हिंदू लोग मसूर की दाल क्यों नहीं खाते? - hindoo log masoor kee daal kyon nahin khaate?

विषयसूची

Show
  • 1 मसूर की दाल बादी होती है क्या?
  • 2 हिंदू लोग मसूर की दाल क्यों नहीं खाते?
  • 3 कौन कौन सी दाल बादी होती है?
  • 4 मसूर की दाल को अंकुरित क्यों नहीं किया जा सकता है?
  • 5 मसूर के दाल खाने से क्या होता है?
  • 6 दाल खाने से क्या क्या नुकसान है?

मसूर की दाल बादी होती है क्या?

इसे सुनेंरोकेंमसूर एक दलहन है। इसका वानस्पतिक नाम ‘लेन्स एस्क्युलेन्टा’ (Lens esculenta) है। इसकी प्रकृति गर्म, शुष्क, रक्तवर्द्धक एवं रक्त में गाढ़ापन लाने वाली होती है। दस्त, बहुमूत्र, प्रदर, कब्ज व अनियमित पाचन क्रिया में मसूर की दाल का सेवन लाभकारी होता है।

हिंदू लोग मसूर की दाल क्यों नहीं खाते?

इसे सुनेंरोकेंमाना जाता है कि तामसिक चीजों के सेवन से कामवासना और क्रोध बढ़ता है। मसूर की दाल के सेवन को धर्म शास्त्रों के अनुसार वर्जित माना गया है। दरअसल इससे जुड़ी एक कथा के अनुसार मसूर की दाल कामधेनु के रक्त का रूप मानी गई हैं। इसीलिए हिन्दू धर्म शास्त्रों के अनुसार मसूर की दाल का सेवन अच्छा नहीं माना गया है।

मसूर दाल खाने से क्या नुकसान है?

इसे सुनेंरोकेंमसूर दाल न सिर्फ लोकप्रिय पौष्टिक भोजन है, बल्कि यह ऊर्जा का अच्छा स्रोत भी है। इसमें माइक्रोन्यूट्रिएंट्स (सूक्ष्म पोषक तत्व) पाए जाते हैं और साथ में प्रीबायोटिक कार्बोहाइड्रेट भी होते हैं। प्रीबायोटिक कार्बोहाइड्रेट वो होते हैं, जिन्हें पचाना आसान होता है।

मसूर की दाल में कौन से विटामिन पाए जाते हैं?

इसे सुनेंरोकेंलाल मसूर में विटामिन A, विटामिन K, विटामिन C, विटामिन B और फोलेट जैसे पोषक तत्वों की मात्रा अधिक होती है। कैल्शियम, लोहा, मैग्नीशियम, फास्फोरस, पोटेशियम, जस्ता, मैंगनीज, तांबे और सेलेनियम जैसे खनिज भी इस दाल में प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं।

कौन कौन सी दाल बादी होती है?

इसे सुनेंरोकेंउड़द दाल काफी हैवी होती है और बादी करती है इसलिए इसे मानसून के सीजन में कम खाना चाहिए. इसके अलावा गर्मी के सीजन में चना और मटर की दाल अपेक्षाकृत कम खानी चाहिए क्योंकि ये दालें काफी गरिष्ठ होती हैं. जिन लोगों को गैस की समस्या है उन्हें रात को अरहर दाल नहीं खानी चाहिए.

मसूर की दाल को अंकुरित क्यों नहीं किया जा सकता है?

इसे सुनेंरोकेंग्लाइफ़ोसेट एक ‘प्लांट-किलर’ है. ये पौधों में प्रोटीन बनने की क्रिया को बाधित कर देता है, जिससे पौधों का विकास रुक जाता है. ऐसे में अगर ये शरीर में चला जाए तो शरीर में प्रोटीन के कामकाज को प्रभावित करता है. इससे ट्यूमर, प्रजनन संबंधी समस्या और किडनी से जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं.

कौन सी दाल किस दिन खानी चाहिए?

इसे सुनेंरोकेंरविवार के दिन चने की दाल और मूंग की दाल खाना शुभ माना जाता है. ब्रह्मावैवर्त के अनुसार, रविवार के दिन मूंग की दाल, अदरक और लाल साग नहीं खाना चाहिए. सोमवार के दिन अरहर की दाल खाना अच्छा होता है. इसके अलावा बिना छिलके वाली मूंग की दाल आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होती है.

सोमवार के दिन कौन सी दाल खानी चाहिए?

इसे सुनेंरोकेंसोमवार : इस दिन छिलके वाली मूंग की दाल खाना चाहिए. अगर आपको छिलके वाली मूंग पसंद नहीं है, तो आप अरहर की दाल भी खा सकते हैं. ये ज्यादातर लोगों की फेवरेट होती है. इसे खाने से चंद्र ग्रह मजबूत होता है.

मसूर के दाल खाने से क्या होता है?

कमजोरी दूर करती है मसूर शारीरिक कमजोरी दूर करने के साथ-साथ खून को बढ़ाने का भी काम करती है.

  • स्पर्म क्वालिटी को ठीक करती है मसूर दाल मसूर दाल में फोलिक एसिड मौजूद रहता है.
  • त्वचा रोगों में लाभकारी अगर आपके चेहरे पर दाग हैं और आंखों में सूजन जैसी समस्या है तो आपको मसूर दाल का सेवन करना चाहिए.
  • कमर और पीठ दर्द का इलाज
  • दाल खाने से क्या क्या नुकसान है?

    इसे सुनेंरोकें1- दाल अगर आप ज्यादा खाते हैं तो इसका सीधा असर आपके गुर्दे पर होता है. आपके गुर्दे में पथरी होने का खतरा होता है. 2- दाल खाने से गैस की समस्या भी होती है. इतना ही नहीं इसके इस्तेमाल से पेट से जुड़ी कई अन्य समस्याएं भी होती है.

    मसूर के दाल के क्या क्या फायदे हैं?

    लाल मसूर की दाल में कितना प्रोटीन होता है?

    इसे सुनेंरोकेंइसे इसके स्वाद के कारण अन्य सभी दालों से अलग और सबसे ज्यादा स्वाद‍िष्ट माना जाता है। अपने स्वाद के मुताब‍िक, हम इसमें अलग-अलग मसाले डालकर पका सकते हैं। एक कप मसूर दाल में 230 कैलोरी होती है, लगभग 15 ग्राम डाइटरी फाइबर और लगभग 17 ग्राम प्रोटीन होता है।

    कमजोरी दूर करती है मसूर शारीरिक कमजोरी दूर करने के साथ-साथ खून को बढ़ाने का भी काम करती है.

  • स्पर्म क्वालिटी को ठीक करती है मसूर दाल मसूर दाल में फोलिक एसिड मौजूद रहता है.
  • त्वचा रोगों में लाभकारी अगर आपके चेहरे पर दाग हैं और आंखों में सूजन जैसी समस्या है तो आपको मसूर दाल का सेवन करना चाहिए.
  • कमर और पीठ दर्द का इलाज
  • Published on: 24 February 2022, 16:00 pm IST

    • 129

    मसूर दाल का इस्तेमाल लगभग भारत के सभी घरों में होता है। इसका प्रयोग कई प्रकार के व्यंजनों को बनाने में किया जाता है। यह आपकी सेहत के लिए अधिक फायदेमंद है। सिर्फ इतना ही नहीं यह कई तरह की बीमारियों से लड़ने में भी आपकी मदद कर सकती है। मसूर दाल त्वचा को नमी पहुंचती है और आपके त्वचा के बालों को कम करने में मदद करती है। साथ ही इसके सेवन से हृदय रोगों का भी खतरा कम होता है। इसके बावजूद कुछ लोग इसे खाने से डरते हैं। उनके मन में इसे लेकर कई मिथ्स हैं। जिन्हें दूर किया जाना बहुत जरूरी है।

    मसूर दाल प्रोटीन, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, आयरन, विटामिन सी, बी6, बी2, फॉलिक एसिड, कैल्शियम, जिंक और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्वों का खजाना है।

    पर उससे पहले जान लेते हैं मसूर की दाल के फायदे

    1. त्वचा रोग

    मसूर दाल में मौजूद विटामिन ई त्वचा में नमी बनाये रखने में मददगार है, जो त्वचा को मुलायम करता है। वहीं इसके एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण मुहांसों के दाग धब्बों को कम करने में मदद करते हैं। मसूर दाल में मिनरल्स पाए जाते हैं जो आपकी स्किन के लिए अत्यधिक जरूरी हैं।

    2. दांत दर्द

    दांत के दर्द में मसूर की दाल का सेवन लाभदायक होता है। इसे जला कर भस्म के रूप में बना लें। इस भस्म से रोजाना दो बार हल्के हाथों से मसूड़ों की मसाज करें। ऐसा करने से दांतो के विकार दूर होते हैं।

    3. आंखों की समस्या

    मसूर दाल में विटामिन ई और सी पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। यह विटामिन आपकी आंखों के लिए फायदेमंद होते हैं। जिनकी आंखों की रोशनी कम है, उन्हें रोजाना मसूर दाल का सेवन करना चाहिए।

    मसूर दाल आपके लिए फायदेमंद हैं। चित्र- शटरस्टॉक।

    4. कमर और पीठ का दर्द

    मसूर की दाल में आयरन, मैग्नीशियम और पोटेशियम मौजूद होता हैं, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है। मसूर के दानों को सिरके के साथ पीस कर गुनगुना करके, हल्के हाथों से पीठ और कमर की मसाज करने से आपको दर्द से राहत मिलेगी।

    5. कब्ज की समस्या

    मसूर दाल कब्ज की समस्या को ठीक कर सकती है। मसूर दाल का पानी पेट को साफ रखता है। इसमें लघु गुण होने के कारण यह सुपाच्य होती है। यह आपकी पाचन शक्ति को बढ़ाने में मददगार है।

    इतने सारे स्वास्थ्य लाभों के बावजूद कुछ लोगों को लगता है कि मसृर दाल सभी के लिए नहीं है। इनमें सबसे ज्यादा प्रचलित मिथ है, उसका यूरिक एसिड से कनैक्शन। क्या यह सच है कि मसूर की दाल खाने से यूरिक एसिड बढ़ सकता है? इसे जानने के लिए हेल्थ शॉट्स से न्यूट्री हब की डायटीशियन अंकिता श्रीवास्तव से संपर्क किया। आइए अंकिता से सुनते हैं इन सभी मिथ्स की सच्चाई –

    आइए जानते हैं मसूर दाल के बारे में प्रचलित कुछ मिथ्स और उनकी सच्चाई

    1. क्या मसूर दाल शरीर में यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ाती है?

    मसूर दाल शरीर मे यूरिक एसिड के स्तर को नहीं बढ़ाती। इसमें मौजूद प्रोटीन की उच्च पाचनशक्ति होने के कारण यूरिक एसिड शरीर मे संचय नही कर पाता। यह एक मिथ है कि मसूर दाल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है।

    2.क्या डायबिटीज के मरीज भी कर सकते हैं मसूर दाल का सेवन?

    मसूर दाल का ग्लाइसेमिक इंडेक्स (कोई पदार्थ कितनी मात्रा में शुगर को बढ़ाता है) कम है। यह विभाजित होकर खून में अच्छी तरह घुल जाती है, जिसके कारण खून में ग्लूकोज का स्तर धीरे-धीरे बढ़ता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट आपके पैंक्रियाज की कोशिकाओं को प्रभावित होने से बचाती हैं। साथ हीं खून में ग्लूकोज के स्तर को प्रबंधित करती है।

    मसूर दाल डायबिटीज़ में भी मददगार है। चित्र: शटरस्टॉक

    3. क्या प्रेगनेंसी के दौरान मसूर दाल का सेवन स्वस्थ है?

    मसूर दाल में भरपूर मात्रा में आयरन मौजूद होता है, जो आपको प्रेगनेंसी के दौरान स्वस्थ रहने में मदद कर सकता है। यह औरतों में प्रेगनेंसी के दौरान एनीमिया को रोकती है। इसमें फोलेट होता है, जो भ्रूण के नर्वस सिस्टम को विकसित करता है।

    4. क्या किडनी के रोगी भी मसूर की दाल खा सकते हैं?

    मसूर दाल का सेवन किडनी के लिए स्वस्थ हो सकता है, क्योंकि इसमें नेफ्रोंप्रोटेक्टिव गुण पाए जाते हैं। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स किडनी की कोशिकाओं को मुक्त कणों की क्षति से बचाता है। साथ ही यह ऑक्सीडेटिव तनाव को भी कम करता है।

    5. मसूर की दाल को स्किन के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए?

    मसूर दाल विटामिन बी से युक्त होती है, जो आजकी त्वचा में नमी बनाए रखने में मदद करती है। मसूर दाल का पेस्ट चेहरे पर लगाने से उसके एन्टी इन्फ्लेमेटरी गुण मुहांसे और उससे होने वाले दाग को कम करते हैं। इसमें मौजूद फोलेट और जिंक स्किन टिश्यू की मरम्मत करने में मदद करते हैं। मसूर को भिगोने के लिए उपयोग किया गया पानी मिनरल युक्त होता है। इस पानी से चेहरा धोना स्किन के लिए फायदेमंद हो सकता है।

    यह भी पढ़ें : Yellow Vegetables Benefits : पीली सब्जियों के ये सेहत लाभ जानकर आप भी कर लेंगी इन्हें डाइट में शामिल

    मसूर की दाल क्यों नहीं खाते हैं?

    मसूर की दाल में फाइबर होता है, इसलिए अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से पेट में गैस और ऐंठन की समस्या हो सकती है 5। फाइबर का अधिक सेवन शरीर द्वारा आयरन, जिंक, मैग्नीशियम और कैल्शियम जैसे खनिजों के अवशोषण को बाधित कर सकता है 5। अधपकी मसूर दाल का अधिक मात्रा में सेवन करने से गुर्दे की बीमारियों का जोखिम बढ़ सकता है।

    मसूर की दाल कब नहीं खाना चाहिए?

    ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार, रविवार को मसूर की दाल, अदरक या फिर कोई लाल रंग का भोज्‍य पदार्थ नहीं खाना चाहिए

    शिवलिंग पर मसूर की दाल चढ़ाने से क्या होता है?

    * इसके साथ ही शिवलिंग पर लाल मसूर की दाल और लाल गुलाब अर्पित करें। इस प्रकार भी मंगल दोष की शांति हो सकती है। * लाल वस्त्र में मसूर दाल, रक्त चंदन, रक्त पुष्प, मिष्ठान्न एवं द्रव्य लपेटकर नदी में प्रवाहित करने से मंगलजनित अमंगल दूर होता है।

    क्या हम भगवान को मसूर की दाल चढ़ा सकते हैं?

    तो वहीं अगर आप कर्ज से मुक्ति पाना चाहते हैं तो इस दिन भगवान शिव को लाल मसूर की दाल अर्पित करें।