ग चिड़िया क्या सोचकर सकुचा गई - ga chidiya kya sochakar sakucha gaee

Class 9 Hindi Elective Chapter 5 चिड़िया की बच्ची The answer to each chapter is provided in the list so that you can easily browse throughout different chapter Assam Board Class 9 Hindi Elective Chapter 5 चिड़िया की बच्चीand select needs one.

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चिड़िया की बच्ची

पाठ – 5

बोध एवं विचार

अभ्यासमाला

1. सही विकल्प का चयन करो : 

(क) सेठ माधवदास ने संगमरमर की क्या बनवाई है ? 

(१) कोठी, 

(२) मूर्ति, 

(३) मंदिर, 

(४) स्मारक

उतर : (१) कोठी ।

(ख) किसकी डाली पर एक चिडिया आके बैठी ?

(१) जुही,   

(२) गुलाब,   

(३) बेला,  

(४) चमेली

उत्तर : (२) गुलाब । 

(ग) चिड़िया के पंख ऊपर से चमकदार और…….थे ।

(१) सफेद,   

(२) स्याह,   

(३) लाल,   

(४) पीला ।

उत्तर : (२) स्याह ।

(घ) चिड़िया से बात करते करते सेठ ने एकाएक दबा दिया ।

(१) हाथ,   

(२) पाँव,   

(३) बटन,    

(४) हुक्का 

उत्तर : (३) बटन ।

2. संक्षिप्त में उत्तर दो : 

(क) सेठ माधवदास की अभिरुचियों के बारे में बताओ ।

उत्तर : कला के प्रति माधवदास के अधिक प्रेम थे। माधवदास सुन्दर अभिरूचि वाले आदमी थे―फूल पौधे, रकावियों से हौजों में लगे फव्वारों उन्हें वहुत अच्छा लगता। गरम के दिनों में घर के चबुतरें में आराम करके आकाश के रंग देखते थे। फर्शी हुक्का पीने का भी शौक थे।

(ख) शाम के समय सेठ माधवदास क्या क्या करते है ?

उत्तर: शाम को जब गरमी ढल जाती है और आसमान कई रंग का होता है, वह कोठी के वाहर चबुतरे पर तख्त डलवाकर मसनद के सहारे गलीचे पर बैठते है। प्रकृति के छटा निहारते हैं। उस समय उसको बहुत खुशी लगते हैं। कभी मित्र होते तो उनसे विनोद चर्चा करते है ।

(ग) चिड़िया के रंग रूप के बारे में क्या जानते हो ? 

उत्तर : चिड़िया बहुत सुन्दर थी। उसकी गरदन लाल थी, और गुलाबी होते होते किनारों पर जरा-जरा नीली पड़ गयी थी। पंख उपर से चमकदार स्याह थे। शरीर पर चित्र विचित्र चित्रकारी थी ।

(घ) चिड़िया किस बात से डर रही थी ?

उत्तर : माधवदास चालाकी से चिड़िया से बाते करते करते देर लगा दिया। मानो धीरे धीरे उसको पकड़ने के चाल लगाया। उधर धीरे धीरे अंधेरा होने लगा। अंधेरा होने में चिड़िया अपने घर जा नहीं पायेगा। इसलिए चिड़िया धीरे धीरे डरने लगी ।

(ङ) ‘तु सोना नहीं जानती, सोना ? उसी की जगत को नृष्पा है ।’ (आशय स्पष्ट करो) 

उत्तर : इसका अर्थ है-‘सोना’, सोना अमुल्य धातु है। अपने पास सोना रहने का मतलब बहुत धनी मानी जाती हैं। धन-सम्पत्ति का अर्थ है सोना। माधवदास ने चिड़िया को ऐसी सोना के बारे में कहकर आकर्षित करने के कौशिश किया है। चिड़िया बेचारी सोना क्या जानती नहीं थी। लेकिन युग युग लोग सोना के आकर्षण से तृष्णातुर रहे है । 

3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो :

(क) किन बातों से ज्ञान होता है कि माधवदस का जीवन संपन्नता से भरा था और किन बातों से ज्ञात होता है कि वह सुखी नहीं था ? 

उत्तर : माधवदास के पास बहुत धन थे, धन से अपने खुशियों के लिए वह सब कुछ बनवाया था। अच्छी कोठी, बगीचा पानी के फव्वारों बहुत कुछ। धन की कभी कमी नहीं होती। अपने अभिरुचियों में धन खर्च करके खुशी मानाते थे। मानो ऐसा है वह सम्पन्नता का उदाहरण। इधर वह अकेले इतने बड़ा महल में दुखी महशुश करते थे। घर में शायद नौकर ही है। शाम को अकेले बैठते रहते है। कोई आता है तो बाते करते है। नही तो अकेले बैठते है। इससे मालूम पड़ता है कि वह सुखी नहीं था । 

(ख) सेठ माधवदास चिड़िया को क्या क्या प्रोलुभन दे रहा था ? 

उत्तर : सेठ माधव दास ने चिड़िया को बहुत प्रशंसा किया था। साथ ही उसको प्रलोभन इस प्रकार दिया था कि प्यारी चिड़िया तुम्हारी चारों तरफ क्या बाहार है। पानी खेल रहा है, गुलाब हँस रहा है, भीतर महल में सोना-मोती मिलेगा। मोतियों को झालड़ बना दूँगा आदि । 

(ग) माधवदास क्यों बार बार चिड़िया से कहता है कि यह बगीचा तुम्हारा ही है। क्या माधवदास निःस्वार्थ मन से ऐसा कह रहा था ?

उत्तर : माधवदास महल में बिलकुल अकेले रहता है। इसलिए वह चिड़िया उनके पास रहने से अच्छा होता। लेकिन चिड़िया को बिना पकड़े नहीं रखा जा सकता है। इसलिए प्रलोभन देकर वह कहने लगा कि यह बगीचा तुम्हारा है। ताकि उसको पकड़ा जा सके । माधवदास निःस्वार्थ मन से वह बात नहीं बोला था । 

Sl. No. Contents
Chapter 1 हिम्मत और जिंदगी
Chapter 2 परीक्षा
Chapter 3 आप भोले तो जग भला
Chapter 4 बिंदु बिंदु विचार
Chapter 5 चिड़िया की बच्ची
Chapter 6 चिकित्सा का चक्कर
Chapter 7 अपराजिता
Chapter 8 मणि-कांचन संयोग
Chapter 9 कृष्ण- महिमा
Chapter 10 दोहा दशक
Chapter 11 चरैवेती
Chapter 12 नर हो, न निराश करो मन को
Chapter 13 मुरझाया फुल
Chapter 14 गाँँव से शहर की ओर
Chapter 15 साबरमती के संत (सधु)
Chapter 16 टूटा पहिया

4. सम्यक उत्तर दो : 

(क) सेठ माधव दास और चिड़िया के मनोभावों में क्या अंतर है। कहानी के आधार पर स्पष्ट करो ।

उत्तर : सेठ माधवदास धनी हे लेकिन उनका मन बहुत संकीर्ण है। धन-संपति के अहंकार से माधवदास ने बाते करते है। अहंकार स्पष्ट होते है। बातोबात पर । पर मन में शांति नहीं है। 

और चिड़िया जंगली होते हुए भी सूखी है। मन में कोई अहंकार नहीं है। प्रकृति प्रेमी है। माँ के प्रति प्रेम भाव प्रकट कर नम्रता सहित बातें करते हैं। और माधवदास के बातों में कोई नम्रता नहीं आती है, धन का अहंभाव प्रकट होती हैं ।

(ख) कहानी के अंत में नन्ही चिड़िया का सेठ के नौकर के पंजे से भाग निकलने की बात पढ़कर तुम्हे कैसा लगा ? अपने विचार लिखो ।

उत्तर : कहानी के अंत में सेठ के नौकर के हाथ से नन्ही चिड़िया निकलना मूझे बहुत अच्छा लगा। नहीं तो सेठ के घर में पिंजरा में दूखी जीवन काटाना पड़ता होता। इधर चिड़िया की माँ बच्ची को राह देखती रहेगी रात तक । बड़ी दुख दायक बात हैं। इसलिए बहुत अच्छा लगा। और एक बात है कि चिड़िया प्रकृति में मुक्त रुप से रहने वाले है। इस प्रकार इसीको प्रकृति में रहने देना हमारा कर्तव्य है ।

(ग) “माँ मेरी बाट देखती होगी नन्ही चिड़िया बार बार इसी बात को कहती है। अपने अनुभव के आधार पर बताओ कि हमारी जिन्दगी में माँ का क्या महत्व है ?

उत्तर : चिड़िया बार बार कहती है माँ मेरी बाट देखती होगी। इसमें माँ बेटी का प्यार होता है। बच्ची जबतक बड़े न होते तबतक माँ का पूर्ण दायित्व होता है। कही जाने के बाद माँ आने तक चिंता करती रहती है। बाट देखती रहती हैं। हमारे जीवन में भी ऐसी होती है। जबतक हम बड़े न हो पाए तबतक लालन पालन माँ ने ही करती है। 

(घ) क्या माधवदास के बनाए सोने के पिंजरे में चिड़िया सुख से रह सकती थी ? – एक पक्षी के लिए पिंजरा का क्या महत्व है ? 

उत्तर : माधवदास द्वारा बनाए गये सोने के पिंजरा में चिड़िया सूख से रह नहीं सकते। क्यों कि चिड़िया प्रकृति में मुक्त मन से रहने वाले जीव है। वे कैसे पिंजरा में बंदी जीवन विता सकती ? चाहे पिंजरा सोने का हो, पिंजरा, पिंजरा ही होती है। एक मुक्त चिड़िया के लिए पिंजरा कयेद जैसा होते हैं ।

5. किसने, किससे, और कब कहा ? 

(क) यह वगीचा मैंने तुम्हारे लिए बनवाया है ।

उत्तर : सेठ माधवदास ने चिड़िया को कहा। जब चिड़िया कहीं से आकर सेठ के वाग में पड़ी थी । 

(ख) अभी चली जाऊँगी । वगीचा आपका है । मुझे माफ करें ।

उत्तर : चिड़िया ने माधवदास को कहा। जब माधवदास ने चिड़िया को कहा कि बगीच मेरा है, यह संगमरमर कोठी भी मेरा है ।

(ग) सोने का एक बहुत सुन्दर घर तुम्हे बना दूंगा । 

उत्तर : माधवदास ने चिड़िया को कहा। जब चिड़िया बार बार कहती रहती थी कि चली जाऊँगी, माँ मेरी बाट देखती रहती है । 

(घ) क्या है मेरी बच्ची, क्या है ?

उत्तर : चिड़िया की माँ ने बच्ची चिड़िया को कही थी। जब नौकर के पंजो से निकलकर वह नन्ही चिड़िया एक साँस में ही माँ के गोद में पड़कर सबुकती रही थी।

भाषा एवं व्याकरण ज्ञान

1. पाठ में ‘पर’ शब्द के तीन प्रकार के प्रयोग हुए हैं–

(क) गुलाब की डाली पर एक चिड़िया आके बैठी ।

(ख) कभी पर हिलाती थी ।

(ग) पर बच्ची काँप-काँपकर माँ की छाती से और चिपक गई। 

तीनों ‘पर’ के प्रयोग तीन उद्देश्यों से हुए हैं। इन वाक्यों का आधार लेकर तुम भी ‘पर’ का प्रयोग करके ऐसे तीन वाक्य बनाओ, जिनमें अलग-अलग उद्देश्यों के लिए ‘पर’ के प्रयोग हुए हों। 

उत्तर : (क) मेज पर घड़ी है । 

(ख) मोर का पर रंग-विरंगी होता है ।

(ग) पर तुझसे मेरा चित्त प्रसन्न हुआ है ।

2. पाठ में तैंने, छनभर, खुशकरियो- तीन वाक्यांश ऐसे हैं, जो खड़ीबोली हिंदी के वर्तमान रुप में तूने, क्षणभर, खुश करना लिखे-बोले जाते हैं। इस तरह के कुछ अन्य शब्दों की खोज करो ।

उत्तर : खोद करो ।

3. मैं माँ के पास जा रही हूँ, सूरज की धूप खाने और हवा से खेलने और फूलों से बात करने। मैं जरा घर से उड़ आयी थी। इस वाक्य में रेखांकित शब्द कारक के विभक्ति चिह्न (परसर्ग) हैं। ये विभक्ति चिह्न संज्ञा और सर्वनाम का संबंध वाक्य के अन्य शब्दों के साथ जोड़ते हैं। पाठ से कुछ अन्य विभक्ति चिह्नों को चुनो और उसके भेद भी बताओ ।

उत्तर : (क) मैं तुझे सोने से मढ़कर तेरे मूल्य को चमका दूँगा ।

(ख) मैं यहाँ से उड़ी जा रही हूँ ।

(ग) यह बगीचा तुमलोगों के बिना सूना लगता हैं । 

(घ) माधवदास ने अपनी संगमरमर की नई कोठी बनवाई हैं ।

(ङ) सोनें का एक बहुत सुन्दर घर मैं तुम्हें बना दूँगा । 

(च) तुम यहाँ सुख से रहो । 

(छ) चिड़िया प्रेम की भूखी हैं ।

ग चिड़िया क्या सोचकर सकुचा गई - ga chidiya kya sochakar sakucha gaee

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ग चिड़िया क्या सोचकर सकुचा गई - ga chidiya kya sochakar sakucha gaee

चिड़िया क्या सोचकर सकुचा गई?

इस कविता के आधार पर ज्ञात होता है कि चिड़िया को दूध भरे अनाज के दानों, नदी तथा जंगल से प्यार है। चिड़िया जुडी के दाने एवं अन्य अनाज के दानों को खाना पसंद करती है।

ग चिड़िया से आपने क्या सीखा?

चिड़िया के माध्यम से हमें सीख मिलती है कि हमें थोड़े में ही संतोष करना चाहिए। इस कविता में अकेले रहकर भी उमंग से जीने का संदेश दिया गया है। इसके साथ ही कवि हमें बताते हैं कि विपरीत परिस्थितियों में भी हमें साहस नहीं खोना चाहिए। हमें अपनी क्षमता को भी पहचानना चाहिए।

चिड़िया क्यों घबरा गई थी?

चिड़िया को मनाते हुए माधवदास कहता है कि भले ही वह बगीचा और वह संगमरमर का मकान उसका है लेकिन चिड़िया उन सबको अपना ही समझ सकती हो। माधवदास की बातों को सुन कर चिड़िया बहुत हद तक घबरा गईचिड़िया अब यह सोच रही थी कि माधवदास के बगीचे में आ कर उससे कोई गलती तो नहीं हो गई जो वह उसके बगीचे में आकर बैठ गई है।

किसकी डाली पर एक चिड़िया आन बैठी?

(ख) किस की डाली पर एक चिड़िया आन बैठी? उत्तर: गुलाब। (ग) चिड़िया के पंख ऊपर से चमकदार और.............