सीमेंट और ईंट का नया रेट घोषित
| Updated: Jun 13, 2011, 4:00 AM Show
यूपी सरकार ने सीमेंट और ईंट का नया रेट घोषित कर दिया है। इस घोषणा ने विकास कार्यों का टेंडर छोड़ने में सहूलियत पैदा कर दी है। दरअसल, सीमेंट और ईंट के...बता
दें कि सीमेंट और ईंट का रेट रिवाइज करवाने के लिए तमाम निर्माण एजेंसियां कोशिश कर रही थी। जिसके बाद लोक निर्माण विभाग की ओर से सीमेंट और ईंट का नया रेट रिवाइज किया गया था। यूपी सरकार ने उसी रेट पर काम कराने की इजाजत दे दी है। आसपास के शहरों की खबरेंNavbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें यूपी, बिहार, हरियाणा, मध्य प्रदेश, पं बंगाल और हरियाणा जैसे राज्यों में ईंटों के दाम बढ़ गए हैं.अब आपको आशियाना (Housing) बनाने में पहले से ज्यादा जेब ढीली करनी पड़ेगी. केंद्र सरकार के द्वारा 6 प्रतिशत जीएसटी (GST) लगाने के बाद प्रति हजार ईंटों के दाम (Brick Rate Increased) में 500 रुपये तक इजाफा हो गया है. यूपी, बिहार, हरियाणा, मध्य प्रदेश, पं बंगाल और हरियाणा जैसे राज्यों में ईंटों के दाम बढ़ गए हैं.अधिक पढ़ें ...
नई दिल्ली. अब आपको आशियाना (Housing) बनाने में पहले से ज्यादा जेब ढीली करनी पड़ेगी. केंद्र सरकार के द्वारा 6 प्रतिशत जीएसटी (GST) लगाने के बाद प्रति हजार ईंटों के दाम (Brick Rate Increased) में 500 रुपये तक इजाफा हो गया है. यूपी, बिहार, हरियाणा, मध्य प्रदेश, पं बंगाल और हरियाणा जैसे राज्यों में ईंटों के दाम बढ़ गए हैं. बता दें कि हाल ही में केंद्र सरकार ने जीएसटी स्लैब में अप्रत्याशित बढ़ोतरी की थी. इससे आम आदमी को मकान बनवाना एक सपना ही रह जाएगा. बीते एक मई से ही केंद्र सरकार के द्वारा ईंट-भट्ठा कारोबारियों से 12 प्रतिशत जीएसटी वसूला जा रहा है. इससे देश में ईंट-भट्ठा व्यवसाय पर भी संकट गहराने लगा है. काराबोरियों का कहना है कि पहले जीएसटी दरें अब कोयले के दाम बढने और कम उपलब्धता के साथ मजदूरों के पलायन से स्थिति और गंभीर हो गई है. ईंट-भट्ठा मालिकों का कहना है कि कोरोना काल में कोयले के दाम तीन गुना बढ़ गए थे. फिर जीएसटी स्लैब में बदलाव कर दिया गया और अब कोयले की आपूर्ति सुचारू रूप से नहीं हो रही है. इसका सीधा असर व्यवसाय पर पड़ रहा है. कोरोना काल में कई तरह के कारोबार का हाल खास्ता हो गया था. अब हालात जब सुधरे तो केंद्र सरकार ने जीएसटी की दरें बढ़ा दी. जीएसटी की दरों से उबरे भी नहीं थे कि कोयला की कमी ने इस व्यवसाय को और मंदा कर दिया है. केंद्र सरकार के द्वारा 6 प्रतिशत जीएसटी लगाने के बाद प्रति हजार ईंटों के दाम में 500 रुपये तक इजाफा हो गया है.ईंट-भट्ठा मालिकों का ये कहना है कोरोना काल में चौपट हो गया था ईंटों का कारोबार ये भी पढ़ें: BPSC पेपर लीक पर लोगों की प्रतिक्रिया- बिहार में बहार है…पढ़ल-लिखल बेकार है…नौकरी के लेल पैसा और पैरवी के जोगार है! भट्ठा संचालकों की चिंता नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेशों को लेकर भी है. बीते 17 फरवरी को आए एनजीटी के आदेश के बाद कई ईंट-भट्ठे के कारोबारी ने अपना कारोबार बंद कर दिया है. इधर तीन-चार महीने से कोयले के दाम दोगुने हो गए हैं. भट्ठा मालिकों का कहना है कि दो प्रकार के व्यवहारिक एवं अनुचित जीएसटी दर को थोपना अत्याचार की श्रेणी में आता है. केंद्र सरकार को इस बढ़े हुए दर के प्रस्ताव को वापस लिया जाना चाहिए. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी| Tags: Brick and mortar retail, Coal Crisis, Gst, Inflation FIRST PUBLISHED : May 09, 2022, 13:39 IST यूपी में ईट क्या रेट है?भवन निर्माण सामग्री के रेट
ईंट : 4 हजार वाली अव्वल ईंट बढ़कर 5500 रुपये के पार हो गई, पीला ईंट 1500 से बढ़कर 2500 रुपये के पार पहुंची, जबकि दोम ईंट 3500- 4500 पार पहुंच गई है।
ईंट का दाम कितना है?1100 से 1200 रुपए प्रति वर्ग फीट से 850 रुपए तक पहुंच गई है।
दिल्ली में ईंट का क्या रेट है?दिल्ली में इतनी कम हुई ईंटों की कीमत
दिल्ली-एनसीआर में ईंटों का कारोबार करने वाली कंपनी DBF Bricks के अनुसार, दिल्ली में अभी एक नंबर की 1000 ईंटें 5000 रुपये में मिल रहे हैं. इसी तरह दो नंबर की हजार ईंटों का भाव 4000 रुपये और नरम अब्बल किस्म की हजार ईटों का भाव 4,700 रुपये हो गया है.
पंजाब में ईंट का रेट क्या है?ईंट भट्ठों में प्रयुक्त होने वाला कोयला अमेरिका से आयात किया जाता है। इसे बंदरगारों से अलग अलग जगहों पर पहुंचाया जाता है। पंजाब सरकार ने प्रति हजार ईंट का रेट 6000 रुपये निर्धारित किया है।
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