़ों का। लेखक ने पहले सोचा प्रेमचंद खास मौके पर इतने साधारण हैं तो साधारण मौकों पर ये इससे भी अधिक साधारण होते होंगे। परन्तु फिर लेखक को लगा कि प्रेमचंद का व्यक्तित्व दिखावे की दुनिया से बिलकुल भिन्न हैं क्योंकि वे जैसे भीतर हैं वैसे ही बाहर भी हैं।


5. आपने यह व्यंग्य पढ़ा। इसे पढ़कर आपको लेखक की कौन-सी बात आकर्षित करती है ?

उत्तर:- मुझे इस व्यंग्य की सबसे आकर्षक बात लगती है -विस्तारण शैली। तथा लेखक ने व्यंग्यात्मक शैली में महान साहित्यकार प्रेमचंद का चित्र प्रस्तुत किया है। इस पाठ में लेखक ने प्रेमचंद के साथ-साथ स्वयं पर भी व्यंग्य किया है। लेखक ने सामाजिक कुरीतियों पर व्यंग्य द्वारा प्रहार किया है। इस पाठ की शुरुआत प्रेमचंद के फटे जूते से होती है और प्रेमचंद के पूरे व्यक्तित्व को उजागर कर देती है ।


6. पाठ में ‘टीले’ शब्द का प्रयोग किन संदर्भो को इंगित करने के लिए किया गया होगा ?

उत्तर:- टीला रस्ते की रुकावट का प्रतीक है। इस पाठ में टीला शब्द सामाजिक कुरीतियों, अन्याय तथा भेदभाव को दर्शाता है क्योंकि यह मानव के सामजिक विकास में बाधाएँ उत्पन्न करता हैं।


NCERT Solutions for Class 9 Hindi Course A Kshitij Harishankar Parsai

रचना-अभिव्यक्ति
7. प्रेमचंद के फटे जूते को आधार बनाकर परसाई जी ने यह व्यंग्य लिखा है। आप भी किसी व्यक्ति की पोशाक को आधार बनाकर एक व्यंग्य लिखिए।

उत्तर:- हमारे एक पड़ोसी है। जो बहुत ही कंजूस है। यहाँ तक के बच्चों के खाने-पीने की चीजों में भी कटौती करते हैं। परंतु दुनिया में अपनी झूठी शान दिखाने के लिए बड़ी-बड़ी नामचीन कम्पनियों के कपड़े ही पहनते। उनका यह दोघलापन मेरी समझ से परे है।


NCERT Solutions for Class 9 Hindi Course A Kshitij Harishankar Parsai

8. आपकी दृष्टि में वेश-भूषा के प्रति लोगों की सोच में आज क्या परिवर्तन आया है ?

उत्तर:- आज के समय में लोगों का दृष्टिकोण बहुत बदल गया है। यहाँ तक की व्यक्ति का मान-सम्मान और चरित्र भी वेश-भूषा पर अवलम्बित हो गया हैं। आज की दुनिया दिखावे की दुनिया बन गई है। अगर समाज में अपनी शान बनाए रखनी है तो महँगे से महँगे कपड़े पहनना आवश्यक हो गया है। आज सादा जीवन जीने वालों को पिछड़ा समझा जाने लगा है।


NCERT Solutions for Class 9 Hindi Course A Kshitij Harishankar Parsai

भाषा-अध्ययन
9. पाठ में आए मुहावरे छाँटिए और उनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए।

उत्तर:-

मुहावरे अर्थ वाक्य में प्रयोग
अटक जाना स्थिर हो जाना इस सुंदर कंगन पर मेरी दृष्टि अटक गई है।
न्योछावर होना कुर्बान होना मंगल पांडे फ़िल्म देखने के बाद देश के लिए अपना सब कुछ अर्पण करने के साथ खुद भी न्योछावर होने का मन करता है।
पछतावा होना पश्चाताप होना ऐसा कार्य करने के बाद आपको पछतावा तो होना ही चाहिए।
रो पड़ना पीड़ा महसूस करना अपने पुत्र को चोट लगते देख माँ का मन रो पड़ा।
लहुलुहान होना घायल होना कार दुर्घटना में ड्राइवर लहुलुहान हो गया।

NCERT Solutions for Class 9 Hindi Course A Kshitij Harishankar Parsai

10. प्रेमचंद के व्यक्तित्व को उभारने के लिए लेखक ने जिन विशेषणों का उपयोग किया है उनकी सूची बनाइए।

उत्तर:- इस पाठ में प्रेमचंद के व्यक्तित्व को उभरने के लिए निम्नलिखित विशेषणों का प्रयोग हुआ है –
• महान कथाकार
• उपन्यास सम्राट
• जनता के लेखक
• साहित्यिक पुरखे
• युग- प्रवर्तक।

NCERT Solutions for Class 9 Hindi Course A

NCERT Solutions Class 9 Hindi Course A PDF (Download) Free from myCBSEguide app and myCBSEguide website. Ncert solution class 9 Hindi Course B includes text book solutions from part 1 and part 2. NCERT Solutions for CBSE Class 9 Hindi Course B have total 22 chapters. 9 Hindi Course B NCERT Solutions in PDF for free Download on our website. Ncert Hindi Course B class 9 solutions PDF and Hindi Course B ncert class 9 PDF solutions with latest modifications and as per the latest CBSE syllabus are only available in myCBSEguide.

CBSE app for Class 9

To download NCERT Solutions for class 9 Social Science, Computer Science, Home Science,Hindi ,English, Maths Science do check myCBSEguide app or website. myCBSEguide provides sample papers with solution, test papers for chapter-wise practice, NCERT solutions, NCERT Exemplar solutions, quick revision notes for ready reference, CBSE guess papers and CBSE important question papers. Sample Paper all are made available through the best app for CBSE students and myCBSEguide website.


जूता हमेशा टोपी से कीमती रहा है प्रस्तुत पंक्तियों में लेखक का कौन सा भाव व्यक्त हुआ है? - joota hamesha topee se keematee raha hai prastut panktiyon mein lekhak ka kaun sa bhaav vyakt hua hai?


लेखक के अनुसार जूता हमेशा टोपी से कीमती क्यों रहा है?

जूता हमेशा टोपी से कीमती रहा है। अब तो जूते की कीमत और बढ़ गई है और एक जूते पर पचीसों टोपियाँ न्योछावर होती हैं। उत्तर:- व्यंग्य-यहाँ पर जूते का आशय समृद्धि से है तथा टोपी मान, मर्यादा तथा इज्जत का प्रतीक है। वैसे तो इज्जत का महत्त्व सम्पत्ति से अधिक हैं।

जूता हमेशा टोपी से कीमती रहा है कथन से लेखक का क्या आशय है class 9?

यह कथन " जूता हमेशा टोपी से कीमती होता है।" प्रेमचंद के फटे जूते पाठ से लिया गया है। इस कथन के द्वारा लेखक ने व्यंग्य कसा है । लेखक का कहना है कि जूता का आशय धन सम्पत्ति से है व टोपी का आशय मान मर्यादा व प्रतिष्ठा से है। मान मर्यादा का महत्व हमेशा धन सम्पत्ति से अधिक रहा है।

प्रेमचंद का फटा जूता पाठ में टोपी किसका प्रतीक मानी गयी है?

Explanation: पाठ प्रेमचंद के फटे जूते में लेखक के अनुसार टोपी सम्मान , इज्ज़त , मृयादा का प्रतीक है | टोपी सर पर पहनी जाती है इसलिए सम्माननीय है

लेखक को टोपी से महंगा जूता क्यों लगा?

Answer: प्रेमचंद के फटे जूते' लेखक हरिशंकर परसाई द्वारा रचित एक व्यंग रचना है। ... क) लेखक यह कहना चाहता है कि जूता टोपी से महंगा होता है इसलिए एक सामान्य व्यक्ति के लिए जूता खरीदना आसान नहीं होता। एक जूते की कीमत में अनेक टोपियां खरीदी जा सकती है।