गुरु का बीज मंत्र कौन सा है? - guru ka beej mantr kaun sa hai?

गुरु का बीज मंत्र कौन सा है? - guru ka beej mantr kaun sa hai?

गुरु का बीज मंत्र कौन सा है? - guru ka beej mantr kaun sa hai?

बीज मंत्र को ज्योतिष शास्त्र में बहुत लाभकारी माना जाता है। हर ग्रह का अपना बीज मंत्र होता है, जिसके निरंतर जाप से शुभ लाभ मिलते हैं। कई जानकार कहते हैं कि बीज मंत्रों का जाप सफलता और सुखी जीवन की कुंजी है। आचार्य सुनील बरमोला कहते हैं ,”कई लोगों को लगता है कि बीज मंत्र छोटे होते हैं, और उनका उतना प्रभाव नहीं होता। सच ये है कि बीज मंत्रों में विशेष ताकत होती है। इसका नियमित और मन से पाठ किया जाए तो सफलता की 100 फीसदी गारंटी है।” बीज मंत्रों की विशेषता या अपनी समस्या को लेकर आप आचार्य सुनील बरमोला से फोन पर भी बात कर सकते

गुरु का बीज मंत्र कौन सा है? - guru ka beej mantr kaun sa hai?

बीज मंत्र में संबंधित ग्रह की शक्तियां विद्यमान रहती हैं। ऐसा माना जाता है कि बीज मंत्र व्यक्ति के लिए एक सुरक्षा कवच की तरह काम करता है और आध्यात्मिक शक्तियां प्रदान करता है। आज हम इस लेख में ग्रहों के बीज मंत्रों के बारे में आपको जरूरी जानकारी देंगे।

वैदिक ज्योतिष में बीज मंत्रों का महत्व 

वैदिक ज्योतिष के अनुसार हर ग्रह का व्यक्ति के जीवन पर कुछ न कुछ असर होता है। चूंकि बीज मंत्रों की ध्वनि से संबंधित ग्रह की ऊर्जा हमें प्राप्त होती है और साथ ही उस ग्रह के बुरे प्रभाव भी खत्म होते हैं, इसलिए ज्योतिषियों द्वारा बीज मंत्रों का जाप करने की सलाह दी जाती है। हालांकि बीज मंत्र के जाप से पहले यह जरूर जान लेना चाहिए कि किस ग्रह का बीज मंत्र आपके लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद साबित होगा।

बृहत् कुंडली : जानें ग्रहों का आपके जीवन पर प्रभाव और उपाय

बीज मंत्र जाप से मिलने वाले लाभ

प्रत्येक ग्रह के बीज मंत्र जाप से व्यक्ति को निम्नलिखित लाभ मिलते हैं।

  • ग्रहों के बीज मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति को आध्यात्मिक शक्तियां प्राप्त होती हैं। 
  • ध्यान के दौरान इन मंत्रों का जाप करने से मानसिक शांति मिलती है। 
  • बीज मंत्र के जाप से वासना में कमी आती है। 
  • इन मंत्रों के जाप से मानसिक रूप से इंसान सशक्त होता है। 
  • बीज मंत्र के जाप से आप कुंडली में संबंधित ग्रह को मजबूत करके उसके लाभ प्राप्त कर सकते हैं। 

आइए अब सभी ग्रहों के बीज मंत्र और उनके सही उच्चारण के बारे में जानते हैं। 

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सूर्य बीज मंत्र 

ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः।।

इस मंत्र के शुद्ध उच्चारण के लिए नीचे दिए गए वीडियो को देखें। 

मंगल बीज मंत्र 

ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः।।

मंगल मंत्र के सही उच्चारण के लिए नीचे दिए गए वीडियो को देखें। 

बुध बीज मंत्र 

ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः।।

बुध मंत्र के शुद्ध उच्चारण के लिए नीचे दिए गए वीडियो को देखें। 

गुरु बीज मंत्र 

ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरूवे नमः।।

गुरु बीज मंत्र के सही उच्चारण को जानने के लिए नीचे दिये गए वीडियो को देखें। 

शुक्र बीज मंत्र 

ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः।।

शुक्र बीज मंत्र के शुद्ध उच्चारण को नीचे दिए गये वीडियो से जानें। 

शनि बीज मंत्र

ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:।।

शनि बीज मंत्र का सही उच्चारण नीचे दिए गए वीडियो से जानें। 

राहु बीज मंत्र

ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम:।।

राहु के बीज मंत्र जाप के शुद्ध उच्चारण के लिए नीचे दिए गए वीडियो को देखें।

केतु बीज मंत्र

ॐ स्रां स्रीं स्रों सः केतवे नमः।।

राहु के बीज मंत्र जाप के शुद्ध उच्चारण के लिए नीचे दिए गए वीडियो को देखें।

चंद्र बीज मंत्र 

ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्रमसे नमः।।

चंद्र मंत्र के सही उच्चारण से आप जीवन की कई परेशानियों से पार पा सकते हैं। चंद्रमा को मन का कारक ग्रह माना जाता है और मन के संतुलित होने पर बहुत चीजें सही दिशा में चलने लगती हैं। चंद्रमा के बीज मंत्र से मन को शांति मिलती है और जीवन में संतुलन आता है।  

बीज मंत्रों के महत्व और आपके लिए कौन सा बीज मंत्र उपयोगी है यह जानने के लिए हमारे विद्वान ज्योतिषियों से फोन पर करें बात

बृहस्पति का बीज मंत्र क्या है?

विष्णु जी के बीज मंत्र ॐ बृं बृहस्पतये नम:। ॐ क्लीं बृहस्पतये नम:। ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:। ॐ ऐं श्रीं बृहस्पतये नम:।

गुरु ग्रह का मंत्र क्या है?

गुरु का वैदिक मंत्र: ओम बृहस्पते अति यदर्यो अर्हाद् द्युमद्विभाति क्रतुमज्जनेषु। यद्दीदयच्छवस ऋतप्रजात तदस्मासु द्रविणं धेहि चित्रम्।। अविवाहितों को "ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः!" मंत्र का जरूर जाप करना चाहिए।

गुरु के जाप कितने होते हैं?

तांत्रिक मंत्र- 'ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:। ' जप संख्या- 19,000 (19 हजार)।

चलते फिरते मंत्र जाप करने से क्या होता है?

इससे ऊर्जा में वृद्धि होती है और इन्हें करने से साधना और पूजा का फल कई गुना बढ़ जाता है। यह जाप पहले से ही सिद्ध होता है और इसे कुछ दिन करने पर ही यह प्रभावी हो जाता है।